दोस्तों जैसा की हम सब जानते है, कि उत्तराखंड की सरकार राज्य की महिलाओं का कल्याण करने के लिए तरह-तरह की योजनाओं को लागू करता है। वैसे ही हाल ही में उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के द्वारा राज्य की महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए उत्तराखंड पशु सखी योजना को शुरू किया है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को पशुओं की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा। राज्य के कई क्षेत्रों में पशुओं की बुरी हालत है। इसी को देखते हुए सरकार ने इस योजना को शुरू कर पशुओं की देखभाल और उनके स्वास्थ्य को सही बनाने के लिए राज्य की सभी महिलाओं को जोड़ कर इस योजना को चलाने का फैसला लिया है। तो आइये जानते है उत्तराखंड पशु सखी योजना क्या है? योजना से जुड़ी सभी जानकारी को लेने के लिए हमारे आर्टिकल को विस्तारपूर्वक अंत तक पढ़े।
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उत्तराखंड पशु सखी योजना
उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा उत्तराखंड पशु सखी योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए और उनकी आय बढ़ाने के लिए इस योजना का आरंभ किया है। ग्रामीण क्षेत्र में पशुओं पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है, ऐसे में उन्हें अनेक तरह की बीमारी हो जाती है। अब इस योजना की सहायता से पशुओं की बीमारी और स्वास्थ्य के प्रति सुरक्षा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा।
इस योजना का आरंभ मंत्रीमंडल की बैठक में अप्रैल 2023 को हुई थी। और इस योजना का कार्यकाल लगभग अगले 3 सालों तक चलेगा। योजना की सहायता से पशुओं की मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। Uttarakhand Pashu Sakhi Yojana में आवेदन करने के महिला की उम्र 20-40 वर्ष के बीच में होनी चाहिए। राज्य की सभी महिलाओं को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करवाना होगा।
Uttarakhand Pashu Sakhi Yojana key Point
योजना का नाम | उत्तराखंड पशु सखी योजना |
वर्ष | 2023 |
राज्य | उत्तराखंड |
योजना का प्रारम्भ | 16 अप्रैल 2023 |
लाभार्थी | ग्रामीण क्षेत्र के पशु |
उद्देस्य | ग्रामीण क्षेत्र के पशुओं की देखभाल करना व मृत्यु दर कम करना |
महिला की आयु सीमा | 20 साल से 40 साल के बीच |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन /ऑफलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | जल्दी शुरू की जाएगी |
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उत्तराखंड पशु सखी योजना के लाभ
राज्य में अधिकांश लोग पशुपालन से दूर होते जा रहे है। ऐसे उन्हें पशु की तरफ आकर्षित करने व पशुपालन को सुगम बनाने के लिए इस योजना को शुरू लिया है। तो आइये जानते है इस योजना के अन्य और क्या लाभ है –
- राज्य में पशु की सेहत को बेहतर करने लिए राज्य सरकार ने उत्तराखंड पशु सखी योजना को लागू कर पशुओं की देखरेख करने लिए पशु सखियों की एक टीम को तैयार किया है।
- इस योजना की सहायता से अब पशुओं में होने वाली अनेक बीमारियों की सही से पहचान करके उन्हें समय पर उपचार दिया जायेगा।
- Uttarakhand Pashu Sakhi Yojana के माध्यम से सरकार द्वारा बनाई गई टीम के द्वारा 20 दिनों तक ग्रामीण क्षेत्र का भ्रमण करके 50 पशुपालन करने वाले परिवार वालों से संपर्क किया जायेगा। और उनसे गांव के पशुओं के बारें में जानकारी ली जाएगी।
- इस योजना के अंतर्गत पशुओं की देखभाल, स्वास्थ्य और चिकित्सा से जुडी सभी जानकारी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को प्रदान की जाएगी।
- ग्रामीण क्षेत्र में बेहद तरीके से पशुपालन कर महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। पशुओं के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि होगी।
Uttarakhand Pashu Sakhi Yojana का उद्देस्य
उत्तराखंड के कई राज्य से आमदनी कमाने के सिर्फ एक जरिया पशुपालन है। ऐसे में पशुओं की सेहत पर ध्यान देना बहुत जरुरी है। राज्य की महिलाओं को पशुओं के स्वास्थ्य के प्रति अधिक जानकारी देने हेतु उनके सही आहार से सम्बंधित जानकारी देने के लिए पशु सखियों के माध्यम से लोगों को जागरूप किया जायेगा। पशुओं ने अनेक तरह बीमारियों का पता लगवाने और सही समय पर कैसे उपचार करें इस योजना के माध्यम से बताया जायेगा। सही समय पर उपचार न होने पर पशुओं की मृत्यु हो जाती है। ऐसी स्थिति न आये इसलिए उन्हें समय-समय पर पशुयो की जांच करने की सलाह दी जाती है।
उत्तराखंड पशु सखी योजना के अंतर्गत सखी के कार्य
- इस टीम के द्वारा पशुओं पर लगने वाले नियमित टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
- पशुओं को विभिन्न तरह की बीमारियों से बचाने के लिए दवाई प्रदान की जाएगी।
- इस योजना की सहायता से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इस योजना से अवगत करवाया जायेगा और लोगों को पशुओं के प्रति प्रोत्साहित किया जायेगा।
- पशुओं में विभिन तरह की बीमारियों की पहचान कैसे की जाती है और उसके लिए क्या उपचार किया जाये ये सब जानकारी दी जाती है।
- ग्रामीण पशुपालको को बुनियादी तकनीकी सहायता प्रदान करने का काम भी करती है।
- पशु सखी की टीम को ग्रामीण क्षेत्र का पूरा ब्यौरा पशुधन एवं कुक्कुट संख्या का रिकॉर्ड राज्य के ब्लॉक पशु चिकित्सकों को देना होता है।
- पशुओं के स्वास्थ्य सम्बंधित प्राथमिक उपचार के लिए दवाई की सुविधा करवाई जाती है।
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पशु सखी का चयन कैसे होगा?
