यदि आपको फुटबॉल देखना या खेलना पसंद है तो आपने रोनाल्डो ,मेसी जैसे खिलाड़ियों का नाम तो सुना ही होगा। और यदि आप फुटबॉल के दीवाने हैं तो आपने फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट फीफा का नाम भी सुना होगा। आमतौर पर फीफा वर्ल्ड कप जून और जुलाई माह में खेला जाता है।
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फीफा वर्ड कप का आयोजन चार साल में एक बार किया जाता है और विजेता टीम को FIFA ट्रॉफी से सम्मानित किया जाता है। शायद ही कुछ लोग इसके बारे में जानते होंगे की फीफा की शुरुआत के बाद से फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी को दो बार डिज़ाइन किया जा चुका है। आज के लेख में हम दुनियां की सबसे कीमती FIFA ट्रॉफी का इतिहास एवं इससे जुड़ी कुछ खास बातें आपको बताने जा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी एक बार चोरी हुई थी जिसे एक कुत्ते द्वारा खोजा गया था।
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दुनियां की सबसे कीमती FIFA ट्रॉफी का इतिहास (History of FIFA World Cup Trophy)
क्या आप जानते हैं फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी को अब तक दो बार डिजाइन किया जा चुका है। सबसे पुरानी और पहली FIFA ट्रॉफी का नाम जूल्स रिमेट ट्रॉफी (Jules Rimet Trophy) था। इस ट्रॉफी का नाम जूल्स रिमेट के नाम पर रखा गया था। जूल्स रिमेट द्वारा ही 1928 में पहली बार फीफा वर्ड कप को आयोजित करने की योजना बनाई गयी थी और जूल्स रिमेट ट्रॉफी को इन्ही के द्वारा डिजाइन किया गया था। साल 1930 से लेकर 1970 तक जूल्स रिमेट ट्रॉफी को विजेता देश की टीम को दिया जाता था। 1970 के बाद से इस ट्रॉफी के डिजाइन में बदलाव किये गए और 1974 फीफा वर्ल्ड कप की इस ट्रॉफी को फ्रैंच में कूप डू मोंडे नाम से जाना जाने लगा।
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फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी जूल्स रिमेट ट्रॉफी (Jules Rimet Trophy)
साल 1930 से 1970 तक जूल्स रिमेट ट्रॉफी को विजेता देश को दिया जाता था। इस ट्रॉफी को फीफा फुटबॉल एसोसिएशन के तीसरे अध्यक्ष जूल्स रिमेट की देखरेख में डिजाइन किया गया था। इनके द्वारा ही साल 1928 में पहली बार फीफा वर्ड कप को आयोजित करने की योजना तैयार की गयी थी। जूल्स रिमेट ट्रॉफी का नाम जूल्स रिमेट के नाम पर ही रखा गया था।
क्या आप जानते हैं fifa world cup की पहली Jules Rimet Trophy को खरे सोने से बनाया गया था। इस ट्रॉफी में ग्रीक देवी नाइके की मूर्ति बनाई गयी थी। जिसे एबेल लाफलेउर द्वारा डिज़ाइन किया गया था। जूल्स रिमेट ट्रॉफी के डिजाइनर एबेल लाफलेउर मूल रूप से फ्रांस के मूर्तिकार थे। वर्तमान समय में फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी गोल्ड प्लेटेड स्टर्लिंग सिल्वर से बनायीं है इस ट्रॉफी में लेपिस लजूली पत्थर बहुत बेशकीमती पत्थरों में से एक है इसे भी लगाया गया है। इस ट्रॉफी के सबसे निचले हिस्से में नीचे चारों तरफ सोने की प्लेट है जिसपर विजेता देशों का नाम दर्ज होता है।
जूल्स रिमेट ट्रॉफी का मूल नाम विक्ट्री था जिसे कूप डू मोंडे फ्रैंच में कहा जाता था। यह ट्रॉफी ऊंचाई 35 सेमी और 3.8 किग्रा की थी जिसे गोल्ड प्लेटेड स्टर्लिंग सिल्वर से निर्मित किया गया था। साल 1946 में इस ट्रॉफी का नाम जूल्स रिमेट ट्रॉफी किया गया। इस ट्रॉफी को कोंटे वर्डे के माध्यम से उरुग्वे ले जाया गया था। उरुग्वे फीफा का पहला चैंपियन बना और 1930 में ट्रॉफी को अपने नाम किया। इसके चार साल बाद 1934 में इटली द्वारा इसे जीतकर यूरोप ले जाया गया। द्वितीय विश्व युद्ध 1942 और 1946 में फीफा टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हुआ।
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साल 1966 में चोरी हुयी थी फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी
