आज के समय में हर व्यक्ति अपने काम में इतना व्यस्त हो जाता है की वो अपने स्वास्थ्य का ख्याल ही नहीं रख पाता है। इसलिए हमारे दिमाग और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
योग प्राचीन समय से हमारे साथ जुड़ा हुआ है और इसका महत्व पुरे विश्व में अनंत काल से है। प्रतिदिन योग करने से मनुष्य का दिमाग, शरीर, ताजगी और सुकून का अहसास दिलाने में बेहद महत्वपूर्ण है।
शरीर को ताजगी और सुकून दिलाने में हमारे पर्यावरण का भी बेहद महत्व है। क्योकि पर्यावरण से ही हमको शुद्ध हवा, आहार और पानी मिलता है। इसलिए लोगों को जागरूप करने के हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के यूज से हुई है। जिसका अर्थ है। मनुष्य की आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन होना। तो आइये जानते है अंतराष्ट्रीय योग दिवस क्या है? और इसका महत्व क्या है। योग दिवस से जुड़ी सभी जानकारी को लेने के लिए हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
Table of Contents
अंतराष्ट्रीय योग दिवस 2023
पुरे विश्व में हर साल 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ये दिन पुरे साल का सबसे बड़ा दिन होता है। योग मनुष्य के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। योग करने से मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता है।
विभिन्न प्रकार की बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए योग करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए अहम है। योग से ही मनुष्य के शरीर में रोगप्रतिरोगक क्षमता बढ़ती है, जिसकी वजह से हमारा शरीर अनेक तरह की बीमारियों से रक्षा करता है। अपने शरीर में सकारात्मक ऊर्जा और अच्छी सोच को उत्पन करने के लिए योग करना बेहद जरुरी है।
International Yoga Day Overview
आर्टिकल का नाम | अंतराष्ट्रीय योग दिवस 2023 |
योग दिवस की शुरुआत | 21 जून 2015 |
योग दिवस का आरंभ | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने |
कब मनाया जाता है | 21 जून को पूरी दुनिया में |
योग की उत्पत्ति | संस्कृत के युज शब्द से |
योग के लाभ | शरीर से सकारात्मक ऊर्जा लाना,रोगप्रतिरोग क्षमता बढ़ाना और सुकून देना |
2023 थीम | वन वर्ल्ड, वन हेल्थ (One World One Health) |
अंतराष्ट्रीय योग दिवस 2023 Theme
हर साल योग दिवस के माध्यम के लोगों को नए-नए थीम को बनाया जाता है। जिससे की सभी व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूप हो सकें। अंतराष्ट्रीय योग दिवस 2023 की ‘थीम वन वर्ल्ड, वन हेल्थ’ रखी गई है।
योग का इतिहास
ऐसा माना जाता है की योग की शुरुआत भारत देश से हुई है। उसके बाद इसका प्रचलन पुरे विश्व में फैला। सबसे पहले अंतरास्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को बड़ी उत्साह के साथ पूरी दुनिया में मनाया गया था।
इस दिवस को मनाने की शुरुआत 27 सितम्बर 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका महासभा में अपने भाषण में कहा था। उसके बाद से महासभा में शामिल 193 सदस्य देशों ने 21 जून को अंतरास्ट्रीय योग दिवस मनाने की मंजूरी दे दी। तभी से पुरे विश्व में इस दिवस को मनाया जाता है।
योग दिवस के महत्व को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए देश के कई हिस्से में शिविर का आयोजन किया जाता है। अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूप होने के लिए बड़ी संख्या में लोग इस शिविर में अपना योगदान देते है।
अंतराष्ट्रीय योग दिवस कैसे मनाया जाता है?
