Vitamins in Hindi- एक स्वस्थ मानव शरीर के लिए सभी जरूरी तत्वों का होना आवश्यक है फिर चाहे वह प्रोटीन हो या विटामिन्स। किसी भी प्रकार के विटामिन की कमी से हमारे शरीर को कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर भी हमें उचित मात्रा में शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, विटामिन (Vitamins) के धनी खाद्य पदार्थों को अपने खाने में शामिल करने की राय देते हैं क्योंकि हम सभी जानते हैं की हमारा शरीर हमारे द्वारा खाये जाने वाले भोज्य पदार्थों का किस प्रकार से हमारे शरीर में सीधा प्रभाव पड़ता है।
हर शरीर को उचित मात्रा में जरूरी विटामिन्स, प्रोटीन और अन्य महत्वपूर्ण तत्वों की आवश्यकता होती है किंतु याद रखें किसी भी प्रकार के जरूरी तत्वों को अधिक या कम मात्रा में लेना हानिकारक हो सकता है। आज हम आपके लिए विटामिन्स से जुडी जरूरी जानकारी लेकर आये हैं। इस आर्टिकल में आप Vitamins क्या होते हैं? विटामिन के रासायनिक नाम उनके प्रकार, स्त्रोत, कार्य, तथा विटामिन्स की कमी से होने वाले रोग कौन से हैं सभी के बारे में जान सकेंगे। तो चलिए जानते हैं Vitamins के बारे में विस्तार से।
Table of Contents
क्या होते हैं विटामिन्स ? (What are Vitamins)
विटामिन कितने प्रकार के होते हैं यह समझने से पहले आपको विटामिन क्या होता है यह समझना होगा। विटामिन की खोज का श्रेय ”कासिमिर फंक ‘ को जाता है इन्होंने साल 1912 में इसकी खोज की थी। विटामिन रासायनिक रूप से कार्बनिक यौगिक है जिसे ”रक्षात्मक पदार्थ” भी कहा जाता है क्योंकि यह हमारे शरीर की रक्षा का कार्य करता है। विटामिन को हमारे शरीर द्वारा उचित मात्रा में उत्पन्न नहीं किया जा सकता इसके लिए विटामिन्स से भरपूर भोजन की आवश्यकता होती है।
विटामिन के प्रकार (Types of Vitamins)
विटामिनों 2 प्रकार के होते है –वसा में घुलनशील विटामिन और पानी में घुलनशील विटामिन।
- वसा में घुलनशील विटामिन (Fat Soluble Vitamins) -वसा में घुलनशील विटामिन वह होते हैं जिन्हें हमारे शरीर द्वारा आसानी से संगृहीत किया जा सकता है यह विटामिन्स हमारे शरीर के फैटी उत्तकों (Tissues) में स्टोर किये जाते हैं। वसा में घुलनशील विटामिन नीचे दिए गए हैं –
- विटामिन A (रेटिनोइड्स)
- विटामिन D (कैल्सीफेरोल)
- विटामिन E (टोकोफेरोल)
- विटामिन K (फाइटोमेनाडियोन)
- पानी में घुलनशील विटामिन (Water Soluble Vitamins) -वही हम अगर पानी में घुलनशील विटामिन (Water Soluble Vitamins) की बात करें तो यह ऐसे विटामिन्स होते है जिन्हें हमारे शरीर के उत्तकों द्वारा संगृहीत नहीं किया जाता और यह विटामिन्स हमारे शरीर से बाहर निकाल दिए जाते हैं यह शरीर में ज्यादा समय तक स्टोर नहीं रहते है। Water Soluble Vitamins इस प्रकार से हैं –
- विटामिन C (एस्कॉर्बिक एसिड)
- विटामिन B1( थियामिन)
- विटामिन B2, (राइबोफ्लेविन)
- विटामिन B3 (नियासिन)
- विटामिन B5 (पैंटोथेनिक अम्ल)
- विटामिन B6 (पायरीडॉक्सीन)
- विटामिन B7(बायोटिन)
- विटामिन B9 (फोलिक )
- विटामिन B12 (कोबालामिन)
