RADAR क्या है:- किसी भी देश के लिए उसकी आतंरिक और बाह्य सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण होती है। विज्ञान दिन प्रतिदिन प्रगति कर रहा है ऐसे में किसी देश द्वारा अपने दुश्मनी देश से सुरक्षा की दृस्टि से काफी प्रयास किये जाते हैं। कोई भी देश अपनी सुरक्षा तभी कर सकता है जब उसके पास आधुनिक हथियार और अच्छी गुणवत्ता की तकनीकी हो। आपने कभी न कभी रडार का नाम तो सुना ही होगा।
क्या आप जानते हैं RADAR क्या है? और रडार का उपयोग किस लिए किया जाता है ? यदि नहीं तो आप आज के इस आर्टिकल में जान जायेंगे। साथ ही साथ आपको रडार का फुल फॉर्म क्या होता है (full form of RADAR in hindi) ? यह भी जानने को मिलेगा। तो चलिए जानते हैं RADAR की फुल फॉर्म और इसके बारे में विस्तार से।
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रडार क्या है ?
राडार का उपयोग मुख्यता किसी दूर स्थित वस्तु जैसे जलयान,वायुयान ,गाड़ियों या फिर किसी अनजान ऑब्जेक्ट को डिटेक्ट करने के लिए किया जाता है। इसकी सहायता से वस्तुओं की दुरी ,उनकी ऊंचाई वस्तु की दिशा ,चाल या गति के बारे में पता लगाया जाता है। राडार की खोज का श्रेया रॉबर्ट वाटसन वाट्ट को जाता है। जिन्होंने स्कॉटलैंड में 1930 में इसका आविष्कार किया था।
आसान भाषा में रडार द्वारा वस्तुओं का पता लगाया जाता है वह वस्तु चाहे हवा में हो या पानी या भूमि में सभी दिशाओं में आने जाने वाले ऑब्जेक्ट्स का पता रडार द्वारा लगाया जाता है। राडार एक ऐसी प्रणाली है जो रेडियो तरंगों और सूक्ष्मतरंगों (माइक्रोवेव) का उपयोग करती है। इतना ही नहीं मौसम परिवर्तन से सम्बंधित घटनाओं का पता भी राडार सिस्टम से लगाया जाता है। क्या आप जानते हैं राडार का उपयोग कब किया गया था ? माना जाता है की द्वितीय विश्व युद्ध के समय से इसका प्रयोग किया जाने लगा था।
RADAR full form in hindi
राडार का पूरा नाम रेडियो डिटेक्शन ऐण्ड रेंजिंग’ (radio detection and ranging) है। RADAR में RA को रेडियो D को detection ,A को and और R को ranging कहा जाता है। रेडियो डिटेक्शन ऐण्ड रेंजिंग’ को शार्ट में राडार कहा जाता है।
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रेडियो डिटेक्शन ऐण्ड रेंजिंग -RADAR के प्रकार
राडार कई प्रकार के होते है –
- Bistatic रडार
- Instrumentation रडार
- Doppler रडार
- Monopulse रडार
- Passive रडार
- Mapping रडार
- Navigational रडार
- Weather रडार
- Pulsed रडार
राडार के अवयव क्या है ?
