आज के समय में हर कोई व्यक्ति अधिक सैलरी और सम्मानित जॉब करना चाहते है। ऐसे ही हमारे देश में एमडी/एमएस और एमबीबीएस डॉक्टरों की बहुत अच्छी जॉब मानी जाती है, क्योंकि एक डॉक्टर का काम किसी बीमार व्यक्ति को स्वस्थ करना, उसका इलाज करना और कई बड़ी बीमारियों से लेकर छोटी बीमारियों को सही करना है।
इसी वजह से डॉक्टर को भगवान के रूप में माना जाता है। लेकिन आज के समय में डॉक्टर बनना आसान नहीं है, डॉक्टर बनने के लिए उत्तम कौशल और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसलिए आपको किसी अच्छी डिग्री का आवश्यकता, सालों का कोर्स, अच्छी रैकिंग हासिल करना और अन्य कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता है।
यदि आपका भी डॉक्टर बनने का सपना है तो उससे पहले MD/MS & MBBS Doctors के बारे में थोड़ा जान लीजिए। तो आइये जानते है भारत में एमडी/एमएस और एमबीबीएस डॉक्टरों की सैलरी कितनी है ? आर्टिकल से जुडी सभी जानकारियों को प्राप्त करने के लिए हमारे लेख को अंत तक पढ़े।
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The Prestigious Medical Field
अगर आपका Medical line में जाने का सपना है और आप भारत के टॉप कॉलेज से पढ़ाई करना चाहते है तो उसके लिए भारत के टॉप 5 मेडिकल कॉलेज का चयन कर सकते है जिसकी लिस्ट नीचे दी गई है –
क्रं | कॉलेज का नाम | स्थान | रैंक |
1. | अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स , AIIMS) | नई दिल्ली | 92.07 |
2. | स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान | चंडीगढ़ | 82.62 |
3. | क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज | वेल्लोर (बेंगलुरु) | 75.33 |
4. | राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान | बैंगलोर | 73.45 |
5. | संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज | लखनऊ | 72.45 |
Significance of MD/MS and MBBS Degrees
चिकित्सा क्षेत्र में हर किसी का अलग-अलग महत्व होता है। MBBS डॉक्टर की सैलरी की बात करें तो शुरुआत में कम होती है लेकिन जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है, वैसे ही उनके पद और सैलरी में बढ़ोतरी होने लगती है।
MBBS करने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में बेसिक जानकारी होती है, किसी अच्छे पद को प्राप्त करने के लिए MBBS की पढ़ाई करने के बाद MD/MS किया जाता है।
मेडिकल क्षेत्र में MD करने वाले व्यक्ति को किसी विशेष फील्ड/क्षेत्र का मास्टर कहा जा सकता है जैसे – कानों का डॉक्टर, इसे कानों के बीमारी के बारे में पूरी जानकारी होती है। MS डॉक्टर वह होता है, जो सर्जरी के फील्ड में मास्टर डिग्री प्राप्त किये होते है। हमारे देश में ऐसे कई लोग है जो डॉक्टर की नकली डिग्री लेकर काम कर रहे है, लेकिन अब हम डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन नंबर से पता लगा सकते है कि वह असली में डॉक्टर है भी या नहीं?