विटामिन के रासायनिक नाम एवं खोज (Chemical Name of Vitamins)
हमारे शरीर के लिए सभी महत्वपूर्ण विटामिन्स को रासायनिक नाम से भी जाना जाता है। विटामिन 13 प्रकार के होते हैं जो की हमारे शरीर की वृद्धि और उसकी रक्षा के लिए अपना सहयोग प्रदान करते हैं। इन विटामिन्स की खोज किस वर्ष की गयी थी और इनका वैज्ञानिक /रासायनिक नाम क्या है यह आप नीचे दी गयी टेबल से जान सकेंगे –
विटामिन की खोज | विटामिन का नाम | रासायनिक नाम (Chemical Name) या वैज्ञानिक नाम |
सन्न 1909 | विटामिन A | रेटिनोल |
सन्न 1912 | विटामिन B1 | थियामिन |
सन्न 1912 | विटामिन C | एस्कॉर्बिक एसिड |
सन्न 1918 | विटामिन D | अर्गोकेलसीफेरोल (D2), अर्गोकेलसीफेरोल (D3) |
सन्न 1920 | विटामिन B2 | राइबोफ्लेविन |
सन्न 1922 | विटामिन E | टोकोफेरोल्स, टोकोट्रिनोल |
सन्न 1926 | विटामिन B12 | पियानो कोबालिन, सायनोकोबलामिन, हाइड्रोक्सोबोबलामिन, मिथाइलकोबालिन |
सन्न 1929 | विटामिन K | फाइलोक्विनोन, मेनक्विनोन |
सन्न 1931 | विटामिन B5 | पैंटोथेनिक एसिड |
सन्न 1931 | विटामिन B7 | बायोटीन |
सन्न 1934 | विटामिन B6 | पाइरिडोक्सिन, पाइरिडोक्सामाइन, पाइरिडोक्सल |
सन्न 1936 | विटामिन B3 | नियासिन (निकोटिनिक एसिड), नियासिनमाइड (नियासिनामाइड) |
सन्न 1941 | विटामिन B9 | फोलिक एसिड/ फोलेट /फोलिनिक एसिड |
विटामिन के कार्य एवं Vitamins की कमी से होने वाले रोग
नीचे हम आपको शरीर के लिए जरुरी विटामिन्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इन विटामिन्स की कमी से आपको कौन सा रोग हो सकता है और किन भोज्य पदार्थों के सेवन से आप इन विटामिन्स की कमी को दूर कर सकते हैं यह भी जान पाएंगे। तो चलिए जानते हैं Vitamins की कमी से होने वाले रोगों के बारे में।
1.विटामिन A
- विटामिन ए का रासायनिक नाम रेटिनॉल है। इसे antixerophthalmic विटामिन भी कहा जाता है।
- विटामिन A कोशिका वृद्धि, इम्यूनिटी का बढ़ाने (Immunity Booster), आँखों की रौशनी बढ़ाने और भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक होता है।
- आँखों की रौशनी के अतिरिक्त यह विटामिन शरीर के अंगों जैसे –बाल, नाखून,त्वचा दाँत, मसूड़ा और हड्डी को सामान्य रूप में बनाये रखने में सहायक है।
- इसकी कमी से रतौंधी, आंख के सफेद हिस्से में धब्बे जैसी समस्यांए उत्त्पन्न हो जाती हैं।
- विटामिन ए की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin A deficiency)
- रूखी त्वचा
- गर्भ धारण करने में परेशानी
- रतौंधी
- मुँहासे
- घाव भरने में देरी
- गले का संक्रमण
- कमजोर हड्डियाँ
- मोतियाबिंद
- विटामिन A से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin A)–
- फल
- दूध
- माॅस
- अण्डा ,
- मछली का तेल, गाजर, मक्खन,
- हरी सब्जियां
2. विटामिन B
- विटामिन B का रासायनिक नाम थायमिन है।
- विटामिन बी के कई विभागों की खोज की जा चुकी है। यह सभी विटामिन बी मिलकर “बी कॉम्पलेक्स” कहलाते हैं।
- यह विटामिन पानी में घुलनशील है।
- इस विटामिन का कार्य स्नायुओं को स्वस्थ रखना और शरीर को भोजन को पचाने में अपना योगदान देना है.
