पंचवर्षीय योजना क्या है: सभी 12 पंचवर्षीय योजनाएं: Five Year Plans

केंद्र सरकार द्वारा हर 5 वर्ष में लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए इस योजना की शुरुआत की जाती है। 1951 में भारत में पहली पंचवर्षीय योजना शुरू की गई थी और 2017 में 12वी अंतिम पंचवर्षीय परियोजना हुई। अभी तक की जितनी पंचवर्षीय योजनाएँ शुरू हुई हर योजना का अपना एक मुख्य उद्देश्य बनाया गया था जैसे- औद्योगिक विकास, कृषि विकास को बढ़ावा देना, अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाना और लोगों को आत्मनिर्भर, सशक्त और मजबूत बनाना, नए रोजगार के अवसर देना आदि।

पंचवर्षीय योजना क्या है | 1-13 वीं पंचवर्षीय योजना भारत | Panchwarsiya Yojana
Panchwarsiya Yojana kya hai ?

इस आर्टिकल में हमने सभी पंचवर्षीय योजना का हिंदी में अच्छे से वर्णन किया है जिसमें हम आपको यह बताएंगे की पंचवर्षीय योजना कब लागू हुई, पंचवर्षीय योजना की लिस्ट, पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य, आदि आप आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़े।

Table of Contents

पंचवर्षीय योजना क्या है ?

यह भारत की राष्ट्रीय योजना है। पहले इन योजनाओं को योजना आयोग संभालता था, लेकिन अब नीति आयोग द्वारा इसका कार्य भार संभाला जायेगा। नीति आयोग की स्थापना 1 जनवरी 2015 को की गयी थी। वह राज्यों की ओर से कोई भी फैसला नहीं ले सकता। यह सलाहकार संस्था के रूप में काम करेगा। जो लोगों के हित के लिए भविष्य में दिशानिर्देशों को तय करेगा।

इसे भी पढ़े : क्या आप जानते हो नीति आयोग किसे कहते है ? नीति आयोग का गठन, कार्य, उद्देश्य एवं सदस्य आदि से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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योजना से लोगों को कई लाभ और सुविधाएं प्राप्त हुई। यह योजनाएं काफी हद तक सफल साबित हुई है इससे देश में रहने वाले नागरिक आत्मनिर्भर बनाये गए। और देश में हो रही योजनाओं से अवगत हुए है।

हम आपको बता दें कि 13वी पंचवर्षीय योजना के माध्यम से देश में कृषि विकास, रोजगार के नए अवसर प्रदान किये जायेंगे, उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए मानव व भौतिक संसाधनों द्वारा कई सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी।

panchvarshiya yojana Overview

योजना का नाम पंचवर्षीय योजना
Five Year Plans
शुरुआत1951
किसके द्वारा शुरू की गईभारत सरकार द्वारा
कुल पंचवर्षीय योजना13
योजना आयोग का गठन15 मार्च 1950
नीति आयोग की स्थापना1 जनवरी 2015
उद्देश्य एवं लाभनए रोजगार प्रदान करना एवं कृषि विकास,
अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाना
ओल्ड वेबसाइटplanningcommission.gov.in
न्यू वेबसाइटniti.gov.in

पंचवर्षीय योजना का इतिहास

पहली पंचवर्षीय योजना 1951-1956 (हेराल्ड-डोमर पर आधारित)

आपको बता दें कि देश में पहली पंचवर्षीय योजना देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा शुरू की गयी। यह 8 दिसंबर 1951 को संसद में नेहरू जी द्वारा प्रस्तुत की गयी। पहली पंचवर्षीय योजना देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए आज़ादी के बाद एक ख़ुशी की लहर लेकर आने वाली थी। इस योजना के अंतर्गत कृषि विकास पर ज्यादा ध्यान आकर्षित किया गया, क्योंकि उस समय देश में अनाज की कमी को लेकर सभी चिंतित थे।

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इसके साथ-साथ बाँध, भाखडा नांगल बांध और हीरा कुंड बांध बनाने व सिंचाई को भी महत्त्वपूर्ण उद्देश्य में जोड़ा गया। सरकार द्वारा इसका लक्ष्य 2.1% रखा गया लेकिन इसकी वृद्धि 3.6% हुई। यह सबसे सफल योजना साबित हुई क्योंकि इसकी शुरुआत देश की आज़ादी के बाद की गयी जो की देश के लिए एक नयी शुरुआत थी।

