भारत में 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के लिए RTE Act 2009 लाया गया। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 देश के बच्चों को अनिवार्य।/जरुरी शिक्षा के अधिकार की गारंटी देता है।
इस अधिनियम के तहत अब 6 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जा रही है। देश के 6 से 18 वर्ष की आयु के बच्चे RTE Act 2009 के तहत मुफ्त शिक्षा का अधिकार रखते हैं।

भारतीय संविधान में आर्टिकल 21 A के अनुसार ,Right to Education Act 2009 भारत में 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के बारे में विस्तार पूर्वक व्याख्या की गयी है।
नीचे लेख में आप जानेंगे शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 क्या है और इसके क्या प्रावधान हैं और साथ ही RTE का महत्त्व और इसकी विशेषताएं RTE Act 2009 in hindi के बारे में विस्तार से।
शिक्षा का अधिकार क्या है ?
भारत ही नहीं विश्व के कई अन्य देशों में भी शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया गया है। 2 दिसंबर 2002 को संविधान का 86 वां संशोधन किया गया जिसके तहत आर्टिकल /अनुच्छेद 21 A के अनुसार शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया है। इसी के साथ भारत सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए Education Policy में भी बदलाव किया जा रहा है।
देश में 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के लिए संसद द्वारा 4 अगस्त 2009 को RTE Act को पारित किया गया था। आरटीई एक्ट 2009 में 38 धाराएं और 7 अध्याय हैं।
आरटीई एक्ट को 1 अप्रैल 2010 को भारत के सभी राज्यों में (केवल जम्मू -कश्मीर को छोड़कर) लागू किया गया। RTE Act 2009 की कोई भी बात वैदिक पाठशालाओं ,मदरसों या ऐसे संस्थान जो धर्म से जुडी कोई शिक्षा प्रदान कर रहे हैं उनके लिए लागू नहीं होगी।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान
नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) के प्रावधान इस प्रकार हैं –
- इस अधिनियम के तहत स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए उनकी उचित आयु में सम्बंधित कक्षा में उनके प्रवेश के लिए प्रावधान किया गया है।
- आर्टिकल 21 -A ,में 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का मौलिक अधिकार है। इसे 2 दिसंबर 2002 में संविधान के 86 वें संशोधन द्वारा भारतीय संविधान में जोड़ा गया है।
- Right to Free and Compulsory Education Act 2009 को अनुच्छेद 21 -A के तहत देश के सभी वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को अच्छी गुणवत्ता सहित प्राथमिक शिक्षा लेना का अधिकार है।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत ऐसा बच्चा जिसका स्कूल में नामांकन नहीं हुआ है उसे उसकी आयु के अनुसार उसकी कक्षा में प्रवेश दिया जायेगा।
right to education act 2009 in hindi
संसद द्वारा पारित किया गया | 4 अगस्त 2009 |
RTE Act लागू वर्ष | 1 अप्रैल 2010 |
सम्बंधित विभाग | स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग |
rte 2009 के लाभार्थी | 6 से 14 वर्ष के देश के गरीब अशिक्षित बच्चे |
उद्देश्य | देश के सभी बच्चों को अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देना उन्हें शिक्षित करना |
ऑफिसियल वेबसाइट | dsel.education.gov.in |
RTE Act 2009 के 7 अध्याय कौन से हैं ?
