International Women’s Day 2023: अंतराष्ट्रीय महिला दिवस निबंध हिंदी में

यूनाइटेड नेशन से मंजूरी मिलने के बाद प्रत्येक वर्ष अंतराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए यह दिन विशेष रूप से मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ना केवल महिलाओं के योगदान, बलिदान और तपस्या की याद दिलाता है बल्कि महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करता है। इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से की गयी थी। जिसमें महिलाओं ने अपने हक के लिए international Women’s Day शुरू किया। महिलाओं को उनकी उपलब्धियों हेतु सम्मानित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को मान्यता प्रदान की है। सर्वप्रथम अंतराष्ट्रीय महिला दिवस सन 1911 में मनाया गया।

international Women's Day 2022: अंतराष्ट्रीय महिला दिवस निबंध हिंदी में

आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम अंतराष्ट्रीय महिला दिवस हिंदी में निबंध के बारे में जानकारी को साझा करने जा रहे है। तो आइए जानते है international Women’s Day से जुड़ी जानकारी को विस्तार रूप से, सदियों से इस दिवस को महिलाओं के लिए एक विशेष दिन के रूप में मनाते चले आ रहे है। तो जानते है इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई है।

International Women’s Day 2023

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस – भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। अर्थात भारतीय ग्रंथो में यह भी कहा गया है की जिस घर में नारी का वास होता है वहां देवता निवास करते है। लेकिन वर्तमान समय के परिदृश्य को देखते हुए महिलाओं के प्रति उनके सम्मान का बहुत अपमान होता रहा है। समाज को लैंगिक एकता व समानता हेतु जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2023 में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 के लिए “लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकि” की थीम रखी गयी है। यह दिवस महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित है ,जिसमें महिलाओं का आदर सत्कार और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

पौराणिक युगो से देखते चले आ रहे है की किसी भी तरह के क्षेत्र में निर्माण करने के लिए महिलाओं का बेमिसाल योगदान रहा है। महिलाओं का बिजनेस के क्षेत्र में वेतनरहित श्रम के रूप में अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में काफी बड़ा योगदान रहा है। corporate world में आज हर बड़े पद में महिलाओं का ही प्रभाव अधिक है। भारत जैसे मेल डोमिनेटेड देश में भी महिलाओं ने अपने कार्य कौशल से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। साथ ही कार्य करते करते उनके द्वारा मां, बहन, बेटी, पत्नी,दोस्त की भूमिका निभाई गयी है।

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से शुरू की गयी थी। इसे संक्षिप्त रूप से IWD (international Women’s Day) के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 1908 में इसके लिए महिलाओं के द्वारा आंदोलन किया गया था। जिसमें 15 हजार महिलाओं ने कम काम, बेहतर वेतन और वोट देने के अधिकार की मांग करते हुए न्यूयॉर्क से यह मिशन शुरू किया था। इस मिशन के शुरू होने के एक वर्ष बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने राष्ट्रीय महिला दिवस की घोषणा की

अंतराष्ट्रीय दिवस के निर्माण का सुझाव एक कम्युनिस्ट कार्यकर्त्ता क्लारा जेटकिन ने दिया था। उनके द्वारा 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं के अंतराष्ट्रीय सम्मलेन में अपना यह विचार रखा। इस सम्मलेन में 17 देशों की 100 महिलाओं ने consensus से इसके लिए सहमति व्यक्त की। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड जैसे देशों में मनाया गया।

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए क्लारा द्वारा दिए गए निर्माण के सुझाव में इसके लिए कोई तिथि निर्धारित नहीं की गयी थी लेकिन 1917 में wartime strike के चलते इसे औपचारिक रूप नहीं दिया गया था ,जब रुसी महिलाओं ने “रोटी और शांति” की मांग की थी वॉरटाइम स्ट्राइक के चार दिन बाद राजा को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और अनंतिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। 8 मार्च को ही यह स्ट्राइक शुरू हुई थी जिसके चलते इस तिथि को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

International Women’s Day में रंगो का महत्व

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार international Women’s Day (IWD) के तीन रंग है।

  • बैंगनी- बैंगनी रंग न्याय और गरिमा का प्रतीक है।
  • हरा – हरा रंग आशा का प्रतीक है।
  • सफ़ेद -सफ़ेद रंग पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है।