सभी पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य एवं कार्य

  • कृषि विकास को पहली प्राथमिकता दी गयी, जिससे देश के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सके।
  • बाँध बनाने व सिंचाई के कार्य की शुरूआत की गयी।
  • सभी शरणार्थियो को रहने के लिए पुनः जगह दी गयी।
  • देश के नागरिकों के हित के लिए सभी तरह के विकास हेतु योजनाओं को बनाने की शुरूआत होने लगी।

द्वितीय पंचवर्षीय योजना 1956-1961 (पी० सी० महालनोबिस मॉडल पर आधारित)

पहली पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, सरकार दूसरी पंचवर्षीय योजना की शुरूवात की गयी जिसका मुख्य उद्देश्य उद्योग (INDUSTRIES) पर किया गया। घरेलू उत्पादन से औद्योगिक उत्पाद का विकास इसके प्रमुख कार्य थे। इस योजना के अंतर्गत भिलाई, दुर्गापुर, राउरकेला जैसे स्टील प्लांट मिल शहरों में पन बिजली (HYDROPOWER) और भारी परियोजनाओं (HEAVY PROJECTS) को स्थापित किया गया।

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • औद्योगिक उत्पाद का विकास को प्राथमिकता दी गयी
  • उद्योग बनाने हेतु योजना तैयार की गयी
  • 1957 में छात्रवृति का आरम्भ शुरू किया गया, जिससे छात्रों को पढ़ने हेतु सहायता मिल सके।
  • कोयले की उत्पादन को और अधिक बढ़ा दिया गया था
  • ऐसे शहर जहाँ स्टील प्लांट स्थापित किये जाते है, वहां हाइड्रोपावर और हैवी प्रोजेक्ट्स को स्थापित करने की मंजूरी दी गयी

तीसरी पंचवर्षीय योजना 1961-1966 (जॉन सैण्डी तथा सुखमय चक्रवर्ती मॉडल पर आधारित)

इसे गाडगिल योजना भी कहा जाता है तीसरी योजना का मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को गतिशील और नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाना था। तीसरी पंचवर्षीय योजना के समय 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ, इसके बाद 1965 में भारत-पाकिस्तान का युद्ध हुआ। जिससे देश की आर्थिक व्यवस्था को बहुत नुक्सान हुआ जिसके कारण इस योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका।

परन्तु फिर भी कई कार्य को जारी रखा गया जैसे: कृषि हेतु विकास का कार्य, बाँध बनाने का निर्माण कार्य, योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए स्कूल बनाने का कार्य शुरू हुआ। राज्यों में विकास सम्बंधित हेतु कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गयी। हरित क्रांति की शुरुआत इसी योजना के समय हुई थी। सरकार द्वारा इसका लक्ष्य 5.6% रखा गया था, लेकिन इसकी वृद्धि केवल 2.84% हुई।

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • कृषि और गेहूँ के उत्पादन के कार्य को बढ़ावा देना था
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूलों का निर्माण करने का कार्य किया गया
  • बाँध व सिंचाई का कार्य जारी चलता रहा
  • सीमेंट और केमिकल फ़र्टिलाइज़र का उत्पादन किया गया
  • पंजाब में अधिक मात्रा में गेहूँ का उत्पादन शुरू किया गया

महत्वपूर्ण जानकारी

आपको हम यह भी बता देते है कि तीसरी योजना का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, 1967-1969 तक कोई भी नयी पंचवर्षीय योजना सरकार द्वारा नहीं बनायीं गयी; जिसे Plan Holiday का नाम दिया गया ।

चौथी पंचवर्षीय योजना 1969-1974 (अशोक रूद्र व ए० एस० मान्ने मॉडल पर आधारित)

चौथी पंचवर्षीय योजना के समय हमारे देश में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी बनी। जिसके बाद पंचवर्षीय योजना का नेतृत्व इंदिरा गाँधी ने संभाल लिया था। इंदिरा गाँधी जी की सरकार ने देश के 14 भारतीय बैंकों को राष्ट्रीय कृत बनाया, इसके अलावा 1971 में हो रहे चुनाव के दौरान उन्होंने गरीबी हटाओ का नारा भी दिया। इस योजना की प्लानिंग योजना आयोग के उपाध्यक्ष डी.पी गाडगिल ने तैयार की।

हरित क्रांति की शुरूवात से कृषि उत्पादन हेतु कार्य किये गए। सरकार द्वारा इसका लक्ष्य 5.7% रखा गया था, लेकिन इसकी वृद्धि केवल 3.3% हुई। यह पंचवर्षीय योजना असफल रही।

