Vehicle insurance types: वाहन बीमा कितने प्रकार का होता है? जानें

वाहन का बीमा कराना अति आवश्यक है, यह एक ऐसा बीमा है जो किसी भी वाहन (Vehicle) के दुर्घटना वश हुए नुकसान की भरपाई करता है। Vehicle insurance आज के समय में बहुत जरूरी है। वाहन बीमा धारक को भुगतान स्वरूप जो भी राशि दी जाती है वह कई चीज़ों पर निर्भर करती है जैसे वाहन कितना पुराना है ,वाहन में किस प्रकार का फ्यूल प्रयोग किया जाता है ,वाहन किस स्थिति में है और पॉलिसी धारक की उम्र कितनी है।

वाहन बीमा कितने प्रकार का होता है ? | types of Vehicle insurance in Hindi |  पूरी जानकारी
types of Vehicle insurance

सड़क दुर्घटना एक आम बात हो गयी है ऐसे में कई बार आपके वाहन को भी कभी न कभी इस दुर्घटना का शिकार होना पड़ा होगा। ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है की आपके वाहन का बीमा हुआ हो। आगे जानिए types of Vehicle insurance.

आज हम आपको इस आर्टिकल में वाहन बीमा कितने प्रकार का होता है? इससे जुडी जानकारी देने जा रहे हैं। types of Vehicle insurance in Hindi से जुडी सभी प्रकार की जानकारी के लिए आर्टिकल के साथ बने रहें।

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वाहन बीमा के प्रकार

कई बार जब भी आप अपने वाहन का Insurance कराते हैं तो आपको इसमें काफी कन्फ्यूजन होती है। लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम आपको वाहन बीमा के प्रकार (types of Vehicle insurance) के बारे में जानकारी देंगे जिससे आपका कन्फ्यूजन दूर हो जायेगा। आपको मिलने वाले बीमा सुरक्षा के अनुसार Vehicle insurance 2 प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार से हैं –

1.Third Party Motor Insurance (थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस)

आइये जानते है Third Party Motor Insurance क्या है? जब भी आपके वाहन से किसी अन्य इंसान के वाहन या उसके शरीर या उसके किसी संपत्ति को कोई नुकसान पहुँचता है तो ऐसे में उस व्यक्ति को इस नुकसान की भरपाई हेतु मुआवजा दिया जाता है।

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थर्ड पार्टी बीमा मोटर वाहन अधिनियम,1988 के तहत अनिवार्य है। किसी अन्य व्यक्ति को आपके वाहन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए आपको अपनी जेब ढीली न करनी पड़े इसके लिए Third Party Motor Insurance काम आता है।

यानी आपके वाहन द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई के लिए आपको खर्चा नहीं करना पड़ता इसका खर्चा बीमा पॉलिसी कंपनी द्वारा किया जाता है। इतना ही नहीं Third Party Motor Insurance के तहत जिस भी व्यक्ति को आपके वाहन से नुकसान हुआ होगा

उसके लिए बीमा पालिसी वाली कंपनी ही मुआवजा निर्धारण में किसी भी प्रकार की कोर्ट प्रक्रिया के बोझ से होकर गुजरती है। इसी कारण इस वाहन बीमा को Third Party Liability से भी जाना जाता है।

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2. Comprehensive Motor Insurance (व्यापक मोटर बीमा)

व्यापक मोटर वाहन बीमा द्वारा पालिसी धारक व्यक्ति को स्वयं ही नहीं बल्कि किसी तीसरे पक्ष यानी थर्ड पार्टी को भी हुए नुकसान की भरपाई का मुआवजा दिया जाता है। Comprehensive Motor Insurance में वेहिकल की टक्कर होने की स्थिति में कोई मुआवजा नहीं दिया जाता।

व्यापक मोटर बीमा के प्रकार –

निजी कार बीमा पॉलिसी (private car insurance policy): – भारत सरकार द्वारा हर वाहन के मालिक के लिए private car insurance policy को करवाना आवश्यक कर दिया गया है। private car insurance policy किसी व्यक्ति द्वारा अपने private car के लिए कराया जाता है।

