आये दिन हो रही सड़क दुर्घटना पर अकुंश लगाने के लिए नए ट्रैफिक नियमों को लागू किया गया है। इन सड़क दुर्घटनाओं उनपर लगाम लगाने के उद्देश्य से मोटर वाहन संसोधन विधेयक को साल 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मंजूरी दी गयी थी।
New Traffic Rules के अंतर्गत जुर्माने की रकम को बढ़ाया गया है। सड़क सुरक्षा नियम को भारत में साल 2019 में कुछ संशोधनों के द्वारा बदला गया था। इस नए ट्रैफिक रूल्स की खास बात यह है की इसमें जुर्माने की रकम में बढ़ोतरी की गयी है।
और इसे पुरे देश में एक सामान रूप से लागू किया गया हैं। क्या यह अधिनियम भारत में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक होगा क्या प्रावधान का कठोर हो जाना समस्याओं के दूर हो जाने की गारंटी देता है आइये जानते है इसके बारे में।
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क्या है मोटर वाहन अधिनियम
मोटर वाहन अधिनियम 1988 में संसद से पारित हो गया था। 1 जुलाई 1989 से यह अधिनियम प्रभावी हो गया। साल 2017 में भी सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2017 में लोकसभा में पेश किया गया था। यह अधिनियम लोकसभा से पास हो गया था किन्तु राज्यसभा से यह अधिनियम हो पाया।
साल 2019 में मोटर वाहन संशोधन अधिनियम दोनों सदनों से पास किया गया। कानून में हिट एंड रन के मामलों में मृत्यु की स्थिति में न्यूनतम राशि को 25 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रुपए और गंभीर चोट लगने की स्थिति में बारह हजार पांच सौ से बढ़ाकर पचास हजार रुपए कर दिया गया है।
इस कानून में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन का प्रावधान भी किया गया है। इस बोर्ड का गठन केंद्र सरकार अधिसूचना जारी करके कर सकती है। इस बोर्ड के द्वारा सड़क सुरक्षा और यातायात के सभी पहलुओं पर केंन्द्र व राज्य सरकार को उचित सलाह दी जाएगी। यदि आपने अभी तक अपना लाइसेंस नहीं बनाया है तो आप इस प्रकार से उसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
मोटर यान अधिनियम 1988 मुख्य बिंदु
- 2019 मोटर वाहन अधिनियम में 14 अध्याय है, 217 धाराएं, 2 अनुसूचियाँ हैं।
- मोटर यान अधिनियम 14 अक्टूबर 1988 को पारित हुआ।
- 1 जुलाई 1989 को सम्पूर्ण भारत, जम्मू कश्मीर सहित में लागू किया गया।
मोटर वेहिकल एक्ट Key Point
- सड़क सुरक्षा को मध्येनजर रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा इस कानून में कई बार संसोधन किये जा चुके हैं।
- 2019 में केंद्र सरकार को इसमें कामयाबी हासिल हुई
- सड़क दुर्घटना में हो रही मौतों को रोकने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कठोर आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है।
- रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या में भारत की हिस्सेदारी लगभग 10 प्रतिशत तक है।
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा हर साल भारत में सड़क दुर्घटना पर रिपोर्ट जारी की जाती है।
- सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में सबसे बड़ी तादाद दोपहिया वाहन चालकों की होती है।
सड़क दुर्घटना के मुख्य कारण
भारत सड़क परिवहन में विश्व में दूसरे स्थान पर आता है। 66 लाख किलोमीटर सड़क का जाल पुरे भारत में फैला हुआ है। किसी भी देश के आर्थिक विकाश के लिए सड़क परिवहन का अपना एक विशेष महत्व है। किन्तु भारत में हो रहे सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों की संख्या किसी अन्य देश की तुलना में कही ज्यादा है। आइये जानते है सड़क दुर्घटना के मुख्य घटकों के बारे में –
