Legal Notice क्या होता है और लीगल नोटिस कैसे भेजा जाता है ?

कई बार आप क़ानूनी झामलों में फंस जाते हैं आपको मुकदमेबाजी की लंबी -लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं केवल क़ानूनी नोटिस के माध्यम से किसी मामले को सुलझाने में ज्यादा आसानी होती है। क़ानूनी नोटिस भेजकर अधिकतर मामलों में विवाद के खिलाफ मुकदमा दायर करने के इरादे को हल करने में सहायता मिलती है। एक लीगल नोटिस किसी प्रेषक की शिकायत के बारे में प्राप्तकर्ता को अवगत कराता है। आज की पोस्ट में आप जानेंगे Legal Notice क्या होता है और लीगल नोटिस कैसे भेजा जाता है ? सभी के बारे में विस्तार से। तो चलिए जानते हैं Legal Notice के बारे में आसान भाषा में।

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Legal Notice
Legal Notice

Legal Notice क्या होता है ?

एक क़ानूनी नोटिस किन्हीं दो या दो से अधिक पक्षों के बीच एक औपचारिक लिखित संचार का माध्यम होता है। किसी पीड़ित व्यक्ति द्वारा दूसरे पक्ष को लीगल नोटिस के माध्यम से क़ानूनी कार्यवाही किये जाने के अपने इरादे के बारे में सूचित किया जाता है। Legal Notice द्वारा प्रेषक की शिकायतों से नोटिस प्राप्त करने वाले पक्ष को अवगत कराया जाता है। आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं की कोई क़ानूनी नोटिस किसी प्राप्तकर्ता को नोटिस भेजने वाले व्यक्ति की शर्तों को पूरा करने की एक आखिरी चेतावनी देने का माध्यम है।

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लीगल नोटिस कैसे भेजा जाता है ?

कोई भी लीगल नोटिस किसी पीड़ित व्यक्ति द्वारा दूसरे पक्ष के व्यक्ति को भेजी जाने वाली क़ानूनी सूचना है। इस नोटिस में उल्लेख की गयी मांग के पूरा न होने की स्थिति में प्रतिद्वंदी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दायर किया जा सकता है। क़ानूनी नोटिस को किसी डाक या स्पीड पोस्ट या कुरिअर के माध्यम से भेजा जा सकता है। आप ईमेल के माध्यम से भी Legal Notice को भेज सकते हैं। वैसे अगर आप कोई क़ानूनी नोटिस डाक या स्पीड पोस्ट के के माध्यम से भेजते हैं तो यह आपके लिए ज्यादा सही रहेगा।

नोटिस भेजने का उद्देश्य

यदि कोई व्यक्ति नोटिस भेजता है तो इसके पीछे उसका उद्देश्य क़ानूनी कार्यवाही करने वाले के इरादों को प्रदर्शित करना है। लीगल नोटिस का उद्देश्य किसी विरोधी पक्ष को अपनी क़ानूनी स्थिति पर एक बार फिर से विचार करने और कानून की अदालत के बिना आवश्यक संशोधन करने का मौका देता है। कोई लीगल नोटिस तभी नोटिस माना जायेगा जब वह प्राप्तकर्ता द्वारा या तो प्राप्त कर लिया गया हो या उसे उसके द्वारा अस्वीकार कर लिया गया हो।

लीगल नोटिस का जबाब कैसे दें ? (How to respond to a legal notice)

यदि आप कोई क़ानूनी नोटिस प्राप्त करते हैं तो आपको इसका जबाब देना होता है। नोटिस का उत्तर देते समय नोटिस प्राप्तकर्ता को सभी जानकारियों को लिखना चाहिए।

  • जिस व्यक्ति द्वारा नोटिस भेजा गया है उसका नाम ,उसके कार्यालय का पता।
  • नोटिस जिस तारीख को बना है उसके जबाब का टाइटल ”REPLY OF LEGAL NOTICE DATED’‘ लिखें।
  • आपको सबसे पहले विरोधी पक्ष के वकील को सम्पूर्ण स्थिति के बारे में बताना होगा। आपको वकील को बताना है की आपको जानकारी नहीं थी या आपके साथ कोई फ्रॉड हुआ है।
  • अब आपको नोटिस का जबाब देते समय पूरी बात स्पष्ट भाषा में बतानी है ताकि विपक्षी वकील को सच्चाई क्या है यह पता लग सके।
  • आपको क़ानूनी नोटिस में अपने जबाब को सटीक रूप से देना है।
  • आप अपने जबाब में अपनी शर्तों को भी लिख सकते हैं। आप लीगल नोटिस के जबाब की फीस डिमांड भी कर सकते हैं।
  • अपनों नोटिस के हर एक पेज पर अपने हस्ताक्षर करने जरुरी हैं। हस्ताक्षर करना न भूलें।
  • लीगल नोटिस का जबाब तभी दें जब यह बेहद आवश्यक हो।
  • जीता हो सके किसी क़ानूनी नोटिस का जबाब देने से आपको बचना चाहिए क्यूंकि विपक्ष पार्टी के पास आपके द्वारा नोटिस का जबाब दिए जाने का सबूत होगा।

contents of Legal Notice (क़ानूनी नोटिस की सामग्रियां)