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • दृढ़ता के साथ देश का आर्थिक विकास योजना की प्राथमिक थी
  • ISRO की स्थापना भी इसी योजना के दौरान हुई
  • योजना के तहत पिछड़े हुए क्षेत्रों में उद्योग (INDUSTRIES) स्थापित कराई गयी, जिससे उन क्षेत्रों का विकास निश्चित था
  • सरकार द्वारा 14 भारतीय बैंकों को NATIONALIZED किया गया
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) जो की एक भारतीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली है उसका गठन किया गया

पांचवी पंचवर्षीय योजना 1974-1979 (डी.पी. धर मॉडल पर आधारित)

इस योजना के अंतर्गत कृषि विकास पर ज्यादा जोर दिया गया। जिसके बाद उद्योग निर्माण हेतु योजना इसकी दूसरी प्राथमिकता मानी गयी। ग्रामीण बैंकों का निर्माण किया गया।

इस योजना के तहत गरीबी को समाप्त, नए रोजगार प्रदान करना और देश में न्याय की नींव को आगे बढ़ाना हे इसका लक्ष्य था। 1978 में NEWLY ELECTED मोरारजी देसाई जो की जनता पार्टी से भारत के चौथे प्रधानमंत्री बने, उनके द्वारा यह योजना अस्वीकार कर दी गयी। इसका लक्ष्य 4.4% रखा गया, इसकी वृद्धि 4.9 % हुई। यह योजना सफल रही।

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • ग्रामीण बैंकों की स्थापना 2 अक्तूबर 1975 में की गयी।
  • योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी को पूर्ण रूप से हटाना था
  • सोशल फॉरेस्ट्री भी इस योजना के अंतर्गत शुरू की गयी
  • नेशनल हाईवे बनाने हेतु HIGHWAY SYSTEM को प्रस्तुत किया गया
  • बढ़ती यातायात को देखते हुए सड़कों की चौड़ाई को बढ़ाने हेतु जानकारी पेश की गयी

महत्वपूर्ण जानकारी

हम आपको यह महत्वपूर्ण बात बता देते है कि देश में RE-ELECTION होने के कारण इंदिरा गाँधी की सरकार 4 साल तक ही चल पायी। जिसके बाद जनता पार्टी से नव निर्वाचित मोरारजी देसाई नए प्रधानमंत्री घोषित किये गए। जिसके बाद इन योजनाओं को समाप्त कर दिया गया था बता दें कि Gunnar Myrdal (स्वदेशी अर्थशास्त्री) ने पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए एक प्लान बनाया, जिसे रोलिंग प्लान नाम दिया गया, यह एक वार्षिक प्लान था। इस प्लान को मोरारजी देसाई के नेतृत्व में स्वीकृति मिल गयी थी, जिसे लागू करने का श्रेय प्रो० डी०टी० लकडवाला को दिया गया।

छठी पंचवर्षीय योजना 1980-1985

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक विकास और गरीबी को खत्म करना था। इस योजना के दौरान इंदिरा गाँधी फिर से प्रधानमंत्री बनी इस योजना को दो बार तैयार किया गया।

पहली बार जनता पार्टी द्वारा 1978-1983 के कार्यकाल हेतु “अनवरत योजना” की शुरूआत की गयी, परन्तु 1980 में बनी इंदिरा गाँधी की सरकार ने इसे समाप्त किया और छठी पंचवर्षीय योजना का फिर से पुनः आरम्भ किया। यह योजना काफी सफल रही। इसका लक्ष्य 5.2% रखा गया, इसकी वृद्धि 5.7% हुई।

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • NABARD बैंक की स्थापना इसी योजना के दौरान हुई
  • नागरिकों को रोजगार प्राप्त करने पर ज़ोर दिया गया
  • आर्थिक विकास और गरीबी को खत्म करना इसकी प्राथमिकता थी
  • देश में Economic liberalization (आर्थिक उदारीकरण) की शुरूवात हुई
  • फॅमिली प्लानिंग की शुरूवात भी इसी योजना के समय हुई

सातवीं पंचवर्षीय योजना 1985-1990

इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक उत्पादकता को बढ़ाना, अनाज के उत्पादन को और अधिक मात्रा में बढ़ाना, देश के नागरिकों के लिए नए रोजगार के अवसर प्रदान कराना, सामाजिक सेवा लोगों तक पहुंचना, क्षेत्रों के विकास हेतु कार्य करना था।

इसका लक्ष्य 5.0% रखा गया, इसकी वृद्धि 6.01% हुई। सातवीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत 3 योजनाएं इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लागू की गयी, योजनाएं इस प्रकार से है :

  1. इंदिरा आवास योजना (1985-1986)
  2. जवाहर रोजगार योजना (1989)
  3. नेहरू रोजगार योजना (1989)

