Electricity या बिजली कैसे बनती है? | Electricity क्या है? – पूरी जानकारी हिंदी में

क्या अपने कल्पना की है की बिना बिजली के हमारा जीवन कैसा होगा? आज हर कार्य की सफलता के पीछे Electricity का महत्वपूर्ण स्थान है। बिजली उत्पादन से मानव विकास हुआ है। संसार में अधिक मात्रा में बिजली का प्रयोग किया जाता है। बिजली का अविष्कार नहीं हुआ था बल्कि इसे खोजा गया था। क्या आप जानते हैं Electricity या बिजली कैसे बनती है?

Electricity या बिजली कैसे बनती है?
Electricity या बिजली कैसे बनती है?

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बिजली यानी Electricity का हमारे दैनिक जीवन में कितना महत्त्व है यह तो आप सभी जानते ही होंगे। बिजली जोकि हमारे लिए इतनी जरुरी है की इसके बिना कोई भी काम कर पाना आज की डेट में बहुत मुश्किल सा हो गया है। क्या अपने कभी सोचा है हमारे घर तक आने वाली यह Electricity या बिजली कैसे बनती है? यदि नहीं जानते तो आज आप जान जायेंगे। आज हम आपको इसी बिजली के बारे में इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं।

Electricity क्या है?

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इलेक्ट्रिसिटी (Electricity) को बिजली या विधुत भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का बल है जो देखा नहीं जा सकता। बिजली परमाणु का अंग है। आवेशित कणों के बहाव से Electricity को generate किया जाता है। विद्युत को छुआ नहीं जा सकता न ही इसे देखा जा सकता है। यह चल या अचल इलेक्ट्रान या प्रोटोन से होने वाली एक भौतिक घटना है।

Electricity या बिजली कैसे बनती है?

हमें हर एक काम के लिए Electricity की आवश्यकता पड़ती है। Electricity को हवा ,सूर्य की किरणों ,पानी ,कोयले आदि से बनाया जाता है। बिजली बनाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाने वाले तरीकों में से एक है पानी। बिजली के उत्पादन में पानी का उपयोग किया जाता है। आपने टेहरी बांध का नाम तो सुना ही होगा। डैम या बांध का कार्य पानी को स्टोर करना और उस पानी से बिजली का उत्पादन करना है।

क्या आप जानते हैं बिजली के उत्पादन के लिए electricity generator को उपयोग में लाया जाता है। Electricity generator द्वारा ही एनर्जी को electricity में बदला जाता है। आज के दौर में Electromagnetic generator में चुम्बक के स्थान पर electromagnet को प्रयोग में लाया जाता है। बिजली उत्पादन में डैम में काफी बड़ा योगदान है। इन डैम के अंदर जनरेटर और टरबाइन लगे होते हैं। इन डैम में पानी के फ्लो को तेजी के साथ छोड़ा जाता है। तेजी से छोड़े गए पानी से टरबाइन बहुत तेजी से घूमता है। इस टरबाइन के घूमने से इसके साथ में लगा हुआ जनरेटर भी घूमने लगता है। जनरेटर के चलने से बिजली का उत्पादन भारी मात्रा में होने लगता है। डैम में लगे हुए टरबाइन और जनरेटर काफी ज्यादा वाट के होते हैं।

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विद्युत उत्पादन की विधियां

विद्युत उत्पादन के मुलभूत सिद्धान्त की खोज 1820 और 1830 के दशक में माइकल फैराडे ने की थी। बिजलीघरों में बिजली के उत्पादन का कार्य किया जाता है। वैसे तो बिजली बनाने के लिए कई विधियों का प्रयोग किया जाता है इसे आमतौर पर प्राकृतिक संसाधनों से बनाया जाता है जैसे कोयला ,हवा ,सूर्य की किरण और पानी आदि से। हमारे घरों तक आने वाली बिजली को दो प्रकार के स्रोतों से प्राप्त किया जाता है। यदि हम प्राइमरी स्त्रोत की बात करें तो इसमें सूर्य की गर्मी /किरणें ,हवा आदि आते हैं लेकिन इनसे रेगुलर एनर्जी को प्राप्त करना मुश्किल है।

