दोस्तो जैसा की आपने रवींद्रनाथ टैगोर जी का नाम तो सुना ही होगा। ये सिर्फ एक कवि ही नहीं थे, बल्कि आधुनिक भारतीय साहित्य के निर्माता लघु कथाकार, उपन्यासकार, नाटककार, निबंधकार, चित्रकार और एक अच्छी संगीतकार भी थे। इसके अलावा इन्होंने भारत के राष्ट्रगान “जन-गान-मन” की रचना की है। और बांग्लादेश का राष्ट्रगान “आमार सोनार बांग्ला” भी इन्होंने ही लिखा था। इन्होने हमारे भारत देश के लिए अनेक महान काम किये है। इनके दिमाग के अंदर ज्ञान का भंडार भरा हुआ है। इसलिए महात्मा गाँधी उन्हें ‘महान प्रहरी’ कह कर पुकारते थे। और उन्हें गुरुदेव भी कहा जाता था। इस दुनिया में बहुत कम लोग है, जो उनके बारें में अधिक जानते होंगे। तो आज हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से रवींद्रनाथ टैगोर जयंती और उनसे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण और रोचक तथ्यों के बारें में बताएगे। उसके लिए हमारे आर्टिकल को विस्तारपूर्वक अंत तक पढ़े।

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती
रवींद्रनाथ टैगोर जी का जन्म 7 मई 1861 को बंगाली परिवार में ‘कोलकाता’ भारत में हुआ था। और इसी दिन भारत में इनकी जयंती मनाई जाती है, जबकि बांग्लादेश में हर साल उनकी जयंती 9 मई को मनाई जाती है। ये जयंती मुख्य रूप से उनके द्वारा किए गए महान कामों को याद करने के लिए बनाई जाती है।
रवींद्रनाथ टैगोर जी का परिचय
इनका जन्म 7 मई 1861 को जोड़ासांको गांव कलकत्ता,पश्चिम बंगाल में हुआ था। उनकी माता का नाम शारदा देवी और पिता का नाम देवेंद्र नाथ टैगोर था। वह अपने माता-पिता के 13 वी.संतान थे। और उन्हें प्यार से रवि कहा जाता था। रवींद्रनाथ टैगोर एक बंगाली कवि, संगीतकार, लेखक, चित्रकार,उपन्यासकार, नाटककार और दार्शनिक थे। टैगोर बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा की शुरुआत सेंट जेवियर स्कूल से की थी। छोटी-सी उम्र में उन्होंने अपनी माता को खो दिया था। उनका अधिक पालन-पोषण उनके पिता ने किया था। उनके पिता मुख्य रूप से करने वाले व्यक्ति थे। रवींद्रनाथ टैगोर जी के भाई कवि, दशनिक,संगीतकार,नाटककार थे और उनकी बहन उपन्यासकार थी टैगोर को लिखने का बहुत शौक था।
जब वह 8 साल के थे तब से उन्होंने कविता लिखना शुरू कर दिया था। और 16 साल की उम्र में उन्होंने कहानियां और नाटक लिखना शुरू कर दिया था। अपने पुरे जीवन काल में उन्होंने 1000 कविता, 8 उपन्यास, 8 कहानी संग्रह और विषयो पर लिखा। इसके अलावा उन्हें संगीत में भी रूचि थी, उन्होंने अपने जीवन में 2000 से अधिक गीतों को लिखा था।
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Highlights key of Ravindranath Tagore
आर्टिकल का नाम | रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2023 |
बचपन का नाम | रवि |
माता-पिता का नाम | शारदा देवी और पिता का देवेंद्र नाथ |
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म | 7 मई 1861 |
भारत के राष्ट्रगान के रचयिता | रवींद्रनाथ टैगोर जी |
जन्म स्थल | जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी कलकत्ता, पश्चिम बंगाल भारत |
व्यवसाय | कवि, नाटककार, संगीतकार,चित्रकार और लेखक |
शिक्षा | लंदन यूनिवर्सिटी कॉलेज |
नागरिकता | ब्रिटिश और भारत |
साहित्य नोवल पुरस्कार | 1913 |
मृत्यु | 7 अगस्त 1941 |
Ravindranath Tagore की शिक्षा
टैगोर जी को बचपन से ही किताबों में बहुत सूचि थी। उनका सपना थे, एक बैरिस्टर बनाना। उस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने इंग्लैंड के ब्राइटन नाम के एक पब्लिक स्कूल में अपना दाखिला कर दिया। स्कूल की पढ़ाई करने के बाद लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज में low की डिग्री के लिए अपना दाखिला कर दिया। low का कोर्स पूरा किया बिना ही वह भारत देश लौट गए थे।
रवीन्द्रनाथ टैगोर का वैवाहिक जीवन
टैगोर जी की शादी मृणालिनी देवी से 9 दिसंबर, 1883 को हुई। बचपन में ही इनकी शादी हो चुकी थी जब वह मात्र 10 के थे, तब उनके घर वाले ने इनकी शादी करवा दी थी। और उसके बाद उनके 5 बच्चे हुए।
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रवींद्रनाथ टैगोर जी का इतिहास