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • रोजगार के नए अवसर प्रदान किये गये।
  • योजना के अंतर्गत भोजन, काम, और उत्पादन का नारा दिया गया।
  • ग्रामीणों का विकास हेतु कार्य करवाए गए।
  • सामाजिक सेवा लोगों तक पहुंचे इसके लिए कई योजनाएँ बनायीं गयी।
  • अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत बनाने का कार्य जारी रखा गया।
  • नई नीति और कार्यक्रम पर जोर देना।

महत्वपूर्ण जानकारी

देश में केंद्र सरकार की अस्थिरता के कारण आठवीं पंचवर्षीय योजना समय पर शुरू नहीं हो सकी, जिसके कारण दो वार्षिक योजनाएं लागू की गयी। यह योजनाएं 1990-91 और 1991-92 वर्ष चली।1990 में SIDBI (SMALL INDUSTRIES DEVELOPMENT BANK OF INDIA) की स्थापना हुई और 1991 में आर्थिक सुधार हेतु घोषणा की गयी। इस योजनाओं की समाप्ति के बाद आठवीं पंचवर्षीय योजना का आरम्भ हुआ।

आठवीं पंचवर्षीय योजना 1992-1997 (जॉन डब्लू मिलर मॉडल पर आधारित)

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के नागरिक से सम्बंधित विकास कार्य करना था। मानव संसाधन से जुड़े कार्य जैसे : शिक्षा हेतु स्कूलों का निर्माण, शिक्षा से जुडी योजनाएं, रोजगार सम्बंधित अवसर, सामाजिक विकास हेतु नई नीतियाँ बनाना था।

प्रधानमंत्री योजना की शुरुआत भी इसी दौरान हुई। ऊर्जा क्षेत्र को भी इसकी प्राथमिकता मिली, सरकार ने ऊर्जा खर्च के लिए 26.6% की प्राथमिकता दी। यह योजना भी सफल रही, इसका लक्ष्य 5.6% रखा गया, इसकी वृद्धि 6.8% हुई। योजना के तहत ही आर्थिक नीति को मंजूरी मिल गयी थी, जिसे नरसिम्हा राव ने मंज़ूर किया गया। आर्थिक नीति जैसे:

  • उदारीकरण (Liberalization)
  • निजीकरण (Privatization)
  • वैश्वीकरण (Globalization)

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • शिक्षा को पहली प्राथमिकता मिली
  • मानव विकास ही इसका मुख्य कार्य बना
  • जनसंख्या में वृद्धि हेतु कार्य
  • 15 से 35 वर्ष की लोगो में ILLETRACY को खत्म करना
  • देश के विकास हेतु संस्थाओ का निर्माण
  • योजना के अंतर्गत सिंचाई, ऊर्जा, परिवहन को मजबूत करना
  • पंचायत राज, नगर पालिका, मानव संसाधन की नीव को और अधिक मजबूत बनाने की नीति बनायीं

नवीं पंचवर्षीय योजना 1997-2002 (आगत-निर्गत मॉडल पर आधारित)

इस योजना अंतर्गत सभी कार्य को बराबर तरीके से देश का आर्थिक विकास करना था। इसे भारत के 50वे वर्ष होने के दौरान लागू किया गया था। विकास हेतु इसमें 15 साल पुरानी योजना नीति अपनायी गयी।

लेकिन यह योजना अपने सभी आर्थिक विकास हेतु सफल नहीं रही। परन्तु अन्य योजना का उद्देश्य गरीबी को समाप्त करना, घरेलू संसाधनों द्वारा आत्मनिर्भर बनना, नए रोजगार के अवसर, मानव विकास, आदि जैसे कार्य को जारी रखा गया।

इसके अलावा कृषि क्षेत्र, ग्रामीण लोगों का विकास, शिक्षा हेतु निर्माण, साफ़ पीने का पानी, आदि सभी कार्य जारी रहे। इसका लक्ष्य 6.5% रखा गया, इसकी वृद्धि 5.5 % हुई। योजना के अंतर्गत कई रोजगार की योजना को बनाया गया। रोजगार योजनाएं इस प्रकार से है:-

  1. जवाहर ग्राम समृद्धि योजना
  2. स्वर्ण जयंती सेहरी रोजगार योजना
  3. स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना
  4. प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • योजना का उद्देश्य गरीबी को समाप्त करना, घरेलू संसाधनों द्वारा आत्मनिर्भर बनना, नए रोजगार के अवसर,
  • देश की आर्थिक विकास इसकी प्राथमिकता थी
  • प्राथमिक संस्थानों का उचित और सही तरीके से उपयोग करना
  • ग्रामीण क्षेत्रों को और अधिक बल देना