Purpose and Scope of the Article
MBBS करियर स्कोप-
इस कोर्स की अवधि 4 साल होती है। 4 साल पढ़ाई करने के बाद किसी कॉलेज/हॉस्पिटल में एक साल का इंटरशिप करनी होती है। इसके बाद ही आप डॉक्टर माने जाएंगे। MBBS करने के बाद आप प्राइवेट /सरकारी हॉस्पिटल में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते है। या फिर अपना निजी क्लिनिक या नर्सिंग होने भी खोल सकते है।
MD/MS करियर स्कोप-
कुछ लोग MBBS की पढ़ाई करने के बाद MD/MS का चयन करते है, यह एक पोस्टग्रेजुएट डिग्री है। एमडी स्पेशलाइजेशन पर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है। MD और MS की बहुत मांग है यदि आप इन क्षेत्रों का चयन करते है तो अच्छी जॉब आसानी से प्राप्त कर सकते है। इन कोर्स को करने के बाद उम्मीदवार को बेहतरीन वेतन वाला पैकेज और इसके साथ -साथ स्पेशलाइजेशन के अन्दर अच्छा ज्ञान होने से कई बार विदेशो में अच्छे वेतन के अवसर दिए जाते है।
Overview of Medical Education in India
भारत में डॉक्टर के काम को सबसे प्रतिष्ठित और गौरव वाला काम माना जाता है। डॉक्टर बनने के लिए विभिन्न कोर्स होते है जैसे – MBBS, आयुर्वेद प्रणाली BAMS, यूनानी BUMS, सिद्ध BSMS और होम्योपैथी BHMS है। भारत देश में सन 1835 में पहली बार चिकित्सा शिक्षा की नींव भारत के तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक ने रखी थी।
वर्ष 1764 से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने यूरोपीय लोगो को चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए चिकित्सा सेवा की स्थापना की थी। भारत में सबसे पहले 28 जनवरी 1835 को मेडिकल कालेज और अस्पताल, कलकत्ता उर्फ कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना पश्चिम बंगाल में की गई थी।
The Journey to Becoming a Doctor
स्कूली शिक्षा – आमतौर पर डॉक्टर बनने की तैयारी स्कूल में चुने जाने विषय के आधार पर व्यक्ति के कौशल और रुचि पर निर्भर करता है। यदि छात्र को डॉक्टर के क्षेत्र में रुचि है तो उसे 11 वीं और 12 वीं कक्षा में भौतिक, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान के साथ -साथ अंग्रेजी का भी अध्ययन करना होता है।
NEET परीक्षा – स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण NEET की परीक्षा पास करना। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित National Eligibility cum Entrance Test (NEET) की परीक्षा में पास होने के बाद ही आपको किसी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल सकता है।
भारत में नीट परीक्षा साल में एक बार ऑफलाइन माध्यम से आयोजित करवाई जाती है। यह परीक्षा दो स्तरों (ऑल इण्डिया और राज्य वार) स्तर पर की जाती है। NEET ऑल इण्डिया काउंसलिंग देश के सभी सरकारी कॉलेज की 15% सीटों के लिए जोर केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों के लिए 100% सीट के लिए आयोजित की जाती है।
कॉउन्सिलिंग होने के बाद कॉलेज में एडमिशन के प्रक्रिया को पूरा करने के लिए चयनित कॉलेज में रिपोर्ट करना होगा। नीट (NEET) परीक्षा में पास होने के बाद आपको अपने अनुसार कोर्सेज का चयन करना होगा। MBBS में 4 साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक साल का इंटरशिप देना होता है। और यदि आप किसी विषय में Specialist बनना चाहते है तो MBBS के बाद MD/MS की तैयारी कर सकते है। इसको करने के बाद आपके नाम के आगे MBBS/MD /MS लग जाता है।
Difference Between MBBS, MD, and MS
अपने कई बार डॉक्टर के नाम्प्लेट पर उसके नाम से साथ MD या MS लिखा हुआ होता है। यह शब्द उनकी योग्यता को दर्शाता है। MBBS (Bachelor of Medicine, Bachelor of Surgery) मेडिकल लाइन में सबसे छोटी डिग्री होती है। मेडिकल क्षेत्र में MBBS Degrees प्राप्त करने के बाद किसी व्यक्ति की नौकरी तो लग जाती है, लेकिन MBBS के बाद MD/MS की पढ़ाई करने से आप किसी एक के विशेषज्ञ बन जायेंगे। आज के समय में बहुत कम लोग जानते है कि MD और MS की फुल फॉर्म क्या है ?
