केंद्र सरकार के द्वारा देश के किसान नागरिकों के विकास के लिए समय-समय पर विभिन्न तरह की पहल शुरू की जाती है। जिसके लिए सरकार के द्वारा किसानो के हित के लिए कई प्रकार की योजनाएँ संचालित की जाती है।

किसानों से फसल की खरीद करने पर सरकार के माध्यम से न्यूनतम मूल्य का भुगतान किया जाता है जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है।

किसानों से किसी भी फसल की खरीद करने के लिए न्यूनतम मूल्य समर्थन तय किया गया है। सरकार तय किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल की खरीद करते है।

वर्तमान समय में केंद्र सरकार के द्वारा किसानों से 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का भुगतान किया जाता है।

MSP वह दर है जिसमें सरकार किसानों से फसल खरीदती है और किसानों की उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना अधिक होती है।

प्रत्येक वर्ष दलहन ,तिलहन ,अनाज और अन्य प्रकार की कृषि फसलों के लिए संबंधित राज्य एवं केंद्रीय सरकार के द्वारा किसानों को लाभान्वित करने हेतु मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) निर्धारित किया जाता है।

किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना की शुरुआत 1966 में शुरू की गयी। इस योजना के तहत देश के किसान नागरिकों को उत्पादन लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत का लाभ सुनिश्चित किया जायेगा।

किसानों को निर्धारित किये गए MSP मूल्य से यदि किसानों को अपनी फसलों के बेहतर दाम प्राप्त होते है तो वह किसी गैर सरकारी दरों को अपनी फसल बेच सकते है।

केंद्र सरकार के द्वारा किसान नागरिकों को लाभांवित करने के लिए कई तरह की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है।

जिसमें आनाज हेतु 7 फसले ,कॉमर्शियल फसलों के लिए 4 फसल ,दलहन फसलों के लिए 5 ,एवं तिलहन की फसल के लिए 7 फसले हेतु मिनिमम सपोर्ट प्राइस तय किया गया है।