दसवीं पंचवर्षीय योजना 2002-2007

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश से गरीबी को पूरी तरह मिटाकर देश को और मजबूत बनाना था। देश के लोगों के लिए नए अवसर लेकर बेरोजगारी को खत्म करना इसका लक्ष्य था और हर एक नागरिक की आय को दोगुनी करके देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। 2003 में सभी स्कूलों में बच्चों की दाखिले करवाए गए। 2001-2011 के बीच में देश की जनसंख्या में 16.2% की कमी नजर आयी। इसका लक्ष्य 8% रखा गया, इसकी वृद्धि 7.7 % हुई।

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • अविकसित जगहों पर लोगों को रोजगार दिया गया जिससे वह आत्मनिर्भर बनते
  • प्राथमिक शिक्षा को 2007 में सबसे ऊँचे स्थान का दर्जा दिया गया
  • अभी तक की पंचवर्षीय योजनाओं में सबसे ज्यादा ध्यान कृषि विकास और ज्यादा खर्च ऊर्जा पर किया गया

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना 2007-2012

इस योजना का मुख्य उद्देश्य सबसे ज्यादा विकास की गति को बढ़ाना एवं इंक्लूसिव तरीके से विकास होना इसका एकमात्र लक्ष्य था। इस योजना के दौरान भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे।

इस योजना की प्लानिंग रंगराजन द्वारा बनाई गयी। योजना के तहत 2012 में सभी नदियों एवं जल क्षेत्रों को साफ़ करने का निर्णय भी लिया गया। योजना का कुल बजट 71731.98 रुपये था। इसका लक्ष्य 8.1% रखा गया, इसकी वृद्धि 7.9% हुई। योजना के दौरान नागरिकों के हित के लिए 3 नयी योजनाएं शुरु करवाई गयी। योजनाएं इस प्रकार से है:

  1. प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
  2. आम आदमी बीमा योजना
  3. राजीव आवासीय योजना

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • विकास हेतु साल भर में 9% का लक्ष्य रखा गया
  • कृषि के विकास हेतु 4% और उद्योग एवं सेवाओं 9-11% का लक्ष्य रखा गया
  • ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना की थीम “तेज़ और अधिक समावेशी” विकास रखी गयी थी
  • ऊर्जा को और अधिक विकसित करके ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली को पहुँचाना था
  • सभी के लिए पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना भी इसका उद्देश्य था

बारवीं पंचवर्षीय योजना 2012-2017

बारहवीं पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य ग्रामीण एवं शहरी विकास हेतु ऊर्जा, उद्योग, कृषि, संचार एवं परिवहन जैसी सुविधाओं को देने की शुरुआत हुई। इस योजना के अंतर्गत सामाजिक कार्य, शिक्षा, कृषि, उद्योग, ऊर्जा, हेतु ज़ोर दिया गया। आर्थिक विकास के लिए सालाना 10% का लक्ष्य रखा गया। आर्थिक विकास के लिए ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य 9% से घटाकर 8.1% कर दिया गया।

योजना के तहत किये गए मुख्य उद्देश्य एवं कार्य

  • सभी ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के घरों में 2017 तक बिजली की सुविधा उपलब्ध कराना
  • समस्त नागरिकों के स्वास्थ्य के हित हेतु पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना
  • सभी को बैंकिंग की सुविधा हेतु जागरूक करना
  • लड़का लड़की, अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़े वर्ग एवं अन्य लोगों के बीच असमानता खत्म करना
  • यह अंतिम पंचवर्षीय योजना थी, जिसके बाद केवल 5 साल की डिफेन्स प्लान ही लागू रहेंगी

महत्वपूर्ण जानकारी:

मोदी सरकार ने 2014 में योजना आयोग को खत्म कर दिया जिसके देख रेख में पंचवर्षीय योजना चलती आयी थी। इसके बदले 2015 में नीति आयोग बनायीं गयी।

तेहरवीं पंचवर्षीय योजना

सबसे पहले हम आपको यह जानकारी दे दें कि अब से पंचवर्षीय योजनाओं को बंद कर दिया गया है। तेरहवीं पंचवर्षीय योजना नहीं बनायीं जाएंगी। बारहवीं पंचवर्षीय योजना के बाद नीति आयोग ने एक ड्राफ्ट एक्शन प्लान पेश किया है। जिसमें 15 साल का लॉन्ग टर्म सदृश्य प्रलेख (विजन डॉक्यूमेंट) तैयार किया है। जिसमें सात साल की रणनीति (strategy) बनायीं है और Three Year Action Agenda पेश किया जायेगा।