क़ानूनी उदासीनता: केंद्र सरकार द्वारा किये गए संशोधन जो की वर्ष 2019 में इस उद्देश्य से किये गए थे की निरंतर होने वाले सड़क दुर्घटनाओं को इन कठोर कानूनों की मदद से कुछ हद तक रोका जा सकेगा किन्तु फिर भी सड़क दुर्घटनाओं में अपेक्षा अनुसार कोई कमी नहीं आयी। इन कानूनों के बावजूद भी जोखिमों को कम नहीं किया जा सका। राज्य सरकार द्वारा इन कानूनों को सख्ती से लागू करने में कहीं न कहीं उदासीनता दिखाई देती है।
चिकित्सकीय सुविधा का अभाव: हमारे देश में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या अन्य किसी दुर्घटना में मरने वालों की तुलना में अधिक पायी गयी है। भारत के अधिकतर राजमार्गों में दुर्घटना वाली जगहों पर समय पर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होने में देरी के चलते पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है जिस वजह से दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है रही है।
यातायात नियमों का उल्लंघन: एक रिपोर्ट के अनुसार देश में लगभग 80 प्रतिशत दुर्घटनाएँ अधिक तेजी से गाड़ी चलाने (ओवर स्पीडिंग) तथा गलत दिशा में गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने जैसे कारणों की वजह से होती है। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के फलस्वरूप देश भर में सड़क दुर्घटनाओं में तेजी आयी है। जिसके परिणामस्वरूप आए दिन ये घटनाएं घटित होती है इस प्रकार से यदि यातायात नियमों को यूँ ही ताक पर रखा गया तो इन घटनाओं में कमी लाना और भी मुश्किल हो जाएगा।
निगरानी में कमी: ‘हिट एंड रन’ अकसर दुर्घटना में अपराधी चालक दुर्घटना स्थल से फरार हो जाता है और इन मामलों में जाँच होने में समस्या आ जाती है। अधिकांश दुर्घटना में बिना हेलमेट के गाड़ी चलने वालों की संख्या अधिक है और चौपहिया वाहनों में सीट बेल्ट का प्रयोग किया ही नहीं जाता ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो जाता है की नियमों को और सख्त किया जाए ताकि इन दुर्घटनाओं में लगाम लगायी जा सके।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सड़क सुरक्षा को मध्य नजर रखते हुए निम्नलिखित कदम उठाये गए हैं –
- राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद का गठन सड़क सुरक्षा को सुचारु रूप से नीति अनुरूप चलाने के उद्देश्य से किया जाना शामिल है।
- राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति के तहत राजमार्ग मंत्रालय द्वारा नीतिगत ढांचे की रूपरेखा को तैयार किया गया है की है, इसमें जनसाधारण को जागरूक करना, सड़क सुरक्षा के लिए नीति बनाना सुरक्षा कानूनों में प्रवर्तन आदि।
- वर्ष 2019 तक सेतु भारतम् कार्यक्रम’ के तहत देश के सभी नेशनल हाइवेज को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त किया जाना शामिल है ।
- राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद का गठन सड़क सुरक्षा को सुचारु रूप से नीति अनुरूप चलाने के उद्देश्य से किया जाना शामिल है।
- मंत्रालय द्वारा बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से दो कॉमिक बुक को जारी किया गया है -पहली -स्वच्छ सफर’ और दूसरी-सुरक्षित यात्रा
- मत्रालय ने जनता की सुविधा और भ्रष्टाचार के रोकथाम के लिए VAHAN और SARATHI नामक दो एप्लीकेशन को लॉन्च किया गया है जिनकी सहायता से लाइसेंस और अपने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन में होने वाली धांधली को कम किया जा सके।
