अपने कई बार वीटो पावर का नाम सुना ही होगा। वीटो पॉवर आजकल काफी चर्चित रहा है। हाल ही में रूस ने अपने वीटो शक्ति का उपयोग किया है। रूस एक ऐसा देश है जिसने सबसे पहले (Veto power) वीटो पावर का उपयोग किया था। आपको बता दें की रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य (Permanent Member) होने के साथ-साथ UNSC का अध्यक्ष भी है।
क्या होता है (Veto power) वीटो पावर और अब तक कितनी बार Veto power) वीटो पावर का इस्तेमाल किया गया है जानेंगे आज के इस आर्टिकल में। साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) क्या है और किन किन देशों के पास वीटो पावर है यह भी आपको इस आर्टिकल में जानने को मिलेगा। (Veto power) वीटो पावर से जुडी जानकारी के लिए पाठकों को आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा।
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(What Is Veto Power) वीटो पॉवर क्या है ?
सबसे पहले तो आपको यह जानना जरुरी हो जाता है की वीटो का मतलब होता क्या है और वीटो शब्द किस भाषा से लिया गया है। आपको बता दें की वीटो एक लैटिन भाषा का शब्द है जिसका सामन्य अर्थ होता है ‘‘मैं अनुमति नहीं देता हूँ” या किसी काम के लिए “निषेध करना” करना।
यदि किसी देश के पास वीटो पावर है तो वह किसी प्रस्ताव के विरोध में अपनी सहमति न रखते हुए वोट कर सकता है। यह एक हिसाब से उस देश की पावर होती है जिसका इस्तेमाल कर वह देश किसी प्रस्ताव के विरोध में अपना वोट डाल सकता है।
ऐसे मिलती है Veto Power
जैसा की आप जानते है की सुरक्षा परिषद् के कुल सदस्य देशों की संख्या 15 है जिसमे से 5 देश इसके स्थायी सदस्य (Permanent Member) हैं और बाकी के 10 देश इस सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य हैं जिनका कार्यकाल 2 साल तक का रहता है।
किसी देश को वीटो पावर कैसे मिलती है यह जानना आपके लिए बहुत जरुरी है। किसी देश को वीटो पावर मिलेगी या नहीं यह दो प्रकार से निर्भर करता है। किसी देश को वीटो पावर दी जाएगी या नहीं यह सदस्य देशों पर निर्भर करता है।
जैसा की आप जानते ही हैं की सुरक्षा परिषद् में कुल 15 सदस्य देश हैं और किसी देश को वीटो पावर दी जाएगी यह इस पर निर्भर करता है की कितने देशों ने उसके लिए वोट किया है। वीटो पावर के लिए किसी देश को 9 सदस्य देशों की अनुमति चाहिए होती है।
लेकिन इन 9 सदस्य देशों में से 5 स्थायी सदस्यों की अनुमति होनी अनिवार्य है। किसी देश को वीटो पावर के लिए कम से कम 2/3 देशों के सकारात्मक वोट की जरूरत होती है। दूसरी स्थिति में उस देश के पास अधिक धन-सम्पदा होनी चाहिए ताकि वह देश विभिन्न देशों की सुरक्षा में अपनी सहभागिता दे सके।
3 बार किया जा सकता है प्रस्ताव पेश
सुरक्षा परिषद में यदि कोई प्रस्ताव आता है तो वह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्य देशों की अनुमति पर ही पास होगा। वीटो पॉवर प्राप्त इन देशों में से यदि किसी भी एक देश ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर दिया तो वह प्रस्ताव वही पर निरस्त हो जायेगा।
सुरक्षा परिषद् में कोई भी प्रस्ताव केवल 3 बार पेश किया जा सकता है और यदि इस प्रस्ताव में 3 बार किसी वीटो का उपयोग किया जाता है तो वह प्रस्ताव फिर कभी भी सुरक्षा परिषद् में पेश नहीं किया जायेगा।
कितने देशों के पास है वीटो पॉवर (Veto Power)
अब तक कुल 5 देशों के पास वीटो पॉवर (Veto Power) है यह देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य है –
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
- रूसी संघ (सोवियत संघ के विघटन के बाद ये अधिकार रूस को मिला)
- फ्राँँस
- चीन (पीपल रिपब्लिक ऑफ़ चाइना )
- यूनाइटेड किंगडम (UK)
रूस ने भारत के पक्ष में कई बार अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल किया है। साल 1957 में रूस ने कश्मीर के मुद्दे को लेकर भारत के पक्ष में अपनी वीटो पावर का उपयोग किया था।
अब तक वीटो पावर को इतनी बार इस्तेमाल किया गया है ?