जिसमे यह साफ-साफ लिखा गया है, कि सरकार देश के नागरिकों के हित में क्या-क्या की सुविधाएं, योजनाएं देने वाली है। जो की सरकार को 2035 तक देश के विकास में मार्ग दर्शित करेंगी ।

Five-year Plan List in Hindi

उम्मीदवार ध्यान दें यहां हम आपको पहली पंचवर्षीय योजना से लेकर तेरहवीं पंचवर्षीय योजना तक जानकारी देने जा रहें है। आप नीचे दी गयी सारणी के माध्यम से आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते है। ये सारणी निम्न प्रकार है –

योजनाएं (five year plan) वर्ष उद्देश्य
पहली पंचवर्षीय योजना1951-1956-कृषि क्षेत्र पर विशेष रूप से जोर दिया गया
-बहुदेशीय परियोजनाएं शुरू कराई गयी
जैसे: हीरा कुंड डैम, भाकरा नागल डैम
द्वितीय पंचवर्षीय योजना1956-1961औद्योगिक विकास की नीति बनायीं गयी
तीसरी पंचवर्षीय योजना1961-1966 अर्थव्यवस्था को गतिशील और नागरिकों को आत्म निर्भर बनाना 
चौथी पंचवर्षीय योजना1969-1974आर्थिक विकास एवं आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी गई
पांचवी पंचवर्षीय योजना 1974-1979गरीबी काम करने एवं कृषि उत्पादन और आत्मनिर्भरता
पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया  
छठी पंचवर्षीय योजना1980-1985-देश की आर्थिक विकास और गरीबी को खत्म करने हेतु योजना का मुख्य उद्देश्य था
-इस योजना के तहत NABARD बैंक की स्थापना करवाई गयी
सातवीं पंचवर्षीय योजना1985-1990-देश से गरीबी को मिटाना,
-रोजगार के नए अवसर प्रदान करना,
-ग्रामीणों का विकास हेतु कार्य
-सामाजिक सेवा लोगों तक पहुंचना
आठवीं पंचवर्षीय योजना 1992-1997जनसंख्या में वृद्धि लाना, संस्थाओं का निर्माण करना, पंचायत राज, नगर पालिका, मानव संसाधन की नींव को और अधिक मजबूत बनाना
नवीं पंचवर्षीय योजना 1997-2002सरकार द्वारा बनायीं गयी संस्थानों को उचित तरीके से उपयोग में लाया जाएं
घरेलू संस्थानों को आत्मनिर्भर बनाना हे इस योजना का उद्देश्य था
दसवीं पंचवर्षीय योजना 2002-2007-पहला उद्देश्य यह था की प्राथमिक शिक्षा को आगे तक ले जाना
-दूसरा कृषि उत्पादन हेतु कार्य करना
-तीसरा जो ग्रामीण क्षेत्र सही ढंग से विकसित नहीं थे, उन जगहों पर नए रोजगार लोगों को उपलब्ध कराना
ग्यारवीं पंचवर्षीय योजना 2007-2012-इस योजना के तहत सबसे ज्यादा विकास की गति बढ़ी
-योजना के दौरान प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, आम आदमी बीमा योजना, राजीव आवासीय योजना का आरम्भ हुआ
बारवीं पंचवर्षीय योजना 2012-2017-योजना के अंतर्गत आर्थिक विकास के लिए सालाना 10% का लक्ष्य रखा गया
-आर्थिक विकास के लिए ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य 9% से घटाकर 8.1 कर दिया गया
तेहरवीं पंचवर्षीय योजना 2017-2035अब पंचवर्षीय योजना नहीं होगी, अब से बनेगा 15 साल का खाका। नीति आयोग करेगी इसका चयन।

Panchwarsiya Yojana संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी एवं इतिहास

  • आपको यह जानकारी के बारे में भी बता दे अंग्रेजी शासक जोसेफ स्टालिन ने 1928 में सोवियत संग में पहली पंचवर्षीय योजना को लागू किया था।
  • भारत में पंचवर्षीय योजना का आरम्भ सबसे पहले प्रधानमंत्री के कार्यकाल से शुरू हुई थी।
  • देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 8 जुलाई 1951 को संसद में पहली पंचवर्षीय योजना को प्रस्तुत किया।
  • जवाहर लाल नेहरू जी ने महत्वपूर्ण निर्णय लोगों के आर्थिक विकास के हित को देखकर लिया।
  • इस परियोजना में कृषि क्षेत्र पर विशेष रूप से ज़ोर दिया गया क्योंकि उस दौरान अनाज की कमी, बाँध व सिंचाई की समस्या लोगों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ था।
  • पहली पंचवर्षीय योजना बहुत ही महत्त्वपूर्ण थी क्योंकि हमारे देश के आज़ाद होने के बाद यह योजना सभी लोगों के लिए एक ख़ुशी की लहर लेकर आयी थी, जिससे देश का विकास होना संभव था।

