G-20 Summit सम्मेलन में विभिन्न विकसित और विकासशील देशों के बीच आर्थिक संकट, आतंकवाद , मानव तस्करी जैसे कई प्रमुख मुद्दों को लेकर चर्चा की जाती है। इतना ही नहीं जी-20 सम्मेलन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सहयोग पर भी विचार विमर्श किया जाता है।
इसे भी जानें : दुनिया में सात सबसे बड़ी आधुनिक अर्थव्यवस्था का समूह है जिसे (G -7) ग्रुप ऑफ़ सेवन कहते है। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
आपने कई बार G-20 Summit के बारे में सुना होगा। क्या आप जानते हैं G-20 kya hai? जी-20 सम्मलेन का मुख्यालय कहाँ है और कौन-कौन से देश इसके सदस्य हैं। G-20 का क्या मतलब होता है? और इसके सदस्य देश की सूची सभी को आज इस आर्टिकल के माध्यम से आप जान सकेंगे। तो चलिए जानते हैं G-20 Summit के बारे में विस्तार से।
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G-20 Summit क्या है ?
सबसे पहले तो आपको यह जान लेना आवश्यक है की जी -20 क्या होता है। G20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है। यह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था का एक मंच है। इसमें 20 देश शामिल हैं।
इन देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएसए और यूरोपीय संघ (EU) भी है।
G-20 की स्थापना
G-20 को 20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स के एक ग्रुप के रूप में भी जाना जाता है। G-20 की स्थापना 26 सितंबर 1999 में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में की गयी थी।
पहला शिखर सम्मलेन को 14-15 नवंबर 2008 में आयोजित किया गया था। इस सम्मलेन को एशिया में आये वित्तीय संकट के कारण अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा शुरू किया गया था।
हर साल G-20 शिकार सम्मलेन का आयोजन किया जाता है। जी -20 के अध्यक्ष द्वारा हर साल कई गेस्ट कंट्री को इस बैठक में आमंत्रित करते हैं। 2008 के बाद से शिखर सम्मेलनों की कई बैठकों को आयोजित किया जा चुका है।
G20 का गठन और उद्देश्य:
- कब और क्यों शुरू हुआ: G20, ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी के लिए संक्षिप्त रूप, 1997 में एशियाई वित्तीय संकट की प्रतिक्रिया के रूप में 1997 में स्थापित किया गया था। प्रारंभ में, इसने वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
G20 के फोकस का विकास:
- एजेंडा का विस्तार: समय के साथ, जी20 ने विभिन्न वैश्विक चिंताओं को शामिल करने के लिए अपना फोकस बढ़ाया। जबकि इसका प्रारंभिक ध्यान व्यापक आर्थिक मुद्दों पर था, बाद में इसमें व्यापार, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार विरोधी जैसे क्षेत्र शामिल हो गए।
जी20 का बढ़ता महत्व:
- आर्थिक मंदी का प्रभाव: 2007 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान जी20 को अधिक महत्व प्राप्त हुआ। इसकी प्रतिक्रिया के रूप में, यह अपनी चर्चाओं में सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को शामिल करने के लिए विकसित हुआ।
- उद्घाटन बैठक: 2008 में, G20 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की पहली बैठक वाशिंगटन में हुई। इसके बाद की बैठकें 2009 और 2010 में हुईं।
- कुल बैठकें: आज तक, G20 की 17 बैठकें हो चुकी हैं, भारत 18वीं बैठक की मेजबानी करने के लिए तैयार है।
G20 में भारत की भूमिका:
- वैश्विक नेतृत्व: भारत G20 के भीतर वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका उद्देश्य स्थायी प्रभाव डालना और विकासशील देशों की चिंताओं को दूर करना है।
