राष्ट्रपति शासन क्या होता है, कब, कैसे लगता है | President’s Rule List In India

हर देश की अपनी शासन व्यवस्था होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक देश है यहाँ का संविधान एक लिखित संविधान है। भारतीय संविधान में देश की कानून व्यवस्था,शासन और नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों के साथ साथ मौलिक अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

देश में राष्ट्रपति शासन केवल दो आधार पर ही लगाया जाता है जोकि भारतीय संविधान के आर्टिकल 355 और 356 के अंतर्गत आता है। संविधान में President’s Rule के बारे में इन्हें दो अनुच्छेदों में बताया गया है। देश में कुछ विशेष परिस्थितियों में शासन व्यवस्था को बनाये रखने के लिए RashtraPati Shashan लगाया जाता है।

Presidents Rule List In India

नीचे आप जानेंगे राष्ट्रपति शासन क्या होता है? और यह कब और कैसे लगता है ? साथ ही आप जानेंगे भारत में राष्ट्रपति शासन कब कब लगाया गया (President’s Rule List In India) के बारे में विस्तार से।

राष्ट्रपति शासन क्या होता है ? (what is President’s rule)

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भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद , 22 भाग और 12 अनुसूचियाँ (schedules) हैं। संविधान के भाग 18 में अनुच्छेद 352 से 360 तक आपात उपबंध का विषय दिया गया है। राष्ट्रपति शासन भाग 18 के अनुच्छेद 355 और 356 के अंतर्गत आता है। भारतीय संविधान में शक्तियों का विभाजन केंद्र ,राज्य में किया गया है।

शक्तियों का विभाजन 3 सूचियों के आधार पर किया गया है -संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। राज्य के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विषयों पर कानून या नियम बनाने का अधिकार राज्य सरकार (state government) को दिया गया है वहीँ केंद्र सरकार (Central government) के अधिकार क्षेत्र के विषय को संघ सूची में दिया गया है।

Indian Constitution में राष्ट्रपति को 3 स्थितियों में आपातकालीन शक्तियां दी गयी है। अनुच्छेद (Article) 356 के तहत भारत को ऐसा कोई भी राज्य जहाँ पर संवैधानिक रूप से चुनी गयी सरकार को चलाने की सम्भावना समाप्त हो गयी हो तो इस स्थिति में राष्ट्रपति शासन को लागू किया जाता है।

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Key points of President’s rule in india

आर्टिकल का नामराष्ट्रपति शासन क्या होता है, कब, कैसे लगता है ?
देशभारत
भारत का संविधानलिखित संविधान
अनुच्छेद जिनके अंतर्गत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता हैआर्टिकल 355 और 356
अब तक भारत में लगाए गए राष्ट्रपति शासन132 बार
राष्ट्रपति शासनभाग 18 (आपात उपबंध)

राष्ट्रपति शासन की उत्पत्ति

President’s Rule की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में हुयी थी। राष्ट्रपति शासन को इसलिए पेश किया गया ताकि सरकार अपने शाही हितों को पूरा कर सके। जब किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो उस राज्य के मुख्यमंत्री (Chief Minister) के पास कोई शक्ति नहीं होगी और राज्य के राज्यपाल (Governor) जिसे सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है वह राज्य की शासन व्यवस्था पर पूर्ण नियंत्रण रखता है।

Article 356 of indian constitution

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है। indian constitution के Article 356 राष्ट्रपति को किसी राज्य में शासन व्यवस्था को बनाये रखने के लिए शासन करने की शक्ति प्रदान करता है। अनुच्छेद 355 और 356 के अंतर्गत किसी राज्य के भीतर यदि संवैधानिक तंत्र किन्हीं कारणों से विफल हो जाता है

तो केंद्र सरकार के आदेशों के अनुपालन में राज्य सरकार के विफल हो जाने के मामलों में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है। ऐसी स्थिति में राज्य का नियंत्रण केंद्र सरकार करती है। indian constitution

राष्ट्रपति शासन (president’s rule) कब और क्यों लगता है ?

