विश्व पर्यावरण दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, जानिए इसका महत्व एवं इतिहास | World Environment day in hindi

मनुष्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हर साल पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन बहुत महत्व होता है। प्रत्येक साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

इस दिवस को मनाने की शुरुआत सयुंक्त राष्ट्र में 1972 में वैश्विक स्तर पर समाज और राजनीति में परिवर्तन (जागृति) करने के लिए हुई थी। सबसे पहले विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1973 को मनाया गया था।

पर्यावरण हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। हमारे चारों-ओर फैले विभिन्न तत्व और पहाड़, पर्वत, मनुष्य, वायुमंडल, मिटटी आदि ये सब मिलकर पर्यावरण को बनाते है।

विश्व पर्यावरण दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, जानिए इसका महत्व एवं इतिहास | World Environment day in hind
World Environment day in hindi

पृथ्वी में मौजूद मिट्ठी, पहाड़, पर्वत और अन्य तत्वों को संरक्षित रखने के लिए हर साल विश्व जल दिवस मनाया जाता है। क्या आप जानते को जल दिवस क्यों मनाया जाता है।

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हमारी पृथ्वी पर फैली हुई हर चीज़ पर्यावरण का हिस्सा है। तो आइये जानते है, विश्व पर्यावरण दिवस कब है और क्यों मनाया जाता है? और इसके महत्व। उसके लिए हमारे आर्टिकल को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़े।

विश्व पर्यावरण दिवस कब है

हर साल पूरी दुनिया में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। ये दिन प्रत्येक देश के नागरिक के लिए बहुत खास होता है। इस दिन की शुरुआत सर्वप्रथम 5 जून 1973 को हुई थी।

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Overview of World Environment day

आर्टिकल का नाम विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment day)
दिवस का आरम्भ1973
मनाने की तारीख5 जून
उद्देस्यलोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूप करना,प्रदूषण को कम कर पृथ्वी की सुरक्षा
2022 की थीम“ओनली वन अर्थ” (Only One Earth)
अन्य नामEco day, World Environment day
पर्यावरण का महत्वजीव-जंतु और मनुस्य को जीवन प्रदान करना

विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है?

पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जहाँ सभी जीव-जंतु और मनुस्य रह सकते है। इसलिए यहाँ के वातावरण को अनुकूल बनाए रखना हम मनुष्य का कर्त्तव्य बनता है। पर्यावरण से ही यहाँ पर जीविन रहना संभव है। पर्यावरण की सहायता से हमको शुद्ध हवा, पानी और भोजन प्राप्त होता है।

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास

पुरे विश्व में प्रत्येक साल के 5 जून को विश्व दिवस मनाया जाता है। देश में बाद रही पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए यह दिवस बहुत महत्व हो जाता है।

इस दिन की शुरुआत 1972 में सयुंक्त राष्ट्र संघ ने स्वीडन में कई देशों ने मिलकर इस दिन को आयोजित किया था। इस आयोजन में कुल 119 देशों ने भाग लिया था।

अब इन देशों की संख्या 143 को गई है। इस सम्मेलन में देश के प्रत्येक नागरिक को प्रदूषण से होने वाली अनेक समस्या, बीमारी, परेशानियों से अवगत करवाया।

इस आयोजन को देखकर अन्य देशों ने भी इसमें अपना पूरा योगदान दिया। क्योकि यह दिवस पृथ्वी में रह रहे सभी जीव-जंतु के लिए अति महत्व है।

पर्यावरण सम्मेलन में इस दिन का यह लक्ष्य रखा गया है, सभी नागरिक को पर्यावरण के प्रति जागरूप लाने हेतु राजनीतिक चेतना और आम जनता को जागरूप और प्रेरित करना बहुत आवश्यक है।

World Environment day का महत्व

स्वच्छ पर्यावरण हमारे जीवन के लिए अति आवश्यक है। पृथ्वी ही एक मात्र ग्रह है, जहाँ जीवन संभव है। क्या है जानते है यह जीवन पर्यावण की देन है। सभी प्राणी को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।

