EPFO का पूरा नाम कर्मचारी भविष्य निधि संगठन है। यह भारत के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
भारत में EPFO द्वारा आर्थिक सुरक्षा कर्मचारियों को प्रदान की जाती है। अपने पीएफ से जुडी जानकारी आप UAN लॉगिन करके आसानी से जान सकते हैं। EPFO कैसे काम करता है इससे जुडी सभी जानकारी आप आर्टिकल में जान पायेंगें।
Table of Contents
EPFO क्या है ?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा EPFO प्लान का प्रबंध किया जाता है। ईपीएफ स्कीम के तहत कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा हर माह एक बराबर धनराशि का योगदान किया जाता है।
यह मिलने वाले मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12 प्रतिशत होता है। इसके तहत कंपनी का 8.33 % हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना के लिए जमा किये जाते हैं।
इसका उद्देश्य कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्रदान करना है।
EPFO full form in Hindi
EPFO का पूरा नाम कर्मचारी भविष्य निधि संगठन है। इसे अंग्रेजी में The Employees’ Provident Fund Organisation कहते हैं।
यह विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा संगठन है ,जिसके माध्यम से भारत के कर्मचारियों को पेंशन ,बीमा आदि की सुरक्षा प्रदान की जाती है।
EPFO full form –
EPFO में E का मतलब होता है -Employees
P का मतलब होता है -Provident
F का मतलब होता है -Fund
O का मतलब होता है -Organisation
Key Highlights of EPFO
आर्टिकल का नाम | EPFO क्या है और यह कैसे काम करता है ? EPFO full form in Hindi |
EPFO full form | Employees’ Provident Fund Organisation |
ईपीएफओ का गठन | 4 मार्च 1952 |
कर्मचारी अंशदान | 12 प्रतिशत |
EPFO कैसे काम करता है ?
- EPFO को 4 मार्च 1952 में गठित किया गया था। ईपीएफओ का मुख्यालय भारत की राजधानी दिल्ली में है। जोकि केंद्र सरकार द्वारा संचालित किया जाता है।
- EPF के लिए भारत के वह सभी कर्मचारी पात्र हैं जो भारत में वेतन पा रहे हैं। भविष्य निधि कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।
- कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में अंशदान को कर्मचारी के संस्था में शामिल होने के बाद से शुरू किया जाता है। यह कंट्रीब्यूशन नियमित रूप से प्रदान किया जाता है।
- मिलने वाले वेतन के एक छोटे अंश को भविष्य निधि के रूप में जमा किया जाता है। इस अंश का उपयोग कर्मचारी द्वारा रिटायर होने या किसी विशेष परिस्थिति यानी काम न कर पाने की स्थिति में किया जाता है।
- कंपनी के नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के द्वारा वेतन का 12 % हिस्सा भविष्य निधि में जमा किया जाता है।
नियोक्ता एवं कर्मचारी द्वारा अंशदान
अंशदान खाता | अंशदान खाता | अंशदान खाता | प्रबंध खाता | प्रबंध खाता | ||
EPF | EPS | EDLE | EPF | EDLE | TOTAL | |
कर्मचारी | 12 | 0 | 0 | 0 | 0 | 12 |
नियोक्ता | 3.67 | 8.33 | 0.5 | 1.10 | 0.01 | 13.61 |
कुल | 15.67 | 8.33 | 0.5 | 1.10 | 0.01 | 25.61 |
ईपीएफ की ब्याज दरें
- साल 1952-53 में ईपीएफ की ब्याज दर 3 प्रतिशत थीं।
- 1952-53 के बाद साल 1955-56 में इस ब्याज दर में बढ़ोतरी की गयी और यह बढ़कर 3.5 प्रतिशत कर दी गयी थी।
- 1972-73 में इसकी ब्याज दर 6.00 प्रतिशत रही।
- साल 1988-89 से 1999-2000 तक ईपीएफ की ब्याज दर 12 प्रतिशत रही।
ईपीएफओ द्वारा चलायी जाने वाली योजनाएं
ईपीएफओ द्वारा 3 योजनाओं को चलाया जा रहा है जो इस प्रकार है –
1- कर्मचारी भविष्य निधि योजना (EPF- Employees’ Provident Fund Scheme)
2- कर्मचारी पेंशन योजना (EPS- Employees’ Pension Fund Scheme)
3- कर्मचारी जमा सहबध्द बीमा योजना (EDLI- Employees’ Deposit Linked Insurance Scheme)
EPFO से सम्बंधित प्रश्नोत्तर (FAQs)-
ईपीएफओ का पूरा नाम कर्मचारी भविष्य निधि संगठन है। इसे अंग्रेजी में Employees’ Provident Fund Organisation नाम से जाना जाता है।
epfo यानी ‘कर्मचारी भविष्य निधि संगठन’ भारत का एक संगठन है, जिसमें पंजीकृत कर्मचारियों को सेवानिवृति के बाद वित्तीय सुरक्षा दी जाती है। ऐसी सभी कंपनियां जहाँ कर्मचारियों की संख्या 20 से अधिक है उस कंपनी को ईपीएफओ में रजिस्टर्ड होना होता है।
पीएफओ द्वारा 3 योजनाओं -कर्मचारी भविष्य निधि योजना,कर्मचारी पेंशन योजना और कर्मचारी जमा सहबध्द बीमा योजना को चलाया जा रहा है।
भारत में वह सभी कर्मचारी जो वेतन प्राप्त कर रहे हैं इसके पात्र माने जाते हैं इसके अतिरिक्त ऐसे सभी कर्मचारी जिनका वेतन 15 हजार रुपए से कम है उन्हें अपना पंजीकरण EPF में कराना अनिवार्य है।