हवा से बिजली का उत्पादन

हवा द्वारा बिजली का उत्पादन किया जाता है। इस विधि में हवा की सहायता से बिजली का उत्पादन किया जाता है। विंड/हवा एक रिन्यूएबल एनर्जी है। Wind turbine को पवन चक्की या पनचक्की भी कहा जाता है। हवा द्वारा टरबाइन के ब्लेड घूमते हैं। और इस पनचक्की में लगी generator द्वारा बिजली का उत्त्पादन होता है। पनचक्कियों को आमतौर पर समुद्र के किनारे या पहाड़ी इलाकों में उपयोग में लाया जाता है। क्यूंकि यहाँ पर पवन चक्कियों से बिजली के उत्पादन के लिए हवा का बहाव बना रहता है।

ऊपरी क्षेत्रों या समुद्री क्षेत्रों में नियमित तौर पर हवा चलती रहती है। पवन-चक्की के सबसे ऊपर की तरफ पीछे की ओर anemometer लगा होता है जिसकी सहायता से हवा किस दिशा में चल रही है इसके बारे में जानकारी मिलती है। और इसके कारण पवन चक्की में लगी हुई पंखुड़ियों हवा की दिशा में घूमने लगती हैं।

सौर ऊर्जा (Solar Power) से बिजली उत्पादन

बिजली उत्पादन में सूर्य की रौशनी का काफी महत्त्व है। सौर ऊर्जा (Solar Power) से बिजली का निर्माण ऐसे क्षेत्रों में अधिक होता है जहाँ निरंतर रूप से इस विधि में सूर्य से ऊर्जा प्राप्त की जाती है। सूर्य की रौशनी हमे प्रचुर मात्रा में प्राप्त होती रहती है। और इसका उपयोग बड़े पैमाने में बिजली उत्पादन में किया जाता है। सूर्य एक नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) स्त्रोत है।

आप अपने घरों या अपने दुकानों की छतों पर सोलर पैनल लगवाकर इस नवीनीकरण ऊर्जा से बिजली का उत्पादन आसानी से कर सकते हैं। आप बड़े क्षेत्र में solar power plant को भी लगवा सकते हैं। सूर्य की किरणें बिजली उत्पादन के लिए रॉ मैटेरियल की तरह काम करता है। सोलर पैनल में सिलिकॉन सेल होता है जिसके कारण इसमें इलेक्ट्रॉन की मात्रा भी बढ़ जाती है। इस सिलिकॉन प्लेट पर इलेक्ट्रान का प्रवाह होता है इससे ही बिजली कहा जाता है। इस इलेक्ट्रान को करंट कहा जाता है। इस करंट को इन्वर्टर के माध्यम से डीसी या एसी में बदल दिया जाता है।

बिजली उत्पादन के स्त्रोत

जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला, तेल तथा प्राकृतिक गैस और पानी द्वारा भी बिजली का उत्पादन किया जाता है। हमारे घरों तक आने वाली बिजली को इन्हीं स्रोतों द्वारा बनाया जाता है। बिजली उत्पादन के दूसरे स्त्रोतों को भी कई कैटेगरीज में बांटा गया है जैसे –

  • Thermal Power
  • Diesel Power
  • Hydro Power
  • Nuclear Power

1. Thermal Powerथर्मल पॉवर (Thermal Power )से नीचे दिए गए तरीकों से बिजली का उत्पादन किया जाता है –

  • Pulverized Coal-Fired Power Generation – इस विधि में कोयले से बिजली का उत्पादन किया जाता है। Pulverized Coal-Fired Power Generation का मुख्य तरीका है coal द्वारा बिजली का उत्पादन किया जाना। इस मेथड में coal को पाउडर के रूप में पीसा जाता है। जिसके बाद इसे boiler में जलाया जाता है।अब इस बॉयलर से हीट द्वारा पानी को वाष्प में बदल दिया जाता है। इस भाप का दाब steam turbine को घुमाता है जिसके कारण generator से electricity उत्पन्न होती है।
  • Combined Cycle Power Generation – इस विधि में combined cycle power generation में compressed air में ईंधन को जलाया जाता है और इससे गैस का उत्पादन होता है। इस गैस के प्रेशर से gas turbine घूमने लगती है और इसमें लगे generator से बिजली (electricity) का उत्पादन किया जाता है।
  • Integrated Coal Gasification Combined Cycle (IGCC) – Integrated Coal Gasification Combined Cycle (IGCC) विधि में कॉर्बन ईंधन का Gasification किया जाता है। गैस में बदले हुए ईंधन को compressed air में जलाया जाता है जिससे अधिक दबाब वाली गैस को उत्पन्न किया जाता है। यान सम्पीड़ित गैस के दबाब से turbine घूमता है और टरबाइन के रोटेशन से बिजली उत्पन्न होती है।