जो की प्राकर्तिक घटनाओं से ही संभव है। यदि इन घटनाओं को नष्ट कर दिया जाये तो जीवन असंभव है। प्रत्येक मानव पर्यावरण से किसी ने किसी तरह जुड़ा हुआ है। हर व्यक्ति के अंदर मानसिक, सामाजिक ,शारीरिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आदि की वृद्धि करना पर्यावरण का मुख्य उद्देस्य है।

देश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए सभी को जागरूप होना जरुरी है। और पर्यावरण का हमारे जीवन में क्या महत्व ये सभी को जानना अति आवश्यक है।

“विश्व पर्यावरण दिवस 2022” थीम

प्रत्येक वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस को एक अलग थीम से मनाया जाता है। सन 2022 में पर्यावरण दिवस की थीम “केवल एक पृथ्वी” (OnlyOneEarth) थी।

World Environment day Theme in 2022-2009

Year of ThemeTheme Name
2023प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान
2022“ओनली वन अर्थ” Only One Earth
2021पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिये की गई पहलें और इसकी चुनौतियाँ
2020“बायोडायवर्सिटी” (जैव विविधता)
2019“वायु प्रदूषण” (Air Pollution)
2018“बीट प्लास्टिक पोल्यूशन” (Beat Plastic Pollution)
2017कनेक्टिंग पीपल टू नेचर
2016वन्य जीवन में अवैध व्यापार के लिए शून्य सहिष्णुता
2015एक विश्व, एक पर्यावरण
2014छोटे द्वीप विकसित राज्य होते है अपनी आवाज उठाओ,न की समुद्र स्तर की
2013सोचो ,खाओ,बचाओ और नारा था व फूडप्रिंट को घटाओं
2012हरित अर्थव्यवस्था
2011जंगल, प्रकृति आपकी सेवा में
2010बहुत सारी प्रजाति, एक ग्रह एक भविष्य
2009आपके ग्रह को आपकी जरुरत है

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देस्य

अभी तक आप लोगों ने विश्व पर्यावरण दिवस कब है और क्यों मनाया जाता है इसके बारे में पढ़ा। परन्तु यह जानना भी जरूरी है कि इसका उद्देस्य क्या है। नीचे जाने विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देस्य –

  • यह दिन मनाने का मुख्य उद्देस्य अपने चारों तरफ के वातावरण को अच्छा बनाने और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए ये दिन बहुत खास है।
  • इस दिन कई समारोह के माध्यम से देश के नागरिक को पर्यावरण से खिलवाड़ न करने और उनका ध्यान रखने के लिए जागरूप किया जाता है।
  • यह भी बताया जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति का मुख्य दायित्वा है, पेड-पौधों को लगाना,पेड़ों की सुरक्षा करना,हरे-भरे पेड़ों को न काटा जाये, पानी के स्रोतों को साफ़-सुधरा रखना सभी प्राणी का दायित्वा है।
  • हमारे आस-पास रह रहे जीव-जंतु, कीट, पेड़-पौधे,हवा,पानी और आसमान ये सभी पर्यावरण की हिस्सा है। अगर इनमे से एक को भी नुकसान होगा तो जीवन संभव नहीं है। प्रत्येक चीज़ का अपना- अपना महत्व है।

Environment को किससे नुकसान हो रहा है?