निजी कार बीमा पॉलिसी द्वारा बीमा धारक व्यक्ति को चोरी, प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं जैसी कई प्रकार की फाइनेंसियल लॉस को कवर किया जाता है। इतना ही नहीं इस पॉलिसी से थर्ड पार्टी को होने वाले नुकसान को भी कवर किया जाता है।

दोपहिया बीमा पॉलिसी (two-wheeler insurance policy) -दो पहिया वाहन पॉलिसी को केंद्र सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है। two-wheeler insurance policy द्वारा दोपहिया वाहनों जैसे बाइक या स्कूटर को दुर्घटनावश हुए नुकसान को कवर किया जाता है।

दोपहिया बीमा पॉलिसी के अंतर्गत बीमा धारक को आपदा, आग या चोरी या अन्य किसी accident की वजह से होने वाले किसी नुकसान की भरपाई के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस पॉलिसी धारक व्यक्ति को दुर्घटना की स्थिति में वाहन के मालिक और यात्री दोनों को ही मुआवजा प्रदान किया जाता है।

वाणिज्यिक वाहन बीमा (commercial vehicle insurance)commercial vehicle insurance के अंतर्गत निजी वाहनों को कवर नहीं किया जाता है। इस बीमा पॉलिसी का लाभ ट्रक बस या वाणिज्य रूप से प्रयोग में लाये जाने वाले वाहनों के लिए किया जाता है। commercial vehicle insurance के माध्यम से मल्टी यूटिलिटी व्हीकल, एग्रीकल्चरल व्हीकल,हेवी कमर्शियल व्हीकल तथा लाइट कमर्शियल व्हीकल को होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है।

एड ओन ( कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस)– एड ओन कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस में कुछ अन्य सुविधाओं को जोड़ा जाता है।

इंजिन प्रोटेक्शन कवर एड ओन:- इंजिन प्रोटेक्शन कवर एड ओन के तहत जब भी वाहन के इंजन में पानी चला जाता है या वाहन का लुब्रिकेंट ऑइल लीक होता है तो इसी प्रकार की समस्या से होने वाले नुकसान की भरपाई की परिपूर्ति इंजिन प्रोटेक्शन कवर एड ओन के अंतर्गत की जाती है।

रोड साइड एसिस्टेंस एड ओन:- यदि किसी पॉलिसी धारक व्यक्ति द्वारा रोड साइड एसिस्टेंस एड ओन ख़रीदा गया है तो उस व्यक्ति के वाहन को इसके तहत ककभी भी कहीं जाते समय उसके गाडी के रास्ते में खराब हो जीने की स्थिति में आधी रात के समय भी एसिस्टेंस दिया जाता है। रोड साइड एसिस्टेंस एड ओन का फायदा उन व्यक्तियों को अधिक होता है जो रात के समय ज्यादा ट्रैवल कर रहे होते हैं।

रिटर्न टू इनवाइस कवर एड ओन:- यदि किसी बीमा धारक व्यक्ति ने रिटर्न टू इनवाइस कवर एड ओन किया है तो उसे उसके वाहन के साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में बीमा कंपनी द्वारा उस बीमाधारक व्यक्ति के वाहन की धरदी गए मूल्य की पूर्ति की जाती है।

इन कंपनियों द्वारा वाहन बीमा किया जाता है

Vehicle insurance के लिए भारत में कई सारी कंपनी हैं, कुछ महत्वपूर्ण कंपनियों के नाम नीचे दिए गए हैं-

  • द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी
  • HDFC ERGO जनरल इंश्योरेंस
  • TATA AIG जनरल इंश्योरेंस
  • SBI जनरल इंश्योरेंस
  • भारती AXA जनरल इंश्योरेंस
  • बजाज आलियांज इंश्योरेंस कंपनी
  • रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस
  • द न्यू इंडिया एश्योरेंस

