किसी देश में व्यक्ति की नागरिकता कई कारकों पर निर्भर करती है। भारतीय संविधान द्वारा समय-समय पर नागरिकता प्रदान करने के लिए नियमों में संशोधन किया जाता है। किसी की नागरिकता के आधार पर हम उस व्यक्ति के जन्म भूमि के बारे में पता नहीं लगा सकते। भारत में 26 नवम्बर 1949 को संविधान को स्वीकार किया गया। उस दिन भारत में रह रहे सभी लोगों को स्वतः भारतीय नागरिकता मिल गयी।
भारतीय संविधान में सभी लोगों को नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है। कई लोग भारत की नागरिकता को प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में पता होना चाहिए। भारतीय नागरिकता कैसे प्राप्त करें ? या Bharat Ki Nagrikta Kaise Milti Hai यह कई कारकों पर निर्भर करता है। नीचे पोस्ट में आप जानेंगे की किस प्रकार से भारतीय नागरिकता को प्राप्त किया जा सकता है और कैसे आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं ?
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भारत की नागरिकता से संबंधित कानून
नागरिकता अधिनियम में अब तक कुल 6 बार संशोधन किया गया है। यह संशोधन 1986 ,1992 ,2003 ,2005, 2015, 2019 में किये गए थे। संविधान के अनुच्छेद (Article) 11 में नागरिकता के विषय में कानून बनाने का अधिकार संसद को दिया गया है।
भारतीय नागरिकता (Indian citizenship) के लिए विदेशी व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आपको गृह मंत्रालय की वेबसाइट indiancitizenshiponline.nic.in पर आवेदन फॉर्म को भरना हाउ और सभी जरूरी दस्तावेजों को अपलोड कर शुल्क जमा करना होगा।
भारतीय नागरिकता कैसे मिलती है?
विदेशी व्यक्ति भारतीय नागरिकता को कैसे प्राप्त करें (How to Get Indian Citizenship) इसके लिए आप नीचे दिए गए तरीकों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। किसी व्यक्ति को नागरिकता किन तरीकों से मिलती है यह आप नीचे जान पाएंगे –
1. जन्म के आधार पर नागरिकता (citizenship by birth)
भारतीय नागरिकता जन्म के आधार पर निम्नलिखित व्यक्तियों को मिल सकती है –
- ऐसे कोई भी व्यक्ति जिसका जन्म भारत में 26 जनवरी 1950 को या इसके बाद हुआ है या 1 जुलाई 1987 के पहले जन्म हुआ है। वह सभी नागरिक भारतीय नागरिक कहलाये जायेंगे।
- 1 जुलाई 1987 को या इसके बाद भारत में जन्म लेने वाला कोई भी व्यक्ति भारतीय नगरिक है यदि उसके जन्म के समय उसके माता या पिता दोनों में से कोई एक भी भारत का नागरिक रहा है।
- 7 जनवरी 2004 के बाद भारत में जन्म लेने वाला व्यक्ति भारतीय नागरिक कहलायेगा यदि उसके माता पिता दोनों भारत के नागरिक है। या फिर अभिभावक में कोई एक भारतीय और दूसरा विदेशी हो (गैर क़ानूनी अप्रवासी न हो)
2. वंश के आधार पर नागरिकता (citizenship by descent)
- यदि किसी व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी 1950 के बाद परन्तु 10 दिसम्बर 1992 से पहले भारत के बाहर हुआ है लेकिन उसके जन्म के समय उसके पिता भारतीय नागरिक थे। यदि अभिभावक में से कोई एक भारतीय मूल का है तो इसके आधार पर बच्चे को भारतीय नागरिकता मिलती है।
- 10 दिसम्बर 1992 को या इसके बाद भारत में पैदा हुआ व्यक्ति यदि उसके जन्म के समय माता -पिता में से कोई एक भारत का नागरिक था।
- 3 दिसम्बर 2004 के बाद भारत के बाहर पैदा व्यक्ति तब तक भारतीय नागरिक नहीं कहलायेगा जब तक उसे जन्म के बाद एक साल की अवधि के अंदर उसके जन्म को भारतीय वाणिज्य दूतावास में रजिस्टर नहीं किया गया हो। लेकिन किन्हीं विशेष परिस्थितयों में केंद्रीय सरकार की अनुमति से 1 साल के बाद भी रजिस्टर किया जा सकता है।
3. पंजीकरण द्वारा नागरिकता (citizenship by registration)
भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा -5 के तहत गैर क़ानूनी अप्रवासी न होने की स्थिति में भारत के नागरिक के रूप में वह स्वयं को पंजीकृत करने के लिए आवेदन कर सकते हैं यदि वह निम्लिखित श्रेणी में आते हैं –
- ऐसे भारतीय व्यक्ति जो पंजीकरण के लिए आवेदन से पूर्व 7 साल के लिए भारत में निवास कर चुके हैं।
- भारतीय मूल का व्यक्ति जो अविभाजित भारत के बाहर किसी अन्य देश में साधारण निवासी हो।
- ऐसे व्यक्ति जिसने भारत के एक नागरिक से शादी की है और पंजीकरण के लिए आवेदन करने से पहले 7 साल भारत में निवास किया हो।
4. देशीयकरण के द्वारा नागरिकता (citizenship by naturalization)
- ऐसे विदेशी व्यक्ति जिन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से पूर्व 12 साल भारत में निवास किया हो। वह देशीयकरण (naturalization) द्वारा भारतीय नागरिकता को प्राप्त कर सकते हैं।
5. भू भाग द्वारा नागरिकता (territorial citizenship)
- ऐसे व्यक्ति जो भारत के भूभाग से जोड़ दिए जाते हैं। भारत के बाहरी क्षेत्र के पडोसी देशों के किसी भूभाग को यदि भारत में मिला दिया जाता है तो उस भूभाग में आने वाले सभी व्यक्तियों को भारत की नागरिकता प्रदन कर दी जाती है।
संवैधानिक प्रावधान
नागरिकता को संविधान के संघ सूची में शामिल किया गया है, यह संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है। आपको बता दें की संविधान में ‘नागरिक’ शब्द की परिभाषा नहीं दी गयी है, लेकिन भारतीय नागरिकता के लिए पात्रता की विभिन्न श्रेणियों के बारे में भाग -2 के अनुच्छेद 5 से 11 में दिया गया है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 क्या है ?
- Citizenship Amendment Act 2019 को साल 2015 से पहले भारत में आने वाले पाकिस्तान ,अफगानिस्तान, बांग्लादेश के धार्मिक रूप से अल्पसंख्यकों जैसे हिन्दू ,बौद्ध ,जैन ,सिख ,ईसाई के लिए नागरिकता प्रदान करने के लिए लाया गया है।
- इस अधिनियम के अनुसार भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों को भारत में पांच वर्ष तक रहना आवशयक होगा। नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 से पूर्व भारत की नागरिकता लेने के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को कम -से -कम 11 वर्ष भारत में निवास करना आवश्यक था।
भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955
भारत में citizenship Act ,1955 (भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955) के अनुसार भारत की नागरिकता को कोई व्यक्ति 5 तरीकों से प्राप्त कर सकता है। यह प्रावधान (Provision) भारतीय नागरिकता अधिनियम ,1955 के सेक्शन 3, 4, 5(1) ,5 (4) में दिया गया है। भारत में नागरिकता को 5 तरीकों से प्राप्त किया जा सकता है; जैसे –
- जन्म होने पर नागरिकता (citizenship by birth) -सेक्शन 3
- वंश के आधार पर नागरिकता (citizenship by descent) -सेक्शन 4
- रजिस्ट्रेशन होने पर नागरिकता (citizenship by registration)- सेक्शन -5
- देशीयकरण के आधार पर नागरिकता (citizenship by naturalization)- सेक्शन 6
- भू भाग के समावेशन द्वारा नागरिकता (territorial citizenship)- सेक्शन 7
भारतीय नागरिकता की को प्राप्त करने और इसे त्यागने की प्रक्रिया भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 (citizenship Act ,1955) और नागरिकता नियमावली 2009 में दी गयी है। विदेशियों के लिए भारतीय नागरिकता लेने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 में पंजीकरण (citizenship by registration) या धारा -6 के देशीयकरण के आधार पर नागरिकता (citizenship by naturalization) प्राप्त की जा सकती है।
विदेशियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए पात्रता और दस्तावेज