- अध्याय 1 – प्रारंभिक
- अध्याय 2 – बालक का शिक्षा का अधिकार
- अध्याय 3 – समुचित सरकार स्थानीय प्राधिकारी माता पिता के कर्तव्य
- अध्याय 4 – विद्यालय एवं शिक्षकों के कार्य कर्तव्य एवं अधिकार
- अध्याय 5 – प्रारंभिक शिक्षा एवं पाठ्यक्रम
- अध्याय 6 – शिक्षा अधिकार का संरक्षण
- अध्याय 7 – प्रकीर्णन (विस्तार)
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुच्छेद
आपको बता दें की RTE Act 2009 के कुल 38 अनुच्छेद हैं जो इस प्रकार से हैं-
- निःशुल्क अनिवार्य शिक्षा का अधिकार 2009
- उपधाराओं का उल्लेख
- बालक का निःशुल्क अनिवार्य शिक्षा का अधिकार
- प्रवेश नहीं दिए गए बच्चे को या जिन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं की है उनके लिए उप्रबंधन
- अन्य विद्यालयों में स्थानांतरण का अधिकार
- 3 वर्ष के भीतर बुनियादी ढांचा तैयार करना होगा,निर्धारित सीमा में विद्यालय तैयार होना चाहिए
- केंद्र और राज्य सरकार इस अधिनियम के उपबंधों को लागू करने और निधियां उपलब्ध कराएंगे।
- समुचित सरकार से करता
- स्थानीय प्राधिकारी के कर्त्तव्य
- माता पिता के कर्त्तव्य
- समुचित सरकार का विद्यालय पूर्व शिक्षा के लिए व्यवस्था
- दुर्बल एवं अलाभित समूह के लिए नजदीकी निजी विद्यालयों में 25%आरक्षण दिया जाएगा
- प्रवेश के लिए किसी प्रति व्यक्ति 30 अनुवीक्षक प्रक्रिया न होना
- प्रवेश धरना आयु
- बालक प्रारम्भ में या विहित समय 6 माह तक कभी प्रवेश ले सकता है।
- विद्यालय में किसी के द्वारा भी बच्चे को किसी भी कक्षा में प्रवेश से रोका नहीं जायेगा और न ही बच्चे को निकला जायेगा।
- बच्चों के शारीरिक दंड एवं मानसिक उत्पीड़न का प्रतिरोध
- मान्यता प्रमाण पत्र के लिए बिना किसी विद्यालय का स्थापित किया जाना
RTE Act 2009 Article
19. विद्यालय के मान- मान मानक
20. अनुसूची का संसोधन करने की शक्ति
21. प्रत्येक विद्यालय में एक विद्यालय समिति का गठन करेगा जिसमे 75 % या फिर 3/4 संरक्षक तथा 50 % महिलाओं की भागीदारी होगी।
22. विद्यालय प्रबंधन समिति एक विद्यालय विकास योजना बनाएगी
23. शिक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्यताएं और शर्ते।
24. शिक्षकों के कर्तव्य और शिकायतों को दूर करना
25. छात्र शिक्षक अनुपात
26. शिक्षकों के खाली पदों को भरना
27. शिक्षकों को जनगणना ,आपदा राहत, चुनावी प्रक्रिया के अलावा किसी गैर परियोजना के लिए अभियोजित नहीं किया जाएगा।
28. प्राइवेट ट्यूशन का शिक्षण नहीं करेगा।
29. पाठ्यक्रम और मूल्यांकन
30. परीक्षा समापन प्रमाण पत्र।
31. बच्चों के शिक्षा के अधिकार को मॉनिटर करना।
32. शिकायतों को दूर करना 3 महीने के अंदर अंदर
33. राष्ट्रिय सलाहकार परिषद का गठन
34. राज्य सलाहकार परिषद
35. निर्देश जारी करने की शक्ति
36. अभियोजन के लिए पूर्व मंजूरी
37. सद्भाव पूर्वक की गई कार्यवाही के लिए संस्थान।
38. समुचित सरकार की नियम बनाने की शक्ति
Right to Education Act 2009 का उद्देश्य
भारत सहित दुनिया में लगभग 135 देशों में RTE के लागू होने से शिक्षा का अधिकार मौलिक है। Right to Education Act 2009 का उद्देश्य देश के अशिक्षित 6 वर्ष से 14 वर्ष के बीच के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है।
इस अधिनियम के द्वारा बच्चों को उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सशक्तिकरण के लिए प्रोत्साहित करना है और गरीब अशिक्षित बच्चों को बेशिक और मूल शिक्षा प्रदान करना है।
गरीब बच्चों को निशुल्क प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार देकर उनके विकास में सकारात्मक प्रभाव डालना है। बच्चों को उनकी उचित आयु में कक्षा में प्रवेश का प्रावधान Right to Education Act में किया गया है।
RTE Act का लाभ और विशेषताएं
- आरटीई अधिनियम 2009 के तहत 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को मुफ्त प्राथमिक शिक्षा दी जाती है।
- शिक्षा के अधिकार का पहला ऑफिसियल डाक्यूमेंट्स 1990 में राममूर्ति समिति की रिपोर्ट थी।
- संसद द्वारा राइट टू एजुकेशन को 4 अगस्त 2009 को पारित किया गया था।
- आरटीई एक्ट को 1 अप्रैल 2010 से पूरे देश में लागू किया गया था।
- भारत 135 देशों की सूची में शामिल हुआ जहाँ शिक्षा को मौलिक अधिकार माना गया है।
