देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले दो सालों में बहुत से परिवारों में बच्चों ने अपने माता-पिता या परिजनों को खो दिया है, जिससे वह बच्चे जो अनाथ हो चुके हैं या उनकी देख-रेख करने के लिए उनका कोई रिश्तेदार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों के भरण-पोषण के लिए आर्थिक सहयोग देने हेतु उत्तराखंड सरकार द्वारा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का आरम्भ किया गया है। इस योजना के माध्यम से सरकार कोरोना से अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों के भरण-पोषण से लेकर उनकी शिक्षा तक का पूरा खर्च बच्चे के 21 वर्ष पूरे होने तक खुद से उठाएगी, जिससे वह बच्चे भविष्य में पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर हो सकें।
Mukhyamantri Vatsalya Yojana के अंतर्गत राज्य के जो पात्र नागरिक आवेदन करना चाहते हैं, वह योजना में मिलने वाले लाभ, योजना में आवेदन की पात्रता, दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया की पूरी जानकारी यहाँ लेख के माध्यम से जान सकेंगे।
योजना का नाम | मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना |
शुरुआत की गई | उत्तराखंड सरकार द्वारा |
आवेदन माध्यम | ऑनलाइन प्रक्रिया |
योजना के लाभार्थी | राज्य के कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चे |
उद्देश्य | बच्चों की शिक्षा व भरण-पोषण के लिए सहयोग प्रदान करना |
श्रेणी | राज्य सरकारी योजना |
आधिकारिक वेबसाइट | wecd.uk.gov.in |
Table of Contents
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की शुरुआत 2 अगस्त 2021 को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी द्वारा कोरोना संक्रमण के कारण आपने परिजनों को खो देने वाले परिवार के बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लिए की गई थी। जिसके माध्यम से सरकार राज्य के उन सभी बच्चों को योजना का लाभ प्रदान करवा रही है, जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु कोरोना संक्रमण के चलते हो गई है, ऐसे सभी बच्चों को योजना के तहत उनके भरण-पोषण के लिए सरकार प्रतिमाह 3000 रूपये की आर्थिक साहयता का लाभ 21 वर्ष की आयु पूरी होने तक प्रदान करेगी।
इसके साथ ही सरकार बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें शिक्षित करने के लिए स्कूल में निःशुल्क शिक्षा व रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी प्रदान करेगी। जिससे राज्य के कोरोना संक्रमण से प्रभावित बच्चे जिनकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है, वह भी भविष्य में आगे आत्मनिर्भर होकर बिना किसी पर आश्रित रहे आगे बढ़ सकेंगे।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना रजिस्ट्रेशन
इस योजना के तहत राज्य के अनाथ बच्चों को आर्थिक रूप से सहयोग करने व उनकी जिम्मेदारी लेने के लिए योजना में 1 मार्च 2020 के बाद अपने माता-पिता खो देने वाले आवेदक लाभार्थी बच्चे और विभाग द्वारा चिह्नित 2311 बच्चों में अभी केवल 27 प्रतिशत यानी 600 अधिक बच्चों की रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर योजना का लाभ प्रदान किया गया है, इसके साथ ही अन्य बच्चों की भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अधिकारियों द्वारा जारी किया गया है, जिसके पूरे होते ही उन्हें भी योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। वात्सल्य योजना में रजिस्टर्ड लाभार्थी बच्चों के खातों में प्रतिमाह, यह लाभ राज्य सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किया जाता है।
योजना में राज्य के चिह्नित लाभार्थी
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत पात्र बच्चों कोरोना के चलते अपने माता-पिता दोनों या किसी एक को खो देने वाले बच्चे जो योजना में पंजीकृत नहीं हो पाए हैं उन्हें बाल कल्याण विभाग द्वारा पंजीकृत कर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है, जिसके तहत अभी तक मार्च 2020 से मार्च 2021 तक देहरादून के 561 बच्चे, टेहरी के 249, हरिद्वार के 230, उधमसिंह नगर के 242, पौड़ी गढ़वाल के 213, नैनीताल के 185, उत्तरकाशी के 120 बच्चे यानी कुल मिलकर राज्य के 2347 बच्चों को चिह्नित कर योजना का लाभ प्रदान करने के लिए किया गया है।
आपकी सरकार ने तय किया है कि प्रदेश के सभी ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोविड-19 महामारी से अपने माता-पिता को खोया है, उन सभी की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। इसके लिए हम ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ लेकर आए हैं: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (फाइल तस्वीर) pic.twitter.com/5oVpiY4xT4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 22, 2021