वाहन बीमा के लाभ

  • यदि अपने अपने वाहन का बीमा कराया हुआ है तो आपको इसके तहत कई लाभ प्रदान किये जाते हैं।
  • वाहन बीमा धारक के बीमा कंपनी द्वारा वाहन दुर्घटना के कानूनी कारवाई से भी रक्षा की जाती है।
  • बीमाधारक वाहन का किसी भी प्रकार के नुकसान को बीमा कंपनी आर्थिक कवरेज प्रदान करता है। 
  • यदि बीमाधारक व्यक्ति के वाहन से कोई अन्य वाहन या किसी व्यक्ति का एक्सीडेंट हो जाता है तो ऐसी स्थिति में आपने जिस भी बीमा कंपनी से अपने वाहन का बीमा कराया हुआ है वह बीमा कंपनी इस दुर्घटना में हुए नुकसान की भरपाई करती है।
  • यदि वाहन बीमाधारक वाहन से दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो उस व्यक्ति के अस्पताल का पूरा खर्चा बीमा कंपनी द्वारा ही उठाया जाता है।
  • यदि बीमाधारक वाहन के दुर्घटना से किसी की मौत हो जाती है तो इस स्थिति में बीमा कंपनी द्वारा मुआवजा दिया जाता है।  

ऐसे कराएं अपना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (How to do third Party Insurance)

आप किसी बीमा कंपनी से ऑनलाइन अपना third Party Insurance करा सकते हैं इसके लिए आपको नीचे दिए स्टेप्स को फॉलो करना होगा –

  • सबसे पहले किसी भी बीमा कंपनी की वेबसाइट पर विजिट करें।
  • जैसे ही आप किसी भी बीमा कम्पनी की वेबसाइट पर जाते हैं आपको इसके सके होम पेज पर उपलब्ध लिंक्स में से अपने वाहन के मुताबिक कार बीमा या दोपहिया वाहन के लिए पालिसी का चयन कर सकते हैं।
  • आप policybazaar.com/motor-insurance/car-insurance के लिंक पर क्लिक कर भी अपने वाहन का इन्शुरन्स करा सकते हैं।
  • आप अपने वाहन के सभी विवरण को भरें जैसे आपके वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, अपना नाम, मोबाइल नंबर आईडी आदि।
  • अब आपको इसके बाद गेट क्वोटस पर क्लिक करेंगे तो आपको उस कंपनी की तरफ से दी जाने वाली पॉलिसी के प्रीमियम रेट (बीमा किस्त) के बारे में पता लग जायेगा।
  • बीमा पॉलिसी का चयन करिए और मांगी गई अन्य जानकारियों को भर दीजिए।
  • अब आपका बीमा प्रीमियम का भुगतान करके पॉलिसी खरीदने की प्रक्रिया को पूरा कर सकते है।

types of Vehicle insurance (FAQs)-

वाहन बीमा कितने प्रकार का होता है ?

बीमा सुरक्षा के लिहाज से वाहन बीमा 2 प्रकार का होता है।

Third-party insurance policy क्या होती है ?

जब आपके वाहन /गाड़ी से किसी अन्य वाहन या व्यक्ति या किसी संपत्ति को कोई नुक्सान होता है तो उसकी भरपाई थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी के माध्यम से होती है।

वाहन की कैटेगरी के अनुसार वाहन बीमा कितने प्रकार का होता है ?

वाहन की कैटेगरी के अनुसार वाहन बीमा 3 प्रकार के होते हैं जैसे Car Insurance ,Commercial Vehicle Insurance ,Two Wheeler Insurance .

मोटर इंश्योरेंस की आवश्यकता क्यों होती है ?

भारत में Motor Vehicle Act के मुताबिक वाहन बीमा कराना अनिवार्य है। हर वाहन के लिए थर्ड पार्टी बीमा कराना आवश्यक है। मोटर इंश्योरेंस से बीमा धारक को कई लाभ मिलते हैं। दूसरे व्यक्ति या वाहन या संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए और खुद के वहां को हुए नुकसान की भरपाई ,प्राकृतिक आपदा या अन्य किसी घटना से हुए नुकसान की भरपाई के लिए बीम आवश्यक होता है।

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