आपने कभी न कभी BPO का नाम तो सुना ही होगा। आखिर क्या होता है बीपीओ और यह कितने प्रकार का होता है ?क्या आपने कभी सोचा है की बीपीओ क्या काम करता है? आज इन सभी सवालों के जबाव आप इस आर्टिकल के माध्यम से जान सकेंगे। आज हम आपको BPO क्या होता है? बीपीओ कितने प्रकार के होते हैं एवं इसके लाभ और हानि सभी के बारे में जानकारी देंगे।
यहाँ हम आपको बड़ी ही आसान भाषा में BPO से जुडी जानकारी देंगे। पाठकों से निवेदन है की वह BPO से जुडी जानकारी के लिए आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
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BPO क्या होता है?
कई सारी बड़ी-बड़ी कंपनियों के पास बहुत- सा काम होता है जिसमें से कुछ काम कंपनियों द्वारा किये जाते जैसे कॉल सेंटर, कस्टमर सपोर्ट, सेल्स एंड मार्केटिंग, डाटा एंट्री आदि।
इन सभी कामों के लिए कंपनी किसी अन्य कंपनी को खरीद लेती है। इसी काम को Business Process Outsourcing यानी BPO कहा जाता है। और जिन कंपनियों द्वारा यह कार्य किया जाता है वह Business Process Outsourcing Company कहलाती है। उदाहरण के रूप में आप इसे ऐसे समझ सकते हैं – Amazon जो की एक ई कॉमर्स कंपनी है जिसके कई सारे उपभोक्ता हैं जो इनसे प्रोडक्ट को खरीदते हैं।
कई बार इन उपभोक्ताओं को प्रोडक्ट से सम्बंधित समस्या, शिकायत और प्रश्न करने होते हैं। अमेज़न कंपनी का कोई अलग से डिपार्टमेंट नहीं है जो अपने कस्टमर्स की शिकायतों का निराकरण कर सके। तो ऐसी स्थिति में Amazon किसी अन्य कंपनी को हायर करती है जो उसे उसके कस्टमर्स सपोर्ट से सम्बंधित कार्यों को पूरा करने का काम करती है और इसके लिए Amazon उस कंपनी को एक फिक्स अमाउंट देती है और
इस प्रकार Amazon को अलग से staff hiring, training, staff salary, building की आवश्यकता नहीं होती और इन सभी का खर्चा भी बच जाता है। जिससे Business Process Outsourcing Company और Amazon दोनों को ही लाभ होता है।
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BPO Full Form in Hindi
आप लोगों ने कॉल सेंटर का नाम तो सुना ही होगा। यह सभी कॉल सेंटर किसी न किसी कंपनी या संस्थान से जुड़े होते हैं। इन कॉल सेंटर के माध्यम से कंपनियों को अपने कस्टमर की किसी भी प्रकार की शिकायत या समस्या को सुना जाता है और उसका जल्द से जल्द समाधान निकला जाता है।
लेकिन आपको यहाँ यह समझने की जरूरत होगी की बीपीओ और कॉल सेंटर दोनों ही अलग चीज़ें हैं। BPO का पूरा नाम Business Process Outsourcing (यानी अपने बिज़नेस का कोई कार्य किसी बाहरी संस्थान से करवाना) है। BPO को information technology enabled services (ITES) से भी जाना जाता है। BPO एक प्रकार व्यवसाय आउट सोर्स प्रक्रिया होती है।
Types of BPO (बीपीओ के प्रकार)
बीपीओ कंपनी दो तरह (2 type) की होती हैं –
- पहली – Domestic BPO
- दूसरी – Multinational BPO
- Domestic BPO -डोमेस्टिक कंपनी में जो क्लाइंट होते हैं वह उसी देश के होंगे।
- Multinational BPO – Multinational company में हर देश के क्लाइंट शामिल होते हैं। जैसे google, yahoo, Microsoft, amazon Multinational company के कर्मचारियों का वेतन भी Domestic company के कर्मचारियों से अधिक होता है।