पूरी दुनिया में दिन-प्रतिदिन गंभीर बीमारी फ़ैल रही है जिससे निजात पाता बहुत मुश्किल हो गया है। क्योकि आजकल का खान-पान, वातावरण, रोज की दिनचर्या सब कुछ बदल गया है। जिसकी वजह से हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे है। इसलिए योग दिवस के माध्यम से लोगों को जागरूप किया जाता है।
अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए देश के अलग-अलग हिस्से में शिविर आयोजित किये जाते है जिसमें हजारों लोग शामिल होकर एक साथ योग करते है। और योग का आनंद लेते है।
इसी प्रकार से हम भी प्रतिदिन कम-से-कम 30 मिनट योगा कर सकते है। इससे हमारा शरीर और दिमाग स्वस्थ रहने के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों से खुद को और अपने परिवार को बचा सकते है।
अंतराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देस्य
योग प्राचीन भारतीय परंपरा का एक बेहद कीमती उपहार है। मनुष्य के मन, विचार, क्रिया, सयंम और पूर्ति को हमारे जीवन में सही संतुलन को बनाए रखने में योग का बेहद महत्व है।
योग के माध्यम से सभी व्यक्ति को स्वस्थ रखना, बीमारी को कम करना, लोगों में एक दूसरे के प्रति सकारात्मक सोच को उत्पन करना ही योगा का उद्देस्य है।
योगा करने के अनेक लाभ
प्रतिदिन योगा करने से अनेक लाभ मिलते है। जो की इस प्रकार से है –
- मन शांत – व्यस्त जीवन को लेकर हर कोई परेशान हो जाता है। ऐसे में कुछ समय योगा करके मन को शांत किया जा सकता है। योग से मन को एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। जिससे हर काम में मन लगा रहता है। योग से हमारे अंदर की भावना नियंत्रित रहती है जैसे- सुख- दुःख, प्यार और गुस्सा।
- शरीर का संतुलन बनाए रखना – योग से हमारे शरीर के प्रत्येक अंग और हड्डिया मजबूत बनती है। खून का सही नियंत्रण बनाए रखना, शरीर में चुस्ती लाना, शरीर का विकास, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना और सकारात्मकता भाव को अपने शरीर में लाना ये सब योग से ही संभव है।
- वजन कम करना- प्रतिदिन योग करने से हमारे द्वारा खाएं गए आहार का सही से पाचन होता है। उसी से रक्त का अच्छा प्रवाह होता है। शरीर में लचीलापन आता है जिससे शरीर के वजन में संतुलन बना रहता है।
- प्रतिरोधन क्षमता बढ़ाना – योग से खाने का पाचन अच्छे से होता है। शरीर की गन्दगी बाहर आती है। वातावरण में मौजूद अच्छे तत्वा शरीर में चले जाते है। जिससे मनुष्य से अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। जीवन के प्रति उत्साह बढ़ जाता है।
- मनोबल बढ़ना – यदि दिन की शुरुआत योग से हो जाये तो पूरा दिन शरीर में एक ऊर्जा बनी रहती है। अपने काम में मन लगा रहता है। शरीर में ताजगी बनी रहती है। जीवन की हर परिस्थिति का सामना करने में हिम्मत देता है।
भारत और योग का आपसी सम्बन्ध
भारत देश को योग का जनक कहा जाता है। कुछ विद्वानों का कहना है की योग का इतिहास आज से 27000 साल पुराना है। भारत के महान व्यक्ति महर्षि पतंजलि ने 200 ई.पू. में योगसूत्र के बारें में लिखा था। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के युज धातु से हुई है।
योग पहले सिर्फ भारत तक ही सीमित था धीरे-धीरे करके इसका प्रचलन पुरे विश्व में फ़ैल गया। विदेशों में योग का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। आज योग के महत्व को विज्ञान भी मान गया है। इसलिए हमें कुछ समय निकालकर योगा करना चाहिए।
महत्वपूर्ण योगासन के नाम और उनकी मुद्रा
आसन | मुद्रा |
सूर्यनमस्कार | सबसे पहले सूरज को प्रणाम करने के समान सीधे खड़े हो जाना है दोनों हाथों को जोड़ ले और लंबी सांस लेने हुए आराम से सांस को छोड़ दे। |
ताड़ासन | सबसे पहले सीधे खड़े हो जाये धीरे-धीरे अपना पूरा वजन अपने पंचे पर डालें और एड़ी को ऊपर उठा ले अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाये इस स्थिति में कुछ देर ऐसे ही रहे। |
शीर्षासन | इस योग में सिर के बल खड़ा हुआ जाता है। शरीर का पूरा भार हमारे सिर पर होता है। इससे हमारे दिमाग में रक्त का अच्छा प्रवाह होता है। |
पादहस्तासन | पहले सीधे खड़े हो जाये फिर आराम से आगे झुकते हुए अपने सर को जन्घो पर टच करना है, अपने दोनों हाथों से पैर के अंगूठे छूने हैं। कुछ समय बाद सीधे खड़े हो जाना है। |
वज्रासन | नीचे बैठकर दोनों पैरो को मोडकर, अपनी कमर को सीधा रख कर अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखना है यदि प्रक्रिया 5-7 बार दोहरानी है। |
धनुरासन | जमीन पर लेट जाना है दोनों हाथो से पैरो को कुछ समय तक पकडे रहना है ऐसा करने से एक धनुष का आकार बनता है। |
अंतराष्ट्रीय योग दिवस से सम्बंधित प्रश्नोत्तर –
प्रत्येक व्यक्ति को उसके स्वास्थ्य के प्रति जागरूप करने, विभिन्न रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करना और शरीर को ताजगी व मन को शांत बनाए रखने के लिए पुरे विश्व में हर साल योग दिवस मनाया जाता है।
योग दिवस की शुरुआत 21 जून 2015 को हमारे देश के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा हुई है। पूरी दुनिया में बड़े उत्साह के साथ ये दिन मनाया गया था जिसमे नरेन्द्र मोदी जी के साथ-साथ 35 हजार लोगों और 84 देशों के नतृत्वा में दिल्ली के राजपथ पर 21 तरह से आसन किए थे।
योग करने के अनेक लाभ है जैसे – शरीर में लचीलापन, शरीर को स्वस्थ बनाए रखना, तनाव कम करना, रक्त प्रवाह और ह्रदय की गति को नियंत्रित करना, अच्छी नींद आना, आत्मविश्वास से सुधार लाना और सकारात्मक भाव को उत्पन करना है।