- विटामिन B की कमी से बेरी बेरी नाम का रोग हो होता है।
- यह विटामिन दिमाग/मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी है।
- विटामिन बी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin B deficiency)
- दु:श्वास तथा दुर्बलता।
- बहुतंत्रिकाशोथ,
- धड़कन के दौरे
- बेरी बेरी रोग शरीर के जिस भी तंत्रिका को पकड़ता है उसी के अनुसार इसके लक्षण दिखायी देते हैं।
- विटामिन ‘बी’ कॉम्पलेक्स की कमी से यह रोग उत्त्पन्न होते हैं – मांसपेशियों का कमजोर होना, हाथ पैरों में अकड़न, वजन कम होना, नींद न आना,महामारी की खराबी होना,सिर घूमना ,नजर कम होना तथा पाचन क्रिया में खराबी।
- विटामिन Bसे भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin B)
- सूरजमुखी के बीज
- अनाज
- आलू, संतरे और अंडे।
- टमाटर, अखरोट
- गेहूँ का आटा, बादाम, अखरोट, पिस्ता
- बिना पॉलिश किया चावल,
- नारंगी, अंगूर, दूध, ताजे सेम,
- मटर, दाल, जिगर,
- वनस्पति साग-सब्जी,
- चना, नारियल,
- ,पालक, बन्दगोभी आदि।
3. विटामिन C
- विटामिन सी का वैज्ञानिक नाम एस्कॉर्बिक ऐसिड है।
- यह पानी में घुलनशील विटामिन है।
- इस विटामिन के अत्यधिक कमी होने से स्कर्वी रोग हो जाता है।
- इस विटामिन के बारे में गायोर्जी ने पता लगाया था।
- विटामिन सी शरीर के कोशिकाओं को बांधने का कार्य करता है।
- शरीर के विभिन्न अंगों को आकार देने में यह विटामिन सहायक होता है इसके साथ ही यह शरीर में खून की नसों (blood vessels) को को मजबूती प्रदान करता है।
- यह हमारे शरीर की त्वचा और हड्डियों के लिए जरुरी विटामिन है।
- विटामिन सी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin C deficiency)–
- त्वचा का शुष्क होना।
- त्वचा (SKIN) पर खुजली और रैशेज होना।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना।
- दांत और नाखूनों का कमजोर होना।
- चोट या घाव को भरने में समस्या उत्त्पन्न होना।
- त्वचा पर झुर्रियां आना।
- भूख कम लगना।
- शरीर का वजन कम होना।
- शरीर में खून की कमी या एनिमीया (anemia) हो सकता है।
- गुर्दे ,दिल या शरीर के विभिन्न हिस्सों में पथरी की समस्या हो सकती है।
- विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin C)–
- नारंगी
- संतरा
- स्ट्राबेरी
- सभी खट्टे फल (सिट्रस फ्रूट्स) विटामिन सी से भरपूर होते हैं।
4. विटामिन D
- विटामिन डी को एर्गोकैल्सिफेरॉल (Vitamin D2 or Ergocalciferol) और विटामिन डी3 या कोलेकेल्सिफेरोल (Vitamin D3 or Cholecalciferol) नाम से भी जाना जाता है।
- यह वसा में घुलनशील विटामिन है।
- Vitamin D की कमी से बच्चों में रिकेट्स (Rickets) हो जाता है। यानी बच्चों की हड्डियां टेढ़ी -मेढ़ी हो जाती है और यह टूट भी सकती है।
- यह विटामिन शरीर में हड्डीयों को बनाने और उनको मजबूती प्रदान करने में सहायक होता है। साथ ही साथ विटामिन डी हमारे शरीर में केल्शियम (calcium) के लेवल को कंट्रोल/ नियंत्रित करता है।
- इस विटामिन की कमी से हड्डीयाँ कमजोर होती हैं।
- विटामिन डी की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin D deficiency)-
- इस विटामिन की कमी से गुर्दे , दिल ,खून के नसों में और अन्य जगह में एक प्रकार की पथरी हो सकती है।
- ब्लड प्रेसर या रक्तचाव बढ़ सकता है।
- हड्डियों का चटकना या टूट जाना।
- खून में कोलेस्ट्रोल का लेवल बढ़ जाना।
- चक्कर आना, कमजोरी लगना और सिरदर्द होना।
- विटामिन D से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin D)
- अंडे का पीला भाग
- दूध ,मछली का तेल
- मक्खन
- सूरज की रोशनी शरीर में विटामिन डी का निर्माण करती है।
5. विटामिन E
- विटामिन E का वैज्ञानिक /रासायनिक नाम टोकोफ़ेरल है।
- विटामिन ई हमारे शरीर के मौजूद खून में रेड बल्ड सेल या लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) क निर्माण करता है।
- यह आपकी स्किन के लिए बहुत जरुरी विटामिन है। इस विटामिन की कमी से नपुंसकता रोग होता है साथ ही जनन शक्ति में कमी आती है।
