वर्ष 2000 से दुनिया भर के सात अजूबों को निर्धारित करने के लिए स्विस चैरिटी द्वारा परियोजना को शुरू किया गया था। आज हम जब दुनिया के सात अजूबे की बात करते हैं तो शायद ही कुछ लोग इसके बारे में पूरी जानकारी रखते होंगे। आज भी कई लोग विश्व के सात अजूबों के बारे में नहीं जानते। क्या आप जानते हैं भारत से किसे सात अजूबे की लिस्ट (Duniya Ke Saat Ajoobe) में शामिल किया गया है? यदि नहीं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
आज के इस लेख में हम आपको 7 Wonders of The World 2023 के बारे में बताएंगे। क्या आप जानते हैं प्राचीन समय से दुनिया के 7 अजूबे चुनने का विचार सबसे पहले आज से लगभग 2200 साल पूर्व हेरोडोटस और कल्लिमचुस नामक दो व्यक्तियों को आया था।
इनके द्वारा सबसे पहले अजूबो की सूची तैयार की गयी थी। वर्तमान समय में दुनिया के 7 नए अजूबे चुने गए हैं। आर्टिकल में आपको दुनिया के सात अजूबे के नाम फोटो सहित जानकारी उपलब्ध की गयी है।
Table of Contents
दुनिया के सात अजूबे कौन से हैं ?
दुनिया में वैसे तो आपको कई अजूबे देखने को मिल जायेंगे। प्रकृति द्वारा वैसे तो कई अजूबे निर्मित किये गए हैं जो देखने में काफी रोमांचकारी लगते हैं।
लेकिन मानव सभ्यता द्वारा भी प्राचीन काल से कई ऐसे अजूबे निर्मित किये गए हैं जो दुनिया के 7 अजूबों में अपना स्थान बना चुके हैं और इन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहर में स्थान मिला है।
आज के लेख में आपको Duniya Ke Saat Ajoobe 2023 जोकि मानव द्वारा निर्मित किये गए हैं के बारे में आर्टिकल में जानकारों दी गयी है।
7 Wonders of The World 2023 list
- चीन की महान दीवार
- ताजमहल
- कोलोज़ीयम
- माचू पिच्चु
- क्राइस्ट रिडीमर
- चिचेन इत्जा
- पेट्रा
दुनिया के सात अजूबे के नाम फोटो सहित
नीचे हम आपको दुनिया के 7 अजूबे कौन -कौन से हैं ? उनके नाम और उनके बारे में जरूरी जानकारी देंगे। सात अजूबों की सूची (seven wonders of the world list) नीचे दी गयी है –
वर्ल्ड के सात अजूबे :- चीन की दीवार
भारत का पडोसी देश चीन में 5 से 16 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य एक 6,400 किलोमीटर क्षेत्रफल में में एक दीवार का निर्माण किया गया। जो कि वर्ल्ड के सात अजूबे में शामिल किया गया है।
यह दिवार 35 फीट ऊँची है। इस दीवार को आज से करीब 5 से 16 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में मिटटी ,लकड़ी ,ईंट आदि से बनाया गया था। इस दीवार का विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नूर तक है।
अजूबे का नाम | चीन की दीवार |
देश | चीन |
अजूबे का प्रकार | सांस्कृतिक |
अजूबे को बनाने का उद्देश्य | उत्तरी हमलावरों से रक्षा हेतु |
बनवाया गया | चीन के विभिन्न शासकों द्वारा |
चीन की दीवार निर्माण | 5 से 16 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य |
चीन की दीवार फैलाव | 6,400 किलोमीटर क्षेत्रफल में |
