New Year Traditions in India– नया साल 2024 आने को है यह वही दिन होता है जब दुनिया भर में एक नयी उमंग और उत्साह देखने को मिलता है। भारत समेत विश्वभर में नए साल की शुरुआत 1 जनवरी से होती है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न धर्म और जाति के लोग रहते हैं और हर धर्म में नए साल को सेलिब्रेट करने की अपनी अपनी परम्पराएं और रीतियां होती हैं। दुनिया के अधिकतर देश में ईसाई नववर्ष मनाया जाता है भारत भी उन्हीं में से एक है। ईसाई नववर्ष की शुरुआत जनवरी माह की पहली तारीख को होती है जिसे कुल 12 महीनों में बांटा गया है।
लेकिन क्या आप जानते हैं भारत एक ऐसा देश है जहाँ 1 जनवरी के अतिरिक्त कई बार नए साल को मनाया जाता है। जी हाँ भारत में एक नहीं कई बार मनाया जाता है नए साल। देश में अलग अलग राज्यों और धर्म में नए साल की शुरुआत अलग अलग दिन होती है। जानिये भारत के अलग अलग राज्यों में कब और कैसे होती है नए साल की शुरुआत।
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New Year Traditions in India: जानिए अलग-अलग राज्य और धर्म में कब-कैसे होती है नए साल की शुरुआत
भारत में अलग अलग राज्यों में अलग अलग महीनों में पंचांग और कैलेंडर के अनुसार अपने नया साल मनाया जाता है। भारत के उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक विभिन्न धर्म और जाति के लोग निवास करते हैं जिनके द्वारा 1 जनवरी को नए साल को तो मनाया ही जाता है लेकिन अलग अलग धर्म में नए साल की शुरुआत के पीछे कई कहानियां और मान्यताएं हैं। हिंदू ,पारसी ,सिख ,जैन ,मुस्लिम अलग अलग धर्मों के लोगों में नए साल की शुरुआत उनके पंचांग के अनुसार होती है जिसे हर राज्य में अपने अपने तरीकों से मनाया जाता है।
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ईसाई नववर्ष 1 जनवरी (Christian New Year January)
अगर बड़े स्तर पर नए साल को मनाये जाने की बात की जाए तो यह हर साल 1 जनवरी को विश्वभर में मनाया जाता है। भारत समेत कई देशों में नए साल की शुरुआत ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) के अनुसार 1 जनवरी से होती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर को 1582 में पोप ग्रेगोरि 13 वें ने शुरू किया था। जिनके नाम पर ही इस कैलेंडर का नाम Gregorian Calendar पड़ा।
हिन्दू नववर्ष,विक्रम संवत (Hindu New Year, Vikram Samvat )
हिन्दू पंचांग के अनुसार हिन्दुओं का नया साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है। विक्रम संवत भारतीय पंचांग है जोकि भारत के अनेक राज्यों में प्रचलित है इस पंचांग की शुरुआत 57 ईसा पूर्व हुयी थी। पंचांग में महीने के हिसाब को सूर्य और चंद्र की गति के अनुसार रखा गया है। हिन्दू मान्यताओं के चैत्र माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन ही भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह दिन मार्च -अप्रैल में पड़ता है।
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पारसी नववर्ष: नवरोज (parsi new year navroj)
भारत के पारसी समुदाय द्वारा नए साल के रूप में नवरोज उत्सव को मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार देखा जाए तो पारसी नववर्ष नवरोज को 19 अगस्त को मनाया जाता है। parsi new year navroj की शुरुआत 3000 वर्ष पूर्व से मानी जाती है। शाह जमशेदजी जी द्वारा नवरोज मानाने की शुरुआत की गयी थी।
कश्मीरी नववर्ष : नवरेह (Kashmiri New Year Navreh)
नवरेह को नव चन्द्रवर्ष के रूप में भी कश्मीरियों द्वारा मनाया जाता है। हर साल नवरेह को चैत्र नवरात के प्रथम दिन मनाया जाता है। कश्मीरी पंडितों द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ नवरेह त्यौहार को सेलिब्रेट किया जाता है। कश्मीरियों का विशेष नवसंवत्सर नवरेह पर चैत्र अमावस्या के शाम को कश्मीरी पंडितों द्वारा अपने घरों में पारम्परिक थाल सजाई जाती है जिसे ”थाल बरुन” कहते हैं।
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पंजाबी नववर्ष :बैशाखी (Punjabi New Year Baisakhi)
भारत में पंजाबी समुदाय द्वारा नए साल को अप्रैल महीने में मनाया जाता है। पंजाब का नया साल वैशाखी के नाम से जाना जाता है। Punjabi New Year Baisakhi सिख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार हर साल होली के दूसरे दिन से शुरू होता है। वैशाखी हर साल अप्रैल माह की 13 या 14 तारीख को पड़ती है। भारत में पंजाब ,हरियाणा और जम्मू में इस दिन को नए साल के रूप में बड़े ही उमंग के साथ मनाया जाता है।
जैन नववर्ष :वीर निर्वाण संवत (Jain New Year: Veer Nirvana Samvat)
जैन नववर्ष दिवाली के दूसरे दिन से शुरू होता है। इस दिन को जैनियों में वीर निर्वाण संवत भी कहा जाता है। इसी दिन से जैन समुदाय के लोग अपने नए साल का प्रारम्भ मानते हैं। एक मान्यता के अनुसार इसी दिन महावीर स्वामी जी को निर्वाण (मोक्ष ) प्राप्त हुआ था।
New Year Traditions in India: भारत में नया साल से सम्बंधित प्रश्नोत्तर –
hindu nav varsh हर साल चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है। इसे हिन्दू न्य संवत कहते हैं। विक्रम संवत के नए साल की शुरुआत इसी दिन से होती है।
हिन्दू नववर्ष को विक्रम संवत या नव संवत भी कहा जाता है। हर साल हिन्दुओं का नया साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है।
न्यू ईयर के रूप में 1 जनवरी की उत्त्पत्ति 46 ईसा पूर्व की है उस समय जूलियस सीजर नाम के व्यक्ति ने solar based julian calendar को विकसित किया था। 1 जनवरी को नए साल के रूप में मनाये जाने के पीछे कई कारण हैं जिसमें से एक कारण रोमन देवता जानूस का सम्मान करना था।
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मुस्लिम लोगों का नया साल मोहर्रम महीने की पहली तारीख को मनाया जाता है इनका नया साल हिजरी इसी दिन से शुरू होता है।
आपको जानकर हैरानी होगी की जनवरी माह को पहले जानूस नाम से जाना जाता था। जानूस रोम के देवता थे उन्हीं के नाम पर जनवरी माह को जानूस कहा जाता था। बाद में जाणूस को जनवरी नाम से कहा जाने लगा।
देश में लगभग 50 तरीके के कैलेंडर या पंचांग है जिसमें से कई कलेण्डरों में नया साल अलग-अलग दिन होता है।