भारत में राज्यसभा के सदस्य 6 वर्षों के लिए चुने जाते हैं। राज्य सभा संसद की ऊपरी प्रतिनिधियों की सभा होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं राज्यसभा सांसद कैसे बनते हैं इनका चुनाव कैसे किया जाता है? परीक्षा की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। आप सभी को पता होना चाहिए की राज्यसभा भारतीय संसद के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। राज्यसभा को Council of states कहा जाता है वही लोकसभा को House of the people कहा जाता है।
राज्यसभा सांसद का कार्यकाल कितना होता है ?और क्या यह प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं या इनका चुनाव अप्रत्यक्ष होता है। आज का लेख इन्हीं सभी सवालों के इर्द-गिर्द है। आपको आज हम परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण टॉपिक राज्यसभा के बारे में जानकारी देंगे साथ ही आपको राज्यसभा सांसद के चुनाव प्रक्रिया और उनके कार्यकाल से जुडी पूरी जानकारी देंगे। तो चलिए जानते हैं Rajya Sabha MP के बारे में विस्तार से आसान भाषा में।
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राज्यसभा सांसद चुनाव प्रक्रिया
हम सभी जानते हैं की हमारे देश की संसद में दो सदन हैं –पहला लोकसभा और दूसरा राज्य सभा। लोकसभा संसद का निचला सदन है वही राज्य सभा को संसद का ऊपरी सदन कहा जाता है। लोकसभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं वही राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। यानी की राज्यसभा के चुने जाने वाले सदस्यों को जनता द्वारा नहीं बल्कि जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों यानी विधायकों द्वारा चुना जाता है। राज्य सभा चुनाव की खास बात यह है की विधायक सभी सीटो के लिए वोट नहीं करते हैं। राज्यसभा चुनाव में प्रत्येक विधायक का वोट एक बार ही गिना जाता है।
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Key Highlights of Rajya Sabha MP (राज्यसभा सांसद)
आर्टिकल का नाम | राज्यसभा सांसद चुनाव प्रक्रिया |
राज्य सभा | Council of states |
सदन का प्रकार | भारत की संसद का उच्च सदन या ऊपरी सदन |
राज्य सभा चेयरमैन/सभापति | श्री जगदीप धनखर (भाजपा) |
राज्य सभा चुनाव प्रक्रिया | अप्रत्यक्ष (जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा राज्यसभा सांसद का चुनाव) |
राज्य सभा डिप्टी चेयरमैन।/उपसभापति | श्री हरिवंश नारायण सिंह |
राज्य सभा सीटें | 250 (238 निर्वाचित +12 मनोनीत) |
निर्वाचन प्रणाली | राज्य विधानसभाओं द्वारा एकल मत से 233 सदस्य अन्य 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत |
राज्य सभा की आधिकारिक वेबसाइट | rajyasabha.nic.in |
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Rajya Sabha MP का कार्यकाल और शीटें
23 अगस्त 1954 को राज्यसभा के गठन का ऐलान किया गया। राज्य सभा स्थायी सदन होता है जो कभी भंग नहीं होती। राज्य सभा के सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम 6 वर्ष का होता है और RS में अधिकतम शीटों की संख्या 250 होती है। कुल सदस्यों में से 12 सदस्यों को भारत के राष्ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाता है जो कि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए होते हैं। राज्य सभा के शेष सदस्य राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों से आते हैं। संविधान की अनुसूची 4 के मुताबिक किसी राज्य में राज्य सभा की कितनी शीटें होंगी यह उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों की जनसंख्या के आधार पर तय किया जाता है।
राज्यसभा सांसद कैसे बनते हैं ? (How to become Rajya Sabha MP)
राज्य चुनाव में एमएलए भाग लेते हैं। विधान परिषद् सदस्य यानी एमएलसी राज्यसभा चुनाव में शामिल नहीं होते हैं। राज्य सभा के चुनाव का फार्मूला इस प्रकार है –
(विधायकों की कुल संख्या / खाली सीटे +1) +1
यानी किसी राज्य की राज्यसभा की खली सीटों में 1 जोड़कर उसे कुल विधानसभा सीटों से विभाजित किया जाता है। विभाजित करके जो भी संख्या प्राप्त होती है उसमें 1 जोड़ दिया जाता है। उदाहरण के लिए मान लेते हैं किसी राज्य की राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव किये जाते हैं और उस राज्य की राज्यसभा सीटों की संख्या 3 है। यदि उस राज्य में विधानसभा की सीटों की संख्या 140 है।
- यहाँ राज्यसभा की सीटों की संख्या है -3 जिसमें +1 जोड़ दिया जाये तो यह हो जाएंगी =4
- अब इस 4 की संख्या को 140 ( विधानसभा की सीटों की संख्या) से भाग दिया जाये तो शेष बचता है = 35
- शेष संख्या जोकि 35 है उसमे फिर से 1 जोड़ा गया तो यह हो जायेगा 36
यानी इस राज्य से किसी प्रत्याशी को राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए 36 विधायकों के वोट की आवश्यकता होगी। राज्य सभा चुनाव में प्रत्येक विधायक को प्राथमिकता के आधार पर वोट देना होता है। उन्हें कागज पर लिखकर अपनी पहली पसंद के बारे में बताना होता है। जिस भी प्रतिनिधि को पहली पसंद में अधिक वोट मिलेंगे वही जीता हुआ माना जायेगा। आपको बता दें की राज्य सभा में हर 2 साल में एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो जाता है और उनकी सीटों के लिए चुनाव कराये जाते हैं।
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Rajya Sabha MP से जुड़े अकसर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)-
rajya sabha का पहला सत्र 13 मई 1952 को हुआ था।
भारत के राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के 12 सदस्यों को मनोनीत किया जाता है।
भारत की संसद के तीन अंग में से एक अंग Rajya Sabha है जो कि संसद की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है।
राज्य सभा में सदस्यों का चुनाव 6 साल के लिए होता है। जिसमें से एक -तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवानिवृत्त होते हैं।
संसद के ऊपरी सदन में कुल 250 सदस्य होते हैं जिसमें से 12 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किया जाता है।
राज्य सभा के चुनाव का फार्मूला इस प्रकार है – (विधायकों की कुल संख्या / खाली सीटे +1) +1 यानी किसी भी राज्य के राज्यसभा के सीटों की संख्या में 1 जोड़कर उसे उसी राज्य के विधानसभा की सीटों की संख्या से भाग दिया जाता है जो भी शेष बचता है उस संख्या के साथ फिर से 1 को जोड़ दिया जाता है। एक जोड़कर जो अभी संख्या आएगी उतने ही विधायकों के वोट की आवश्यकता सांसद के चुनाव को जितने के लिए आवश्यक है।
आर्टिकल 84 के अंतर्गत राज्यसभा की सदस्यता हेतु आपकी न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।