सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) दक्षिण एशिया के 8 देशो से मिलकर बना है इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुई थी

इसकी स्थापना का मुख्य उद्देस्य दक्षिण एशिया में रहने वाले लोगों के जीवन में विकास लाना और उनके कल्याण को बढ़ाना था

दक्षिण एशिया के क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी और सांस्कृतिक गतिविधियों में तेजी लाना सभी लोगो को आत्मनिर्भर बनाना था अपने

(SAARC) की अंग्रेजी में फुल फॉर्म है, “South Asian Association for Regional Cooperation” इसको हिंदी में “दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन” कहते है

सार्क की शुरुवात 8 दिसम्बर 1985 को ढाका में सार्क चार्ट पर हस्ताक्षर स्वीकार करने के बाद हुई थी इस संगठन में पहले सात देश भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश,श्रीलंका, नेपाल, मालद्वीप और भूटान देश शामिल थे

13 नवंबर 2005 में भारत के प्रयास से अफगानिस्तान को बाद में 3 अप्रैल 2007 में इस सम्मेलन का 8वा सदस्य बन गया था। सार्क सदस्य का मुख्य सचिवालय 17 जनवरी 1987 को काठमांडू में स्थापित किया गया।

दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग से सभी देशों के बीच सहयोग, शांति और हौसला बनाये रखना। देशों के बीच आपसी विश्वास और हर समस्या में एक – दूसरे का साथ देना और मजबूती प्रदान करना।

आर्थिक, सामाजिक नीतियों, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक क्षेत्रों में पूरा सहयोग और तकनीकी को विकसित करना। दक्षिण एशिया के आपसी रिश्तों में सामूहिक निर्भरता का बढ़ाना

सार्क का पहला शिखर सम्मेलन दिसंबर 1985 में ढाका में हुआ था अब तक इसमें 19 शिखर सम्मेलन हो चुके है।  इसमें सभी सदस्य देश के विदेश मंत्री शामिल होते है इसकी बैठक 6 महीने में होनी अनिवार्य है

यह सदस्य देशों के विदेश सचिवों की समिति है इसकी बैठक साल में 1 बार होती है लेकिन जरुरत पड़ने पर कभी भी इसकी बैठक आयोजित की जाती है