कांग्रेस का इतिहास बड़ा ही रोचक है भारत की प्रमुख पार्टियों में एक राजनैतिक पार्टी कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस की स्थापना विदेशी नागरिक द्वारा की गयी थी जिनका नाम था एलन ऑक्टोवियो हयूम। एलन ऑक्टोवियो हयूम एक प्रशासनिक अधिकारी और राजनैतिक सुधारक थे इसके साथ ही वह पक्षी वैज्ञानिक भी थे उनके कार्यों के कारण उन्हें “भारतीय पक्षीविज्ञान का पितामाह” भी कहा जाता था।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का इतिहास और कांग्रेस के संस्थापक कौन हैं साथ ही साथ कांग्रेस के अधिवेशनों के बारे में बताएंगे। परीक्षा की दृष्टि से भी आपके लिए यह टॉपिक महत्वपूर्ण होने वाला है। Congress history से जुडी सभी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
आर्टिकल नाम | कांग्रेस का इतिहास |
कांग्रेस की स्थापना वर्ष | 28 दिसंबर 1885 |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मुख्यालय | नई दिल्ली |
कांग्रेस के संस्थापक | एलन ऑक्टोवियो हयूम (स्कॉटलैंड) |
कांग्रेस के पहले अध्यक्ष | व्योमेश चंद्र बनर्जी |
कांग्रेस के 56 वा अधिवेशन के अध्यक्ष | राजेन्द्र प्रसाद |
कांग्रेस को पहले जाना जाता था | भारतीय राष्ट्रीय संघ (1884 में स्थापना ) |
कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन | बम्बई (मुंबई) 1885 में |
कांग्रेस का 56 वा अधिवेशन | दिल्ली 1947 में |
Table of Contents
कांग्रेस का संस्थापक (A.O हयूम)
28 दिसंबर 1885 को बम्बई के गोकुल दास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में A.O हयूम ने थिओसोफिकल सोसाइटी के 72 राजनैतिक कार्यकर्ताओं की सहायता से Congress Party की स्थापना की थी। A.O हयूम का पूरा नाम एलन ऑक्टोवियो हयूम था जो की स्कॉटलैंड के निवासी थे।
कांग्रेस का संस्थापक एलन ऑक्टोवियो हयूम ने कोलकाता के व्योमेश चंद्र बनर्जी को इस पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया था। कांग्रेस के संस्थापकों में A.O हयूम के साथ-साथ दादाभाई नैरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। सन्न 1912 में A.O हयूम की मृत्यु हो जाने पर कांग्रेस ने उन्हें अपना जन्मदाता तथा संस्थापक घोषित किया।
कांग्रेस का इतिहास
कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। इस पार्टी की स्थापना से लेकर वर्तमान में इसके स्वरुप को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा की इस पार्टी ने कई उतार चढाव देखे हैं। कांग्रेस की स्थापना की बात की जाए तो A.O हयूम इस पार्टी के संस्थापक माने जाते हैं।
साल 1885 में दिसंबर माह की 28 तारीख को congress का पहला अधिवेशन हुआ था जो की बम्बई में व्योमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। उस समय कांग्रेस पार्टी में सामाजिक कार्यकर्त्ता ,पत्रकार ,वकील सभी दल शामिल थे।
कांग्रेस की स्थापना के अगले वर्ष सन 1886 में कोलकता में दूसरा अधिवेशन दादाभाई नैरोजी की अध्यक्षता में की गयी थी उस समय इस पार्टी में प्रतिनिधियों की संख्या 72 से बढ़ाकर 436 कर दी गयी थी।