भारत की सिटीजनशिप लेने के लिए विदेशी नागरिकों (Eligibility for Indian Citizenship Application for Foreigners) को भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 और धारा 6 के प्रावधानों के तहत नीचे दी गयी पात्रता शर्तों को पूरा करना होता है –
धारा | आवेदन के लिए पात्र (eligible to apply) | आवेदन के साथ लगाए जाने वाले जरुरी दस्तावेज (required documents) |
5 (1)(क) | भारतीय मूल के विदेशी नागरिक (व्यस्क) जो स्वयं या जिनके माता पिता में से कोई भी एक जो अविभाजित भारत में जन्मा हो और आवेदन से पूर्व भारत में 7 साल निवास कर चुका है। | 1. विदेशी पासपोर्ट (Foreign passport) 2. वैध आवासीय परमिट (Residential Permit) का फोटोकॉपी 3. जन्म प्रमाण पत्र,पासपोर्ट (स्वयं या माता -पिता में से किसी एक का ) |
5 (1) (ग) | विदेशी नागरिक जिन्होंने भारत के नागरिक से शादी की है और भारत में पंजीकरण के लिए आवेदन से पूर्व 7 साल भारत में निवास कर रहा है। | 1. विदेशी पासपोर्ट (Foreign passport) 2. वैध आवासीय परमिट का फोटोकॉपी 3. आवेदक के पति /पत्नी की भारतीय नागरिक होने का प्रमाण (पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी ) |
5 (1) (घ) | ऐसे नाबालिक बच्चे (18 वर्ष से कम आयु) जिनके माता-पिता | 1.विदेशी पासपोर्ट (Foreign passport) 2.Residential Permit की फोटोकॉपी 3. अभिभावक का भारतीय नागरिक होने का प्रमाण (पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी ) |
5 (1) (ड़) | ऐसे वॉइडेसी नागरिक जिनके माता -पिता धारा 6 की उप धारा (1) या 5 (1) (क) के तहत भारत के नागरिक के तौर पर रजिस्टर हैं। | 1.विदेशी पासपोर्ट (Foreign passport) 2. Residential Permit की फोटोकॉपी 3.भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6 की उपधारा (1) या फिर 5 (1) (क) के लिए जारी भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी |
5 (1) (च) | ऐसे वयस्क व्यक्ति जो स्वयं या उनके माता -पिता में से कोई एक स्वतंत्र भारत का नागरिक था। | 1.विदेशी पासपोर्ट (Foreign passport) 2. Residential Permit की फोटोकॉपी 3. आवेदक या उसके अभिभावक में से किसी एक का स्वतंत्र भारत का नागरिक होने का प्रमाण-जन्म प्रमाणपत्र या पासपोर्ट |
5 (1)(छ) | आवेदक विदेशी व्यक्ति जिसने आवेदन की तिथि से कम से कम 5 साल या उससे पहले O.C.I कार्ड धारक के रूप में अपना रेजिस्ट्रेशन कराया हो | 1.विदेशी पासपोर्ट 2. O.C.I कार्ड धारक के रूप में पंजीकरण का प्रमाणपत्र |
6 (1) | देशीयकरण -विदेशी व्यस्क जिसने भारत में देशीयकरण आवेदन से पहले कम से कम 12 साल भारत में निवास किया हो। | 1.विदेशी पासपोर्ट (Foreign passport) 2. Residential Permit की फोटोकॉपी 3. हलफनामा 4. दो भाषा प्रमाण पत्र 5.दो समाचार पत्र उस जिले का जहाँ आवेदक निवास करता है। अलग अलग तिथि की समाचार पत्र की कटिंग |
भारतीय नागरिकता पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, देखें
गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत यदि कोई विदेशी व्यक्ति भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहता है तो इसके लिए उसे नीचे दी गयी प्रक्रिया को फॉलो करना होगा –
स्टेप -1: indiancitizenshiponline.nic.in पोर्टल पर जाएं:
- सबसे पहले आपको foreigners division ministry of home affairs भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट indiancitizenshiponline.nic.in पर विजिट करना होगा।
- वेबसाइट पर आपको कई सारे लिंक्स देखने को मिलते हैं।
- आपको वेबसाइट के होम पेज पर विभिन्न सेक्शन के तहत दिए नियमों और एक्ट को ध्यान से पढ़ना है।
