भारत में सभी समुदाय के लोग अपने पर्व और त्योहारों को बड़ी ही आस्था और उत्साह के साथ मानते हैं। देश में हिन्दू ,मुस्लिम ,सिक्ख ,ईसाई सभी धर्मों के लोग अपने त्योहारों को बड़े ही उत्साह के साथ मानते हैं।
जैन धर्म की बात करें तो यह समुदाय विशेष रूप से महवीर जयंती को बड़ी ही भव्यता के साथ मानते हैं। महावीर जयंती जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्म की याद दिलाता है
जैन धर्म के लोग अपने जीवन में भगवान महावीर के सिद्धांतों का अनुसरण करते हैं। महावीर जयंती हर साल जैनियों के 24 वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
भगवान महावीर (Mahavir) जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर थे। 540 ईसा पूर्व (लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व) भगवान महावीर का जन्म वैशाली के कुण्डग्राम में एक क्षत्रिय परिवार में हुआ था।
इन्होने अपने अनुयायियों को अहिंसा ,अपरिग्रह ,अनेकांतवाद की शिक्षा प्रदान की थी। महावीर से पूर्व जैन धर्म में 23 तीर्थंकर हुए जिसमें से महावीर अंतिम 24 वें तीर्थंकर थे।
हिन्दुओं के पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र महीने के 13 वें दिन (चैत्र शुक्ल त्रियोदशी) को महावीर जयंती मनाई जाती है।
साल 2023 में महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) तिथि और शुभ मुहूर्त 3 अप्रैल 2023 को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से 4 अप्रैल 2023 को 8 बजकर 5 मिनट तक है।
तीर्थंकर महावीर जी के पांच सिद्धांत हैं जो इस प्रकार से हैं –
सत्य
अहिंसा
अस्तेय यानी(चोरी नहीं करना)
अपरिग्रह (विषय व वस्तुओं के प्रति जुड़ाव न होना )
ब्रह्मचर्य
हर साल महावीर जयंती चैत्र शुक्ल त्रियोदशी को मनाई जाती है। यह जयंती सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारने के लिए जैन समुदाय द्वारा हर साल मनाया जाता है।
भगवान महावीर के द्वारा दी गयी शिक्षाओं का प्रसार भी करता है। इस दिन भगवान महावीर की मूर्ति को रथ में शीर्ष स्थान पर रखकर “रथ यात्रा” निकाली जाती है। जैन समुदाय मंदिरों को विभिन्न झंडों से सजाते हैं।