विश्व में हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, तंबाकू एक जानलेवा पदार्थ है। ये बात सब लोग जानते हैं लेकिन फिर भी इसका उपयोग करते है। दोस्तों जैसे की आपने सुना या फिर देखा भी होगा कि तंबाकू का अधिक सेवन करने से कई लोगों की जान जा चुकी है। कुछ लोगों को तो इसके हानिकारक प्रभाव के बारे में पता भी नहीं होता है। इस लिए लोगों में जागरूकता फ़ैलाने के लिए हर साल तंबाकू दिवस मनाया जाता है। इसके अधिक सेवन से हमारे शरीर को कितना नुकसान पहुँचता है, इसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है। तंबाकू हमारे शरीर के लिए जहर समान है,
जो धीरे-धीरे करके हमारे पूरे शरीर में फ़ैल जाता है और कई बीमारियों को जन्म देता है। तो आइये जानते है विश्व तंबाकू निषेध दिवस क्या है।
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विश्व तंबाकू निषेध दिवस
31 मई को पूरी दुनिया में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। तंबाकू का उपयोग करने से हमारे शरीर में अनेक बीमारी उत्पन्न होती है। जिसकी वजह से छोटी-सी उम्र में कई सारे लोगों की जान चले जाती है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रत्येक साल पूरी दुनिया में 80 लाख से अधिक लोग अपनी जान खो बैठते है, वो भी सिर्फ तंबाकू के सेवन करने से। इसलिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस के माध्यम से लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है।
जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा कई प्रचार-प्रसार, कैंप किये जाते है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1987 में पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाया था। इसके बाद 1988 में WHA40.19 पारित किया गया। विश्व तंबाकू निषेध को मनाने में हर साल WHO का समर्थन मिलता है।
आर्टिकल का नाम | विश्व तंबाकू निषेध दिवस |
वर्ष | 2023 |
दिवस की शुरुआत | 7 अप्रैल 1988 |
विश्व तंबाकू निषेध की तारीख | 31 मई |
दिवस का उद्देस्य | लोगों को हानिकारक पदार्थ से बचाना, मौत के आंकड़ों को कम करना |
2023 की थीम | “हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नहीं” |
होने वाली बीमारियां | कैंसर, स्ट्रोक, डायबिटीज, गले का कैंसर और दिल की बीमारी |
तंबाकू के अधिक सेवन से होने वाले गंभीर प्रभाव
तंबाकू एक बेहद ही हानिकारक पदार्थ है। इसकी लत का शिकार पूरी दुनिया हो गई है। यह आने वाले भविष्य के लिए अच्छा नहीं है तो आइये जानते है तंबाकू के हानिकारण प्रभाव –
- तंबाकू के अधिक सेवन से हर साल पूरी दुनिया में लाखों लोगों को मौत हो रही है।
- ऐसा माना जाता है, विकलांग होने का मुख्य कारण अधिक विषैले पदार्थों का सेवन करने से होता है और उनमें से एक तंबाकू भी है।
- भारत दुनिया का दूसरे नंबर पर तंबाकू का सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादन करने वाला देश है, इसी वजह से भारत देश में हर साल 5 लाख से अधिक मौत तंबाकू के सेवन से हो रही है।
- तंबाकू को बुरा प्रभाव केवल उसका उपयोग करने वाले व्यक्ति पर ही नहीं पड़ता है, बल्कि उसके पुरे परिवार पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
- वर्त्तमान समय में छोटी उम्र के बच्चे तंबाकू के सेवन कर रहे है। जो उनके आने वाले भविष्य के लिए बेहद ही ख़राब है।
- देश में बढ़ रही गंभीर बीमारियां जैसे – कैंसर, स्ट्रोक, डायबिटीज, दिल की बीमारी और तंबाकू चबाने से ग्रसनी, मुंह और गले का कैंसर आदि गंभीर बीमारी जन्म ले लेती है।
- अधिकतम मुँह का कैंसर 90% मामले तंबाकू की वजह से होते है।
World No Tobacco Day का महत्व
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के माध्यम से तंबाकू से होने वाले बुरे प्रभाव के बारे में बताने के लिए अभियान, कार्यक्रम, कैंप, और अन्य गतिविधियाँ की जाती है।
ताकि लोग सही समय पर इसके बुरे प्रभाव से अवगत हो जाये और इसका सेवन करना छोड़ दे। यदि कोई भी इंसान इसका सेवन जितनी जल्दी छोड़ देता है, तो उसका तत्काल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य सही हो सकता है।
World No Tobacco Day मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के सेवन को ख़त्म करना और इसकी वजह से होनी वाली मौतों के आकड़े को कम करना है। लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और तंबाकू के अधिक सेवन से होने वाले बुरे प्रभाव को लोगों तक बताना ही दिवस का उद्देश्य है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास
सबसे पहले WHO द्वारा 1987 में सभी संगठन के सामने एक प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें 7 अप्रैल 1988 को विश्व धूम्रपान निषेध दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिवस के रूप से सभी लोगों को 24 घंटे के लिए तंबाकू का उपयोग करने से रोका गया।
कुछ समय बाद इस दिवस का दिन बदल दिया जो कि अब 31 मई को मनाया जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने 2008 में हानिकारक पदार्थों के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी थी। ताकि कोई भी व्यक्ति इस विज्ञापन के माध्यम से हानिकारक पदार्थों के प्रति आकर्षित न हो।
तंबाकू से पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव
- तंबाकू से जितना अधिक नुकसान मानव जीवन को है, उतना ही हमारे पर्यावरण को है।
- तंबाकू की खेती करने से मिट्टी की गुणवत्ता कम हो जाती है। इसके अलावा वायु प्रदूषण और जैव विविधता को भी नुकसान होता है। तंबाकू मानव संसाधन के साथ-साथ हमारे देश की आय को भी बड़े पैमाने पर क्षति पहुँचाता है।
- तंबाकू का निर्माण करने से जो गन्दा धुँवा निकलता है, उससे ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है, जो की हमारे वातावरण के लिए बहुत ही हानिकारक है।
- जब तंबाकू मिट्ठी के साथ मिल जाता है, तो वह मिट्टी के साथ-साथ पानी को भी ख़राब कर देती है।
“विश्व तंबाकू निषेध दिवस थीम”
हर साल इस दिवस पर लोगों में जागरूपता फ़ैलाने के लिए नए-नए थीम को लाया जाता है। इस थीम का मुख्य उद्देश्य अलग-अलग तरीके से लोगों को तंबाकू का सेवन करने से बचाना और देश में बढ़ रही गंभीर बीमारियों को रोकना।
इस साल की थीम का नाम (We need food, not tabacco) हमें भोजन की आवश्यकता की तंबाकू की नहीं। अभियान का मुख्य उद्देश्य, किसान तंबाकू की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाते है, लेकिन इसका दूसरे व्यक्ति पर कितना बुरा प्रभाव होगा ये नहीं जानते है। इसलिए उन्हें इस थीम के माध्यम से जागरूक करना और उन्हें रोकना। पौष्टिक खेती करने के लिए सहयोग और प्रोत्साहन प्रदान करना ही इस Theme का उद्देश्य है।
तंबाकू के उपयोग को रोकने के उपाय
- सरकार ने तंबाकू के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा देनी चाहिए। ऐसा करने से लोग इसकी तरफ आकर्षित नहीं होंगे और न ही इसका अधिक उपयोग करेंगे।
- तंबाकू बनाने वाले उद्योग और कारखानों को बंद कर देना चाहिए। यदि इन चीज़ों का उत्पादन नहीं होगा तो लोग इसका सेवन भी नहीं कर पाएंगे।
- सरकार द्वारा तंबाकू के सभी तरह के विज्ञापन पर रोक लगा देना ही सबसे अच्छा उपाय है। ताकि जिन लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है वह इसका उपयोग नहीं करेंगे।
तंबाकू में पाया जाने वाला जहरीला पदार्थ
फेफड़ों से सम्बंधित अधिकांश बीमारी केवल तंबाकू की वजह से होती है। क्योंकि इसमें निकोटिन के साथ-साथ अन्य 60 तरह के विषैले पाए जाते है। जो कि हमारे फेफड़ों की कोशिकाओं में ऑक्सीजन ग्रहण करने और कार्बन- डाई ऑक्साइड गैस को छोड़ने की झमता को कम कर देता है
और ऐसा करने से कुछ समय बाद यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में बदल जाता है। मनुष्य में रोग प्रतिरोधक कम हो जाती है और अंत में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
तंबाकू में निकोटिन की मात्रा अधिक होने से जब व्यक्ति इसका सेवन करना है, तो उसे अलग-सा ही आनंद महसूस होता है। और बार-बार इस आनंद को लेने के लिए वह निरन्तर तंबाकू का सेवन करता है
और एक दिन उस व्यक्ति को इसकी लत लग जाती है। फिर तम्बाकू में पाया जाने वाला जहरीला पदार्थ धीरे-धीरे उसके पुरे शरीर में फ़ैल जाता है। और अनेक बीमारियों को जन्म दे देता है।
World No Tobacco Day से सम्बंधित सवालों के जवाब
हर साल 31 मई को पूरी दुनिया में विश्व तंबाकू निषेध दिवस जाता है।
इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देस्य, लोगों को तंबाकू के हानिकारक प्रभाव से बचाना, स्वास्थ्य के प्रति जागरूप करना और तंबाकू की वजह से होने वाली मौत के आकड़े को कम करना ही इस दिवस का उद्देस्य है।
World No Tobacco Day Theme 2023 का नाम “हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नहीं” (We need food, not tabacco) था।
तंबाकू का सेवन न करने से व्यक्ति को बेचैनी, घबराहट और शरीर कापने लग जाता है।