- जैसे ही आप सभी जानकारियों को पढ़ लेंगे आपको इसके बाद आवेदन के लिए दिए लिंक्स में से उसपर क्लिक करें जिस सेक्शन के अंतर्गत आप आते हैं।
स्टेप 2 : apply online पर क्लिक करें
- अब नया पेज पर आपके द्वारा चुने सेक्शन का फॉर्म खुलता है जहाँ आपको Apply online के बटन पर क्लिक करना है।
- Apply online के बटन पर क्लिक करने के बाद अब आपके सामनें एक फार्म खुलेगा जहाँ आपको पूछी गयी जानकारी जैसे Personal Address, Family, Criminal Proceeding, photo / Document का विकल्प मिलता है।
- सभी डिटेल्स को भरें और अंत में सबमिट के बटन पर क्लिक करें।
- सभी दस्तावेजों को अपलोड करें और शुल्क भुगतान करें।
step 3: application form को कलेक्टर ऑफिस में जमा करें
- आवेदक को इसके बाद अपने आवेदन का प्रिंट और दस्तावेजों को जिला कलेक्टर /मजिस्ट्रेट के ऑफिस में जमा करना है। जहाँ वह आवेदक निवास कर रहा है।
- सभी दस्तावेजों की जाँच और आवेदक व्यक्ति को शपथ दिलाकर आवेदन पर उसके हस्ताक्षर कराये जाते हैं।
- अब आगे की कार्यवाही की जाती है और आवेदन पत्र को गृह विभाग को भेजा जाता है।
- सभी दस्तावेजों और आवेदक के पात्र होने के सभी मानदंडों की जाँच होती है जिसके बाद समक्ष प्राधिकारी आवेदक को नागरिकता प्रमाणपत्र प्रदान करता है।
- आप अपने आवेदन की स्थिति को वेबसाइट पर जाकर Online Status check पर क्लिक कर जान सकते हैं।
- इस प्रकार आप ऑनलाइन भारतीय नागरिकता हेतु आवेदन कर सकते हैं।
Important links
विभिन्न्न धाराओं के अंतर्गत भारतीय नागरिकता लेने के लिए आवेदन या पंजीकरण शुल्क | यहाँ क्लिक करें |
acquisition of indian citizenship (भारतीय नागरिकता की पीडीएफ हिंदी /इंग्लिश | यहाँ क्लिक करें |
foreigners division ministry of home affairs government of india website | यहाँ क्लिक करें |
भारतीय नागरिकता से जुड़े सवाल (FAQs)-
सवाल: क्या भारत में दोहरी नागरिकता दी जाती है ?
जवाब: जी नहीं ! भारत किसी भी व्यक्ति को दोहरी नागरिकता प्रदान नहीं करता है। यानी कोई व्यक्ति भारत के साथ किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ले सकता है। भारत में Single citizenship की व्यवस्था है।
सवाल: भारतीय नागरिक कौन हैं ?
जवाब: सिटीजनशिप एक्ट 1955 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी 1950 (संविधान लागू होने के समय) को या इसके बाद किन्तु 1 जुलाई 1987 से पहले जन्म हुआ है वह भारतीय नागरिक होंगें। यदि उनके माता -पिता किसी अन्य देश के नागरिक है या नागरिक थे तो इसका भारत में 26 जनवरी 1950 को या इसके बाद किन्तु 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे व्यक्तियों की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सवाल: नागरिकता से जुड़े प्रावधानों को संविधान के किस अनच्छेद और किस भाग में दिया गया है ?
जवाब: Indian citizenship से जुड़े प्रावधानों को संविधान के दूसरे भाग के अनुच्छेद 5 से 11 में दिया गया है।
सवाल: भारतीय नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2003 कब अस्तित्व में आया ?
जवाब: Indian Citizenship (Amendment) Act 2003 को 3 दिसंबर 2004 को अस्तित्व में आया।
सवाल: भारतीय नागरिकता के त्याग को किस धारा के तहत कवर किया गया है?
जवाब: Indian Citizenship (भारतीय नागरिकता) के त्याग को नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 8 के अंतर्गत कवर किया गया है।
सवाल: भारतीय नागरिकता को कैसे प्राप्त करें ?
जवाब: आप यदि भारतीय नागरिकता लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको citizenship Act ,1955 के बारे में जानकारी होनी चाहिए। नागरिकता को कई आधार पर प्राप्त किया जा सकता है। आप जन्म के आधार पर, पंजीकरण कराकर, वंशानुगत या देशीयकरण द्वारा नागरिकता ले सकते हैं।