साल 1887 में कांग्रेस के तीसरे अधिवेशन में एक मुस्लिम व्यक्ति सैयद बद्रूद्दीन तैयब जी को इस पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। सैयद बद्रूद्दीन तैयब कांग्रेस के प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष थे। 1888 इलाहाबाद में कांग्रेस का चौथा अधिवेशन आयोजित किया गया था।
इस अधिवेशन में कोंग्रस के अध्यक्ष के रूप में जॉर्ज यूल को नियुक्त किया गया था जोकि प्रथम यूरोपीय व्यक्ति थे। चालीसवाँ अधिवेशन (बेलगांव अधिवेशन) में महात्मा गाँधी जी को 1924 में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था।
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साल 1907 कांग्रेस का प्रारम्भिक वर्ष
1907 में कांग्रेस के 23 वें अधिवेशन (सूरत अधिवेशन) जिसकी अध्यक्षता डॉ. रास बिहारी घोष जी कर रहे थे उस समय कांग्रेस में दो दल बन चुके थे पहला गरम दल और दूसरा नरम दल। इन दो दलों में गरम दल का नेतृत्व लाला लाजपत राय, बाल गंगा धर तिलक, बिपिन चन्द्र पाल ने किया था।
लाला लाजपत राय, बाल गंगा धर तिलक, बिपिन चन्द्र पाल को संयुक्त रूप से लाल, बाल, पाल कहा गया। तथा नरम दल का नेतृत्व गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोज मेहता, दादा भाई नैरोजी ने किया।
गरम दल पूर्ण स्वराज चाहता था लेकिन नरम दल की मांग ब्रिटिश राज में स्वशासन की थी। जिसकी वजह से दोनों ही दल 1907 में विभाजित हुए। वर्ष 1916 में की लखनऊ अधिवेशन (कांग्रेस का 32 वां अधिवेशन) जिसकी अध्यक्षता अंबिकाचरण मजूमदार जी कर रहे थे।
उस समय कांग्रेस के यह दोनों दल फिर से एक हो गए थे। साल 1916 में ही होम रूल आंदोलन की शुरुआत बाल गंगाधर तिलक ने की थी जिसके तहत ब्रिटिश राज में भारत के लिए डोमिनियन स्टेट की मांग को उठाया गया था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
साल 1915 में जिस समय गाँधी जी अपनी विदेश यात्रा पूरी कर भारत आये थे उस समय कांग्रेस में कई बदलाव आये। 1919 में जिस समय बड़े स्तर पर जालियाँवाला बाग हत्याकांड की घटना घटित हुयी थी।
इसके बाद गाँधी जी को काँग्रेस पार्टी का महासचिव बनाया गया था। इस कांग्रेस पार्टी में सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद, सुभाष चंद्र बोस आदि शामिल थे। महात्मा गाँधी जी के नेतृत्व में काँग्रेस कमेटियों की शुरुआत हुयी थी।
इसी समय गाँधी जी का नेतृत्व प्राप्त कर काँग्रेस के पदों के लिए चुनाव शुरू किये गए साथ ही साथ भारतीय भाषाओं का प्रयोग कार्यवाहियों के लिए किया जाने लगा। इतना ही नहीं भारत में कई प्रांतों में सामाजिक ,आर्थिक समस्याओं को हटाने के लिए प्रयास भी कांग्रेस द्वारा किये जाने लगे।
1947 के बाद कांग्रेस
साल 1947 में कांग्रेस का 56 वां अधिवेशन दिल्ली में राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुआ था। 1947 आजादी के बाद कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बनी। कांग्रेस पार्टी की ओर से अब तक भारत में 7 प्रधानमंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं ने भारत में प्रधानमंत्री पद को संभाला है।