- MD फुल फॉर्म – जनरल मेडिकल में मास्टर (docter of medicine)
- MS फुल फॉर्म – जनरल सर्जरी में मास्टर (Masters in surgery)
MD एक पोस्टग्रेजुएट डिग्री है, जिसका कोर्स मुख्य रूप से 2-3 सालों का होता है। इनका कार्य चिकित्सा ग्रेजुएट्स को घातक रोगों के अध्ययन, रोकथाम, निदान और उपचार में प्रशिक्षित करता है।
MS वह होता है जो सर्जरी के फील्ड में मास्टर की डिग्री प्राप्त करता है और किसी एक विषय में स्पेशलाइजेशन करता है। यदि आपको न्यूरोसर्जरी या हार्ट सर्जन बनना है तो आपको मास्टर इन सर्जरी का कोर्स करना होगा।
Admission and Selection Process
हर साल लाखों लोग डॉक्टर बनने के सपने देखते है, लेकिन कई लोगों को यह जानकारी नहीं होती है की डॉक्टर बनने की प्रक्रिया क्या होती है जिस वजह से वह पीछे रह जाते है। भारत में किसी भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश करने के लिए उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। और कॉलेज में प्रवेश होने से पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित NEET की परीक्षा में पास होना अनिवार्य है।
NEET परीक्षा के माध्यम से एम्स संस्थानों में 2000 से अधिक MBBS सीटों पर प्रवेश दिया जाता है। भारत में MD मेडिकल सीटों की कुल संख्या 31,415 है। MD में प्रवेश के लिए कई कॉलेज में सीधे प्रवेश मिलता है लेकिन कॉलेज में परीक्षा के माध्यम से छात्र के कौशल की जाँच की जाती है।
MBBS Doctors Salary in India
MBBS की पढ़ाई और इंटरशिप पूरा होने के बाद उसकी सैलरी कई बातों पर निर्भर करती है, सभी हॉस्पिटल में MBBS डॉक्टर की सैलरी में अंतर हो सकता है। शुरुआती तौर में इनकी सैलरी 40 हजार रुपये से लेकर 3 लाख रुपए प्रति वर्ष हो सकती है। इसके अलावा प्राइवेट और सरकारी हॉस्पिटल में अलग -अलग सैलरी होती है जैसे –
- Government Sector- सभी राज्यों में सरकारी MBBS डॉक्टर की सैलरी एक समान नहीं होती है। वर्तमान समय में एक सरकारी डॉक्टर को सामान्य 50 हजार प्रतिमाह, Specialist डॉक्टर को 1 लाख रुपए और विशेषज्ञ को 1.25 हजार सैलरी दी जाती है।
- Private Sector- देश के किसी भी राज्य में प्राइवेट MBBS डॉक्टर की सैलरी 1.5 – 2 लाख रुपए प्रति वर्ष हो सकती है। और यदि वह experienced और specialist doctors है तो उसकी सैलरी 10 -15 लाख रुपए प्रति वर्ष तक या उससे अधिक भी हो सकती है।
Factors Affecting MBBS Salaries
भारत देश में कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्र है, जहां पर सभी MBBS डॉक्टर की अलग -अलग है। सभी राज्यों में MBBS डॉक्टर की सैलरी में विभिन्नता है, राज्यों के अनुसार (प्रतिमाह) जैसे –
- उत्तराखंड – 70 हजार रुपए
- आंध्र प्रदेश – 56 हजार रुपए
- मध्य प्रदेश – 60 हजार रुपए
- हिमाचल प्रदेश – 40 हजार रुपए
- महाराष्ट्र – 58 हजार रुपए
Experience
अनुभव के आधार पर भी MBBS डॉक्टर की सैलरी निर्धारित की जाती है। यदि किसी को MBBS डॉक्टर बने हुए अधिक समय हो गया है तो उसकी सालाना सैलरी 10 लाख से लेकर 15 लाख या फिर उससे अधिक भी हो सकती है।
Type of Healthcare Facility
भारत में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को तीन अलग -अलग भागों में बांटा गया है। जैसे –
- प्राथमिक स्तर – उप केंद्र और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र (PHSs)
- माध्यमिक स्तर – सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHCs) और छोटे उप -जिला अस्पताल
