अक्सर अपने ईपीएफ के बारे में सुना होगा। कई बार आप EPF और EPS दोनों को एक ही समझते हैं। EPS कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) का संक्षिप्त नाम है।
यह एक रिटायरमेंट स्कीम है जिसका प्रबंधन EPFO यानी Employees Provident Fund Organisation द्वारा किया जाता है। ईपीएफ और ईपीएस दोनों में अंतर है।
आज हम आपको कर्मचारी पेंशन योजना और ईपीएस पेंशन रजिस्ट्रेशन फॉर्म से जुडी समस्त जानकारी इस आर्टिकल में देने वाले हैं। कर्मचारी पेंशन योजना क्या है और यह कितने प्रकार की होती है EPS के लिए योग्यता शर्तें आदि की समस्त जानकारियों के लिए आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें।
Table of Contents
कर्मचारी पेंशन योजना क्या है?
ईपीएस यानी कर्मचारी पेंशन योजना को साल 1995 में लांच किया गया था। Employees Provident Fund Organization द्वारा इसका प्रबंधन किया जाता है। EPS के तहत Employer and Employee दोनों ही अपना योगदान देते हैं। इसके तहत कर्मचारी को अधिक पेंशन पाने का विकल्प मिलता है।
नियुक्त और कर्मचारी अपने योगदान से जमा की गई राशि को कर्मचारी के सेवानिवृत होने पर ब्याज सहित लौटा दिया जाता है। Employees Pension Scheme 2023 के तहत अधिकतम पेंशन योग्य सैलरी 15000 रुपए कर दी गयी है। यह पहले 6500 रूपये थी। ईपीएस में आप अपना कंट्रिब्यूशन बढ़ा सकते हैं।
Employees Pension Scheme 2023
योजना का नाम | कर्मचारी पेंशन योजना |
योजना की गयी | 1995 में |
योजना का प्रबंधन कार्य के द्वारा | Employees Provident Fund Organisation |
योजना के लाभार्थी | संगठित क्षेत्र के रिटायर्ड कर्मचारी जो 58 वर्ष की आयु में रिटायर हुए हों |
ईपीएस के लिए योग्यता शर्तें
यदि आप भी कर्मचारी पेंशन योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ जरुरी शर्तों को पूरा करना होगा। योग्यता शर्तों को पूरा करने पर ही आप कर्मचारी पेंशन योजना का लाभ ले सकेंगें –
- यदि आप ईपीएस का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ईपीएफओ का सदस्य होने जरुरी है।
- आवेदनकर्ता व्यक्ति द्वारा न्यूनतम 10 साल की नौकरी या सेवा की गयी हो। (जरुरी नहीं यह नौकरी आपके द्वारा लगातार की गयी हो )
- आवेदनकर्ता व्यक्ति की आयु प्रारंभिक पेंशन हेतु 50 साल होनी चाहिए।
- आवेदक व्यक्ति नियमित पेंशन लेना चाहते है तो इसके लिए उसकी आयु 58 वर्ष होनी चाहिए।
- दो वर्ष यानी 60 साल की आयु तक के लिए पेंशन को पोस्टपोंड करने पर आपको हर साल 4 प्रतिशत के अतिरिक्त दर पर पेंशन प्रदान किये जाने हेतु पात्र माना जायेगा।
EPS के तहत अपने पेंशन को कैलकुलेट कैसे करें?
पीएफ में पेंशन अमाउंट ,सदस्य की पेंशन योग्य वेतन और उसके द्वारा किये गयी नौकरी के वर्षों पर निर्भर करती है।यदि आप भी एपीएस का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको इसके लिए सभी पात्रता शर्तों को पूरा करना होगा।
आप पात्र हैं तो आप इस पेंशन स्कीम में अपने पेंशन को इस नीचे दिए गए फॉर्मूले से कैलकुलेट कर सकते हैं –
पेंशन = (औसत सैलरी X सर्विस पीरियड) / 70
सैलरी = (बेसिक + बिना प्रूफ दिए मिलने वाले भत्ते)
रिटायरमेंट डेट के हिसाब से पेंशन कैलकुलेट होगा। यदि रिटायरमेंट 1 सितम्बर 2014 से पहले हुआ है तो इसके लिए पिछले 1 साल की औसत सैलरी को आधार बनाया जायेगा। वही 1 सितम्बर 2014 के बाद आपके पिछले 60 महीने की औसत सेलरी को आधार बनाया जायेगा।
जानिये पेंशन योग्य वेतन क्या है ?