भारत का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति होता है। देश के इस प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति को कई शक्तियां दी गयी हैं। देश के राष्ट्रपति के पास कार्यपालिक, न्यायिक, विधायी, सैन्य और आपातकालीन शक्तियां मौजूद हैं। indian constitution में राष्ट्रपति को 3 आपात शक्तियां आर्टिकल 352, 356 और 360 में उल्लेखित हैं। आर्टिकल 356 के अंतर्गत किसी राज्य में Rastrpati shasan निम्नलिखित स्थितियों में लगाया जाता है –

  • जब किसी राज्य में मुख्यमंत्री के चुनाव करने में विधानसभा असमर्थ होती है।
  • उस स्थिति में किसी राज्य में President’s Rule लागू होता है जब किसी दल के पास बहुमत न हो और गठबंधन सरकार भी नहीं चल पा रही हो।
  • जब किसी राज्य की विधानसभा चुनाव में देरी हो या समय पर चुनाव नहीं कराया जा सके।
  • किसी राज्य द्वारा संविधान के नियम और कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा हो।
  • बहुमत होने पर भी यदि कोई मुख्यमंत्री इस्तीफा दे देता है।

कैसे लगता है राष्ट्रपति शासन ?

आर्टिकल 356 उस समय लगाया जाता है जब किसी राज्य का संवैधानिक तंत्र पूरी तरीके से असफल हो गया हो। यह अनुच्छेद केंद्र सरकार को राज्य सरकार के संवैधानिक तंत्र में विफल होने की स्थिति में अपना अधिकार स्थापित करने की शक्ति प्रदान करता है ताकि शासन व्यवस्था को बनाया जा सके। भारतीय संविधान के 1950 में लागू होने के उपरांत केंद्र सरकार द्वारा इस अनुच्छेद को 100 से अधिक बार प्रयोग में लाया जा चुका है।

  • केबिनेट की सहमति होने पर राष्ट्रपति किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला करता है।
  • यदि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगता है तो President’s Rule के लगने के 2 माह के भीतर संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा द्वारा इसका अनुमोदन किया जाना आवशयक है।
  • यदि लोकसभा उस समय भंग होती है तो राज्यसभा में इसका अनुमोदन किया जाता है।
  • इसके बाद लोकसभा के गठित होने के एक महीने के भीतर लोकसभा में इसका अनुमोदन किया जाता है।
  • दोनों सदनों के अनुमोदन पर 6 महीने तक राष्ट्रपति शासन किसी राज्य में लगाया जाता है।
  • किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन 6 -6 महीने में 3 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।

राष्ट्रपति शासन लगने पर होने वाले बदलाव

यदि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो उस राज्य की शासन व्यवस्था में निम्नलिखित बदलाव आते हैं –

  • President’s Rule लगने पर किसी राज्य की मंत्रिपरिषद को भंग कर दिया जाता है।
  • राज्य की समस्त शक्ति राष्ट्रपति के पास आ जाती हैं।
  • राज्य जहाँ राष्ट्रपति शासन लगाया गया है वहां के राज्यपाल को राष्ट्रपति के आदेश पर राज्य का कामकाज संभालना होता है।
  • किसी राज्य में रसट्रपति शासन लगने पर राज्य विधायिका की शक्तियों का प्रयोग संसद कर सकती है यदि यह घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • यदि किसो राज्य की विधायिका की शक्तियों का इस्तेमाल संसद करती है तो इस स्थिति में उस राज्य के विधेयक और बजट के प्रस्ताव को संसद द्वारा ही पारित किया जाता है।

भारत में कब-कब लगाया गया राष्ट्रपति शासन ?