Panchwarsiya Yojana की विशेषताएं

  1. यह योजना प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा शुरू करवाई गयी, उन्होंने 8 जुलाई 1951 को इस योजना की प्रस्तुति की।
  2. योजना आयोग का गठन 15 मार्च 1950 में इन पंचवर्षीय योजना को आगे बढ़ाने के लिए किया गया।
  3. देश के विकास के लिए यह योजना 5 साल तक चलायी जाती है, फिर अगले 5 साल के लिए सरकार द्वार नई योजनाएं निर्धारित की जाती है।
  4. योजना का मुख्य उद्देश्य यही है की देश से गरीबी को मिटाना, लोगों के लिए रोजगार के अवसर लाना, सभी को आत्मनिर्भर बनाना, देश का आर्थिक विकास करना है।
  5. देश की आर्थिक स्थिति में सुधार करना और साथ ही देश में रहने वाले नागरिकों की जीवन शैली में सुधार एवं बदलाव लाना है।
  6. देश में पंचवर्षीय योजना 13 बार लागू हो चुकी है।
  7. तेरहवीं पंचवर्षीय योजना नहीं बनायीं जाएंगी। बारहवीं पंचवर्षीय योजना के बाद निति आयोग ने एक ड्राफ्ट एक्शन प्लान पेश किया है। जिसमे 15 साल का लॉन्ग टर्म संदृश्य प्रलेख (विजन डॉक्यूमेंट) तैयार किया है। जिसमे सात साल की रणनीति (strategy) बनायीं है।

नीति आयोग 15 साल के लॉन्ग टर्म विजन

सरकार द्वारा इस लक्ष्य से देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, देश स्वच्छ और सुरक्षित होगा, भ्रष्टाचार, खत्म किया जायेगा। हर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के लोगों के घरों में बिजली की सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। पर्यावरण बिलकुल स्वच्छ और साफ़ होगा। इसी को मध्य नजर रखते हुए सरकार द्वारा यह प्लान बनाये गए है।

  • पंद्रह वर्षीय विजन डॉक्युमेंट: 2017-18 से 2031-32 तक
  • सात वर्षीय रणनीति: 2017-18 से 2023-24 तक
  • त्रिवर्षीय कार्ययोजना: 2017-18 से 2019-20
  1. इस प्लान के अंतर्गत देश नागरिकों के घर में कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी जैसे: जिन लोगों के घरों में शौचालय नहीं है वहां शौचालय का निर्माण किया जायेगा।
  2. सभी के घर में एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध होंगे, बिजली सभी राज्य के पिछड़े गांव में दी जाएगी।
  3. सरकार यह निश्चित करना चाहती है की देश में आधे से ज्यादा लोगों अपनी आर्थिक क्षमता के हिसाब से जरूरत की चीजे जैसे: दो पहिया वाहन, एसी, और जरूरत की वस्तुओं को खरीदने में समर्थ हो।
  4. तीन साल का एक्शन एजेंडा के अंतर्गत कृषि विकास और उद्योग एवं सेवाओं की रणनीति तैयार की जाएगी।
  5. इसके अलावा इसके अंदर क्षेत्र का विकास, शिक्षा हेतु प्राथमिकता, स्वच्छ पर्यावरण, जल संसाधनों को और ज्यादा मजबूत करना आदि प्लान तैयार की गयी है।
  6. सभी लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराई जाएं। यही इसका लक्ष्य होगा।
  7. देश के सभी सामाजिक क्षेत्रों को उठाकर ऊपर लाना और भारी उद्योगों का निर्माण करना।
  8. देश का आर्थिक विकास हेतु सड़क मार्ग, रेलवे, हवाई जहाज, समुद्री मार्ग को और अच्छे से develop किया जायेगा।
  9. आपको बता दे कि सरकार का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य यह है, की देश की जीडीपी को और अधिक बेहतर बना सके, बता दे की भारत की जीडीपी पिछले 15 साल पहले 91 लाख करोड़ रुपये बढ़ी।
  10. इस प्लान के माध्यम से यह संभव किया जा रहा की आने वाले 15 सालों में भारत की जीडीपी 332 लाख करोड़ से बढ़कर 469 करोड़ हो जाएगी। अभी देश की जीडीपी 137 लाख करोड़ रुपये है।
  11. इस योजना के तहत रेमिडियल क्लासेज द्वारा कमजोर बच्चों और पिछड़े वर्ग के बच्चों को अलग से शिक्षा दी जाएंगी। क्लासरूम, बुक्स आदि के सभी माध्यम को धीरे -धीरे खत्म किया जायेगा।
  12. सभी स्कूली बच्चे अब इंटरनेट की सुविधा से ऑनलाइन पढ़ाई कर पाएंगे।
  13. सिविल सर्विसेज के अथवा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर होने वाली परीक्षाओं, अन्य प्रतियोगिताओं के लिए छात्रों के लिए कई तरह की सुविधाएं, सेवाएं, और गाइडेंस दिए जायेंगे। जिससे आने वाले समय में देश में की तरक्की होगी और देश का आर्थिक विकास होगा।

