भारत में हर 10 साल में जनगणना की जाती है। हाल ही में केंद्र सरकार ने ई-जनगणना करने का निर्णय लिया है। ई-जनगणना के द्वारा अब सरकार डिजिटल माध्यम से जनगणना करनी की योजना बना रही है। अब देश के सभी नागरिक डिजिटल माध्यम की सहायता से ई-जनगणना हेतु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। साथ ही साथ E- Census एप्लीकेशन फॉर्म और जनगणना सूची आदि को ऑनलाइन देख सकेंगे।
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ई-जनगणना क्या है ?
भारत को डिजिटल भारत बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जनगणना को सरल व तीव्र और आसान बनाने के लिए तकनीकी का प्रयोग किया है। भारत की अंतिम जनगणना 2011 में की गयी थी जिसके अनुसार भारत की जनसंख्या 121 करोड़ थी। इसके बाद जनगणना साल 2021 में की जानी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण जनगणना करना मुश्किल था।
असम राज्य में डायरेक्टरेट ऑफ सेंसस ऑपरेशन बिल्डिंग का उद्घाटन के समय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा E- Census की शुरुआत किये जाने की घोषणा की गयी। इसके तहत साल 2024 तक भारत में प्रत्येक जन्म एवं मृत्यु को जनगणना में जोड़ा जाएगा।
E- Census ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन /आवेदन की प्रक्रिया
इलेक्ट्रॉनिक जनगणना पहल के माध्यम से मिलने वाले लाभ हेतु आवेदन के लिए अभी देश के नागरिकों को कुछ समय प्रतीक्षा करनी होगी। अभी केंद्र सरकार द्वारा फिलहाल E- Census की घोषणा की गयी है। जल्द ही इस पहल में आवेदन हेतु सरकारी नोटिस आ जायेगा। सम्बंधित विभाग द्वारा जैसे ही इस कार्यक्रम की कोई सूचना जारी की जाएगी आपको इसकी जानकारी हमारे द्वारा दे दी जाएगी।
E- Census का उद्देश्य
डिजिटल भारत का सपना पूरा करने के लिए हर क्षेत्र को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ा गया है। जैसा की आप सभी जानते हैं, जनगणना के लिए सरकारी कर्मचारियों को घर-घर जाकर डाटा कलेक्ट करना होता है। इस प्रक्रिया में समय और पैसे दोनों का ही नुकसान होता है।
भारत सरकार द्वारा E- Census के माध्यम से अब नागरिक अपने मोबाइल फ़ोन की सहायता से जनगणना कर सकेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल रूप जनगणना के लिए नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना है।
ई-जनगणना का लाभ और विशेषताएं
- डिजिटल माध्यम से जनगणना करने से अगले 25 वर्षों तक के लिए सरकार विभिन्न नीतियां बना सकेगी।
- जनगणना की प्रक्रिया को तकनीक से जोड़ा जायेगा।
- जनगणना को डिजिटल माध्यम से किये जाने हेतु सरकार सॉफ्टवेयर लांच करेगी।
- देश के लगभग 50 प्रतिशत नागरिक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सभी सवालों का जबाव स्वयं दे सकेंगे।
- जनगणना की प्रक्रिया को आसान बना सकेंगे।
- सरकार द्वारा विभिन्न विभागों से इस जनगणना के कार्य में सहायता ली जा रही है।
- सरकार जनगणना के कार्यों को ऑटोमेटिक रूप से अपडेट करने के लिए साल 2024 तक देश में होने वाली मृत्यु और जन्म को जनगणना से जोड़ेगी।
- अब सरकारी कर्मचारियों को जनगणना हेतु घर-घर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। क्योंकि अब यह कार्य ऑनलाइन ही होगा जिससे पैसे और समय दोनों की बचत होगी।
- कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी।
आवश्यक दस्तावेज (important documents)
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आय प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
E-Janganana पात्रता
- आवेदक को ई जनगणना स्कीम का लाभ लेने के लिए भारत का स्थायी निवासी होना आवश्यक है।
- देश के सभी वर्ग के नागरिक और समुदाय इसमें पात्र माने जायेंगे।
भारत में जनगणना संचालन निदेशालय की सूची
Andaman and Nicobar islands | Jammu and Kashmir |
Bihar | Lakshadweep |
Andhra Pradesh | Jharkhand |
Chandigarh | Madhya Pradesh |
Chattisgarh | Maharashtra |
Assam | Kerala |
Arunachal Pradesh | Karnataka |
Goa | Meghalaya |
Gujarat, Daman and Diu and Dadra and Nagar Haveli | Mizoram |
Delhi | Manipur |
Haryana | Nagaland |
Himachal Pradesh | Odisha |
Puducherry | Punjab |
Rajasthan | Sikkim |
Tamil Nadu | Telangana |
Tripura | Uttar Pradesh |
Uttarakhand | West Bengal |
E- Census एप्लीकेशन फॉर्म व Janganana List से सम्बंधित सवाल (FAQs) –
इलेक्ट्रॉनिक जनगणना या E- Census में अब भारत में होने वाली जनगणना को इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जायेगा। यह जनगणना डिजिटल माध्यम से की जाएगी। साल 2024 तक हर जन्म और मृत्यु का पंजीकरण इलेक्ट्रॉनिक जनगणना में कर दिया।
भारत में हर 10 साल में जनगणना की जाती है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा ई जनगणना करने की घोषणा की गयी है।
देश में वर्ष 1951 के बाद से की जाने वाली जनगणना 1948 की जनगणना अधिनियम के तहत कराई जाती है।
2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसँख्या 1,21,01,93,422 है।