पानी से बिजली उत्पादन (Hydro Power)

बांधों का निर्माण बिजली उत्पादन के लिए ही किया जाता है। दिन प्रतिदिन बिजली की खपत बढ़ती जा रही है। बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर बांधों /डैम का निर्माण किया जाता है। हाइड्रो पॉवर से बिजली के उत्पादन के लिए नदियों या ग्लेशियरों के पानी को रोका जाता है जिसके लिए डैम का निर्माण किया जाता है। इस इक्कठा हुए पानी को ऊँची जगह से नीचे गिराया जाया है इस पानी से डैम में लगा हुआ turbine घूमता है। टरबाइन के घूमने से generator चलने लगता है और इससे बिजली का उत्पादन होता है।

Diesel Power -डीजल से बिजली उत्पादन

इस विधि डीजल इंजन का प्रयोग किया जाता है। इसमें डीजल इंजन का प्रमुख रूप से किया जाता है। डीजल के जलने पर rotational energy को पैदा किया जाता है। डीजल इंजन की घूर्णन ऊर्जा को electrical energy में change किया जाता है।

परमाणु ऊर्जा से बिजली का निर्माण (Nuclear Power )

परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन में यूरेनियम का प्रयोग किया जाता है। इस विधि में परमाणु का विखंडन होता है जिसके परिणाम स्वरुप उष्मीय ऊर्जा का उत्पादन होता है। Nuclear Power परमाणु ऊर्जा से बिजली को 2 तरीके से उत्पादित किया जाता है –

  • Boiling Water Reactor (BWR) – इस मेथड में Nuclear fusion से reactor core में ऊष्मा पैदा होती है। जिसके कारण पानी बॉइल होता है और पानी से भाप पैदा होती है। इसी भाव के कारण टरबाइन घूमती है जिससे electricity को generate किया जाता है।
  • Pressurized Water Reactor (PWR) – Pressurized Water Reactor (PWR) विधि में भी Boiling Water Reactor की तरह ही Nuclear fusion से reactor core में heat को पैदा किया जाता है। इस विधि में गर्म पानी को Boil होने से पहले ही हाई प्रेशर से दबा दिया जाता है। high temperature और pressure के साथ पानी को steam generator में भेजा जाता है जहाँ पानी को बॉइल कर इसके भाव से turbine को घुमाया जाता है और इससे बिजली का उत्पादन किया जाता है।

बिजली हमारे घर तक कैसे पहुचायी जाती है ?

स्कूल कॉलेज या घरों में आपको जो भी विद्युत उपलब्ध कराई जाती है उसके लिए 3 बिजली कंपनी कार्य करती हैं।

1. Power Producer : ऐसी सभी कंपनी जो रिन्यूएबल और नॉन रिन्यूएबल एनर्जी से बिजली उत्पादन का कार्य करती हैं ;उदहारण के लिए Torrent Power, Tata Power, Adani Power, NTPC आदि।
2. Power Transmission: वह सभी कंपनियां जिनका कार्य Electricity को देश के हर राज्य के बिजली डिस्ट्रीब्यूट करने वाली कंपनी तक पहुँचाना होता है।
3. Power Distribution: वह कपनियां जो बिजली को हमारे घर, फैक्ट्री, स्कूल,ऑफिस तक Distribute करती हैं उदहारण के लिए Tata Power, Adani Electricity, Torrent Power, UPPCL, SBPDCL,DHVVN, BSEDELHI आदि।

बिजली (Electricity) कैसे बनती है से सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले सवाल –

बिजली का उत्पादन कैसे होता है ?

बिजली का उत्पादन पवन चक्कियों ,जीवाश्म ईंधन जैसे कोयले ,पानी और परमाणु ऊर्जा द्वारा किया जाता है।

हाइड्रो पॉवर क्या होती है ?

जल विद्युत या हाइड्रो पॉवर पानी से बिजली का उत्पादन किया जाता है। डैम के निर्माण से पानी की सहायता से बिजली का उत्पादन किया जाता है।

बिजली उत्पादन के लिए किन तरीकों का प्रयोग किया जाता है ?

Electricity के उत्पादन के लिए प्राकृतिक स्त्रोत जैसे सूर्य की रौशनी ,हवा ,ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। साथ ही कोयले का प्रयोग भी बिजली उत्पादन में किया जाता है।

सूर्य की रौशनी से बिजली उत्पादन कैसे किया जाता है ?

सोलर पैनल की सहायता से सूर्य की किरणों से बिजली उत्पादित की जाती है।

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