वीटो पावर को कई बार उपयोग किया गया है। सुरक्षा परिषद् के 5 स्थायी सदस्यों द्वारा वीटो पावर का प्रयोग समय है।
- रूस (USSR) – रूस ने अपने वीटो पावर को लगभग 146 बार उपयोग किया है। साल 2011 में रूस द्वारा 19 वीटो पॉवर को उपयोग में लगा गया था। भारत के समर्थन में UNSC के परमानेंट मेंबर रूस ने 4 वीटो का उपयोग किया है। वर्ष 1957 (कश्मीर मुद्दे को लेकर) में भारत के समर्थन में वीटो का इस्तेमाल किया था। साल 1961 में गोवा को आजाद करने के प्रस्ताव में रूस ने भारत का समर्थन किया था। 1962 में रूस ने अपने 100 वें वीटो का इस्तेमाल किया था जो की भारत के पक्ष में था। साल 1971 में भी रूस ने भारत के पक्ष में अपना वीटो पावर इस्तेमाल किया था।
- अमेरिका – अमेरिका ने अपना पहला वीटो 17 मार्च 1970 में इस्तेमाल किया था। अब तक अमेरिका द्वारा कुल 82 Veto power का इस्तेमाल किया जा चुका है।
- यूनाइटेड किंगडम – यूनाइटेड किंगडम द्वारा सबसे पहले 30 अक्टूबर 1956 को स्वेज संकट के समय अपने वीटो पावर को इस्तेमाल किया गया था। यूके ने अब तक अपने 32 वीटो पावर का इस्तेमाल किया है।
- चीन – चीन द्वारा 16 बार वीटो का इस्तेमाल किया है।
- फ्रांस – फ्रांस ने अपनी वीटो पावर को सबसे पहले 26 जून 1946 को स्पेनिश प्रश्न के संबंध में इस्तेमाल किया था। फ्रांस द्वारा अब तक कुल 18 वीटो POWER का इस्तेमाल किया जा चुका है।
क्या है ”संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद” (UNSC)
संयुक्त राष्ट्र एक अंतराष्ट्रीय संगठन है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् को 24 अक्टूबर 1945 को स्थापित किया गया था। यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् जिसे हम शार्ट में UNSC (यूएनएससी) से जानते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) के सहयोगी संस्थाओं की कुल संख्या 6 है जिसमे से एक सयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् है।
UNSC यानि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों की कुल संख्या 15 है जिसमे से 5 स्थायी सदस्य हैं और अन्य 10 अस्थायी सदस्य देश हैं जिन्हें प्रत्येक 2 वर्ष के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के 5 स्थायी सदस्य (Permanent Members) –
UN सुरक्षा परिषद (Security Council) के कुल 5 Permanent Members हैं –
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- रूसी संघ
- फ्राँँस
- चीन
- यूनाइटेड किंगडम
वीटो पावर (Veto Power) क्या है? से सम्बंधित कुछ प्रश्नोत्तर –
सुरक्षा परिषद के कुल 15 सदस्य देश हैं। जिसमे से 5 स्थायी (परमानेंट) और 10 अस्थायी देश होते हैं।
5 स्थायी देशों के पास Veto Powerहै। यह स्थायी देश अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन हैं जिनके पास वीटो शक्ति है ।
नहीं भारत के पास वीटो पावर नहीं है।
यह एक लैटिन भाषा का शब्द है,जिसका मतलब किसी चीज़ के लिए ”निषेध करना है ” या अनुमति नहीं देना” है। वीटो पावर का अर्थ ”किसी को रोकने की शक्ति” है।
भारत सुरक्षा परिषद के 10 अस्थायी सदस्य देश में शामिल है।
UNSC के अस्थायी देशों का कार्यकाल 2 वर्ष का रहता है।
भारत का कार्यकाल 2021 से 2022 तक रहेगा।
सबसे अधिक वीटो पॉवर का उपयोग रूस देश ने किया है।
सबसे पहले रूस ने Veto power का उपयोग किया था।
सुरक्षा परिषद् ने 5 देशों को वीटो पावर दी है। यह देश अपनी इस वीटो पावर का इस्तेमाल किसी भी प्रस्ताव को पारित किये जाने या न किये जाने के लिए उपयोग में लाते हैं।