- तृतीयक स्तर – सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाले सार्वजनिक देखभाल, जिसमें मेडिकल कॉलेज और जिला/ सामान्य अस्पताल शामिल होते है।
MD/MS Doctors Salary in India
भारत में एक MS डॉक्टर की सैलरी 1.5 – 4 लाख रुपए प्रति वर्ष तक हो सकती है। यह सैलरी क्षेत्र पर भी आधारित होती है। वहीं कुछ सालों का अनुभव होने पर 15-20 लाख रुपए प्रतिवर्ष हो सकती है।
MD फिजिसियन का वेतन रोजगार प्रदान करने वाले अस्पताल के आधार पर 90 हजार प्रति माह हो सकता है। वहीं कुछ वर्षो का अनुभव होने पर 10 -30 लाख रुपए तक हो सकता है।
Specialization Matters
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में करियर बनने के लिए अलग -अलग स्तर जैसे चिकित्सक और सर्जन होते है। यदि आप मेडिकल क्षेत्र में रुचि रखते है तो इन दोनों के बारे में जानना जरूरी है तो आइये जानते है दोनों में क्या अंतर है।
Physicians (चिकित्सक) | Surgeons (सर्जन) |
किसी रोगी को रोगों से मुक्त करने उस बीमारी का निदान कर सकते है या फिर उपचार योजना प्रदान कर सकते है। और रोगी को एक अच्छी सलाह दे सकते है। | सर्जन किसी भी प्रकार की सर्जरी करने में माहिर होते है। इनके पास भी मेडिकल की डिग्री होती है। ये भी रोगियों के उपचार का कार्य करते है। |
ये एक खास प्रकार से चिकित्सा विशेषज्ञ होते है, और जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य देखभाल प्रदान कर सकते है। | यह एक प्रकार की सर्जरी का अध्ययन और अभ्यास करते रहते है जैसे – अर्थोमेडिक / मौखिक सर्जरी। |
चिकित्सक बनने के लिए मेडिकल डिग्री, पेशेवर प्रशिक्षण, लाइसेंसिंग और स्वास्थ्य देखभाल कौशल की आवश्यकता होती है। | सर्जन बनने के लिए इन सभी चीज़ों की आवश्यकता होती है। |
चिकित्सक की सालाना सैलरी प्रतिमाह 30 -40 हजार रुपये हो सकती है। | सर्जन की सालाना सैलरी लगभग 15 -25 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो सकती है, यह सैलरी क्षेत्र और अनुभव के आधार पर अलग होगी। |
Super-Specialists
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कई सारे डॉक्टरों को सुपर स्पेशलिस्ट के श्रेणी में रखा जाता है, सुपर स्पेशलिस्ट का अर्थ है एक डॉक्टर जिसके पास चिकित्सा के किसी विशेष क्षेत्र में अच्छा ज्ञान और प्रशिक्षण हो। एक सुपर विशेषज्ञ होने पर उस व्यक्ति को सम्पूर्ण व्यक्ति के रूप में देख सकते है। एक Super-Specialists की वार्षिक आय 3 -4 लाख रुपए प्रतिवर्ष या फिर इससे भी अधिक हो सकती है।
Government vs. Private Practice
मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद व्यक्ति के मन में कई सवाल उठते है कि अब प्रैक्टिस करने के लिए सरकारी या प्राइवेट क्षेत्र सही होगा। भारत में अधिकतम राज्य सरकारी डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने से रोकते है।
भारत में एमडी/एमएस और एमबीबीएस डॉक्टरों की सैलरी FAQs –
हमारे देश में MBBS का कोर्स 4 साल और 1 साल इंटरशिप करने में लग जाता है।
मेडिकल क्षेत्र में सफलतापूर्वक करियर बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति के पास कम्युनिकेशन स्किल्स, अच्छा और जल्दी फैसला लेने की कला, किसी भी कार्य को बारीकी और ध्यानपूर्वक करना और सभी समस्या को समझकर सही नतीजा निकालना आदि।
भारत में मेडिकल क्षेत्र में प्रथम स्थान आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस, नई दिल्ली का है।