केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2007 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की शुरुआत की गयी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को फसल सुधार से लेकर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गयी है। केंद्र सरकार की यह स्कीम कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के विकास को सुनिश्चित किया जायेगा। Rashtriya Krishi Vikas Yojana के आधार पर राज्यों को अपने अनुसार अपनी कृषि एवं संबंधित क्षेत्र की विकास गतिविधियों में चयन करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से Rashtriya Krishi Vikas Yojana से संबंधित सभी जानकारी को साझा करने जा रहे है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, कार्यान्वयन प्रक्रिया और लाभ से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े।
Table of Contents
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गयी इस योजना के अंतर्गत सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी कृषि से जुड़ी गतिविधियाँ एवं संबंधित क्षेत्र के विकास कार्यों को चुनने का अवसर मिलेगा। केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में लागू किया गया था। इस योजना हेतु ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में राज्यों के लिए 22408.76 करोड़ रुपये जारी किये। जिसमें 5 हजार 768 परियोजनाओं को लागू किया गया। इसी के साथ बारहवीं पंचवर्षीय योजना में 3148.44 करोड़ रुपये जारी किये थे। इस राशि के अंतर्गत बागवानी ,फसल विकास ,कृषि मशीनरीकरण आदि क्षेत्रों में 7 हजार 600 योजनाओं को लागू किया गया था।
वित्तीय वर्ष 2014-15 के अंतर्गत राष्ट्रीय विकास योजना को केंद्रीय के साथ 100 प्रतिशत के रूप में लागू किया जा रहा था ,लेकिन वित्तपोषण पैटर्न को केंद्र और राज्यों के मध्य 60:40 अनुपात में विभाजित किया गया। हालाँकि केंद्र शासित प्रदेशों के लिए इस स्कीम का फंडिंग पैटर्न 100 प्रतिशत अनुदान है।
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Key Details of Rashtriya Krishi Vikas Yojana
योजना का नाम | राष्ट्रीय कृषि विकास योजना |
योजना की शुरुआत | वर्ष 2007 |
वर्ष | 2024 |
---|---|
योजना शुरू की गयी | भारत सरकार के अंतर्गत |
लाभार्थी | किसान |
उद्देश्य | कृषि क्षेत्र का विकास करना |
लाभ | किसानों की आय में वृद्धि |
आधिकारिक वेबसाइट | यहां क्लिक करें |
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के उद्देश्य
मुख्य उद्देश्य है कृषि से जुड़े सभी क्षेत्रों का विकास करना, इस योजना के आधार पर कृषि उद्यमिता व्यवसाय को बढ़ावा दिया जायेगा। भारत सरकार की यह योजना कृषि निर्माण के ढांचे का निर्माण करने हेतु अपनी एक विशेष भूमिका निभाएगी। इस स्कीम के तहत भंडारण, गुणवक्तापूर्ण इनपुट, बाजार सुविधा में आदि की पहुंच को सुनिश्चित किये जाने का कार्य करेगा। साथ ही किसानों की आवश्यकता के आधार पर योजना का निर्माण भी किया जायेगा। यह योजना किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी। जिसके साथ-साथ कृषि किसानों के आर्थिक विकास में भी सुधार किया जायेगा। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में किसानों को लाभ प्रदान किया जायेगा।
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कृषि विकास योजना के अंतर्गत शामिल विभाग
- क्रॉप हसबेंडरी
- एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड एजुकेशन
- एनिमल हसबेंडरी एंड फिशरीज
- हॉर्टिकल्चर
