कांग्रेस का इतिहास बड़ा ही रोचक है भारत की प्रमुख पार्टियों में एक राजनैतिक पार्टी कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस की स्थापना विदेशी नागरिक द्वारा की गयी थी जिनका नाम था एलन ऑक्टोवियो हयूम।
एलन ऑक्टोवियो हयूम एक प्रशासनिक अधिकारी और राजनैतिक सुधारक थे इसके साथ ही वह पक्षी वैज्ञानिक भी थे उनके कार्यों के कारण उन्हें “भारतीय पक्षीविज्ञान का पितामाह” भी कहा जाता था।
28 दिसंबर 1885 को बम्बई के गोकुल दास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में A.O हयूम ने थिओसोफिकल सोसाइटी के 72 राजनैतिक कार्यकर्ताओं की सहायता से Congress Party की स्थापना की थी।
A.O हयूम का पूरा नाम एलन ऑक्टोवियो हयूम था जो की स्कॉटलैंड के निवासी थे। कांग्रेस का संस्थापक एलन ऑक्टोवियो हयूम ने कोलकाता के व्योमेश चंद्र बनर्जी को इस पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
कांग्रेस के संस्थापकों में A.O हयूम के साथ साथ दादाभाई नैरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। सन्न 1912 में A.O हयूम की मृत्यु हो जाने पर कांग्रेस ने उन्हें अपना जन्मदाता तथा संस्थापक घोषित किया।
कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। इस पार्टी की स्थापना से लेकर वर्तमान में इसके स्वरुप को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा की इस पार्टी ने कई उतार चढाव देखे हैं।
कांग्रेस की स्थापना की बात की जाए तो A.O हयूम इस पार्टी के संस्थापक माने जाते हैं। साल 1885 में दिसंबर माह की 28 तारीख को congress का पहला अधिवेशन हुआ था
जो की बम्बई में व्योमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। उस समय कांग्रेस पार्टी में सामाजिक कार्यकर्त्ता ,पत्रकार ,वकील सभी दल शामिल थे।
कांग्रेस की स्थापना के अगले वर्ष सन 1886 में कोलकता में दूसरा अधिवेशन दादाभाई नैरोजी की अध्यक्षता में की गयी थी उस समय इस पार्टी में प्रतिनिधियों की संख्या 72 से बढाकर 436 कर दी गयी थी।