- मायोपैथी तथा लिपिड पेरॉक्सीडेशन जैसे रोग भी इसकी कमी से होते हैं।
- यह विटामिन शरीर के अंगों ,मांशपेशियों ,उत्तकों को सामान्य बनाने में अपना योगदान देता है।
- विटामिन E शरीर को ऑक्सीजन के नुकसानदायक रूप से रक्षा प्रदान करता है।
- इस विटामिन की कमी से ब्रेन हेमरेज ,हार्ट अटैक जैसे गंभीर रोग हो सकते हैं।
- विटामिन ई कोशिका ही नहीं अपितु कोशिका के आउटर लेयर या सेल मेमब्रेन को बनाये रखने का कार्य करता है। साथ ही साथ यह विटामिन शरीर के फैटी एसिड को भी कंट्रोल रखता है।
- विटामिन ई की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin E deficiency)-
- इस विटामिन की कमी से हृदय की समस्याएं उत्त्पन होती हैं।
- बाँझपन
- शरीर के अंगों का सुन्न होना।
- मांसपेशियों में कमजोरी।
- सर्दी जुकाम
- आंखों में कमजोरी महसूस होने।
- विटामिन Eसे भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin E)-
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ
- सूरजमुखी के बीज
- एवोकाडो, नट्स
- वनस्पति तेल और अनेक दूसरे खाघ पदार्थ
6. विटामिन K
- विटामिन के का वैज्ञानिक नाम फाइलोक्विनोन या मेनक्विनोन है।
- यह विटामिन वसा में घुलनशील होता है।
- इसकी कमी से रक्त का थक्का बनने में समस्या उत्त्पन्न होती है।
- यह हमारे शरीर की हड्डियों और उत्तकों /कोशिकाओं के लिए प्रोटीन का निर्माण करता है।
- विटामिन के की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin K deficiency)
- इस विटामिन की कमी से बोन डेन्सिटी में कमी आती है जिसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है।
- दांत या मसूड़ों से खून आने की समस्या उत्त्पन्न होने लगती है।
- विटामिन K से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin K)
- विटामिन के सरसों, पालक, ब्रोकली में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- आप इस विटामिन को स्प्राउट्स, एवोकाडो, पत्तागोभी, बेर,सेम और मटर जैसी सब्जियों से भी प्राप्त कर सकते हैं।
- अंगूर ,ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू और अखरोट में विटामिन K काफी अच्छी मात्रा में मिलता है।
vitamins के नाम और उनकी कमी से होने वाले रोग
विटामिन का नाम | रोग /लक्षण |
विटामिन ए | शरीर की वृद्धि न होना रतोंधी व जीरफ्थेल्मिया , त्वचा और झिल्लियों में परिवर्तन का आना, दांत की समस्या ,डेंटन का कमजोर होना आदि |
विटामिन बी1 | वृद्धि का रुकना , भूख न लगना और वजन कम होना तंत्रिका के विकास में समस्या ,बेरी बेरी रोग थकान लगना ,बदहजमी जैसी समस्या आदि |
विटामिन बी2 | वृद्धि का रुकना , दृष्टि कमजोर /धुंधली होना। जीभ पर छाले होना समय से पहले बुढ़ापा आना आदि। |
विटामिन बी3 | त्वचा पर फोड़े फुंसी होना पाचन क्रिया में गड़बड़ी मानसिक विकारों का उत्त्पन्न होना आदि। |
विटामिन बी5 | पेशियो में लकवा ,पैरो में जलन आदि। |
विटामिन बी6 | वजन कम होना ,मस्तिष्क का ठीक से काम ना करना आदि |
विटामिन बी7 | शरीर में दर्द की शिकायत , बालों का गिरना तथा बालों की वृद्धि में कमी आना आदि। |
विटामिन बी12 | खून की कमी होना |
विटामिन सी | मसूड़े फूलना ,थोड़ी सी चोट पर ही शरीर से खून का निकलना (स्कर्वी) |
विटामिन डी | कमजोर दांत ,दातों का सड़ना ,सूखा रोग (रिकेट्स) आदि। |
विटामिन ई | जनन (reproduction) शक्ति का कम होना। |
विटामिन के | ऐंठन , हीमोफीलिया ,खून का बहना आदि । |
फोलिक एसिड | अनीमिया और पेचिश रोग। |
विटामिन से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर –
विटामिन ए की कमी से रतोंधी व जीरफ्थेल्मिया रोग होते हैं।
विटामिन बी की कमी से बेरी -बेरी रोग होता है।
विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग होता है।
विटामिन डी एर्गोकैल्सिफेरॉल और कोलेकेल्सिफेरोल नाम से भी जाना जाता है।
विटामिन केकी कमी से हीमोफीलिया रोग होता है।