किसी भी क़ानूनी /लीगल नोटिस में निम्नलिखित चीज़ें शामिल होनी चाहिए –

  • नोटिस भेजने वाले का नाम ,विवरण और उसके आवास का पता
  • नोटिस जिस व्यक्ति को जारी किया जाना है उसका नाम और पता
  • भौतिक तथ्य
  • कार्यवाई किये जाने का कारण या तथ्यों का सारांश
  • दावा की गयी राहत का सारांश
  • नोटिस प्राप्तकर्ता को नोटिस का जबाब देने के लिए उचित समय
  • वकील और क्लाइंट के सिग्नेचर /हस्ताक्षर

क़ानूनी नोटिस (Legal Notice) किन कारणों से भेजा जाता है ?

कोई भी क़ानूनी नोटिस आमतौर पर किसी वकील द्वारा भेजा जाता है। यह किसी ऐसे वकील द्वारा भेजा जाता है जिसे किसी पीड़ित व्यक्ति द्वारा नियुक्त किया गया है। Legal Notice एक प्रकार से समझौता करने के उद्देश्य से भेजा जाता है। कई ऐसे कारण हैं जिनके लिए किसी व्यक्ति या क़ानूनी संस्था को Legal Notice भेजा जा सकता है। नीचे कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं जिनके लिए क़ानूनी नोटिस भेजा जा सकता है –

  • परिवार ,प्रॉपर्टी/संपत्ति आदि के विभाजन के लिए
  • नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों के अधिकारों का उलंघन करना
  • अनुचित आधार पर किरायेदार की बेदखली के लिए
  • बिल्डर द्वारा होम डिलीवरी में देरी करने पर नोटिस
  • चेक बाउंस के मामले में चेक जारी करने वाले के खिलाफ नोटिस
  • व्यक्तिगत विवाद (Personal conflict) जैसे तलाक, बच्चों की कस्टडी, संपत्ति का विभाजन आदि मामलों में नोटिस भेजा जा सकता है।
  • ऐसे उत्पाद जो निम्न गुणवत्ता वाले हों या लापरवाह सेवाओं या धोखाधड़ी वाले विज्ञापनों आदि के निर्माण या सेवाओं में कार्य करने वालो कंपनी को नोटिस भेजा जा सकता है।
  • मानव संशाधन की नीतियों का उलंघन करने वाले कर्मचारी ,वर्क प्लेस पर यौन उत्पीड़न करने वाले कर्मचारियों को नोटिस भेजा जा सकता है।
  • किसी कर्मचारी को बिना इस्तीफा पत्र दिए नौकरी छोड़ने या रोजगार अनुबंध का उल्लंघन करने के लिए नोटिस।

Legal Notice PDF

लीगल नोटिस के लाभ (legal notice Benefits)

  • कई ऐसे कारण हैं जिनके लिए लीगल नोटिस भेजा जाता है यह दोनों पक्षों को एक निर्णय में पहुंचने का समय देता है।
  • क़ानूनी नोटिस किसी व्यक्ति को अपनी शिकायत को सामने रखने में सक्षम बनाता है।
  • आमतौर पर किसी भी अदालती मामलों में दोनों ही पक्षों को काफी समय लग जाता है यह दोनों हो पक्षों को थका देने वाली प्रक्रिया होती है लेकिन legal notice भेजना से दोनों ही पार्टियों को अपना समय बचाने का मौका मिलता है।
  • किसी भी मुकदमेबाजी में आपको बहुत अधिक धन की जरूरत होती है लेकिन नोटिस के माध्यम से दोनों पक्षों को बीच का रास्ता मिल जाता है।
  • क़ानूनी नोटिस दोनों ही पक्षों के विवादित बिंदुओं को निपटाने और उचित मौका प्रदान करने और क़ानूनी कार्यवाई के पक्षकारों को सूचित करता है।

लीगल नोटिस पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)-

किन स्थितियों में कोई व्यक्ति legal notice भेज सकता है ?

कोई व्यक्ति क़ानूनी नोटिस को कई ममलों में दूसरी पार्टी को भेज सकता है। civil wrong की स्थिति में ,चेक बाउंस ,मानहानि, यौन उत्पीड़न आदि मामलों में क़ानूनी नोटिस भेजा जा सकता है।

किस केस में लीगल नोटिस फाइल किया जाता है ?

सिविल प्रोसीजर कोड के सेक्शन 80 के तहत केवल सिविल केस में लीगल नोटिस फाइल किया जाता है।

किसी क़ानूनी नोटिस /legal notice में क्या के जानकारियां होनी चाहिए ?

किसी लीगल नोटिस में शिकायत से जुड़े सभी फैक्ट जिसके लिए कार्यवाई की जानी है के बारे में जानकारी होने के साथ साथ पार्टी द्वारा मांगी जाने वाली राहत या किसी अन्य समाधान के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

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