उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानो के लिए शुरू की गयी अनेक योजनाएं हैं। इन्ही में से एक है – यूपी कृषक दुर्घटना कल्याण योजना। इस योजना के जरिये से सरकार किसानों को किसी भी (योजना के तहत निर्धारित) दुर्घटना होने के बाद उन्हें मुआवज़ा प्रदान किया जाएगा। ये मुआवज़ा राशि 5 लाख रूपए तक की हो सकती है। इस योजना (UP Krishak Durghatna Kalyan Yojana) के तहत लाभ प्राप्त करने के किसानों को 45 दिनों के अंदर दुर्घटना की जानकारी देकर आवेदन करना होगा। जिसके सत्यापन के बाद उन्हें सरकार द्वारा लाभ प्रदान किया जाएगा।
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UP Krishak Durghatna Kalyan Yojana
इस योजना में उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को दुर्घटना का शिकार होने पर निम्न धनराशि / वित्तीय सहायता या मुआवज़ा राशि प्रदान करेगी –
- किसान के दोनों हाथ दोनों पैर के खोने पर मुआवजा- 5 लाख रूपए
- यदि एक हाथ और 1 पैर की खोने पर – 5 लाख रूपए
- एक पैर एक हाथ की विकलांग होने की स्थिति में – 2 से 3 लाख तक की वित्तीय सहायता
- किसान की दुर्घटना में मृत्यु होने पर – 5 लाख रूपए तक का मुआवज़ा राशि मिलेगी।
- यदि विकलांगता जो 25% से अधिक है लेकिन 50% से कम होने की स्थिति में – 1 से 2 लाख के बीच सहायता
- दुर्घटना में आँखे खो देने की स्थिति में – 5 लाख रूपए तक की सहायता राशि।
इन दुर्घटनाओं के शिकार होने पर मिलेगी सहायता
योजना के तहत लाभ मुआवज़ा पाने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा। सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत इन दुर्घटनाओं के शिकार होने पर लाभ प्रदान किया जाएगा –
- वृक्ष गिरने से हुई क्षति पर / या मृत्यु पर
- भूस्लखन के कारण
- यात्रा के दौरान होने वाली घटना
- बिजली गिरने से
- बाढ़ में बह जाने से
- जीव-जंतु के काटने से
- बिजली से करंट लगने के कारण
- आग में जलने से
- मकान के नीचे दबने की घटना
- आतंकवादी हमला
- मारपीट में हुयी दुर्घटना
- चेम्बर में गिरने के कारण
- लूट-पाट में हुई हत्या
UP Krishak Durghatna Kalyan Yojana पात्रता
- योजना में आवेदन करने वाले किसान उत्तरप्रदेश के स्थाई निवासी होने चाहिए।
- योजना के अंतर्गत 14 सितम्बर 2019 के बाद दुर्घटना में शिकार हुए किसानो के परिवार भी योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- आवेदक किसान की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक किसान की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद उसके परिवार के माता-पिता माता-पिता, पत्नी, बहू, बेटा, बेटी, पोता और पोती को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान किया जाएगा।
- राज्य के वह किसान जिनके पास अपनी कृषि भूमि नहीं है और वह बटाई या किराए पर खेती का कार्य करते है।
- UP मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ 60 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता से पीड़ित किसान को दिया जाएगा।
किसान की दुर्घटना होने पर ऐसे करें आवेदन
सभी किसान जो इसमें आवेदन करना चाहते हैं उन्हें ऑफलाइन या ऑनलाइन माध्यम से आवेदन की सुविधा दी गयी है।
ऑफलाइन माध्यम :
- सबसे पहले दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर किसान या उसके परिजनों को दुर्घटना सभी जानकारी जिला कलेकटर के कार्यालय में आवेदन पत्र में देनी होगी।
- इसके बाद ये आवेदन तहसील में जमा होगा , जिस दौरान सभी विवरणों की जांच अधिकारियों द्वारा की जाएगी।
- सत्यापन प्रक्रिया के पूरे होने आवेदक किसान को इस योजना के अंतर्गत लाभ प्रदान किया जाएगा।
ऑनलाइन माध्यम से :
- सबसे पहले आप को योजना की आधिकारिक वेबसाइट ई-डिस्ट्रिक्ट की (up.gov.in) पर जाना होगा।
- होम पेज पर पंजीकृत उपयोगकर्ता लॉगिन के सेक्शन पर जाएँ।
- अब किसानों को पोर्टल पर लॉगिन पूरा करना होगा।
- जो पहले से पंजीकृत नहीं हैं उन्हें नवीन उपयोगकर्ता पंजीकरण के विकल्प में क्लिक करके पंजीकरण पूरा करना होगा।
- अब लॉगिन करें और आवेदन पत्र कृषि विभाग की सेवा के अनुभाग में मा० मुख़्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना में क्लिक करें।
- अगले पेज पर योजन से संबंधित आवेदन पत्र खुल जाएगा।
- इसमें पूछी गयी सभी जानकारी भरें।
- जैसे की – दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का विवरण, दावाकर्ता का पता एवं व्यवसाय, दुर्घटना का विवरण आदि .
- सभी आवश्यक दस्तावेज भी अपलोड करें।
- अंत में आवेदन पत्र को सब्मिट कर दें।