  • 1947 के बाद पंजाब राज्य में सबसे पहले राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। इस राज्य में कांग्रेस में फूट पड़ने के कारण 20 जून 1951 से 17 अप्रैल 1952 के बीच राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
  • आपात के बाद 1977 में जब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने 30 अप्रैल 1977 को 9 राज्यों में एक साथ राष्ट्रपति शासन लगाया था।
  • बीजेपी सरकार के समय कुल 16 बार विभिन्न राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है।
  • मोरारजी देसाई जी के समय 12 बार और चरण सिंह के समय 4 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
  • इंदिरा गाँधी के कार्यकाल के समय भारत में विभिन्न राज्यों में 49 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
  • 1966 से साल 1977 के बीच कुल 33 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
  • 1980 से 1984 के बीच कुल 16 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
  • 1980 को जब इंदिरा गाँधी के चौथी बार प्रधानमंत्री बनने पर उनके द्वारा अपने कार्यकाल में 17 फरवरी को एक साथ 9 राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
  • 1989 से 1999 तक 10 सालों में 20 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। इस दौरान भारत में 7 प्रधानमंत्री बने थे।
  • अटल बिहारी बाजपेयी जी के 3 बार प्रधानमंत्री बनने पर उनके 6 साल के कार्यकाल के दौरान केवल 4 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।

PM और उनके कार्यकाल में लगने वाले राष्ट्रपति शासन

भारत में आजादी के बाद से अब तक कुल 100 से भी अधिक बार विभिन्न राज्यों में President’s Rule लागू किया गया है। देश में राष्ट्रपति शासन कब कब लगाया गया है इसकी लिस्ट दी गयी है। विभिन्न राज्यों में लगने वाले राष्ट्रपति शासन किन प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में लगाए गए हैं इसकी जानकारी आप नीचे टेबल के माध्यम से ले सकते हैं –

प्रधानमंत्रीकार्यकाल (tenure) राष्ट्रपति शासन लगाया गया
पंडित जवाहरलाल नेहरू15 अगस्त 1947 -27 मई 1964 तक
लालबहादुर शास्त्री9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक2
इंदिरा गांधी24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक
14 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984 तक
49 (सबसे अधिक बार)
मोरारजी देसाई24 मार्च 1977 से 28 जुलाई 1979 तक12 
चौधरी चरण सिंह28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक4
राजीव गांधी31 अक्टूबर 1984 से 2 दिसंबर 1989 तक6
vp सिंह2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक
चंद्रशेखर10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक
पीवी नरसिम्हा राव21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक11
अटल बिहारी बाजपेयी जी16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक
19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक
4
HD देवेगौड़ा1 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक2
इंद्र कुमार गुजराल21 अप्रैल 1997 से 19 मार्च 1998 तक0
मनमोहन सिंह22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक11
नरेंद्र मोदी26 मई 2014 से अब तक7

राज्यों में लगने वाले राष्ट्रपति शासन (RashtraPati Shashan List)

देश में अलग -अलग राज्यों में लगने वाले President’s Rule की समय सीमा क्या रही है इसकी जानकारी नीचे टेबल में दी गयी है (President’s rule imposed in different states)-