- क्षेत्रीय जिम्मेदारी: दक्षिण एशिया में अग्रणी देश के रूप में, भारत अन्य दक्षिण एशियाई देशों के हितों को आगे बढ़ाने की भी जिम्मेदारी निभाता है जो जी20 का हिस्सा नहीं हैं।
- घरेलू महत्व: दुनिया भर में भारत की बढ़ती प्रमुखता देश पर अपने घरेलू वातावरण के भीतर अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने की एक बड़ी जिम्मेदारी डालती है।
भारत में G20 शिखर सम्मेलन:
- भारत की अध्यक्षता: भारत ने 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक G20 की अध्यक्षता संभाली। प्रधान मंत्री मोदी ने नवंबर 2022 में G20 बाली शिखर सम्मेलन में अध्यक्षता प्राप्त की।
- प्रेसीडेंसी थीम: भारत की G20 प्रेसीडेंसी थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ या ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है। यह विषय वैश्विक चुनौतियों के बीच देश के पृथ्वी समर्थक दृष्टिकोण और विकास के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
- राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम: भारत ने श्रीनगर से तिरुवनंतपुरम और कच्छ के रण से कोहिमा तक पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए हैं। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भाग ले रहे हैं, 56 स्थानों पर 200 से अधिक बैठकें हो रही हैं। G20 लोगो में भारतीय ध्वज के रंग शामिल हैं, जो चुनौतियों के बीच भारत के पृथ्वी-अनुकूल दृष्टिकोण और प्रगति का प्रतीक है।
जी-20 के सदस्य देश की सूची (list of G-20 member countries)
- रूस
- सऊदी अरब
- दक्षिण अफ्रीका
- कनाडा
- चीन
- फ्रांस
- जर्मनी
- भारत
- इंडोनेशिया
- इटली
- जापान
- कोरिया गणराज्य
- मैक्सिको
- अर्जेंटीना
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राजील
- तुर्की
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूरोपीय संघ
आपको बता दें की G-20 समूह या ग्रुप का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। ऊपर दिए गए सूची में शामिल सभी देश G-20 के पूर्ण रूप से सदस्य देश है | G-20 की अध्यक्षता किस देश को दी जाएगी यह हर साल तय कर लिया जाता है।
G-20 शिखर सम्मलेन list
देश | शहर | तिथि |
संयुक्त राज्य अमेरिका | वाशिंगटन डी सी | 4–15 नवंबर 2008 |
यूनाइटेड किंगडम | लंडन | 2 अप्रैल 2009 |
संयुक्त राज्य अमेरिका | पिट्सबर्ग | 24-25 सितंबर 2009 |
कनाडा | टोरंटो | 26–27 जून 2010 |
दक्षिण कोरिया | सियोल | 11–12 नवंबर 2010 |
फ्रांस | कान | 3-4 नवंबर 2011 |
मैक्सिको | सैन जोस डेल काबो, लॉस काबोस | 18-19 जून 2012 |
रूस | सेंट पीटर्सबर्ग | 5-6 सितंबर 2013 |
ऑस्ट्रेलिया | ब्रिस्बेन | 15-16 नवंबर 2014 |
तुर्की | सेरिक, अंताल्या | 15-16 नवंबर 2015 |
चीन | हांगझोऊ | 4-5 सितंबर 2016 |
जर्मनी | हैम्बर्ग | 7-8 जुलाई 2017 |
अर्जेंटीना | ब्यूनस आयर्स | 30 नवंबर – 1 दिसंबर 2018 |
जापान | ओसाका | 28–29 जून 2019 |
सऊदी अरब | रियाद | 21–22 नवंबर 2020 |
इटली | बारी | 2021 |
भारत | नई दिल्ली | 9 -10 सितम्बर 2023 |
संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन डी सी में 4–15 नवंबर 2008 को शिखर सम्मलेन का आयोजन किया गया था। भारत द्वारा 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक एक साल के लिए जी-20 की अध्यक्षता करेगा।
G-20 में इन वर्कस्ट्रीम को किया गया है शामिल