किसी कर्मचारी का Employees Pension Scheme से एग्जिट होने यानी इस योजना से बाहर निकलने से पहले पिछले 5 साल का Pensionable Salary उसकी Average Monthly Salary होता है।
यदि किसी कर्मचारी के नौकरी के अंतिम 60 महीनों में कुछ दिनों तक उसके द्वारा ईपीएस खाते में किसी प्रकार का योगदान नहीं दिया जाता है, तो इस स्थिति में उन दिनों का लाभ भी कर्मचारी को EPS के तहत दिया जायेगा।
उदाहरण के रूप में मान लीजिये की किसी व्यक्ति द्वारा महीने की तीसरी तारीख से नौकरी शुरू की जाती है। तो उस कर्मचारी को उस माह के अंत में केवल 28 दिनों की ही सैलरी दी जाएगी। लेकिन कर्मचारी पेंशन योजना में उस कर्मचारी का योगदान 30 दिनों के हिसाब से ही माना जायेगा।
पेंशनयोग्य वेतन
यदि व्यक्ति की मंथली सैलरी 15000 रुपए है तो उस व्यक्ति को 28 दिनों के हिसाब 14000 रुपए का वेतन दिया जायेगा। उस व्यक्ति के दो दिनों का वेतन 1000 रुपए कम है। लेकिन ESP के लिए उसका मासिक वेतन 30 दिनों के लिए 15000 माना जायेगा।
अभी अधिकतम पेंशन योग्य वेतन प्रतिमाह 15000 रुपए तक सीमित है। किसी Employer/Company द्वारा हर महीने कर्मचारी के ईपीएस अकाउंट में उस कर्मचारी के वेतन का 8.33% योगदान दिया जाता है। इस प्रकार कर्मचारी के Employees Pension Scheme अकाउंट में हर महीने 1250 रुपए की राशि जमा होगी।
इसे ऐसे समझें - 15000 रुपए X 8.33 /100 = 1250 रुपए
Employee Pension Scheme दिया जाने वाला योगदान
इसके लिए कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत नियोक्ता (Employer) को ईपीएस के लिए DA के साथ कर्मचारी के बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत योगदान देना होगा। यह 12 प्रतिशत का योगदान इस प्रकार है –
- ईपीएस का योगदान 8.33 प्रतिशत
- ईपीएस अंशदान: 3.67 प्रतिशत
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन लाभ
आप EPFO के सदस्य के तौर पर अपनी आयु के अनुसार इस पेंशन स्कीम का लाभ ले सकते हैं। पेंशन राशि अलग -अलग स्थितियों में अलग अलग होती है –
- यदि कोई व्यक्ति 58 साल से पहले 10 सालों तक नौकरी नहीं करता है तो वह कर्मचारी अपने 58 वर्ष की आयु पर FORM नंबर 10C भरकर अपनी जमा राशि निकाल सकता है। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना है की आपको रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का कोई लाभ नहीं दिया जायेगा।
- यदि कर्मचारी 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत होता है तो वह इस पेंशन का लाभ लेना शुरू कर सकता है। इसके लिए जरुरी है की व्यक्ति ने अपनी 58 वर्ष की आयु तक 10 वर्ष नौकरी की हो। आप इसके लिए EPS स्कीम सर्टिफिकेट जारी होता है जिसका उपयोग मासिक पेंशन राशि हेतु भरे जाने वाले फॉर्म 10 D के लिए किया जाता है।
- व्यक्ति के लिए 1000 रुपए Minimum Monthly Pension राशि है।
- नौकरी के समय यदि कोई EPFO सदस्य विकलांग हो जाता है और उसके द्वारा पेंशन योग्य सेवावधि को पूरा नहीं किया जाता है तो भी उस व्यक्ति को EPS के तहत लाभ दिया जाता है। इस स्थति में व्यक्ति को पेंशन योग्य होने के लिए कंपनी द्वारा कम से कम एक माह के लिए उसके EPS अकाउंट में पैसे जमा करने होंगें।
