किसी देश में व्यक्ति की नागरिकता कई कारकों पर निर्भर करती है। भारतीय संविधान द्वारा समय समय पर नागरिकता प्रदान करने के लिए नियमों में संशोधन किया जाता है।
किसी की नागरिकता के आधार पर हम उस व्यक्ति के जन्म भूमि के बारे में पता नहीं लगा सकते। भारत में 26 नवम्बर 1949 को संविधान को स्वीकार किया गया।
नागरिकता अधिनियम में अब तक कुल 6 बार संशोधन किया गया है। यह संसोधन 1986 ,1992 ,2003 ,2005, 2015, 2019 में किये गए थे।
संविधान के अनुच्छेद (Article) 11 में नागरिकता के विषय में कानून बनाने का अधिकार संसद को दिया गया है।
ऐसे कोई भी व्यक्ति जिसका जन्म भारत में 26 जनवरी 1950 को या इसके बाद हुआ है या 1 जुलाई 1987 के पहले जन्म हुआ है। वह सभी नागरिक भारतीय नागरिक कहलाये जायेंगे।
यदि किसी व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी 1950 के बाद परन्तु 10 दिसम्बर 1992 से पहले भारत के बाहर हुआ है लेकिन उसके जन्म के समय उसके पिता भारतीय नागरिक थे
यदि अभिभावक में से कोई एक भारतीय मूल का है तो इसके आधार पर बच्चे को भारतीय नागरिकता (Indian citizenship) मिलती है।
भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा -5 के तहत गैर क़ानूनी अप्रवासी न होने की स्थिति में भारत के नागरिक के रूप में वह स्वयं को पंजीकृत करने के लिए आवेदन कर सकते हैं
ऐसे विदेशी व्यक्ति जिन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से पूर्व 12 साल भारत में निवास किया हो। वह देशीयकरण (naturalization) द्वारा भारतीय नागरिकता को प्राप्त कर सकते हैं।
गृह मंत्रालय ,भारत सरकार के अंतर्गत यदि कोई विदेशी व्यक्ति भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहता है तो इसके लिए उसे नीचे दी गयी प्रक्रिया को फॉलो करना होगा
सबसे पहले आपको foreigners division ministry of home affairs भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट indiancitizenshiponline.nic.in पर विजिट करना होगा।