पहले लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष थी। लेकिन अब लड़कियों की 21 वर्ष में शादी का कानून पास किया गया है। अब लड़कियों की विवाह योग्य न्यूनतम आयु को 21 साल करने का फैसला लिया गया है।
Naya vivah kanoon pass में सभी धर्म की लड़कियों की शादी /विवाह योग्य न्यूनतम आयु 21 वर्ष किये जाने की मांग रखी गयी थी। 16 दिसंबर 2021 में केबिनेट द्वारा दो बिल पेश किये गए थे, जिसमें एक बिल में लड़कियों की शादी की आयु को 21 वर्ष किये जाने का प्रस्ताव रखा गया।
केबिनेट द्वारा यह बिल पास कर लिया गया है जिसके बाद से अब लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु क़ानूनी रूप से 21 वर्ष मानी जाएगी। इसी प्रकार से देश की बेटियों को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
आखिर सरकार द्वारा Girl’s marriage age को 18 साल से बढाकर 21 साल क्यों रखा गया है ?Naya vivah kanoon pass क्या है और लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के क्या फायदे हैं आइये जानते हैं सभी के बारे में विस्तार से।
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अब लड़कियों की होगी 21 वर्ष में शादी
भारत में हिंदुओं के लिए ,हिन्दू विवाह अधिनियम ,1955 के तहत लड़की और लड़के दोनों के लिए ववाह हेतु न्यूनतम आयु 18 और 21 रखी गयी है। यानी की लड़कियों की शादी की न्यूनतम क़ानूनी आयु 18 वर्ष और लड़कों की विवाह हेतु न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए।
वहीँ इस्लाम धर्म में निकाह (शादी हेतु) अलग कानून हैं उनके अनुसार यौवन प्राप्त नाबालिक विवाह कर सकते हैं। लकिन अब Naya vivah kanoon pass से अब लड़कियों की 21 वर्ष में शादी होगी।
लड़कियों के विवाह की आयु पर जया जेटली की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स को गठित किया गया था। इसकी रिपोर्ट में लड़कियों विवाह की आयु को 18 से अधिक बढ़ाने की मांग की गयी थी। नया विवाह कानून भारत में सभी धर्मों की महिलाओं पर लागू होगा।
Naya vivah kanoon pass | Girl’s marriage age was 18 years to 21 years
जया जेटली की अध्यक्षता में गठित की गयी टास्क फोर्स ने साल 2020 में नीति आयोग को अपनी एक रिपोर्ट पेश की थी। इस टास्क फोर्स में कुल 10 सदस्य थे जिनके द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट में देश के सभी कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया था।
साल 2020 में दिसम्बर माह में इस रिपोर्ट को सरकार को सौंपा गया। इसी रिपोर्ट में Girl’s marriage age को 18 years से 21 years करने की मांग रखी गयी थी। वर्तमान में लड़कियों की शादी की आयु को 18 साल से बढाकर 21 साल कर दिया गया है।
नया विवाह कानून पास | विवाह कानून में दूसरा बड़ा बदलाव
जया जेटली के अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स द्वारा महिलाओं के विवाह हेतु न्यूनतम आयु 18 से 21 साल रखने के लिए 4 कानूनों में संशोधन किये जाने की सिफारिस पेश की गयी थी। इससे पहले साल 1978 लड़कियों के विवाह के लिए आयु में आखिरी परिवर्तन किया गया था।
1978 में शारदा एक्ट 1929 में बदलाव किये गाये थे जिसके बाद से लड़कियों की विवाह की आयु को 15 वर्ष से बढ़ाकर 18 वर्ष कर दी गयी थी।
साल 2021 में नया विवाह कानून के अंतर्गत यह फैसला लिया गया की अब लड़कियों की शादी की आयु 21 वर्ष की जाएगी। 16 दिसंबर 2021 में Naya vivah kanoon pass (Girl’s marriage age was 18 years to 21 years) को पास कर दिया गया था।
जानिए लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के फायदे
- भारत में पहले लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष रखी गयी थी। जिसके बाद नया विवाह कानून से अब लड़कियों की शादी मि न्यूनतम आयु 21 वर्ष कर दी गयी है।
- आर्टिकल 14 के अनुसार सभी लिंग ,जाति आयु वर्ग के लोगों को समान अधिकार दिए गए हैं। लड़कियों की शादी की आयु को भी लड़कों के समान 21 वर्ष किये जाने से लैंगिक समानता की दिशा में कदम बढ़ाये जायेंगे।
- लड़कियां को अपनी पढ़ाई के लिए आगे बढ़ने का अधिक अवसर मिलेगा।
- शादी के लिए ालड़कियों की न्यूनतम आयु 18 से 21 करने से लड़कियों को अपनी शिक्षा पूरी करने और अपने पैरों पर खड़े होने का समय मिल सकेगा उनके ऊपर विवाह का दबाब कम हो सकेगा।
- भारत में अभी भी 23 % से अधिक लड़कियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है। Naya vivah kanoon pass से अब किशोर विवाह के खतरों पर रोक लगायी जा सकेगी।
- गरीब परिवार या ऐसे परिवार जो अशिक्षित हैं अपनी बेटी का विवाह करने के लिए उनपर दबाद डालते हैं। लेकिन नए विवाह कानून के पास होने से सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
- एक आंकड़े के अनुसार पहली कक्षा से पांचवी और छठी से आठवीं में लड़कियों के ड्रॉपआउट की दर 1.2 और 2.6 प्रतिशत है। लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के नए कानून से अब कुछ हद तक ड्रॉपआउट की दर में कमी आएगी।
- महिलाओं की शादी हेतु न्यूनतम आयु 21 साल हो जाने से वह शारीरिक ,मानसिक और आर्थिक रूप से बेहतर स्थति में होगी और अपने भविष्य के लिए किसी दबाब या किसी दुर्व्यवहार का सामना करने के लिए तैयार हो सकेगी।
- कम आयु में लड़कियों के विवाह के बाद उन्हें गर्भधारण में होने वाली कई जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आयु को बढ़ाया जाता है तो वह भविष्य में होने वाली जटिलताओं से अपनी रक्षा करने योग्य हो सकेंगी।
- महिलाओं को रोजगार और शिक्षा में समान अवसर मिलेंगे जिससे वह देश की अर्थव्यवस्था बढ़ने में अपनी भागीदारी दे सकेंगे।
अब लड़कियों की होगी 21 वर्ष में शादी से सम्बंधित सवालों के जबाब (FAQs)-
नया विवाह कानून में लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु को बढ़ाया गया है। पहले यह आयु 18 वर्ष थी जिसके बाद इस कानून से विवाह की न्यूनतम आयु लड़कियों के लिए 21 कर दी गयी है।
हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के तहत भारत में लड़की के विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है और लड़के की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है।
16 दिसंबर 2021 में Naya vivah kanoon pass किया गया।
जी हाँ ! Naya vivah kanoon pass में सभी धर्म की लड़कियों को शामिल किया जायेगा।