वर्तमान में G20 में 8 वर्कस्ट्रीम को शामिल किया गया है। इस स्ट्रीम में इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग, ग्लोबल मैक्रोइकॉनॉमिक पॉलिसी, इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर, फाइनेंशियल इंक्लूजन, सस्टेनेबल फाइनेंस, हेल्थ फाइनेंस, इंटरनेशनल टैक्सेशन, फाइनेंशियल सेक्टर रिफॉर्म्स, फाइनेंस ट्रैक, शेरपा ट्रैक को शामिल किया गया है।
जी-20 शिखर सम्मेलन का मुख्यालय
जी 20 शिखर सम्मेलन में 20 देश प्रमुख रूप से सम्मिलित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की जी 20 शिखर सम्मेलन का कोई मुख्यालय नहीं है क्यूंकि हर साल इस सम्मलेन का आयोजन अलग-अलग देशों में होता है।
इन सम्मेलनों में अन्य देशों को भी गेस्ट कंट्री के रूप में सम्मिलित किया जाता है। हर साल स्पेन को छोड़ कर ,ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी के अतिथि में आसियान देश के अध्यक्ष, दो अफ़्रीकी देश और एक देश या इससे अधिक देशों को G-20 के अध्यक्ष द्वारा आमंत्रित किया जाता है।
G20 की कार्य प्रणाली
- जी-20 का कोई अपना स्थायी मुख्यालय नहीं है।
- Group of twenty (G20) की पहली बैठक दिसंबर 1999 में बर्लिन में हुई थी।
- बीस देशों का समूह यानी जी-20 अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और विश्व व्यापार संगठन, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, वित्तीय स्थिरता बोर्ड के साथ मिलकर कार्य करता है।
- G-20 समूह देशों का ग्लोबल जीडीपी में 85 प्रतिशत तक का योगदान है।
- ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
- इसका सचिवालय हर साल जी-20 ग्रुप को होस्ट करने वाले या इस समूह की अध्यक्षता करने वाले देशों के बीच रोटेट किया जाता है।
- G-20 सदस्यों को 5 भागों में विभाजित किया गया है। भारत, दक्षिण अफ्रीका, रूस, तुर्की जैसे देश समूह 2 में शामिल किये गए है।
- G-20 की एक विशेषता ट्रोइका बैठक है। इस बैठक में पिछले साल, वर्तमान साल और आने वाले साल में जिन भी देशों द्वारा जी-20 की अध्यक्षता की जाती है वह शामिल होते हैं। ट्रोइका बैठक में वर्तमान में इटली, इंडोनेशिया और भारत को शामिल किया गया है।
G-20 Summit से सम्बंधित सवालों के जवाब
जी-20 का मुख्यालय या इसका सचिवालय नहीं है। इस समूह के सदस्य देशों में हर साल बारी- बारी से सम्मलेन को आयोजित किया जाता है। इसका स्थायी मुख्यालय नहीं है।
जी-20 (ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी) शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद् (EC) के अध्यक्ष द्वारा या यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया जाता है।
दुनिया की लगभग दो तिहाई जनसंख्या जी-20 (ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी) देशों में निवास करती है।
G-20 में अर्जेटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया ,इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, द अफ्रीका, द कोरिया, टर्की, ब्रिटेन व अमरीका और यूरोपीय संघ शामिल है।
7-8 जुलाई 2017 को हैैैम्बर्ग, जर्मनी में चान्सलर एन्जेला मर्केल की अध्यक्षता में 12 वें जी -20 शिखर सम्मलेन का आयोजन किया गया था।
G20 का कोई मुख्यालय नहीं है।
साल 1999 में G-20 की पहली बैठक दिसंबर 1999 में बर्लिन में हुई थी।
G20 सम्मेलन में सभी सदस्य देश दुनिया भर के मुद्दों पर चर्चा करते हैं ओर उनका समाधान निकालने की कोशिश करते हैं।
साल 2008 ,14 -15 नवम्बर में वाशिंगटन, अमेरिका में जी-20 का पहला शिखर सम्मलेन आयोजित किया गया था।
जी-20 के सदस्य देशों में 19 देश ओर यूरोपीय संघ शामिल है।
G-20 की स्थापना 26 सितंबर 1999 में अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में की गयी थी।