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म एक बड़े परिवार में हुआ था। वह अपने भाई-बहनों में से सबसे छोटे थे। इसलिए उनको अधिक प्यार किया जाता था जब वह छोटे थे तो उनकी माता का निर्धन हो गया। और उनके पिता अधिकांश यात्रा पर जाया करते थे। ऐसे में उनका ज्यादातर पालन-पोषण उनके नौकरों और नौकरानियों ने किया था। उन्होंने बचपन से ही कविता लिखना आंरभ कर दिया था। टैगोर जी के विषयो में निपूर्ण थे जैसे – कविता, संगीतकार,नाटककार और निबंध लिखने में बहुत रूचि रखते थे। 8 साल की उम्र में उन्होंने एक कविता लिखी थी और 16 साल में उनकी एक कविता प्रकाशित हुई थी।
अपनी पढ़ाई को करने के लिए वह लंदन गए वहाँ उन्होंने शेक्सपियर का ज्ञान अर्जित किया और घूमने में ज्यादा समय लगाया। लंदन से लौटने के बाद उन्होंने फिर से लिखना शुरू कर दिया। रवींद्रनाथ टैगोर जी ने अपने जीवन के 51 वर्षों तक सभी उपलब्धियां और अन्य काम सिर्फ कलकत्ता और वहाँ के आस-पास के क्षेत्र तक ही सिमित था। जब वह एक बार अपने बेटे के साथ इंग्लैंड जा रहे थे,तब उन्होंने कविता संग्रह गीतांजलि का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया था।
रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखी गई महान कविता
- मानसी
- गीतांजलि
- गीतिमाल्या
- वीरपुरुष
- सोनार तारी
- कबी-कहिनी
- संध्या संगीत
Ravindranath Tagore की कहानी और उपन्यास
- गोरा
- चतुरंगा
- योगायोग
- चोखेर बाली
- जोगजोग
- घारे बायरे
Ravindranath Tagore की प्रसिद्ध पुस्तकें
- गीतांजलि
- टैगोर की कहानियां
- बंगाल की झलक
- लघु कथाएँ
- वसंत का चक्र
- डाकघर
- आवारा पक्षी
- काबुलीवाला
- सोनार तोरी
- प्रेमी का उपहार और पार
- चार अध्याय
- शेशेर कबिता
- रचनात्मक एकता
रवींद्रनाथ टैगोर जी की उपलब्धियां
रवींद्रनाथ टैगोर ने कई कविता, उपन्यास, नाटक को लिखा था। इतना ही नहीं हमारे देश का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ की रचना भी इन्होंने की थी। इसके अलावा इन्होने बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ की रचना भी की। टैगोर द्वारा लिखे गए गीतांजलि काव्यरचना के लिए सन 14 नवंबर 1913 में साहित्य के नोवल पुरस्कार मिला था। उसके बाद वह पुरे विश्व प्रसिद्ध हो गए। वह भारत के प्रथम ऐसे व्यक्ति है, जिन्होंने नोवल पुरस्कार जीता था। उसके बाद 20 दिसंबर 1915 में कलकत्ता की एक यूनिवर्सिटी कॉलेज में रवींद्रनाथ टैगोर जी को साहित्य के लिए ‘डॉक्टर’ नाम की उपाधि दी। इसके अलावा उन्हें 3 जून 1915 में ब्रिटेश द्वारा ‘नाईटहुड’ नाम की उपाधि दी। कुछ समय बाद जब जलियांवाला बाग हत्याकांड 1919 में हुआ तब उन्होंने इस उपाधि का त्याग कर दिया।
टैगोर एक महान रचनाकार के साथ-साथ एक अच्छी इंसान थे जिन्होंने पूर्वी और पश्चिमी दुनिया के मध्य सेतु बनने का कार्य किया था। वह सिर्फ भारत देश के लोकप्रिय नही थे बल्कि विदेशों में उनकी साहित्व, संगीत, कवि और कला को सराहना करने वाले थे। अपने जीवन के अंतिम 4 साल तक वह गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। गंभीर बीमारी होने के कारण 7 अगस्त 1941 को उनकी मृत्यु हो गई। भारतीय पोस्ट ऑफिस ने उनको श्रद्धांजलि देने के लिए 7 मई 1961 में उनके नाम का एक डाक घर जारी किया। बंगाल की सरकार और अन्य विभागों ने उनके नाम पर दुनिया भर में कई संस्थान, स्वास्थ्य सेवा और कई सेवा केन्द्रों को उनके द्वारा किये गए महान कामों को दर्शाने के लिए किया गया।
रवींद्रनाथ टैगोर जयंती से सम्बंधित कुछ सवालों के जवाब (FAQs)
पूरी दुनिया में प्रत्येक वर्ष 7 मई को रवींद्रनाथ टैगोर जयंती मनाई जाती है।
ये एक भारतीय नागरिक थे। जिन्होंने भारत का ही नहीं बल्कि अन्य देश का नाम भी रोशन किया है। ये एक प्रसिद्ध कवि,साहित्वकार, नाटककार,लेखक और संगीतकार थे। भारत के प्रथम नोवल पुरस्कार जीतने वाले महान व्यक्ति थे।
टैगोर जी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सेंट जेवियर स्कूल से की थी। उसके बाद कानून की पढ़ाई करने के लिए वह लंदन चले गए। हालाँकि वह 1880 में पढ़ाई पूरी किए बिना ही भारत लौट गए थे। उसके बाद उन्होंने खुद से पढ़ाई करना शुरू किया।
रविंद्रनाथ टैगोर को 14 नवम्बर 1913 नोबेल पुरस्कार मिला था। यह पुरस्कार उन्हें साहित्य गीतांजलि के लिए मिला था। भारत देश के राष्ट्रगान ‘जन-गान-मन’ के रचयिता भी यही है। इसके अलावा 1915 में अंग्रेज सरकार द्वारा उन्हें ‘नाईटहुड’ की उपाधि से सम्मानित किया गया।
सन 7 अगस्त 1941 को रविंद्रनाथ टैगोर जी की मृत्यु हो गई थी।