इस्लाम में रमजान (Ramadan) का महीना सबसे पवित्र महीना माना जाता है। Ramadan का महीना 29 या 30 दिन का होता है। सभी मुस्लिम देशों में रमजान का काफी महत्त्व है
इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा (उपवास) रखते हैं। हिन्दू धर्म में जिस तरह से नवरात्रियों में 9 दिनों के उपवास का महत्त्व है उसी प्रकार मुस्लिम धर्म में रमजान काफी पवित्र त्यौहार माना गया है।
रमजान को मुस्लिम धर्म में नेकी का मौसम भी कहा जाता है। मुस्लिम लोग इस दिन अपने अल्लाह की इबादत करते हैं और नेकी के कार्य करते हैं। रमजान महीना हिलाल (वर्धमान चाँद) को देखकर शुरू किया जाता है।
सभी मुस्लिम देशों में रमजान एक बड़ा त्यौहार होने के साथ साथ मुस्लिमों का पवित्र महीना है। इस्लाम कैलेंडर में 12 महीनों में से पहला महीना मुहर्रम (muharram) है और 12 वां महीना जु अल-हज्जा है।
रमजान इस्लामी पंचांग का नौवां महीना है। रमजान को रमदान भी कहा जाता है। मुस्लिम समुदाय में इस महीने को सभी महीनों में से सबसे पवित्र मानागया है।
इस्लाम धर्म में 5 बुनियादी स्तम्भ हैं जिसमें से रमजान एक है। रमजान (Ramadan) इस्लामी कैलेंडर का 9 वां महीना है इसी महीने की 27 वीं रात को शब् -ए -कद्र के दिन कुरआन का अवतरण हुआ था।
कुरान इस्लाम का सबसे पवित्र ग्रंथ है। कुरान में हर मुस्लिम के लिए रोजा अनिवार्य किया गया है। Ramjan का महीना मुस्लिमों के लिए वर्षभर का मार्ग दर्शन करने वाला पाक महीना है।
इस्लाम कैलेंडर में रमजान 9 वां महीना है। मुस्लिमों के सबसे पवित्र ग्रन्थ माने जाने वाला कुरआन रमजान माह की 27 वीं रात शब्-ए कद्र को अवतरित हुआ था।
Ramadan के दिन मुस्लिम तरावीह की नमाज पढ़ने ,कुरान पढ़ने और समाज की उन्नति के लिए अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान का महीना पवित्र महीना है
जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग अधिक से अधिक दान -पुण्य का कार्य करते हैं और जरूरतमंद व्यक्तियों की सहायता करते हैं।