भारत जो की दूध उत्पादन में विश्व में पहला स्थान रखता है अपने इसी स्थान को बरक़रार रखने हेतु केंद्र ही नहीं बल्कि राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। ऐसे ही योजनाओं में से एक योजना है दूध गंगा योजना। Doodh Ganga Yojana को हिमाचल प्रदेश द्वारा दूध के उत्पादन को बढ़ाने देने हेतु संचालित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी लघु और सीमांत किसानों को दूध गंगा योजना के तहत आवेदन करने पर 3 लाख रुपए तक की सब्सिडी युक्त लोन प्रदान किया जायेगा।
आज हम आपको himanchal pradesh Doodh Ganga Yojana क्या है ? तथा आप किस प्रकार दूध गंगा स्कीम के तहत डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए आवेदन कर सकेंगे आदि के बारे में आपको जानकारी दी जाएगी। इस योजना से सम्बंधित सभी जानकारी के लिए आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
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Doodh Ganga Yojana क्या है ?
साल 2010 में भारत सरकार के द्वारा Doodh Ganga Yojana को शुरू किया गया था। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से पशुपालन विभाग की ओर से डेरी उत्तम योजना के रूप में इस योजना को शुरू किया गया था।
सितम्बर 2010 में डेयरी वैंचर केपिटल फण्ड (दूध गंगा परियोजना) के आर्थिक सहायता के स्वरूप में बदलाव लाने के लिए इस परियोजना को डेयरी एंट्रप्रेन्यूरशिप डेवलपमेंट स्कीम (DEDS) नाम से जाना जाने लगा। Doodh Ganga Yojana में राज्य के किसानों को अलग -अलग दुधारू पशुओं के आधार पर ऋण मुहैया कराया जायेगा।
डेयरी एंट्रप्रेन्यूरशिप डेवलपमेंट स्कीम (DEDS) Doodh Ganga Yojana Highlights)
योजना का नाम | दूध गंगा योजना |
सम्बंधित राज्य | हिमांचल प्रदेश |
योजना की शुरुआत वर्ष | 2010 |
योजना लाभार्थी | हिमांचल प्रदेश के किसान |
Doodh Ganga Yojana के तहत लोन | 30 लाख रुपये |
योजना का उद्देश्य | राज्य में दूध उत्पादन को बढावा देना |
वेबसाइट | hpagrisnet.gov.in |
दूध गंगा योजना के लाभ
दूध गंगा योजना के माध्यम से राज्य के नागरिकों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे –
- इस योजना से राज्य के छोटे सीमांत किसान अपना लघु डेरी उद्योग को बड़े स्तर पर ले जा सकेंगे।
- हिमाचल प्रदेश Doodh Ganga Yojana के लाभार्थी किसानों को ₹30,00000 तक का ऋण हिमाचल सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा।
- इस योजना में वह सभी किसान आवेदन कर सकते हैं जो राज्य में दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने में अपना सहयोग देना चाहते हैं सरकार द्वारा इसके लिए आपको ऋण भी दिया जायेगा।
- हिमाचल प्रदेश सरकार की इस कल्याणकारी योजना के माध्यम से राज्य में दूध के उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी।
- हिमाचल राज्य के ऐसे सभी व्यक्ति जो अच्छी किस्म की गाय और भैंस खरीदना चाहते हैं वह इस योजना के माध्यम से आसानी से खरीद सकेंगे।
- इस योजना का लाभ राज्य के नागरिक, गैर सरकारी संगठन,स्वयं सहायता समूह, दुग्ध संगठन, दुग्ध सहकारी सभाएं, तथा कम्पनियां इत्यादि लाभ उठा सकती है।
- दुग्ध गंगा परियोजना को नाबार्ड के राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा राज्य सहकारी बैंकों के माध्यम से पशुपालन विभाग के सहयोग से राज्य में चलाया जा रहा है।
- एक परिवार के एक से अधिक सदस्य भी इस योजना के अंतर्गत अलग अलग इकाइयों को अलग -अलग जगह पर स्थापित कर सकते हैं जिसके लिए उनके इकाइयों की आपस में दूरी 500 मीटर की होनी आवश्यक है।
हिमांचल दूध गंगा योजना का उद्देश्य
- इस योजना का उद्देश्य दूध उत्पादन के लिए राज्य में डेयरी फार्म को शुरू करना है।
