महाराज जी का जन्म एक सात्विक और विवेक परिवार में हुआ था उनकी पैदायशी एक गरीब ब्राम्‍हण परिवार में कानपुर उत्‍तर प्रदेश में हुआ। उनका बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे रखा गया।Title 2

उनकी माता का नाम श्रीमती रामा देवी और पिता का नाम श्री शंभू पाण्‍डेय था प्रेमानंद जी महाराज को पीले बाबा के नाम से भी जाना जाता है इनके दादा सन्यासी थे

बुजुर्गो का आशीर्वाद होने की वजह से उनके घर का वातावरण अत्यंत शुद्ध, निर्मल और भक्तिपूर्ण रहा करता था। उनका पूरा परिवार संत होने की वजह से उनके घर पर संतो और महात्‍माओं का आना जाना लगा रहता था

बुजुर्गो का आशीर्वाद होने की वजह से उनके घर का वातावरण अत्यंत शुद्ध, निर्मल और भक्तिपूर्ण रहा करता था। उनका पूरा परिवार संत होने की वजह से उनके घर पर संतो और महात्‍माओं का आना जाना लगा रहता था

प्रेमानंद जी महाराज का जीवन परिचय जब वे 9 वी कक्षा में आये तब उन्होंने ईश्वर की खोज करने के लिए आध्यात्मिक जीवन जीने का दृढ़ निश्चय कर लिया था

उसके लिए वे सब कुछ त्यागने को तैयार थे उन्होंने अपनी माँ को अपने निर्णय के बारें में बताया। 13 वर्ष की उम्र में महाराज जी ने एक दिन मानव जीवन जीने के पीछे की सच्चाई जानने के लिए अपना घर छोड़ दिया।

प्रेमानंद महाराज जी का जन्म अखरी गांव, सरसोल ब्लॉक, कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था उनका परिवार बहुत साधारण और पवित्र था इसलिए उनका बचपन बहुत ही साधारण रूप से बीता 

बचपन से उनका बौद्धिक स्तर अन्य बच्चों से अलग था उनका ज्यादा ध्यान भक्ति भाव पर था बचपन से मंदिर जाना, कीर्तन करना और चालीसा का पाठ पड़ना आरंभ किया।

महाराज के पिता श्री शंभु पाण्डेय एक भक्त व्यक्ति थे उनकी माता रमा देवी थी जो की बहुत पवित्र थी उनके दादा जी भी सन्यासी थे कुल मिलाकर उनके घर का वातावरण शुद्ध और निर्मल था

उनके माता-पिता हमेशा से साधु – संतो की सेवा में लगे रहते थे उनके बड़े भाई ने श्रीमद्भागवतम का आध्यत्मिक ज्ञान प्राप्त किया था जिसको पूरा परिवार एक साथ बैठ कर सुनते थे।