भारतीय दंड सहिंता या IPC के विभिन्न धाराओं में कई प्रकार के क़ानूनी प्रावधान किये गए है। क्या आप जानते हैं छल, ठगी या चोरी से किसी व्यक्ति की संपत्ति को हड़पने या बेईमानी के लिए आईपीसी की कौनसी धारा लगायी जाती है ?
आपने कई बार indian Penal Code के तहत लगने वाली विभिन्न धाराओं के बारे में जरूर सुना होगा उन्हीं में से एक IPC Section 144 भी है।
भारत में व्याप्त कई प्रकार के अपराधों के लिए अलग अलग सजा का प्रावधान है। भारतीय दंड संहिता भारत में किये गए अपराधों के बारे में परिभाषा देने के साथ उन अपराधों के लिए सजा का प्रावधान सुनिश्चित करती है।

आपको बता दे की आईपीसी में कुल 511 धाराएं (Section) हैं। आईपीसी धारा 144 क्या है विवरण और सजा का प्रावधान आदि आप इस पोस्ट में जानेंगे। ‘IPC Section 144 in Hindi’ की पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
आईपीसी धारा 144 क्या है ?
देश में विभिन्न अपराधों के लिए सजा का प्रावधान रखा गया है। भारत सरकार देश में शांति और अनुशासन के लिए कई प्रकार के नियम कानून बनाती है। IPC Section 144 को सरकार द्वाराउस स्थिति में लगाया जाता है जब कोई अप्रिय घटना या अशांति फैलने की सम्भावना हो।
आप इसे आसान भाषा में ऐसे समझ सकते हैं की जब कोई व्यक्ति किसी सार्वजानिक शांति को भंग करने का प्रयास करता है,और इस प्रयास में उस व्यक्ति द्वारा बल पूर्वक घातक हथियार जैसे खंजर ,पिस्तौल ,बंदूक आदि का प्रयोग किया जाता है, तो ऐसे व्यक्ति के लिए indian Penal Code की धारा 144 के तहत सजा का प्रावधान रखा गया है।
धारा 144 कब लगाई जाता है?
आईपीसी धारा 144 में ऐसे व्यक्तियों के लिए सजा का प्रावधान है, जो गैर क़ानूनी रूप से जमा हुयी भीड़ में अपने साथ घातक हथियार लेकर जाता है।
IPC Section 144 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी घातक हथियार या वस्तु जिसका आक्रामक हथियार के रूप में प्रयोग किये जाने से मौत होने की संभावना हो,से सुसज्जित होते हुए किसी गैर क़ानूनी रूप से जमा हुयी भीड़ का सदस्य हो या वहां शामिल हो अपराधी माना जायेगा।
ऐसे व्यक्ति को कारावास की सजा या आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों ही प्रकार की सजा से दण्डित किया जा सकता है।
Key Points IPC Section 144 in Hindi
आर्टिकल का नाम | आईपीसी धारा 144 क्या है ? सजा का प्रावधान |
IPC कुल धाराएं | 511 |
आईपीसी के कुल चेप्टर /अध्याय | 23 |
IPC का पूरा नाम | indian Penal Code (भारतीय दंड संहिता) |
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IPC Section 144 के तहत सजा का प्रावधान
धारा 144 crpc यानी Code of Criminal Procedure की एक धारा है जिसे आपराधिक प्रक्रिया संहिता के नाम से भी जानते हैं। यदि किसी व्यक्ति पर IPC की धारा 144 लगायी जाती है तो उसे कारावास से दंडित किया जायेगा।
ऐसे व्यक्ति को 2 साल की जेल या उस व्यक्ति पर आर्थिक जुर्माना लगाया जा सकता है। कई बार अपराधी को जेल के साथ साथ आर्थिक जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
यह एक जमानती अपराध है, इसमें किसी प्रकार के समझौते का प्रावधान नहीं है। आईपीसी सेक्शन 144 में ऐसे व्यक्ति को सजा के रूप में 2 साल का कारावास या आर्थिक दंड भरना पड़ता है, जो किसी गैरकानूनी असेंबली में घातक हथियार से लैस हो। एक गैर क़ानूनी असेंबली में 5 या इससे अधिक लोगों का होना जरुरी है।
आईपीसी सेक्शन 144 में जमानत का प्रावधान (bail Provision)
ऐसे व्यक्ति जो गैर क़ानूनी सभा या भीड़ में किसी घातक हथियार के साथ में शामिल होता है जिससे किसी की जान ली जा सकती है। ऐसे व्यक्ति के पकडे जाने पर उसे आईपीसी सेक्शन 144 के तहत 2 साल की जेल या आर्थिक दंड या दोनों ही सजा से दण्डित किया जाता है।
इस प्रकार के मामलों में पुलिस द्वारा अपराधी पर IPC section 144 के तहत FIR दर्ज की जाती है और अपराधी व्यक्ति को अरेस्ट किया जाता है।
पुरे मामले की जांच की जाती है और न्यायलय में चार्जशीट पेश की जाती है। अपराधी व्यक्ति को जमानत के लिए किसी अच्छे वकील की आवश्यकता होगी।
indian Penal Code (IPC) क्या है ?
भारत में 1860 में कानून आयोग की सिफारिस पर इंडियन पीनल कोड आस्तित्व में आया था। इसे iPC के तौर पर 1 जनवरी 1862 को लागू किया गया।
वर्तमान दंड सहिंता,भारतीय दंड सहिंता 1860 के नाम से जानी जाती है। इसमें समय समय पर कई बदलाव किये गए। आईपीसी देश में कुछ अपराधों की परिभाषा और अपराधों के लिए सजा का प्रावधान करती है।
इंडियन पीनल कोड में कुल 511 धाराएं हैं जिन्हें 23 अध्याय में बांटा गया है। भारतीय दंड सहिंता की पहली धारा में iPC की पूरी जानकारी दी गयी है। आईपीसी की धारा 1 में IPC का नाम और विस्तार की परिभाषा दी गयी है।
भारतीय दंड सहिंता धारा 144 से सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)-
आईपीसी का फुल फॉर्म indian Penal Code है। आईपीसी को हिंदी में भारतीय दंड संहिता कहा जाता है।
IPC धारा 144 में अपराधी को 2 साल की जेल ,आर्थिक जुर्माना या दोनों ही दंड दिए जा सकते है।
जी हाँ ! भारतीय दंड सहिंता की धारा 144 एक जमानती अपराध है।
भारत में iPC को 1 जनवरी 1862 को लागू किया गया था।
इंडियन पीनल कोड में कुल 511 धाराएं हैं जिन्हें 23 चेप्टर में बांटा गया है।
अध्याय 8 में IPC की धारा 144 को रखा गया है।
जी हाँ ! 370 हटने के बाद से जम्मू कश्मीर में भी आईपीसी लागू होती है। पहले वहां RPC लागू होती थी।