हर साल अप्रैल माह की पहली तारीख को ”अप्रैल फूल” मनाया जाता है। भारत ही नहीं दुनियाभर में इस दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ प्रैंक करते हैं।
April Fools’ Day के बच्चे ही नहीं बड़े बुजुर्ग भी अपने परिवार दोस्तों को इस दिन मुर्ख बनाने के लिए प्लानिंग करते हैं। यह एक तरीके से मस्ती मजाक करने और एक -दूसरे को बेवकूफ बनाने वाले दिन
के तौर पर जाना जाता है। April Fools’ Day भारत की उपज नहीं है लेकिन यह भारत के साथ साथ कई यूरोपियन देशों में भी बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
दुनिया भर में अप्रैल फूल्स डे 1st April को मनाया जाता है लेकिन इसका कोई सबूत आज तक नहीं मिला है कि 1 अप्रैल को ही मुर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है।
हालाँकि कई ऐसी कहानियां प्रसिद्ध हैं जिनके घटित होने से अप्रैल माह की पहली थी को फूल्स डे के रूप में मनाया जाने लगा।
आपने कई ऐसी किस्से कहानियां को सुना होगा जो अप्रैल फूल मनाये जाने के पीछे की कारणों को बताता है लेकिन क्या आप जानते हैं अप्रैल फूल्स डे को मानाने की शुरुआत कहाँ से और कैसे हुयी थी?
दरअसल साल 1392 को चासर के कैंटरबरी टेल्स में ”नन्स प्रीस्ट्स टेल” में सिन मार्च बिगन थर्टी डेज एंड टु’ नाम के शीर्षक का उल्लेख किया गया था
उस समय के इंग्लैंड के राजा रिचर्ड की बोहेमिया की एन के के साथ सगाई की सालगिरह ककी घोषणा की थी जिसे 32 मार्च 1381 को मनाया जाना था
लेकिन इसका लोगों ने गलत मतलब 32 मार्च को 1 अप्रैल के रूप में निकाला था जबकि चॉसर का मतलब मार्च के महीने के 32 दिन बाद यानी 2 मई था।
मुर्ख दिवस यानी April Fools’ Day को मनाये जाने के पीछे एक और कहानी प्रचलित है जिसके अनुसार जब नॉर्दन हेमिसपियर में अप्रैल महीने में बसंत का पहला दिन होता है