- डेयरी डेवलपमेंट
- सॉइल एंड वॉटर कंजर्वेशन
- फॉरेस्ट्री एंड वाइल्डलाइफ
- अदर एग्रीकल्चरल प्रोग्राम एंड कोऑपरेशन
- फूड स्टोरेज एंड वेयरहाउसिंग
- प्लांटेशन एंड एग्रीकल्चरल मार्केटिंग
- एग्रीकल्चरल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन
Rashtriya Krishi Vikas Yojana components
- रेगुलर आरकेवीवाई रफ़्तार– RKVY के इस कम्प्लेट के अंतर्गत राज्य के द्वारा 70 प्रतिशत लागत में से 20 प्रतिशत लागत का भाग फसल के पहले बेसिक ढांचे की स्थापना के लिए उपयोग कर सकते है। इसी के साथ 30 प्रतिशत बजट का प्रयोग कटाई के बाद मूलभूत ढाँचे की स्थापना के लिए कर सकते है। सभी स्टेट अपनी भूमि स्तर पर आवश्यकता अनुसार परियोजनाओं का चयन कर सकते है।
- मूल्यवर्धन से जुड़ी परियोजनाएं– किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए आरकेवीवाई के इस घटक के तहत बजट के 70 प्रतिशत हिस्से से 30 प्रतिशत हिस्सा राज्य के मूल्य वर्धन कृषि व्यवसाय परियोजना के लिए प्रयोग किया जायेगा। इस प्रक्रिया के अनुसार उत्पाद से लेकर कृषि या संबंधित क्षेत्र की गतिविधियों के तहत किसानों की आय को दोगुना किया जायेगा।
- नियमित RKVY-RAFTAAR फ्लेक्सी फंड्स– योजना के इस घटक के अनुसार कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों की नई गतिविधियों के लिए राज्य द्वारा निधि की 70 प्रतिशत भाग में से 20 प्रतिशत भाग इस घटक के अंतर्गत उपयोग किया जा सकता है।
- स्पेशल सब स्कीम– इस स्कीम के अंतर्गत राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अंतर्गत कई तरह की योजनाएं जारी की जाती है। विभिन्न प्रकार के निधियों के आवंटन में सूक्ष्म सिंचाई ,फसल कटाई के बाद के प्रबंधन को पूर्ण रूप से प्रोत्साहित किया जायेगा। उन जिलों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जायेगा जहाँ सूखाग्रस्त से भूमि प्रभावित है। यदि एक वर्ष के अंतराल में भारत सरकार के द्वारा किसी भी विशेष योजना की घोषणा नहीं की जाती है या फिर बजटीय आवंटन में उप योजनाओं की राशि 20 प्रतिशत से कम होती है ऐसी स्थिति में बची राशि को रेगुलर RKBY निधि में आवंटित किया जायेगा।
- कृषि उद्यमिता विकास-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत कृषि उद्यमियों का विकास किया जायेगा। कृषि उद्यमी विकास हेतु अलग से बजट निर्धारित किया जायेगा। इस घटक के अनुसार कृषि उद्यमियों के कौशल का विकास किया जायेगा। साथ ही उनको सरकार के द्वारा आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की जाएगी। जिसके आधार पर वह अपना बिजनेस शुरू कर सकते है।
- फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन का प्रमोशन– भी राष्ट्रीय विकास योजना के अंतर्गत किया जाता है। इस घटक के आधार पर SPO का फार्मेशन के लिए कई तरह की योजनाओं को संचालित किया जाता है। जिन SPO में 500 से अधिक किसान शामिल होंगे उनको इसके माध्यम से लाभ प्रदान किया जायेगा।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का कार्यान्वयन
- Rashtriya Krishi Vikas Yojana के कार्यान्वयन में कृषि विभाग नोडल एजेंसी होगी।
- राज्य स्तर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत कार्यान्वयन हेतु राज्य सरकार के द्वारा राज्य स्तरीय कार्यान्वयन एजेंसी का गठन किया जायेगा।
- कार्यान्वयन एजेंसी के गठन के लिए राज्य को आवंटित किये गए बजट राशि में से 2 प्रतिशत राशि खर्च की जाएगी।
- राज्य स्तरीय कार्यान्वयन एजेंसी के माध्यम से डिस्ट्रिक्ट एग्रीकल्चर प्लान भी प्रदान किया जायेगा।