BPO के 3 प्रकार हैं
- Offshore Outsourcing
- Nearshore Outsourcing
- Onshore Outsourcing
- Offshore Outsourcing– बीपीओ में यदि कोई कंपनी अपने देश के बाहर कॉन्ट्रेक्ट (करार) करती है तो इसे ऑफशोर ऑउटसोर्सिंग खा जाता है।
- Nearshore Outsourcing- Nearshore Outsourcing उसे कहा जाता है जब कोई कंपनी किसी पडोसी देश के साथ कॉन्ट्रेक्ट करती है। यानी कंपनियां पडोसी देशों में किसी से बीपीओ सेवाएं प्राप्त करता है।
- Onshore Outsourcing- इसमें कंपनियों को अपने ही देश की कंपनियों से जुड़ने और उन्हें काम करने की आज्ञा देती है। ऐसी कंपनियों को ऑनशोर आउटसोर्सिंग कहा जाता है।
बीपीओ के लाभ
एक बीपीओ का क्या लाभ होता है इसे आप आसानी से नीचे दिए गए पॉइंट्स से समझ सकते हैं –
- सबसे अधिक एम्प्लॉयमेंट – इस फील्ड में सबसे अधिक नौकरियां आपको मिल जाती हैं।
- कम लागत प्रदान करना – बीपीओ कंपनियों को कम लागत में सेवाएं प्रदान करता है। बीपीओ एक कम्पनी को उसकी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने का मौका देता है।
- BPO किसी कंपनी द्वारा अतिरिक्त कर्मचारियों के भर्ती प्रक्रिया और ट्रेनिंग के खर्चे की बचत करता है।
- इतना ही नहीं बीपीओ 24 घंटे 7 दिन सेवा प्रदान कर सकता है।
- उच्च दक्षता –बीपीओ कपनियां कई फील्ड में अपना एक्सपीरियन्स रखती हैं और नयी तकनीकी का उपयोग करती है।
Business Process Outsourcing में काम करने के फायदे –
- बीपीओ या कॉल सेंटर में आप 12th के बाद आसानी से जॉब कर सकते हैं।
- वर्किंग एन्वॉयरमेंटर आपको मिलता है।
- आपका कम्युनिकेशन स्किल्स बढ़ता है क्योंकि आपको बीपीओ में कार्य करने के दौरान कई लोगों से कम्युनिकेट करना पड़ता है।
Business Process Outsourcing के नुकसान
- बीपीओ चलने वाली कंपनियां अपने उपभोक्ताओं की कई जानकारियों को किसी अन्य कंपनियों या कॉम्पिटिटर को बेच सकती है।
- कपनी का डाटा लीक होने की कई संभावनाएं हैं।
- कंपनी पूरी तरीके से किसी और पर निर्भर करती है।
- जॉब टीमिंग की समस्या से भी कभी -कभी जूझना पड़ता है।
- कभी-कभी संचार की समस्या का भी कर्मचारियों और उपभोक्ताओं को सामना करना पड़ता है।
Work In BPO
- कस्टमर केयर (Customer care)
- डाटा एंट्री
- टेक्निकल सपोर्ट
- चैट सपोर्ट
- कॉल सेंटर
- सेल्स एंड मार्केटिंग
- डाटा एनालिसिस
- सोशल मीडिया हैंडलिंग
- बैक एंड फ्रंट ऑफ़िस वर्क
BPO Full Form in Hindi से सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)-
बीपीओ 3 प्रकार के होते हैं -Offshore Outsourcing, Nearshore Outsourcing, Onshore Outsourcing .
BPO का पूरा नाम –Business Process Outsourcing या ”व्यापार प्रक्रिया बाहरी स्त्रोत से सेवाएं प्राप्त करना ” है।
बीपीओ की सैलरी 12 हजार से स्टार्ट होती है जो आपके अनुभव के आधार पर बढ़ाई जा सकती है।
इसमें आप कस्टमर केयर (Customer care),डाटा एंट्री, टेक्निकल सपोर्ट, चैट सपोर्ट, कॉल सेंटर, सेल्स एंड मार्केटिंग जैसे कई कार्य कर सकते हैं।
BPO टेलीकॉलर को आम भाषा में कॉल सेंटर के नाम से भी जानते है।.