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस निबंध हिंदी में

महिलाओं को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए और किसी तरह के लैंगिक मतभेद का शिकार होने से बचाने के लिए विभिन्न तरह के प्रयास किये जाते है। लेकिन महिलाओं को समाज में अभी भी कोई अपेक्षित सफलता नहीं मिल पायी है जिसमें यह कहा जाये की वह समाज में अभी भी सुरक्षित है। वर्ष 2023 के अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के लिए थीम “DigitALL: Innovation and technology for gender equality” (लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकि) निर्धारित की गयी है। सही तरीके में महिलाओं की सुरक्षा हेतु सिर्फ कानून बनाना ही काफी नहीं है बल्कि उन सभी पहलुओं और मुद्दों पर स्पॉटिंग करना बेहद जरुरी है जिन पर अभी भी बहुत काम करने की जरूरत है। हमारे देश में महिलाओं को सामाजिक आर्थिक,व्यक्तिगत ,शारीरिक और पारिवारिक स्तर पर विभिन्न तरह की समस्याओं को झेलना पड़ता है। ऐसे में उन सभी बातों में विचार विमर्श करना बहुत जरुरी है।

IWD 2023 Campaign Theme के उद्देश्य

  • एक लिंग समान दुनिया की कल्पना करें।
  • पूर्वाग्रह रूढ़ियों और भेदभाव से मुक्त दुनिया
  • एक ऐसी दुनिया जो विविध ,न्यायसंगत और समावेशी है।
  • एक ऐसा विश्व जहाँ डिफ्रेंस और वैल्यूज को सेलिब्रेट किया जाता है।
  • हम सब मिलकर महिला समानता का निर्माण कर सकते है।

भारतीय समाज में इतिहास को देखा जाएँ तो माँ पुतलीबाई ने गांधीजी जीजाबाई ने शिवाजी महाराज में श्रेष्ट संस्कारों की बुवाई की थी। जिसका परिणाम आज भी सभी लोगो के सामने मौजूद है ,शिवाजी महाराज एवं गाँधी जी को आज भी उनके श्रेष्ट कर्मों के कारण विश्वभर में आज भी उनकी पहचान है। अच्छे संस्कार देकर समाज में उदहारण बनाने का काम एक नारी के द्वारा ही किया जा सकता है। आज के इस दौर में महिलाओं के साथ अभद्रता की पराकष्ठा हो रही है जिसके कारण आये-दिन न्यूज़ चैनलों और अखबारों में रोज ही ऐसी खबरे देखने को मिलती है। नारी के सम्मान और अस्मिता की रक्षा के लिए समाज में इन मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करना बेहद जरुरी है।

देवी अहिल्याबाई होलकर, इला भट्ट, मदर टेरेसा, महादेवी वर्मा, अरुणा आसफ अली, राजकुमारी अमृत कौर,सुचेता कृपलानी और कस्तूरबा गांधी आदि जैसी कुछ प्रसिद्ध भारतीय महिलाओं ने अपने संस्कारो मन-वचन व कर्म से जगत में अपना नाम रोशन करके इतिहास रचा है।

महात्मा गाँधी जी की पत्नी ने देश को आजाद कराने के लिए महात्मा गाँधी जी का साथ कंधे से कंधे मिलाकर दिया था। अपने पति के साथ देश को आजादी दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसी के साथ इंदिरा गाँधी जी को भी लौह महिला के नाम से भी जाना जाता है पति व पुत्र की मृत्यु के बाद भी उन्होंने हौसला बनाये रखा ,उन्होंने अपने दृढ़-संकल्प के बल पर भारत व विश्व राजनीति को प्रभावित किया है। जिससे वह दृढ़ चट्टान की तरह अपने कार्यक्षेत्र में मजबूती से डटी रही। भारतीय समाज में महिलाओं के ऐसे कई उदहारण है जिसमें वह पुरुषो के साथ कंधे से कंधे मिलाकर काम करते हुए देखा गया है। और आज भी महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले सभी क्षेत्रों में आगे है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए विशेष रूप से सेलिब्रेट किया जाता है। पुरे विश्वभर में यह दिवस बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कई देशों में इस दिन महिलाओं के लिए काम ना करने के लिए अवकाश घोषित किया जाता है। यह महिलाओं के सम्मान के रूप में सेलिब्रेट किया जाने वाला स्पेशल दिन है।

अंत में हम अपने शब्दों को यही विराम देते हुए आप सभी से यह गुजारिश करते है की महिलाओं के सम्मान की रक्षा करें।

आप सभी लोगो को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाये

कहलायी वो एक नारी ,
कहलायी वो एक स्त्री !
बनकर एक आदर्श उसने,
जग को किया उजियारा
!

Happy Women’s Day 2023

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अंतराष्ट्रीय महिला दिवस से सम्बंधित प्रश्न

international Women’s Day कब मनाया जाता है ?

international Women’s Day (अंतराष्ट्रीय महिला दिवस) 8 मार्च को मनाया जाता है।

सर्वप्रथम अंतराष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया गया था ?

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस सर्वप्रथम 1911 को मनाया गया था।

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम क्या राखी गई ?

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम “लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकि” रखी गई।

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के रंगों का महत्व क्या है ?

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के रंगों का महत्व-
बैंगनी- बैंगनी रंग न्याय और गरिमा का प्रतीक है। हरा – हरा रंग आशा का प्रतीक है।
सफ़ेद -सफ़ेद रंग पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है।

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