कांग्रेस दल के नेता जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी भारत का प्रधानमंत्री पद संभाल चुके हैं। अब तक कांग्रेस पार्टी से देश के 7 प्रधानमंत्री रह चुके हैं जो इस प्रकार हैं –
प्रधानमंत्री | वर्ष | समयावधि |
जवाहर लाल नेहरू | 1947 -64 | 17 वर्ष |
गुलजारी लाल नंदा | 1964 ,1966 | 26 दिन |
लाल बहादुर शास्त्री | 1964 -66 | 2 वर्ष |
इंदिरा गाँधी | 1966 -1977 1980-1984 | 16 वर्ष |
राजीव गाँधी | 1984–89 | 5 वर्ष |
पी. वी नरसिम्हा | 1991–96 | 5 वर्ष |
मनमोहन सिंह | 2004–14 | 10 वर्ष |
कांग्रेस पार्टी सर जुड़े कई प्रमुख नेता राष्ट्रपति पद को संभाल चुके हैं। अब तक इस पार्टी से 8 नेताओं को राष्ट्रपति पद के लिए चुना जा चुका है –
प्रधानमंत्री | वर्ष |
राजेंद्र प्रसाद | 1950- 62 |
फखरूदीन अली अहमद | 1974 -77 |
जैल सिंह | 1982 -87 |
रामास्वामी वेंकटरमण | 1987 – 92 |
शंकर दयाल शर्मा | 1992 -97 |
के.आर नारायण | 1997-2002 |
प्रतिभा पाटिल | 2007-12 |
प्रणब मुखर्जी | 2012-17 |
कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन (बम्बई -1885)
दादा भाई नौरोजी के सुझाव पर भारतीय राष्ट्रीय संघ का नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किया गया। कांग्रेस का पहला अधिवेशन बम्बई में हुआ था जिसमें कुल 72 प्रतिनिधि शामिल थे।
पहले इस अधिवेशन को पुणे में आयोजित किया गया था लेकिन अकाल के कारण इस अधिवेशन को बम्बई में गोकुलदास तेजपाल संस्कृत विद्यालय में किया गया। कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी द्वारा की गयी थी।
कांग्रेस अधिवेशन (1885 से 1947 तक)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन 1885 में बम्बई में W.C बनर्जी तथा अंतिम अधिवेशन 1947 में दिल्ली में राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुआ था। 1885 से 1947 के बीच कांग्रेस द्वारा कई अधिवेशन किये गये यह अधिवेशन किन स्थानों में हुए और इनकी क्या विशेषता रही साथ ही इन अधिवेशनों की अध्यक्षता किसने की थी इसकी सूची आपको नीचे दी गयी है –
अधिवेशन वर्ष 1885 से 1892 तक –
अधिवेशन | वर्ष | स्थान | |
पहला अधिवेशन | 1885ई. | बम्बई (वर्तमान मुम्बई) | व्योमेश चन्द्र बनर्जी |
दूसरा अधिवेशन | 1886ई. | कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) | दादाभाई नौरोजी |
तीसरा अधिवेशन | 1887ई. | मद्रास (वर्तमान चेन्नई) | बदरुद्दीन तैयब जी (प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष) |
चौथा अधिवेशन | 1888ई. | इलाहाबाद | जॉर्ज यूल ( प्रथम ब्रिटिश अध्यक्ष) |
पाँचवा अधिवेशन | 1889ई. | बम्बई | सर विलियम वेडरबर्न |
छठा अधिवेशन | 1890ई. | कलकत्ता | फ़िरोजशाह मेहता |
सातवाँ अधिवेशन | 1891ई. | नागपुर | पी. आनंद चारलू |
आठवाँ अधिवेशन | 1892ई. | इलाहाबाद | व्योमेश चन्द्र बनर्जी |
अधिवेशन वर्ष 1893 ई से 1900 तक –
नौवाँ अधिवेशन | 1893 | लाहौर | दादाभाई नौरोजी |
दसवाँ अधिवेशन | 1894 | मद्रास | अल्फ़ेड वेब (कांग्रेस संविधान का निर्माण) |
