बिहार में जमीन रजिस्ट्री से जुड़े मामलों में नीतीश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी रैयतदारों (जमीन मालिकों) को अपने जमाबंदी खातों को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करने का आदेश दिया है। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य जमीन से संबंधित धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना और रैयतदारों को भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाना है।
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आधार और मोबाइल नंबर को जमाबंदी से जोड़ने से क्या होगा?
बिहार सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, सभी रैयतदारों को अपने जमाबंदी खातों को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे कई लाभ होंगे:
- धोखाधड़ी और अवैध कब्जे से सुरक्षा: जमाबंदी को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करने पर, जमीन से संबंधित किसी भी बदलाव की जानकारी सीधे जमीन मालिक को एसएमएस के माध्यम से मिल जाएगी। इससे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अवैध कब्जे की संभावनाएं कम हो जाएंगी, क्योंकि जमीन मालिक को हर बदलाव की जानकारी तुरंत मिलेगी।
- सरकारी ऑनलाइन सेवाओं का लाभ: बिहार सरकार ने कई ऑनलाइन सेवाएं शुरू की हैं, जैसे दाखिल-खारिज, भू-लगान, और न्यायालय में चल रहे मामलों की जानकारी। जमाबंदी को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करने से रैयतदारों को इन सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा, जिससे उन्हें सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- भ्रष्टाचार पर अंकुश: जमाबंदी खातों को आधार से लिंक करने से भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी, क्योंकि इससे किसी भी प्रकार की फर्जीवाड़े की संभावना कम हो जाएगी।
आधार और मोबाइल नंबर को जमाबंदी से कैसे जोड़ना होगा?
रैयतदारों को जमाबंदी खातों को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करने के लिए अपने नजदीकी राज्य सब कर्मचारी से संपर्क करना होगा। इसके लिए उन्हें अपने साथ भू-लगान की रसीद, आधार कार्ड, और मोबाइल नंबर ले जाना होगा। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, जमाबंदी खातों से जुड़ी सभी नई जानकारी एसएमएस के माध्यम से रैयतदारों को मिलती रहेगी।
सरकार का उद्देश्य और लाभ
नीतीश सरकार का यह कदम बिहार के जमीन मालिकों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। इससे न केवल जमीन के दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे, बल्कि रैयतदारों को अपने अधिकारों और संपत्तियों की जानकारी भी आसानी से प्राप्त हो सकेगी। यह कदम राज्य में जमीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देगा।
इस नए नियम के तहत, बिहार के सभी रैयतदारों को अपने जमाबंदी खातों को जल्द से जल्द आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करना चाहिए, ताकि वे इस सुविधा का पूरा लाभ उठा सकें और भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी से बच सकें।
इस प्रकार, आधार और मोबाइल नंबर को जमाबंदी से जोड़ने से न केवल जमीन मालिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उन्हें सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने में भी आसानी होगी।