- सबसे पहले उत्तराखंड राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्र की उप- समिति की सहायता से आस-पास की महिलाओं को पशु सखी योजना के बारें में सभी जानकारी दी जाएगी।
- इसके बाद ग्राम उप-समिति द्वारा वीओ स्तर पर पशु सखी की पहचान करने के लिए अध्यक्ष और सचिव के द्वारा बैठक का आयोजन किया जायेगा।
- स्थानीय पशु चिकित्सा सहायक, शल्य चिकित्सक (वीएएस)/विस्तार अधिकारी अथवा पशु चिकित्सा प्रतिनिधि को बुलवाया जायेगा।
- बैठक में महिलाओं की एक लिखित परीक्षा और उसके बाद इंटरव्यू लिया जायेगा। दोनों परीक्षा में पास होने के बाद ही पशु सखी का चयन किया जायेगा।
- चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पशु सखियों का पूरा डाटा MIC डाटाबेस में अपलोड करने के लिए भेज दिया जायेगा।
Uttarakhand Pashu Sakhi Yojana के लिए पात्रता
- उत्तराखडं का कोई भी नागरिक इस योजना में आवेदन कर सकता है।
- आवेदनकर्त्ता की आयु 20-40 वर्ष में बीच में होनी चाहिए।
- आवेदन करने वाली महिला का कम-से-कम 8वीं पास होना अनिवार्य है।
- महिला का स्वयं सहायता समूह का सदस्य होना चाहिए।
- महिला का बैंक अकाउंट होना जरुरी है।
- पशु सखी के पास पशुपालन का ज्ञान होना अनिवार्य है।
- इस योजना के माध्यम से दी जाने वाली ट्रेनिंग राज्य में भी सकती है और कभी-कभी राज्य के बाहर भी सकती है।
Pashu Sakhi Yojana में आवेदन करने के लिए दस्तावेज
- आधार कार्ड
- शिक्षा का प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक अकाउंट वितरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
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उत्तराखंड पशु सखी योजना में आवेदन ऐसे करे
राज्य की सभी इच्छुक महिला जो Uttarakhand Pashu Sakhi Yojana के अंतर्गत ट्रेनिंग लेना चाहती है। उन महिलाओं को थोड़ी प्रतीक्षा करनी होगी। क्योकि अभी सरकार ने सिर्फ इस योजना को लॉन्च किया है। योजना का कार्य शुरू होने पर सरकार की आधिकारिक वेबसाइट जल्द की शुरू की जाएगी। जैसे ही योजना की सम्बंधित कोई जानकारी हमें प्राप्त होती है, तो हम आपको आपने आर्टिकल का माध्यम से सूचित कर देंगे।
Uttarakhand Pashu Sakhi Yojana FAQs
इस योजना की शुरुआत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के द्वारा हुई है।
इस योजना का लाभ सिर्फ उत्तराखंड की महिलाए ही ले सकती है।
इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को पशुओं के लिए प्राथमिक उपचार उपलब्ध करना, दवाइयों की सुविधा आदि इसके अतिरिक्त महिलाओं को पशुओं के आहार और स्वास्थ्य से सम्बंधित जानकारी देने के लिए पशु सखी के माध्यम से ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।
राज्य सरकार ने अभी सिर्फ योजना को शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। इस योजना में आवेदन करने के लिए थोड़ी प्रतीक्षा करनी होगी। जैसे ही सरकार की तरफ से कोई अपडेट आता है, तो आपको सूचित किया जायेगा।