क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड: यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ होता है समान नागरिक संहिता। भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू होते है ,फिर चाहे वह किसी भी जाति,धर्म, समुदाय से संबंधित हो। समान नागरिक सहिंता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के हिस्से में सभी धर्मों के लिए केवल एक ही कानून लागू किया गया है। Uniform Civil Code का अर्थ स्पष्ट है सभी नागरिकों के लिए एक कानून, इसका किसी भी समुदाय से कोई संबंध नहीं है। इस कोड के तहत राज्य में निवास करने वाले लोगो के लिए एक समान कानून का प्रावधान किया गया है, यानी की धर्म के आधार पर किसी भी नागरिक को विशेष लाभ नहीं मिलेगा।
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यूनिफॉर्म सिविल कोड कहाँ पर है लागू
अभी तक अलग-अलग राज्यों के अलावा केंद्र सरकार की ओर से भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के विषय में चर्चा की गयी है लेकिन अभी तक भी इस मुद्दे में कार्यान्वयन नहीं हो पाया है। भारत में अभी सिर्फ एक राज्य है जहाँ यूनिफार्म सिविल कोड लागू है वह राज्य है गोवा इस राज्य में पुर्तगाल सरकार के समय से ही यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया गया था। वर्ष 1961 में गोवा सरकार यूनिफार्म सिविल कोड के साथ ही बनी थी।
इसी के चलते Uniform Civil Code उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के द्वारा कैबिनेट मीटिंग में यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। दूसरी बार सीएम चुने जाने के बाद जनता से किये वादे को पूरा करते हुए सीएम धामी जी के द्वारा यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर एक कमेटी बनाई गयी। इस कमेटी के माध्यम से यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार किया जायेगा। राज्य में इसे लागू करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को अप्रूवल दे दिया है। सीएम धामी के द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की जनता से वादा किया गया था की सरकार आने के बाद वह राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करेंगे।
Uniform Civil Code के फायदे
यूनिफार्म सिविल कोड लागू होने से सभी समुदाय के लोगो को एक समान अधिकार दिए जायेंगे। समान नागरिक सहिंता लागू होने से भारत की महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा। कुछ समुदाय के पर्सनल लॉ में महिलाओं के अधिकार सिमित है। ऐसे में यदि Uniform Civil Code लागू होता है तो महिलाओं को भी समान अधिकार लेने का लाभ मिलेगा। महिलाओं का अपने पिता की सम्पति पर अधिकार और गोद लेने से संबंधी सभी मामलों में एक सामान नियम लागू हो जायेंगे।
धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर हैं ये संवैधानिक प्रावधान
यूनिफॉर्म सिविल कोड को संविधान में दिए गए Fundamental Right Right to Freedom of Religion ( मौलिक अधिकार धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार ) से संबंध से पेश किया जा रहा है। Indian Constitution में आर्टिकल 25 से 28 तक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की विवेचन किया गया है। इसके अंतर्गत देश में रहने वाले सभी नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी दी गयी है। प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का शांतिपूर्ण क्रिया करने और बढ़ावा देने का अधिकार दिया गया है।
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