20 मार्च 1966 को इंग्लैंड जिस समय फीफा वर्ड कप की मेजबानी कर रहा था उस समय Jules Rimet Trophy को चोरों ने डिसप्ले कैबिनेट से चुरा लिया था। उस समय इस ट्रॉफी की कीमत करीबन 30,000 पाउंड थी। इस ट्रॉफी को एक कुत्ते ने ढूंढ निकाला था। ट्रॉफी के चोरी होने के बाद से पुलिस एजेंसियां उसे ढूंढने में लग गयी थी। लेकिन कामयाब नहीं हो पायी।
एक दिन थेम्स लाइटरमैन डेविड कॉर्बेट लंदन के बेउला हिल शहर में अपने कुत्ते को लेकर सैर कर रहे थे उसी समय किसी काम के कारण उन्हें टेलीफोन बूथ पर जाना पड़ा उसी समय उनके कुत्ते को किसी कार के नीचे अखबार में लिप्त हुआ पैकेट दिखाई दिया जिससे सूंघने के बाद कुत्ते अपने मालिक कार्बेट के पास गया और उन्हें उस अखबार के सामान तक ले आया। इस पैकेट को खोलने पर कॉर्बेट को FIFA वर्ल्ड कप ट्रॉफी दिखाई दी जो की चोरी हो चुकी थी। जिस कुत्ते ने यह ट्रॉफी ढूंढ निकाली थी उसका नाम पिकल्स था। जिसे आज भी इस काम के लिए याद किया जाता है।
कॉर्बेट ने इस ट्रॉफी को पुलिस स्टेशन में सौंप दिया था। लेकिन पुलिस वालों को उनपर ही चोरी का शक हुआ जिसके चलते उन्हें कुछ समय के लिए पुलिस कस्टीडी में लिया गया। लेकिन कॉर्बेट अपराध के समय अन्य स्थान में मौजूद थे जिसे साबुत उनके पास था इसी सबूत पर उन्हें क्लीन चिट दी गयी।
फीफा विश्व कप
2022 का विश्व कप अब तक का 22 वां फीफा विश्व कप था। साल 1974 में फुटबॉल वर्ल्ड चैम्पियन को नए संस्करण से नवाजा गया जिसे फीफा विश्व कप ट्रॉफी नाम दिया गया। लगभग सात देशों के विभिन्न मूर्तिकारों ने इस ट्रॉफी के लिए 53 नए डिजाइन प्रस्तुत किये। अंत में इन सभी डिजाइनों में से इस ट्रॉफी के डिजाइन की जिम्मेदारी इटली के एक कलाकार सिल्वियो गाजानिगा को दी गयी थी।
फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी की लम्बाई 36.5 cm है और यह 6.175 किलोग्राम वजनी है जोकि 18 कैरेट लगभग 75 प्रतिशत सोने से निर्मित है। इस ट्रॉफी का सबसे निचला भाग गोलाकार है और यह 13 cm परिधि का है और यह मेलाकाइट की 2 लेयर से बना है। इस ट्रॉफी के सबसे नीचे भाग में यानी आधार की तरफ फीफा विश्व कप बड़े अक्षरों में उकेरा गया है। मौजूदा समय में FIFA वर्ल्ड कप ट्रॉफी की कीमत 20 मिलियन डॉलर के आस-पास है।
फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी से जुड़ी कुछ और खास बातें
(Facts of FIFA World Cup Trophy in Hindi)
- FIFA World Cup Trophy का वजन लगभग 6.175 किलोग्राम है। वही इसकी लम्बाई 36.8 सेंटीमीटर और चौड़ाई 12.5 सेंटीमीटर है।
- वर्तमान समय में फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी 18 कैरेट सोने का की बनी है।
- फीफा वर्ल्ड कप की पुरानी ट्रॉफी को Jules Rimet Trophy नाम से जाना जाता था।
- Jules Rimet Trophy को एक फ्रांसीसी मूर्तिकार एबेल लाफलेउर ने डिजाइन किया था।
- फीफा वर्ल्ड कप की सबसे पहली /पुरानी ट्रॉफी जिसका नाम Jules Rimet Trophy था इसे फीफा फुटबॉल एसोसिएशन के तीसरे अध्यक्ष जूल्स रिमेट के नाम पर रखा गया था।
- सबसे पहली या पुरानी ट्राफी में ग्रीक देवी नाइके की मूर्ति उकेरी गयी थी।
- साल 1966 में जब इंग्लैंड फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा था उस समय फीफा ट्रॉफी चोरी हो गयी थी जिसे पिकल्स नाम के एक कुत्ते ने एक कार के नीचे से खोज निकाला था।
- वर्तमान समय की फीफा वर्ल्ड कप में दो इंसानों की आकृति को उकेरा गया है इन दोनों ही आकृतियों ने अपने हाथों में पृथ्वी को उठाया हुआ है।
- वर्तमान फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को फ्रेंच में कूप डू मोंडे नाम से जाना जाता है । अब इस ट्रॉफी को इसके मूल नाम विक्ट्री से जाना जाता है।
FIFA का पूरा नाम international Federation of Association Football है जिसे हिंदी में एसोसिएशन फुटबॉल का अंतरराष्ट्रीय महासंघ कहते हैं।
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