कुल लम्बाई | 6700 किलोमीटर |
दीवार का विस्तार | पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नूर तक |
seven wonders of the world – ताजमहल
भारत के आगरा में ताज महल स्थित है जो कि seven wonders of the world में शामिल है। मुग़ल काल में शाहजहाँ द्वारा इसका निर्माण करवाया गया था।
ताज महल को शाहजहां द्वारा 1631 में बनवाने का कार्य आरम्भ किया गया था जो कि 1648 तक बनकर तैयार हुआ। इसके निर्माण में लगभग 15 वर्ष लगे थे।
अजूबे का नाम | ताजमहल (Taj Mahal) |
देश | आगरा उत्तर -प्रदेश, भारत |
निर्माण | शाहजहां के आदेश पर |
बनवाया गया | 1631 में ताजमहल 1648 तक बनकर तैयार हुआ |
क्षेत्रफल | 17 हेक्टेयर (42 एकड़) |
ऊंचाई | 73 मीटर (240 फ़ीट) |
ताजमहल के आर्किटेक्ट | उस्ताद अहमद लाहौरी |
यूनेस्को में शामिल | 1983 |
विश्व के 7 अजूबे – कोलोज़ीयम (Colosseo)
यह एक विशाल स्टेडियम है जो कि आइसिस और सेरपीस, रोम, इटली में है। इसकी स्थापना 70 80 ईस्वी ,1943 साल पहले की गयी थी।
सम्राट टाइटस द्वारा इसे पूरा किया गया था। इसका निर्माण रेत और कंक्रीट से किया गया था। यह एक प्राचीनतम स्टेडियम है जहाँ 50 हजार से 80 हजार लोग आसानी से एक साथ बैठ सकते थे।
अजूबे का नाम | कोलोज़ीयम या कोलिसियम |
देश | आइसिस और सेरपीस, रोम, इटली |
कोलोज़ीयम की स्थापना | 70 80 ईस्वी, 1943 साल पहले |
प्रकार | विशालकाय अखाडा |
निर्माता | वेस्पासियन, टाइटस |
एम्फीथिएटर का आयाम | 620 गुना 513 फ़ीट |
निर्मित | ज्वालामुखी चट्टान,ईंट के कंक्रीट आदि से निर्मित |
माचू पिच्चु (Machu Pikchu)
माचू पिच्चु (Machu Pikchu) कुज्को क्षेत्र, पेरू, दक्षिण अमेरिका में है जिसे 7 wonders of the world में जगह मिली है। इसकी ऊंचाई लगभग 2430 मीटर (7970 फ़ुट) है। इसे 1450 -60 में शुरू किया गया था। यह इकां साम्राज्य द्वारा बनवाया गया।
अजूबे का नाम | माचू पिच्चु (पुरानी चोटी) |
देश | कुज्को क्षेत्र, पेरू ,दक्षिण अमेरिका |
निर्माण | 1450 -60 में शुरू |
बनवाया गया | इनकां साम्राज्य द्वारा |
ऊंचाई | 2430 मीटर (7970 फ़ीट) |
प्रकार | मिश्रित |
माचू पिच्चू की शैली | इंकाओं की पुरातन शैली |
विश्व धरोहर में शामिल | 1983 |
पेरू का ऐतिहासिक देवालय घोषित | 1981 |
सेवन वंडर ऑफ़ द वर्ल्ड – क्राइस्ट द रिडीमर
रियो डि जेनेरा ,ब्राजील में क्राइस्ट द रिडीमर स्थित है जो कि विश्व के सात अजूबों में स्थान रखता है। इसकी स्थापना 1922 से 1931 के बीच मानी जाती है। Christ the Redeemer ईसा मसीह की एक मूर्ति है जो की विश्व की सबसे ऊँची मूर्तियों में से एक है।
अजूबे का नाम | क्राइस्ट द रिडीमर |
देश | रियो डि जेनेरा ,ब्राजील |
स्थापना | 1922 से 1931 के बीच |
निर्माण | कंक्रीट और सोपस्टोन से |
प्रतिमा की ऊंचाई | 9.5 मीटर (31 फ़ुट) आधार को मिलाकर 39.6 मीटर (130 फ़ुट) |
प्रतिमा की चौड़ाई | 30 मीटर (98 फ़ीट) |
प्रतिमा का वजन | 635 टन |