राज्यराष्ट्रपति शासन की अवधि (कब से कब तक)
आंध्र प्रदेश(3 बार )
327 दिन (18 जनवरी 1973 से 10 दिसंबर 1973 तक)
100 दिन ( साल 2014 में 28 फरवरी से 8 जून )
134 दिन (15 नवंबर 1954 से 29 मार्च 1955)
अरुणांचल प्रदेश(2 बार)
76 दिन (3 नवंबर 1979 से 18 जनवरी 1955)
26 दिन (25 जनवरी 2016 से 19 फरवरी 2016)
असम(4 बार)
359 दिन (12 दिसंबर 1979 से 5 दिसंबर 1980)
197 दिन (30 जून 1981 से 13 जनवरी 1982)
345 दिन (19 मार्च 1982 से 27 फरवरी 1983)
214 दिन (28 नवंबर 1990 से 30 जून 1991)
बिहार(9 बार)
242 दिन (29 जून 1968 से 26 फरवरी 1969)
227 दिन (4 जुलाई 1969 से 16 फरवरी 1970)
70 दिन (9 जनवरी 1972 से 19 मार्च 1972 )
55 दिन (30 अप्रैल 1977 से 24 जून 1977)
112 दिन (17 फरवरी 1980 से 8 जून 1980)
8 दिन (28 मार्च 1995 से 5 अप्रैल 1995)
25 दिन (12 फरवरी से 9 मार्च 1999)
262 दिन (7 मार्च 2005 से 24 नवंबर 2005)
  • उत्तर प्रदेश और पंजाब राज्य में अब तक 9 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है।
  • President’s Rule को सबसे अधिक बार मणिपुर में 10 बार लागू किया गया है।
  • तेलंगाना और छत्तीसग़ढ राज्य ऐसे राज्य हैं जहाँ अब तक एक बार भी राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया गया है।
  • केंद्रशासित प्रदेशों में पांडुचेरी में सबसे अधिक 6 बार President’s Rule लागू किया गया है जबकि दिल्ली में केवल एक बार लागू हुआ है।

President’s Rule List In India

भारत में किस राष्ट्रपति के समय में कितनी बार rashtrapati-shashan लगाया गया है इसकी सूची नीचे दी गयी है (President’s rule during his tenure)-

राष्ट्रपतिकार्यकाल (tenure)President’s rule लागू किया गया
राजेंद्र प्रसाद26 जनवरी 1950 से 13 मई 19627
सर्वपल्ली राधाकृष्णन13 मई 1962 से 13 मई 1967 तक4
जाकिर हुसैन13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक5
वीवी गिरी24 अगस्त 1969 से 24 अगस्त 1974 तक19
फखरूद्दीन अली अहमद24 अगस्त 1974 से 11 फरवरी 1977 तक5
बीडी जट्टी11 फरवरी 1977 से 25 जुलाई 1977 तक10
नीलम संजीव रेड्डी25 जुलाई 1977 से 25 जुलाई 1982 तक20
जैल सिंह25 जुलाई 1982 से 25 जुलाई 1987 तक4
रामास्वामी वेंकटरमण25 जुलाई 1987 से 25 जुलाई 1992 तक13
शंकर दयाल शर्मा25 जुलाई 1992 से 25 जुलाई 1997 तक10
K.R नारायण25 जुलाई 1997 से 25 जुलाई 2002 तक4
डॉ. APJ अब्दुल कलाम25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक2
प्रतिभा पाटिल25 जुलाई 2007 से 25 जुलाई 2012 तक6
प्रणब मुखर्जी25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017 तक8
रामनाथ कोविंद25 जुलाई 2017 से 25 जुलाई 2022 तक7

president’s rule से सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)-

भारत के किस राज्य में सबसे अधिक बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है ?

मणिपुर में अब तक 10 बार rashtrapati shashan लगाया जा चुका है।

president’s rule किस आर्टिकल के अंतर्गत आता है ?

राष्ट्रपति शासन संविधान के 18 भाग के आर्टिकल 356 के अंतर्गत आता है। 356 आर्टिकल में राज्यों में संवैधानिक टैंट के असफलता की स्थिति में राष्ट्रपति के शासन का प्रावधान किया गया है।

देश में rastrapati shasan की अवधि कब से कब तक है ?

किसी राज्य में संसद के दोनों सदनों के अनुमोदन पर राष्ट्रपति शासन को 6 महीने तक किसी राज्य में लगाया जा सकता है। आवश्यकता पड़ने पर किसी राज्य में president’s rule को अधिकतम 6-6 माह में बढ़ाते हुए 3 साल तक के लिए लागू किया जा सकता है।

देश में किसके कार्यकाल के दौरान सबसे अधिक बार president’s rule लगया गया था ?

भारत में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान सबसे अधिक 49 बार president’s rule को लागू किया गया था।

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