Mukhyamantri Vatsalya Yojana का बढ़ाया गया दायरा
राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ कोरोना से पीड़ित परिवार के बच्चों को प्रदान करने के लिए रजिस्टर्ड बच्चों को आर्थिक सहायता राशि का लाभ प्रदान करना शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही योजना के माध्यम से कोविड-19 के अतिरिक्त अन्य बीमारियों से अपने अभिभावक या माता-पिता को खो देने वाले बच्चों को भी इस योजना में शामिल कर लाभ प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा योजना को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए इसके दायरे को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जिससे अब योजना के अंतर्गत कोविड-19 के साथ अन्य बिमारी या कोरोना बिमारी की जाँच करवाने से मृत्यु होने वाले परिवार के बच्चों को भी योजना का लाभ प्रदान करने के लिए इसमें शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का कार्यन्वयन
उत्तरखंड में कोरोना संक्रमण के कारण राज्य के जिन परिवारों के कमाऊ अभिभावक या माता-पिता को मृत्यु के पश्चात अब उनके बच्चों की देख-रेख उनके रिश्तेदारों द्वारा की जा रही है, या उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। ऐसे सभी बच्चों की वात्सल्य योजना के तहत को चिह्नित कर योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा नोडल अधिकारियों को दी गई है, जिससे कोई भी पात्र लाभार्थी बाचा योजना का लाभ लेने से वंचित ना रह जाए।
योजना का कार्यन्वयन बेहतर तरीके से करने के लिए अधिकारीयों को ग्राम पंचायत समिति, ग्रामीण पंचायत स्तरीय, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा अपने क्षेत्र में पात्र बच्चों को चिह्नित करने में सहयोग दिया जाएगा। जिसके बाद सभी पात्र बच्चों की सूचि तैयार की जाएगी और बच्चों को योजना का लाभ प्रदान करने के लिए सभी दस्तावेजों को समय पर तैयार कर बच्चों की सूची का रिकॉर्ड तहसील पर जमा करवाया जाएगा।
चयनित बच्चों को मिलेगा निशुल्क शिक्षा व आरक्षण का लाभ
योजना के तहत अधिकारीयों द्वारा राज्य के चयनित बच्चे जिनका रेजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा, उन्हें सरकार द्वारा प्रतिमाह मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि के साथ शिक्षा व रोजगार प्राप्त करने में भी सहयोग प्रदान किया जाएगा, इसके लिए सरकार बच्चों को राज्य के सरकारी जैसे राजीव गाँधी नवोदय विद्यालय स्कूलों में प्राथमिक कक्षा से बारहवीं कक्षा तक उनकी शिक्षा तक निशुल्क शिक्षा प्रदान करेगी, साथ ही उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालयों में तकनिकी, मेडिकल शिक्षा के लिए एडमिशन लेने वाले छात्रों को निशुल्क शिक्षा के साथ आरक्षण का भी लाभ मिल सकेगा।
इसके अलावा सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को भी सरकार 5% आरक्षण का लाभ दिया जाएगा, जिससे उन बच्चों को अपनी शिक्षा बीच में ही ना छोड़नी पड़े और वह भी शिक्षा पूरी कर या रोजगार के लिए प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त कर भविष्य में अपना भरण-पोषण आत्मनिर्भर होकर कर सकें।
योजना के अंतर्गत पैतृक संपत्ति के लिए जारी नियम
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत राज्य में कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने व उनकी पैतृक संपत्ति का हक़ उन्हें दिलाने के लिए सरकार द्वारा कुछ नियम बनाने गए हैं। जिसके लिए सरकार द्वारा जारी नियमों में यह कहा गया है की बच्चों के व्यसक होने तक उनकी पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार किसी को नहीं दिया जाएगा, फिर चाहे बच्चे को पालने वाले उसके रिश्तेदार ही क्यों ना हो, जिसके लिए बच्चे के पैतृक संपत्ति की जिम्मेदारी जिला अधिकारियों को प्रदान की जाएगी। इससे माता-पिता के बाद उनकी संपत्ति का अधिकार उनके बच्चों के बालिग़ होने तक सुरक्षित रहेगा और इससे संपत्ति पर होने वाली धोका-धड़ी पर लगाम लगाई जा सकेगी।
योजना के अंतर्गत देहरादून जिले के 200 बच्चे लाभान्वित
राज्य सरकार द्वारा अलग-अलग जिलों से नोडल अधिकारियों द्वारा चयनित बच्चों की सूची तैयार की गई है। जिनमे अकेले देहरदून के लिए लगभग 200 बच्चों की पहचान योजना का लाभ प्रदान करने के लिए करवाई जा चुकी है, इन बच्चों की सूची अधिकारीयों को ग्राम पंचायत समिति, ग्रामीण पंचायत स्तरीय, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदान की गई है। जिससे सूची में शामिल इन बच्चों की जानकारी प्राप्त कर सही महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच के बाद इन्हे सरकार से योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया है। इसके साथ ही योजना के तहत ईमेल या फ़ोन कॉल्स के माध्यम से मिल रही नए बच्चों की सूची पर भी पूरी जाँच की तैयारी अधिकारीयों द्वार जारी की गई है।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की विशेषताएँ
- मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की शुरुआत उत्तराखंड सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के कारण अपने माता-पिता दोनों या किसी एक को खो चुके बच्चों को सहयोग प्रदान करने के लिए किया गया है।
- इस योजना के माध्यम से सरकार लाभार्थी बच्चों के भरण-पोषण से लेकर उन्हें शिक्षा व रोजगार प्रदान करने के लिए भी आर्थिक सहयोग प्रदान करेगी।
- योजना के अंतर्गत लाभार्थी बच्चों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि बच्चों के 21 वर्ष पूरे होने तक प्रदान की जाएगी।
- वात्सल्य योजना के तहत बच्चे की पैतृक संपत्ति को भी सुरक्षित करने व उसका अधिकार बच्चे को देने के लिए सरकार द्वारा जारी नियम के अनुसार बच्चे के व्यसक होने तक उसे कोई नहीं बेच सकेगा।
- योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी योजना में आवेदन कर सकेंगे, इसके अलावा जिन बच्चों का कोई नहीं है ऐसे बच्चों को चिह्नित कर योजना का लाभ प्रदान करने का कार्य जिला अधिकारी की जिम्मेदारी होगी।
- राज्य के वह बच्चे जो अनाथ हो चुके हैं या उनका कोई रिश्तेदार नहीं है उनकी लिस्ट जिले के पंचायत समिति, ग्रामीण पंचायत स्तरीय, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अधिकारीयों को प्रदान की जाएगी।
- योजना में लाभार्थी चिह्नित बच्चों के दस्तावेजी कार्यों को अधिकारीयों द्वारा पूरा कर उनके खाते खुलवाए जाएँगे जिसे सरकार द्वारा जारी आर्थिक सहायता राशि उनके खातों में प्रतिमाह भेजी जाएगी।
- मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लाभार्थी बच्चों के लिए शिक्षा के बाद रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।
- योजना का लाभ प्राप्त कर बच्चे भविष्य में शिक्षित होकर आत्मनिर्भर हो सकेंगे।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लाभ
उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अंतर्गत चयनित व आवेदक लाभार्थी बच्चों को मिलने वाले लाभ की जानकारी कुछ इस प्रकार है।
- राज्य के कोरोना संक्रमण से अपने अभिभावकों को खोने वाले बच्चों के भरण-पोषण व उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार द्वारा उठाई जाएगी।
- योजना के अंतर्गत आवेदक या चिन्हित छात्रों को सरकार द्वारा प्रतिमाह 3000 रूपये की आर्थिक सहायता भरण-पोषण के लिए प्रदान की जाएगी।
- वात्सल्य योजना के माध्यम से बच्चों को भेजी जाने वाली राशि सरकार द्वारा सीधे उनके खातों में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी।
- लाभार्थी बच्चों की पढाई का खर्चा भी सरकार द्वारा उठाया जाएगा, और उनकी शिक्षा पूरी करने में सहयोग देने के लिए नवोदय स्कूल में निशुल्क शिक्षा दी जाएगी।
- योजना के माध्यम से लाभार्थी बच्चों को स्कूली शिक्षा के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए 5% तक आरक्षण या उच्च विश्वविद्यालय में निशुल्क शिक्षा का लाभ दिया जाएगा।
- बच्चो की शिक्षा पूरी हो जाने के बाद रोजगार प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान की जाएगी जिससे उन्हें आसानी से रोजगार मिल सकेगा।
- योजना के अंतर्गत कोरोना के कारण अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों का भविष्य सुरक्षित बनाने के लिए सरकार उन्हें यह लाभ प्रदान करेगी, जिससे उन्हें भविष्य में किसी और पर निर्भर नहीं रहना पडेगा।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का उद्देश्य
उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना को आरम्भ करने का मुख्य उद्देश्य राज्य में कोरोना संक्रमण के कारण अपने परिवार के कमाऊ सदस्य जैसे माता-पिता या परिजन को खोने वाले बच्चों को योजना के तहत भरण-पोषण, शिक्षा पूरी करने के लिए आर्थिक रूप से सहयोग देने के लिए किया गया है। देश भर में कोरोना के प्रभाव से लाखों लोगों को अपनी जान गावानी पड़ी है ऐसे में उनके आश्रितों की सहायता करने के लिए राज्य व केंद्र सरकारें मिलकर बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं के तहत सहयोग प्रदान कर रही है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा भी वात्सल्य योजना के तहत कोरोना के चलते अनाथ हो चुके बच्चों को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके भविष्य को अंधकार में जाने से रोकने के लिए बच्चों की जिम्मेदारी ली जा रही है, जिसके लिए सरकार बच्चों के भरण-पोषण के साथ-साथ उन्हें शिक्षित होने के लिए भी सहयोग प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में आवेदन हेतु पात्रता