- Implementing Agency के माध्यम से स्टेट एग्रीकल्चर प्लान, स्टेट एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तैयार किया जायेगा।
- कार्यान्वयन एजेंसी के माध्यम से राज्य द्वारा आवंटित किये गए बजट का भी प्रबंधन किया जायेगा।
- Utilization Certificate जमा करने की प्रक्रिया भी कार्यान्वयन एजेंसी के द्वारा पूर्ण किया जायेगा।
- Implementation और Evaluation की जिम्मेदारी भी कार्यान्वयन एजेंसी की होगी।
RKVY राष्ट्रीय कृषि विकास योजना फंडिंग
- SLSC द्वारा नई योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु मंजूरी प्रदान करने के लिए वित्तीय वर्ष के समय में परियोजनाओं को जारी रखने के साथ-साथ approved projects की लिस्ट तैयार करने के लिए वार्षिक आवंटन का 50 प्रतिशत पहली किस्त के रूप में राज्यों को प्रदान किया जाता है।
- यदि अप्रूव की गयी प्रोजेक्ट की कुल लागत वार्षिक लागत से कम है तो अप्रूव प्रोजेक्ट की लागत को 50 प्रतिशत राशि जारी की जाएगी।
- निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने के लिए 50 प्रतिशत की दूसरी और अंतिम क़िस्त जारी करने के लिए योजना के तहत विचार विमर्श किया जायेगा।
- 100 प्रतिशत यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट प्रथम क़िस्त का
- पहली किस्त का 60 प्रतिशत धनराशि खर्च होने पर
- परफॉर्मेंस रिपोर्ट जमा करने पर
- राज्य के अंतर्गत समय पर रिपोर्ट न जमा करने की स्थिति में दूसरी क़िस्त की राशि को राज्य को आवंटित नहीं किया जायेगा।
- सभी अकाउंट सही से बनाये गए है इसकी जानकारी नोडल विभाग द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।
आरकेवीवाई के तहत मॉनिटरिंग एवं इवैल्यूएशन
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत मॉनटरिंग एवं वैल्यूएशन के लिए management information System स्थापित किया गया है।
- सभी प्रोजेक्ट्स एवं प्रॉपर्टी की जियो टैगिंग योजना के अंतर्गत की जाएगी।
- सिस्टम के आधार पर संस्था में परियोजना डेटा को सही समय से उपलब्ध किया जायेगा।
- RKVY की sub projects के तहत राज्य द्वारा स्वीकृत किये गए प्रोजेक्ट्स का 25 प्रतिशत भाग का मूल्यांकन एवं देखरेख राज्य के अंतर्गत तीसरे पक्ष की एजेंसी के माध्यम से किया जायेगा।
- मॉनिटरिंग एवं इवैल्यूएशन के लिए कार्य योजना SLSC के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष अपनी पहली बैठक में प्रोजेक्ट्स लागत परियोजना के महत्व के अनुसार तय किये जायेंगे।
- राज्य सरकार के अंतर्गत प्रदान किये बजट में से 2 प्रतिशत राशि मॉनिटरिंग एवं इवैल्यूएशन के लिए खर्च की जाएगी।
- नेशनल स्तर में मॉनटरिंग एवं इवैल्यूएशन डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर कोऑप्रेशन और फार्मर वेलफेयर के अंतर्गत किया जायेगा।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत कार्यान्वयन हेतु एक समर्पित सेल को भी स्थापित किया जायेगा।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लाभ एवं विशेषतायें
- यह योजना केंद्र सरकार के अंतर्गत वर्ष 2007 में शुरू की गयी।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को ग्यारहवीं एवं बारहवीं पंचवर्षीय योजना में लागू किया गया है।
- इस योजना के अंतर्गत किसानों को कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में अधिकतम लाभ प्रदान किया जायेगा।
- भारत सरकार के द्वारा इस स्कीम हेतु तैयार किये गए विभिन्न घटकों के माध्यम से उत्पादन एवं उत्पादकता में परिवर्तन लाया जायेगा।