- कर्मचारी को विकलांग होने के समय से मंथली पेंशन प्राप्त की जाएगी और यह पेंशन उसे लाइफ टाइम मिलेगी। कर्मचारी के विकलांग होने पर उसे पेंशन का लाभ हेतु मेडिकल टेस्ट कराना पड़ सकता है।
- कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को कई मामलों में पेंशन का लाभ दिया जाता है।
- यदि ईपीएफ सदस्य के बाद उसकी विधवा या विधुर EPS Amount प्राप्त कर रहे हैं तो उन्हें लाइफटाइम यह अमाउंट दी जाती है। इसके बाद उसके बच्चों को 25 साल का होने पर पेंशन राशि प्रदान की जाएगी।
- यदि बच्चा Physically Disabled है तो इस स्थिति में उसे यह पेंशन राशि उसकी मृत्यु तक प्रदान की जाएगी।
EPS पेंशन योजनाओं के प्रकार
आपको बता दें की ईपीएस के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाएं शामिल की गयी है। इन सभी योजनाओं का लाभ कर्मचारी और उनपर आश्रित व्यक्तिओं को भी दिया जाता है। EPS पेंशन योजनाओं में शामिल योजनाएं इस प्रकार हैं –
- विधवा पेंशन
- घटी हुयी पेंशन
- बाल पेंशन योजना
- अनाथ पेंशन
ईपीएस पेंशन रजिस्ट्रेशन फॉर्म
EPFO के सदस्य कर्मचारी या उनपर आश्रित व्यक्तियों को कर्मचारी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अलग अलग परिस्थतियों में भरे जाने वाले फॉर्म –
EPS फॉर्म | आवेदनकर्ता | फॉर्म का उद्देश्य |
10C | सदस्य | 10 साल नौकरी करने से पहले पैसे निकालना ईपीएस योजना प्रमाण पत्र हेतु |
10D | सदस्य | 50 वर्ष की आयु के बाद मासिक पेंशन निकालना हेतु बाल पेंशन, मासिक विधवा पेंशन आदि के लिए |
non-remarriage certificate | विधवा | इससे यह प्रमाणित किया जा सकेगा की विधवा/विधुर ने दुबारा शादी नहीं की है इसे विधवा या विधुर द्वारा प्रतिवर्ष नवंबर माह में जमा किया जायेगा। |
लाइफ सर्टिफिकेट | पेंशन पाने वाला या अभिभावक | पेंशनर के जीवित होने के प्रमाण हेतु एक फॉर्म में उसके सिग्नेचर।प्रतिवर्ष इस फॉर्म को वह पेंशनर अपने उस बैंक में जमा कराएगा जहाँ उसका पेंशन खाता है। |
ऐसे कर सकेंगे ईपीएस की निकासी
- 10 वर्ष की सेवा पूरी न किये जाने पर यदि व्यक्ति नौकरी से रिटायर हो चुका है तो वह ईपीएस पैसा निकाल सकते हैं।
- यदि कोई कर्मचारी नौकरी में कार्यरत है और उसे अभी नौकरी किये 10 वर्ष नहीं हुए हैं तो वह ईपीएस राशि निकलने के लिए पात्र नहीं होगा।
- कर्मचारी अपनी कंपनी को छोड़ने के बाद और नयी कम्पनी में नौकरी शुरू करने से पूर्व ईपीएस राशि को निकाल सकता है।
कर्मचारी पेंशन योजना से सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)-
आप अपने ईपीएस खाते में जमा राशि को अपने ईपीएफ पासबुक के माध्यम से चेक कर सकते हैं। आप EPFO की ऑफिसियल वेबसाइट पर UAN और पासवर्ड दर्ज करके लॉगिन होकर अपने ईपीएस अकाउंट बैलेंस को चेक कर सकते हैं और पासबुक डाउनलोड कर सकते हैं।
पेंशन का लाभ लेने के लिए योग्य न्यूनतम सेवा अवधि 10 साल होती है।
पीएफ कटौती से ईपीएस में पैसा जाता है।
एपीएस में मैक्सिमम 1250 रूपये जाता है।
यदि आवेदनकर्ता को नौकरी किये हुए 10 साल नहीं हुए हैं तो उसे EPS योजना प्रमाण पत्र के लिए फॉर्म 10C भरना होगा।
आप कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) अकाउंट में जमा राशि को EPFO के पासबुक पोर्टल पर जाकर चेक कर सकते हैं।