आय दिन देश में अपराधों की सीमा बढ़ती जा रही है। अपराधों की भी अपनी कुछ श्रेणियां होती हैं। संगीन अपराधों की बात की जाए तो इसमें मर्डर यानि हत्या, किडनेपिंग, रेप जैसे कई अमानवीय कुकर्म शामिल हैं
के दौर में जितने अपराध बढ़ते जा रहे हैं उतने ही टेक्नोलॉजी भी विकसित की जा रही है। कई मामलों में अपराधी बहुत शातिर निकल जाता है और ऐसे में अपराध को अंजाम देने वाले व्यक्ति को सजा देना मुश्किल होता है।
भारत में ऐसे कई केस हैं जहाँ अपराधी के नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट द्वारा आदेश दे दिया जाता है। जब कोई अपराधी अपने बयानों से पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता है
पॉलीग्राफ टेस्ट या नार्को टेस्ट दोनों के लिए कोर्ट से परमिशन लेनी पड़ती है। भारत में कई शातिर अपराधियों और आतंकवादियों पर नार्को और पॉलीग्राफी टेस्ट किये जा चुके हैं।
Polygraph & Narco Test से आरोपियों का झूठ और सच बड़ी ही आसानी से पकड़ा जा सकता है। नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट दोनों में ही अपराधी से कुछ सवाल पूछे जाते हैं
Narco एक यूनानी (greek) शब्द है जिसे हम english में Anesthesia नाम से भी जानते हैं। narco को हिंदी में बेहोश होना या बेहोशी से जाना जाता है।
जबकि पॉलीग्राफ एक मशीन होती है जिसे झूठ पकड़ने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसे लाई डिटेक्टर के नाम से भी जानते हैं। Narco and Polygraph Test के लिए उस व्यक्ति की सहमति होनी जरुरी है।
टेस्ट में एक अपराधी या किसी व्यक्ति को truth drug नाम की साइको एक्टिव दवा दी जाती है या फिर sodium Pentothal या sodium Amytal नाम का इंजेक्शन लगाया जाता है