- योजना का उद्देश्य राज्य के नागरिकों को दुधारू पशुओं के देखरेख और उनके संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करना है।
- किसानों के लघु तथा सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देना।
- राज्य में स्वरोजगार स्थापित करने तथा असंगठित डेरी क्षेत्र को अवसाहयक सुविधा प्रदान करना है।
Doodh Ganga Yojana के माध्यम से मिलने वाला लोन
इस योजना के माध्यम से सामान्य वर्ग को 25% तथा अनुसूचित जाति ,जनजाति के पशु[पलकों को 33.33 % अनुदान प्रदान किया जायेगा।
परियोजना | ऋण |
2 से 10 दुधारू पशुओं के लिए ऋण | 05.00 लाख रुपए |
5 से 20 के बछडियो पालन हेतू ऋण | 4.80 लाख |
वर्मी कम्पोस्ट (दुधारू गायों के इकाई के साथ जुड़ा होगा) | 20 लाख |
दूध दोहने की मशीन/मिल्कोटैस्टर/ बड़े दूध कूलर इकाई (2000 लीटर तक) | 18.00 लाख |
दूध से देसी उत्पाद बनाने की इकाइयाँ | 12.00 लाख |
दूध उत्पादों की ढुलाई तथा कोल्ड चैन सुविधा हेतु ऋण | 24.00 लाख |
दूध व् दूध उत्पादों के शीत भण्डारण हेतू | 30.00 लाख |
निजी पशु चिकित्सा इकाइयों के लिए ऋण (क) मोबाइल इकाई (ख) स्थाई इकाई | 2.40 लाख 1.80 लाख |
दूध उत्पाद बेचने हेतू बूथ स्थापना | 56 लाख |
डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए आवेदन कैसे करें ?
- DEDS डेयरी एंट्रप्रेन्यूरशिप डेवलपमेंट स्कीम के तहत आप डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए नाबार्ड की वेबसाइट पर जाकर भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं।
- डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करें –Doodh Ganga Yojana डेयरी एंट्रप्रेन्यूरशिप डेवलपमेंट स्कीम
- इस फॉर्म का प्रिंट निकल कर सम्बंधित जानकारियों को भरें और अपने बैंक शाखा में जाकर इस फॉर्म को जमा करें।
- बैंक द्वारा सभी प्रक्रिया को पूरी कर लेने के बाद आपका डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए आवेदन पूरा हो जायेगा।
Doodh Ganga Yojana Registration
- आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको हिमाचल प्रदेश की डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी की ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट करना होगा।
- वेबसाइट के होम पेज पर आपको दूध गंगा योजना में आवेदन के लिंक पर क्लिक करना है।
- अब आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल कर जाएगा।
- आपको यहाँ सम्बंधित जानकारियों को भरना होगा तथा आवश्यक दस्तावेज को अपलोड कर सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आप दूध गंगा योजना के अंतर्गत आवेदन कर इसका लाभ ले सकेंगे।
डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए आवेदन कैसे करें से सम्बंधित प्रश्नोत्तर –
Doodh Ganga Yojana की शुरुआत कब हुई ?
Doodh Ganga Yojana की शुरुआत साल 2010 में की गयी।
दूध गंगा स्कीम को किसके द्वारा शुरू किया गया है ?
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा Doodh Ganga Yojana को राज्य के पशुपालकों के लिए शुरू किया गया है।
हिमाचल प्रदेश द्वारा Doodh Ganga Yojana में 2 से 10 दुधारू पशुओं के लिए कितना ऋण दिया जाता है ?
2 से 10 दुधारू पशुओं के लिए 05.00 लाख रुपए का ऋण इस योजना के तहत प्रदान किये जायेंगे।
Doodh Ganga Yojana डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए आवेदन कैसे करें?
DEDS डेयरी एंट्रप्रेन्यूरशिप डेवलपमेंट स्कीम के लिए तहत डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के लिए आवेदन आप नाबार्ड की वेबसाइट के माध्यम से कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए आप आर्टिकल में दिए लिंक पर क्लिक कर आवेदन फॉर्म को प्राप्त कर सकते हैं।