ग्यारहवाँ अधिवेशन | 1895 | पूना | सुरेन्द्रनाथ बनर्जी |
बारहवाँ अधिवेशन | 1896 | कलकत्ता | रहीमतुल्ला सयानी |
तेरहवाँ अधिवेशन | 1897 | अमरावती | सी. शंकरन नायर |
चैदहवाँ अधिवेशन | 1898 . | मद्रास | आनंद मोहन दास |
पन्द्रहवाँ अधिवेशन | 1899 | लखनऊ | रमेश चन्द्र दत्त |
सोलहवाँ अधिवेशन | 1900 | लाहौर | एन.जी. चंद्रावरकर |
अधिवेशन वर्ष 1901 से 1908 तक –
सत्रहवाँ अधिवेशन | 1901 | कलकत्ता | दिनशा इदुलजी वाचा |
अठारहवाँ अधिवेशन | 1902 | अहमदाबाद | सुरेन्द्रनाथ बनर्जी |
उन्नीसवाँ अधिवेशन | 1903 . | मद्रास | लाल मोहन घोष |
बीसवाँ अधिवेशन | 1904 | बम्बई | सर हेनरी काटन |
इक्कीसवाँ अधिवेशन | 1905 | बनारस | गोपाल कृष्ण गोखले |
बाईसवाँ अधिवेशन | 1906 | कलकत्ता | दादाभाई नौरोजी (पहली बार स्वराज शब्द का प्रयोग) |
तेईसवाँ अधिवेशन | 1907 | सूरत | डॉ. रास बिहारी घोष (कांग्रेस का प्रथम विभाजन) |
चौबीसवाँ अधिवेशन | 1908 | मद्रास | डॉ. रास बिहारी घोष |
अधिवेशन वर्ष 1909 से 1920 तक –
पच्चीसवाँ अधिवेशन | 1909 | लाहौर | मदन मोहन मालवीय |
छब्बीसवाँ अधिवेशन | 1910 | इलाहाबाद | विलियम वेडरबर्न |
सत्ताईसवाँ अधिवेशन | 1911 | कलकत्ता | पंडित बिशननारायण धर |
अट्ठाईसवाँ अधिवेशन | 1912 | बांकीपुर | आर.एन. माधोलकर |
उन्नतीसवाँ अधिवेशन | 1913 | कराची | नवाब सैयद मोहम्मद बहादुर |
तीसवाँ अधिवेशन | 1914 | मद्रास | भूपेन्द्र नाथ बसु |
इकतीसवाँ अधिवेशन | 1915 | बम्बई | सर सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा |
बत्तीसवाँ अधिवेशन | 1916 | लखनऊ | अंबिकाचरण मजूमदार |
तैतीसवाँ अधिवेशन | 1917 | कलकत्ता | श्रीमती एनी बेसेन्ट |
विशेष अधिवेशन अधिवेशन | 1918 | बम्बई | सैयद हसन इमाम (कांग्रेस का दूसरा विभाजन) |
चौतीसवाँ अधिवेशन | 1918 | दिल्ली | मदन मोहन मालवीय |
पैतीसवाँ अधिवेशन | 1919 | अमृतसर | पं. मोतीलाल नेहरू |
छत्तीसवाँ अधिवेशन | 1920 | नागपुर | सी. वी. राघवचारियार (कांग्रेस संविधान में परिवर्तन) |
विशेष अधिवेशन अधिवेशन | 1920 | कलकत्ता | लाला लाजपत राय |
अधिवेशन वर्ष 1921 से 1933 तक –
सैतीसवाँ अधिवेशन | 1921 | अहमदाबाद | हकीम अजमल ख़ाँ |
अड़तीसवाँ अधिवेशन | 1922 | गया | देशबंधु चितरंजन दास |
उनतालीसवाँ अधिवेशन | 1923 | काकीनाडा | मौलाना मोहम्द अली |
विशेष अधिवेशन अधिवेशन | 1923 | दिल्ली | मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (सबसे युवा अध्यक्ष) |
चालीसवाँ अधिवेशन | 1924 | बेलगांव | महात्मा गाँधी |
एकतालीसवाँ अधिवेशन | 1925 | कानपुर | श्रीमती सरोजनी नायडू |
बयालीसवाँ अधिवेशन | 1926 | गुवाहाटी | एस. श्रीनिवास आयंगर |
तैंतालिसवाँ अधिवेशन | 1927 | मद्रास | डॉ.एम.ए. अंसारी (पूर्ण स्वाधीनता की मांग) |
चौवालिसवाँ अधिवेशन | 1928 | कलकत्ता | जवाहर लाल नेहरु |
पैंतालिसवाँ अधिवेशन | 1929 | लाहौर | जवाहर लाल नेहरु (पूर्ण स्वराज की मांग) |
छियालिसवाँ अधिवेशन | 1931 | कराची | सरदार वल्लभ भाई पटेल (मौलिक अधिकार की मांग) |