वात्सल्य योजना के लिए आवेदक को इसकी निर्धारित पात्रताओं को पूरा करना आवश्यक है जैसे
- आवेदक उत्तराखंड के स्थाई निवासी होने आवश्यक है।
- यदि आवेदक के माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हुई है, तो वह योजना में आवेदन कर सकते हैं।
- योजना के अंतर्गत आवेदन के लिए बच्चे की आयु 21 वर्ष से कम होनी आवश्यक है।
- वात्सल्य योजना में आवेदन के लिए आवेदक का बैंक में खाता होना अनिवार्य है।
Mukhyamantri Vatsalya Yojana के दस्तावेज
योजना में आवेदन के लिए आवेदक के पास सभी महत्त्वपूर्ण दस्तावेज होने आवश्यक है, जिनके बिना आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकेगी इसके लिए सभी महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों की जानकारी आवेदक यहाँ से जान सकेंगे
- आवेदक का आधारकार्ड
- पहचान पत्र
- राशन कार्ड
- जन्म प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
- बैंक खाता की पासबुक
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में आवेदन प्रक्रिया
राज्य के जो भी नागरिक मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं वह यहाँ बताई गई प्रक्रिया को पढ़कर योजना में आवेदन कर सकते हैं।
- इसके लिए आवेदक सबसे पहले वूमेन सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग उत्तराखंड की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।
- अब होम पेज पर आपको स्क्रॉल डाउन करके Recent Updates का विकल्प दिखाई देगा।
- यहाँ आपको महिला वात्सल्य योजना के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- अब आपको अगले पेज में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना हेतु आवेदन पत्र के लिंक पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आपकी स्क्रीन पर योजना के आवेदन पत्र का पीडीएफ खुलकर आ जाएगा।
- यहाँ आपको फॉर्म डाउनलोड करके इसका प्रिंटआउट निकलवाना होगा।
- अब फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी जैसे बच्चे का नाम, जन्म तिथि एवं आयु, धर्म, जाति, आधार कार्ड नंबर, स्थाई पता आदि ध्यानपूर्वक भरनी होगी।
- इसके बाद आपको फॉर्म में माँगे गए सभी दस्तावेजों को फॉर्म के साथ अटैच कर देना होगा।
- अब आखिर में फॉर्म की पूरी तरह जाँच करके आपको उसे संबंधित कार्यालय में जमा करवा देना होगा।
- इस तरह आपकी योजना में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से जुड़े प्रश्न/उत्तर
Mukhyamantri Vatsalya Yojana क्या है ?
Mukhyamantri Vatsalya Yojana उत्तराखंड सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता या परिजनों को खो चुके बच्चों के लिए शुरू की गई योजना है, जिसके माध्यम से ऐसे सभी बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा व रोजगार की जिम्मेदारी सरकार द्वारा उठाई जाएगी।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करने के लिए इसकी आधिकारिक वेबसाइट क्या है ?
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करने के लिए आवेदक महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग उत्तराखंड की आधिकारिक वेबसाइट wecd.uk.gov.in या ऊपर आवेदन फॉर्म के दिए गए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।
योजना के माध्यम से लाभार्थी को क्या लाभ प्रदान किया जाएगा ?
योजना के माध्यम से लाभार्थी बच्चों को भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह 3000 रूपये की आर्थिक सहायता, शिक्षा के लिए स्कूल में निशुल्क शिक्षा और उच्च शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए 5% आरक्षण प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ लाभार्थी को कब तक प्रदान किया जाएगा ?
योजना का लाभ लाभार्थी बच्चों को 21 वर्ष की आयु पूरी होने तक प्रदान की जाएगी।
वात्सल्य योजना में आवेदन हेतु इसकी क्या पात्रता निर्धारित की गई है ?
योजना में आवेदन करने वाले लाभार्थी बच्चे उत्तराखंड के स्थाई निवासी हो, जिन्होंने कोरोना संक्रमण के कारण अपने माता-पिता या अभिभावकों को खो दिया है और उनकी आयु 21 वर्ष से कम हो।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से संबंधित सभी जानकारी हमने आपको अपने लेख के माध्यम से प्रदान करवा दी है और हमें उम्मीद है की यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी, इसके लिए यदि आपको हमारा लेख पसंद आए या इससे संबंधित कोई प्रश्न पूछना हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न पूछ सकते हैं, हम आपके प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे।
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