हमारी हिंदी भाषा जो की देश में बड़े स्तर पर प्रयोग में लायी जाती है उसकी अपनी एक विशेष लिपि है। हर भाषा की अपनी एक लिपि होती है। भारत जैसे देश में हिंदी भाषा को अधिकतर लोगों द्वारा बोला जाता है।
सबसे पहले तो आपको यह जान लेना आवश्यक है की किसी भी भाषा की लिपि क्या होती है। लिपि या लिखावट जिसे अंग्रेजी में script कहा जाता है। लिपि किसी भी भाषा को कैसे लिखा जाना चाहिए
सबसे पहले तो आपको यह जान लेना आवश्यक है की किसी भी भाषा की लिपि क्या होती है। लिपि या लिखावट जिसे अंग्रेजी में script कहा जाता है। लिपि किसी भी भाषा को कैसे लिखा जाना चाहिए उसे लिखने का ढंग होता है।
किसी भी भाषा को बोलते समय ध्वनियों का काफी महत्त्व रहता है। इन ध्वनियों को लिखने के लिए भाषा में जिन चिन्हों (signs) को प्रयोग किया जाता है यही चिन्ह उस भाषा की लिपि कहलाती है।
दुनिया भर में 3 प्रकार की ही मूल लिपियाँ हैं –चित्र लिपि जिसे कोरिया ,चीन ,जापान में प्रयोग किया जाता है। ब्राह्मी लिपि से देवनागरी और दक्षिण एशिया
और दक्षिण पूर्व एशिया में प्रयोग लायी जाने वाली लिपियों का जन्म हुआ है। फोनेशियन से व्युत्पन लिपियाँ यूरोप ,मध्य एशिया ,अफ्रीका में प्रयोग में लायी जाने वाली लिपियाँ।
ब्राम्ही लिपि, चित्र लिपि, फोनेशियन अलग अलग क्षेत्रों में विकसित हुयी। लिपि स्वर और व्यंजन के आधार पर निम्नलिखित प्रकार की होती हैं।
1. अल्फबेटिक (Alphabetic) अक्षर लिपि2. अल्फासिलेबिक Alpha Syllabic लिपि3. चित्र लिपि (picture script )