13th five year डिफेन्स प्लान क्या है?

रक्षा योजना को अभी तक पंचवर्षीय योजनाओं में जोड़ा गया है। जिसकी शरुवात 1964-69 में हुई। जबकि डिफेन्स प्लान को पंचवर्षीय के तीसरे वर्ष (1962) के समय से शुरू किया गया। इसे “डिफेन्स फाइव ईयर प्लान” भी कहा गया। आपको बता दे की पंचवर्षीय योजना को बंद करने से इसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पांच साल की डिफेन्स प्लान योजना को ऐसी जारी रखा जायेगा। इस प्लान योजना की सूचना फाइनेंस मिनिस्टर को दी जाती है, क्यूंकि सहायता हेतु रक्षा बलो के लिए इसकी जानकारी देनी आवश्यक होती है।

आपको यह बता दे की 15 साल के विज़न डॉक्यूमेंट में आंतरिक सुरक्षा और रक्षा को भी शामिल किया जायेगा। जो की अब पंचवर्षीय योजनाओं का हिस्सा नहीं रही। अब इसकी देख रेख नीति आयोग द्वारा की जाएगी।

13वीं पंचवर्षीय योजना की जानकारी के बारे में हमने आपको अपने आर्टिकल में विस्तारपूर्वक बता दिया है। यदि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी अच्छी लगी होगी और इससे सम्बंधित कोई सवाल आपको पूछने होंगे तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

Panchwarsiya Yojana से सम्बंधित पूछे गए कुछ प्रश्न और उनके उत्तर

देश में कितनी पंचवर्षीय योजना बनायीं गयी ?

देश में कुल 12 पंचवर्षीय योजनाएं बनायीं गयी थी। बारहवीं पंचवर्षीय योजना के बाद नीति आयोग ने एक ड्राफ्ट एक्शन प्लान पेश किया है। जिसमें 15 साल का लॉन्ग टर्म संदृश्य प्रलेख (विजन डॉक्यूमेंट) तैयार किया है।

भारत में पहली पंचवर्षीय योजना कब शुरू हुई और इसकी शुरुवात किसके द्वारा की गयी ?

भारत में पहली पंचवर्षीय योजना 1951 में पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी ने की थी।

किस पंचवर्षीय योजना के समय कृषि विकास को और अधिक बढ़ावा दिया गया ?

तीसरी पंचवर्षीय योजना के समय कृषि विकास को और अधिक बढ़ावा दिया गया।

पांचवी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत कौन सा नारा दिया गया ?

पाँचवीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया गया।

सबसे सफल पंचवर्षीय योजना कौन सी रही है ?

आपको बता देश की 11वीं पंचवर्षीय योजना (1 अप्रैल 2007- 31 मार्च 2012) सबसे सफल पंचवर्षीय योजना रही है।

पंचवर्षीय योजना क्या है ?

पंचवर्षीय योजना भारतीय अर्थव्यवस्था का नियोजन का आधार है, जो योजना आयोग एवं नीति आयोग के द्वारा निष्पादित एवं कार्यान्वित की गयी।

वर्तमान में कौन सी पंचवर्षीय योजना चल रही है और ये योजना कब लागू की गई ?

वर्तमान समय में तेरहवीं पंचवर्षीय योजना चल रही है और यह योजना 2017-2035 तक लागू रहेगी अब ये पंचवर्षीय न रहकर 15 सालों के लिए हो गई है।

जैसे कि हमने आपको पंचवर्षीय योजना से सम्बंधित सभी जानकारियों को विस्तारपूर्वक बता दिया है यदि आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते है। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गयी इन सूचनाओं से सहायता मिलेगी।

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