रडार में कई अवयवों (components) का उपयोग किया जाता है। राडार में निम्नलिखित अवयवों का प्रयोग होता है –
- एंटीना
- डुप्लेक्सर
- रिसीवर
- मैग्नेट्रॉन
- माडयूलेटर
- संकेत प्रोसेसर
- राडार नियंत्रक
- ट्रांसमीटर
- तरंग नियंत्रक
- रडार सॉफ्टवेयर
- राडार मॉनीटर
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राडार के अवयवों के कार्य
- मॉडुलेटर (modulator) से radio frequency oscillator को इलेक्ट्रिक पावर दी जाती है जिससे जरुरी Explosion (विस्फोट) को प्राप्त किया जाता है।
- radio frequency oscillator से high frequency की पावर जेनेरेट की जाती है जिससे रडार के संकेत बनते हैं।
- एंटीना द्वारा इन संकेतों को आकाश की ओर प्रेषित किया जाता है। और फिर से ऐंटेना द्वारा ही इन संकेतों को ग्रहण कर लिया जाता है।
- (रीसीवर) द्वारा इन रेडियो तरगों का पता लगाया जाता है। इसमें सिग्नल का पता लगाने के लिए प्रोसेसर होते हैं।
- indicator का काम रडार ऑपरेटर को रेडियो वेव से प्राप्त जानकारियों की सूचना देना है।
राडार की कार्य प्रणाली
राडार में कुछ महत्वपूर्ण उपकरण शामिल होते हैं जैसे एंटीना ,ट्रांसमीटर ,रिसीवर ,मैग्नेट्रॉन ,डिस्प्ले आदि। मैग्नेट्रॉन द्वारा रेडियो तरंगों को छोड़ा जाता है। और एंटीना का कार्य इन तरंगों को फैलाना है। जब कभी भी एंटीना द्वारा छोड़ी गयी तरंगे किसी वस्तु से टकराती है तो यह तरन टकराने पर दुबारा से उसी एंटीना में वापिस आ जाती है। इन रेडियो तरंगों को रिसीव करने के बाद वस्तु की जानकारी को स्क्रीन पर दिखा दिया जाता है। अब स्क्रीन पर उस सम्बंधित वस्तु की दिशा और गति ,दुरी सभी की जानकारी मिल जाती है।
RADAR का उपयोग
राडार का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है –
- एंटी मिसाइल सिस्टम्स
- हवाई यातायात नियंत्रण
- वायु रक्षा प्रणाली
- समुद्री शिल्प और विमान नेविगेशन
- मौसम परिवर्तन की जानकारी या उसकी भविष्यवाणी आदि।
- रडार को कई क्षेत्रों में उपयोग में लाया जाता है जैसे सुरक्षा के लिए या हवाई यातायात के नियंत्रण के लिए।
- सेना में इसका उपयोग हवाई लक्ष्य का पता लगाने और उसकी पहचान करने में किया जाता है।
- मिसाइल प्रणाली में राडार का बड़े स्तर पर उपयोग किया जाता है।
- मैप में दुश्मनी इलाकों की पहचान करने और उन्हें टारगेट करने के लिए रडार का उपयोग किया जाता है।
- हवाई यातायात /ट्रेफिक को कंट्रोल करने के लिए राडार उपयोग किया जाता है।
- विमानों की स्थिति को पता लगाने और उनके मार्गदर्शन के लिए राडार का उपयोग होता है।
- रिमोट सेंसिंग के लिए इसका उपयोग किया जाता है। जहाजों के लिए सही मार्ग की जानकारी देने और समुद्री बर्फ की निगरानी के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
- ग्राउंड ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए।
- अंतरिक्ष क्षेत्र में भी राडार का उपयोग किया जाता है।
- किसी ग्रह में लेंडिंग करने या अंतरिक्ष यान को सही मार्ग की जानकारी देने के लिए राडार उपयोगी है।
इन तरीकों से राडार से बचा जा सकता है।
- राडार से बचने के लिए कई पॉयलेट हवाई जहाज को ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ाते क्यूंकि ऊंचाई की तरफ राडार की तरंगे फैली होती है जिससे कोई भी वस्तु इस तरंग के पास आने पर आसानी से डिटेक्ट हो सकती है।
- आजकल कई प्रकार की टेक्नोलॉजी को प्रयोग में लाया जा रहा है जिससे किसी वस्तु को राडार की नजरों से बचाया जा सकता है।
- राडार से बचाव के लिए कई बार ऐसे सिग्नल भेजे जाते हैं जिससे राडार को सही वस्तु को डिटेक्ट कर पाना मुश्किल होता है और राडार सही लक्ष्य को नहीं पहचान पता है।
RADAR क्या है? रडार का फुल फॉर्म से सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)-
राडार का पूरा नाम radio detection and ranging है।
राडार का अविष्कार रॉबर्ट वाटसन वाट ने स्कॉटलैंड में किया था।
राडार कई प्रकार के होते हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग में लाये जाते हैं। जैसे -Bistatic रडार,Instrumentation रडार ,Doppler रडार,Monopulse रडार,Passive रडार,Mapping रडार,Navigational रडार, Weather रडार ,Pulsed रडार आदि।
राडार सूक्ष्म तरंगों और रेडियो तरंगों के सिद्धांत पर कार्य करता है।
राडार का उपयोग हर क्षेत्र में किया जा रहा है। हवाई यातायात नियंत्रण या वायु रक्षा प्रणाली,समुद्री शिल्प और विमान नेविगेशन या मौसम परिवर्तन की जानकारी हर क्षेत्र में इसका उपयोग किया जाता है।
एंटीना ,ट्रांसमीटर ,मैग्नेट्रॉन ,डिस्प्ले ,रिसीवर आदि उपकरणों का उपयोग राडार में किया जाता है।
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