पर्यावरण का नुकसान केवल मनुष्य कर रहा है। मनुष्य की जितनी आवश्यकता बढ़ेगी वह पर्यावरण को उतना ही नुकसान पहुँचायेगा। मनुष्य ने हमेशा से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है। आइये जानते है मानव पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुँचाता है –

  • सबसे मुख्य कारण है, दुनिया को दिन-प्रतिदिन जनसँख्या बढ़ रही है। और जितनी जनसँख्या बढ़ेगी लोंगो की उतनी ही आवश्यकता बढ़ेगी। ऐसे में देश में अधिक कारखानों और बड़े-बड़े उद्योगों का निर्माण हो रहा है। जिससे काफी मात्रा में धुआँ निकलता है। और वातावरण को नुकसान पहुँचाता है।
  • मानव की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक मात्रा में वनों को काटा जा रहा है। ऐसे में धरती पर पेड़-पौधों की संख्या कम हो रही है। जिससे वातावरण में फैली वायु ख़राब होती जारी है।
  • प्रत्येक वर्ष वनों में आग लगना भी पर्यावरण प्रदूषण का कारण है। हर साल जंगलों में आग लग रही है। जिसकी वजह से हर साल लाखों पेड़-पौधो को नुकसान हो रहा है।
  • जैसा कि हम जानते है कि धरती का एक तिहाई हिस्सा पानी से भरा हुआ है। इतने अधिक भाग में से ही कुछ हिस्सा पानी पीने के लायक है। अधिकांश पानी खारा है। जिसकी वजह भी मानव है।
  • अधिकांश लोग गंदे नाले, दाह संस्कार के बाद सभी सामग्री को नदी के पानी में बहा देंगे है और बाद में वही पानी हम लोगो के घरों में आता है। जिससे पीने से व्यक्ति का स्वास्थ्य ख़राब हो जाता है।
  • मानव के द्वारा अधिक प्लास्टिक का प्रयोग करना भी पर्यावरण के लिए खरतनाक है। धरती पर प्लास्टिक ही एक ऐसी वस्तु है जो कभी नष्ट नहीं होती है। वर्तमान समय में इनका बहुत इस्तेमाल किया जा रहा है। जो हमारे वातावरण की मिट्टी और हवा को नुकसान पंहुच रहा है।

पर्यावरण को नुकसान से बचाने के उपाय –

  • पेड़-पौधे ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत है। इसी के माध्यम से धरती पर जीवन संभव है। वातावरण में पर्याप्त हवा होने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना आवश्यक है।
  • कारखानों के लिए पेड़ों को अँधाधुन काटा जा रहा है यदि इस कटान को कम किया जाये और कटान के बदलने में उससे अधिक पेड़ों को रोपा जाये तो इससे हम अपने जगलों को बचा सकते है।
  • हमे अधिक पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए। पानी से ही जीवन है। स्वच्छ और ताजा पानी हर कोई चाहता है। इसलिए समय रहते इसके महत्व को समझे। साफ़ पानी को बर्बाद होने से बचाए।
  • अधिक प्लास्टिक का प्रयोग करना भी खतरनाक है। प्लास्टिक की जगह पर कपडे वाले बैग का प्रयोग करे। प्लास्टिक का प्रयोग करने के बाद उससे यहाँ-वहाँ न फेंके। अपने कचरे को घर के या फिर सार्वजनिक कूड़ेदान में डाले।

विश्व पर्यावरण दिवस से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर (FAQs)

विश्व पर्यावरण दिवस कब है?

हर साल 5 जून को World Environment day मनाया जाता है।

विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है?

दुनिया में बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने व लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूप करने के लिए इस दिन की शुरुआत की गई थी। पर्यावरण से ही हम अपने भविष्य की सुरक्षित और खुशमय बना सकते है। इसलिए पर्यावरण का संरक्षित होना अति आवश्यक है।

पर्यावरण की किन चीज़ों से नुकसान पहुंच रहा है?

पर्यावरण को मुख्य रूप से अधिक पेड़ों के कटान से, वनों में आग लगने से, कारखानों से निकलने वाला धुआँ, पानी का दुरप्रयोग करने से, जीव-जंतु की हत्या करना, ध्वनि प्रदूषण और अधिक जनसँख्या वृद्धि से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।

World Environment day की शुरुआत कब से हुई?

इस दिन की शुरुआत सन 1973 में सयुंक्त राष्ट्र महासभा में हुई थी।

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