- आरकेवीवाई योजना के माध्यम से सभी राज्यों को प्रोत्साहित किया जायेगा साथ ही कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में निवेश को बढ़ाया जायेगा।
- ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के समय में राज्य में 22408.76 करोड़ रुपये जारी किये गए थे। इसके साथ ही 5768 प्रोजेक्ट्स लागू किये गए थे।
- बारहवीं पंचवर्षीय योजना में RKVY के अंतर्गत 3148.44 करोड़ रूपये जारी किये गए थे ,साथ ही इसमें फसल विकास, बागवानी, कृषि मशीनरीकरण आदि क्षेत्रों में 7600 प्रोजेक्ट को लागू किया गया था।
- Rashtriya Krishi Vikas Yojana के माध्यम से कृषि जलवायुवीय स्थितियों ,प्रौद्योगिकी ,एवं प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर जिला एवं राज्यों हेतु कृषि योजनाएं बनायीं जाएगी।
आरकेवीआई पात्रता एवं इंटर स्टेट फंड एलोकेशन
- इस योजना के अंतर्गत देश के सभी राज्यों के किसान नागरिक आवेदन कर सकते है।
- RKVY के माध्यम से 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार के द्वारा खर्च की जाएगी। इसके साथ ही बकाया की 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार के द्वारा खर्च किया जायेगा।
- नार्थ ईस्टन एवं पहाड़ी राज्यों के लिए केंद्र सरकार के द्वारा योजना के अंतर्गत 90 प्रतिशत राशि खर्च की जाएगी इसी के साथ राज्य सरकार के द्वारा बाकी की 10 प्रतिशत राशि खर्च की जाएगी।
- इसी के साथ केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भारत सरकार की इस स्कीम के आधार पर 100 प्रतिशत राशि खर्च केंद्र सरकार के द्वारा की जाएगी।
(रजिस्ट्रेशन) राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) | ऑनलाइन आवेदन, ऑनलाइन पंजीकरण
RKVY आवेदन करने हेतु दस्तावेज
- आधार कार्ड
- आयु प्रमाण पत्र
- आवासीय प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ़्तार) |Rashtriya Krishi Vikas Yojana (Raftaar)” (rkvy.nic.in) की आधिकारिक वेबसाइट में विजिट करें।
- वेबसाइट के होम पेज में रजिस्ट्रेशन के विकल्प में क्लिक करें।
- नए पेज में रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलने के बाद उसमें दी गयी सभी जानकारी को दर्ज करें।
- सभी महत्वपूर्ण जानकारी भरने के बाद आवेदन फॉर्म के साथ मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों को फॉर्म के साथ अपलोड करें।
- इसके बाद फॉर्म को सबमिट करें।
- रजिस्ट्रेशन संख्या प्राप्त होने के बाद राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी।
- इस तरह से आप राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते है।
Rashtriya Krishi Vikas Yojana से संबंधित प्रश्न उत्तर
केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की शुरुआत वर्ष 2007 में की गयी है।
केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गयी Rashtriya Krishi Vikas Yojana के माध्यम से कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों का समग्र रूप से विकास किया जायेगा। आरकेवीवाई के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में विकास होने से देश के किसान नागरिकों को लाभ मिलेगा।
ग्यारहवीं एवं बारहवीं पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को लागू किया गया था।
किसान नागरिकों को कृषि विकास योजना के अंतर्गत विभिन्न तरह के फायदे होंगे। किसानों की आय में वृद्धि होगी साथ ही फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में योजना के अंतर्गत तैयार किये गए घटकों के आधार पर कृषि क्षेत्र के लिए एक नई रूप रेखा तैयार की जाएगी। जिससे किसानों को कृषि क्षेत्र में लाभ मिल सके।