- यह RTE ACT शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए विद्यालयों के basic parameters को स्थापित करता है।
- इसके तहत ऐसे संस्थान के सञ्चालन पर रोक लगायी जाती है जिन्हें मान्यता प्राप्त न हो।
- यह केंद्र और राज्य के बीच वित्तीय जिम्मेदारियों सहित अन्य जिम्मेदारियों को साझा करने की जानकारी भी देता है।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 शारीरिक दंड और मानसिक उत्पीड़न का निषेध करता है।
- किसी स्कूल द्वारा आरटीई, 2009 के तहत मुफ्त शिक्षा देने के स्थान पर बच्चों से फीस की मांग करने पर विद्यालय से 10 गुना फीस वसूली जाएगी। साथ ही इसकी मान्यता को भी रद्द किया जा सकता है।
- यदि किसी विद्यालय की मान्यता को रद्द करने के उपरांत भी उस विद्यालय को चलाया जाता है तो विद्यालय से दंड स्वरुप 1 लाख और 10 हजार रुपए प्रतिदिन वसूला जायेगा।
- अधिनियम की धारा 12 (1) (C) के तहत गैर अल्पसंख्यक निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के प्रवेश स्तर ग्रेड में कम से कम 25 प्रतिशत सीटों को आरक्षित देगी।
- यदि कोई बच्चा दिव्यांग है तो आरटीई एक्ट 2009 के तहत स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के लिए आयु 14 से 18 कर दिया गया है।
आरटीई का महत्त्व
- सभी प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों को Right to Education Act 2009 के तहत 6 से 14 वर्ष के सभी शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए रखी जाती है।
- rte निजी विद्यालयों (primary schools) के बुनियादी मानकों को स्थापित करने का कार्य करता है।
- आरटीई सभी वंचित बच्चों को जाति,आर्थिक स्थिति के अनुसार आरक्षण के साथ प्राइवेट स्कूल में प्रवेश का अधिकार देता है।
- आरटीई देश में ऐसे स्कूल जिन्हें मान्यता प्राप्त नहीं है उनके सञ्चालन के लिए मनाही करता है। यह किसी निजी स्कूल में प्रवेश के लिए बच्चे या उसके माता पिता के साक्षात्कार पर रोक लगाता है।
- मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (right to free and compulsory education) अधिनियम 2009 के तहत बच्चों को उनकी प्राथमिक शिक्षा के पुरे होने तक किसी प्रकार से रोका नहीं जा सकता है और न ही उन्हें स्कूल से निकाला जा सकता है।
- Right to Education Act के तहत बोर्ड परीक्षा नहीं होगी जब तक की बच्चे अपनी प्राथमिक शिक्षा को पूरा नहीं कर लेते हैं।
सभी के लिए अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा
- 18 मार्च 1910 को भारत में गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा ‘मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा’ के ब्रिटिश विधान परिषद के सामने प्रस्ताव रखा था। लेकिन यह स्वीकार नहीं हुआ।
- भारत सरकार द्वारा 1 किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले स्कूल में हर एक बच्चे को मुफ्त अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जाती है।
- Compulsory and free education के तहत देश के दिव्यांग बच्चों को शिक्षा हेतु पुस्तकें ,स्टेशनरी आदि भी प्रदान किया जाता है।
- right to free and compulsory education 2009 के तहत किसी भी बच्चे को मुफ्त शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता।
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RTE Act 2009 से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)-
आरटीई का पूरा नाम (RTE full form) शिक्षा का अधिकार (right to education) है।
RTE Act 2009 में कुल 7 अध्याय और 38 अनुच्छेद हैं।
साल 2010 में 1 अप्रैल को right to education act को लागू किया गया था।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को देश में गरीब, शिक्षा से वंचित बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने हेतु लागू किया गया था। इस अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को प्राथमिक अनिवार्य स्कूली शिक्षा मुफ्त में दी जाएगी।
संसद द्वारा 4 अगस्त 2009 को आरटीई को पारित किया गया था।
Right to Free and Compulsory Child Education Act, 2009 को 2 जुलाई 2009 में कैबिनेट से और 20 जुलाई 2009 को राज्य सभा ने और 4 अगस्त 2009 को लोकसभा द्वारा इस बिल को पारित किया गया था।