स्थिति | तिजूका फारेस्ट नेशनल पार्क ,कोर्कोवार्डो पर्वत की छोटी पर |
7 अजूबों में शामिल | 7 जुलाई 2007 |
प्रतिमा का रूपांकित | इंजीनियर हीटर डा सिल्वा कोस्टा |
प्रतिमा तैयार की गयी | फ्रांसीसी मूर्तिकार पॉल लांडोव्स्की |
दुनिया के सात अजूबे – चिचेन इत्जा
चिचेन इत्जा (Chichén Itzá) का अर्थ है ‘‘इट्ज़ा के कुएं के मुहाने पर”। दुनिया के 7 अजूबों में से एक अजूबा यह भी है जिसे 514 ई.पू कोलंबस पूर्व युग में निर्मित किया गया था। इसकी ऊंचाई 79 फीट (24 मीटर) है।
अजूबे का नाम | चिचेन इत्जा (Chichén Itzá) |
चिचेन इत्जा का अर्थ | ‘‘इट्ज़ा के कुएं के मुहाने पर” |
ऊंचाई | 79 फीट (24 मीटर) |
देश | मेक्सिको |
क्षेत्र | युकातेन |
निर्माण | 514 ई.पू कोलंबस पूर्व युग में |
संस्कृति | माया सभ्यता |
चिचेन इत्जा का प्रबंधन | मेक्सिको के राष्ट्रीय मानव विज्ञान और इतिहास संस्थान, INAH द्वारा |
दुनिया के 7 वंडर – पेट्रा जॉर्डन
309 ई.पू नाबतियन साम्राज्य द्वारा स्थापित पेट्रा अमान ,जॉर्डन में मृत सागर और लाल सागर के बीच स्थित है जिसे जुलाई 2007 में विश्व के सात अजूबों में शामिल किया गया था। इसे वर्ष 1985 में विश्व धरोहर में शामिल में शामिल किया गया।
अजूबे का नाम | पेट्रा |
स्थापित | 309 ई.पू नाबतियन साम्राज्य द्वारा |
देश | अमान ,जॉर्डन |
स्थिति | मृत सागर और लाल सागर के बीच |
विश्व के सात अजूबों में शामिल | जुलाई 2007 |
विश्व धरोहर में शामिल | 1985 |
पेट्रा को जाना जाता है | रोज सिटी |
विश्व के 7 अजूबे के नाम और स्थान
अजूबे का नाम | अजूबे का निर्माण | स्थान /देश |
---|---|---|
चीन की दीवार | 8वीं शताब्दी | चीन |
ताजमहल | सन्न 1632 | भारत |
कोलोज़ीयम | 80 ई.पू | इटली,रोम |
माचू पिच्चु | 1430 ई. | पेरू |
क्राइस्ट रिडीमर | सन 1931 | ब्राजील |
चिचेन इत्जा | 514 ई.पू | मैक्सिको |
पेट्रा | 309 ई.पू | जोर्डन |
दुनियाभर के 7 अजूबे कैसे चुने गए ?
विश्व के अजूबों का चुनाव करने का सबसे पहला विचार साल 1999 -2000 में किया गया था। इसी वर्ष से दुनिया भर से नए-नए अजूबों को खोज निकालने की पहल स्विट्ज़रलैंड में शुरू की गयी।
दुनिया के अजूबे को खोज निकालने के लिए एक संगठन का भी निर्माण किया गया। इस संगठन के साइट पर विश्व भर के लगभग 200 धरोहरों को सूची में शामिल किया गया।
इस सूची में से पोल और वोटिंग के जरिये लोगों द्वारा किये गए वोट के आधार पर साल 2007 में इसका परिणाम घोषित किया गया। इस परिणाम में हम सभी के सामने दुनिया के 7 अजूबे आये जिनको दुनिया भर के लोगों द्वारा वोट करके चुना गया था।
दुनिया के सात अजूबे ये हैं –
चीन की दीवार
ताज महल
कोलोज़ीयम
माचू पिच्चु
क्राइस्ट रिडीमर
चिचेन इत्जा
पेट्रा
दुनिया में सात अजूबे हैं ।
आशा करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी। ऐसे ही रोचक जानकारियों और सरकारी और गैर सरकारी योजनाओं के बारे में जानने के लिए pmmodiyojanaye.in को बुकमार्क करना न भूलें।