सैंतालिसवाँ अधिवेशन | 1932 | दिल्ली | अमृत रणछोड़दास सेठ |
अड़तालिसवाँ अधिवेशन | 1933 | कलकत्ता | श्रीमती नलिनी सेनगुप्ता |
अधिवेशन वर्ष 1934 से 1947 तक –
उन्चासवाँ अधिवेशन | 1934 | बम्बई | बाबू राजेन्द्र प्रसाद |
पचासवाँ अधिवेशन | 1936 | लखनऊ | जवाहर लाल नेहरु |
इक्यावनवाँ अधिवेशन | 1937 | फ़ैजपुर | जवाहर लाल नेहरु |
बावनवाँ अधिवेशन | 1938 | हरिपुरा | सुभाष चन्द्र बोस |
तिरपनवाँ अधिवेशन | 1939. | त्रिपुरी | सुभाष चन्द्र बोस |
चौवनवाँ अधिवेशन | 1940 | रामगढ़ | मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद |
पचपनवाँ अधिवेशन | 1946. | मेरठ | आचार्य जे.बी. कृपलानी |
छप्पनवाँ अधिवेशन | 1947 | दिल्ली | राजेन्द्र प्रसाद |
कांग्रेस का इतिहास FAQs
देश की आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी के पहले अध्यक्ष कौन थे?
देश की आजादी के बाद पार्टी के पहले अध्यक्ष आचार्य कृपलानी थे।
कांग्रेस की स्थापना कब की गयी थी?
28 दिसंबर 1885 को कांग्रेस की स्थापना की गयी थी।
आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी लंबे समय तक अध्यक्ष पद पर रहने वाली महिला कौन हैं?
सोनिया गाँधी आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी लंबे समय तक अध्यक्ष पद पर रहने वाली महिला हैं इन्होंने 1997 में पार्टी की सदस्यता ली थी और साल 1998 में उन्हें पार्टी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
जिस समय कांग्रेस की स्थापना की गयी थी उस समय भारत के वायसराय कौन थे ?
कांग्रेस की स्थापना के समय भारत में वायसराय लॉर्ड डफरिन थे।
‘कांग्रेस का इतिहास’ नामक पुस्तक किसके द्वारा लिखी गयी है ?
बी. पट्टाभि सीतारमैया द्वारा ‘कांग्रेस का इतिहास’ पुस्तक को लिखा गया है। इस पुस्तक में 1935 से 1947 तक का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास को लिखा गया है।
किसे ‘कांग्रेस का जनक या पिता (Father of the Indian National Congress,) कहा जाता है ?
एलन ऑक्टेवियन ह्यूम (A.O.Hume) को कांग्रेस का जनक या पिता कहा जाता है।
किस वर्ष कांग्रेस दो दलों में विभाजित हुआ ?
साल 1907 में काँग्रेस में दो दलों में बंट चुका था – पहला गरम दल तथा दूसरा नरम दल।
गरम और नरम दल का नेतृत्व किसने किया ?
Congress के गरम दल का नेतृत्व लाल, बाल, पाल यानी लाला लाजपत राय, बाल गंगा धर तिलक ,बिपिन चन्द्र पाल ने किया। तथा नरम दल का नेतृत्व गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोज मेहता, दादा भाई नैरोजी ने किया।
किस वर्ष Congress के दो दल नरम दल और गरम दल फिर से एक हो गए थे?
साल 1916 में लख़नऊ बैठक में कांग्रेस के दोनों दल गरम दल और नरम दल फिर से एक हो गए थे।
किस वर्ष गाँधी जी कांग्रेस के महा सचिव बनाये गए थे?
जलियांवाला बाग़ हत्याकांड जो की 1919 में हुआ था इस घटना के बाद गाँधी जी कांग्रेस के महासचिव के रूप में नियुक्त किये गए थे।
कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष कौन थी ?
श्रीमती एनी बेसेंट कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थी।