- VAHAN
- इस एप्लीकेशन की सहायता से वहां का रजिस्ट्रेशन पंजीकरण ऑनलाइन हो सकेगा
- SARATHI
- यदि आपको ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन करना है तो इस एप्लीकेशन की सहायता से आप ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
ब्राजीलिया घोषणा क्या है –
- नवम्बर 2015 में ब्राजीलिया घोषणा को जारी किया गया था।
- भारत ब्रासीलिया घोषणा का हस्ताकक्षरकर्ता भी है। ब्रासीलिया घोषणा का उद्देश्य 2020 तक यातायात दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को आधा करना है।
- इस घोषणा में प्रतिभागी देशों द्वारा वर्ष 2020 तक यातायात दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को कम करने का आश्वाशन दिया गया था।
- सड़क सुरक्षा के लिये कार्रवाई के दशक के रूप में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2010-2020 को शामिल किया गया है।
मोटर वेहिकल एक्ट 2020
इस कानून में आर्थिक जुर्माने में किये गए बदलाव को नीचे सूची में दिया गया है –
अपराध | पुराना जुर्माना | नया जुर्माना |
सामान्य (177) | 100 रुपए | 500 |
शराब पीकर गाड़ी चलाना (185) | 2000 रुपए | 10000 रुपए |
रेड रेगुलेशन नियम का उल्लंघन (177A) | 100 रुपए | 500 रुपए |
खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाना(184 | 1000 रुपए | 5000 रुपए |
रेसिंग और तेज़ गति से गाड़ी चलाना (189) | 500 रुपए | 5000 रुपए |
बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना (181) | 500 रुपए | 5000 रुपए |
ओवर स्पीडिंग (183) | 400 रुपए | 1000 रुपए |
सीट बेल्ट (194B) | 100 रूपये | 1000 रूपये |
बिना इंशोरेंस के गाड़ी चलाने पर (196) | 1000 रूपये | 2000 |
ओवर लोडिंग (194) | 2 हज़ार रूपये और 10000 रूपये प्रति टन अतिरिक्त | 20 हज़ार रूपये और 2 हज़ार रूपये प्रति टन |
दोपहिया वाहन पर ओवर लोडिंग | 100 रूपये | 2 हज़ार रूपये और तीन महीने के लिए लाइसेंस रद्द |
हेलमेट न पहनने पर | 100 रूपये | 1000 रूपये और तीन महीने के लिए लाइसेंस रद्द |
बिना इंशोरेंस के गाड़ी चलाने पर (196) | 1000 रूपये | 2000 रूपये |
दस्तावेज़ों को लगाने की अधिकारियो की शक्ति (206) | कुछ भी नहीं | 183,184,185,189,190,194c,194D, 194E के तहत ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द किया जायेगा। |
अधिकारियो को लागू करने से किये गए अपराध (210B) | कुछ भी नहीं | सम्बंधित अनुभाग के तहत दो बार जुर्माना |
New Traffic Rules से सम्बंधित सवाल / जबाब
सड़क दुर्घटना पर अकुंश लगाने के लिए नए ट्रैफिक नियमों को लागू किया गया है। ट्रैफिक नियमों में साल 2019 में संशोधन किया गया था जिसके तहत यदि आप कोई भी कानून तोड़ते हैं तो आपको इसका आर्थिक जुर्माना भरना होगा जो की पुराने जुर्माने से ज्यादा बढ़ा दिया गया है।
आर्थिक जुर्माने में बढ़ोतरी की गयी है। जिसमे आपको अब पुराने जुर्माने से ज्यादा आर्थिक जुर्माना चुकाना पड़ेगा।
सभी उपयोगकर्ताओं को मोटर वहां अधिनियम के बारे में जानकारी उपलब्ध हो सके इसके लिए इसे 20 आधिकारिक भाषाओं में तैयार किया गया है।
नए आर्थिक जुर्माने में पुराने से दोगुना आर्थिक जुर्माने लगाया जाएगा।
1 सितम्बर 2019 को सामान रूप से पुरे देश में नया सुरक्षा नियम लागू किया गया था।
अब हेलमेट न पहनने में 1000 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है साथ ही साथ लाइसेंस भी जब्त कर लिया जाता है।
ब्रासीलिया घोषणा जिसमे की भारत भी शामिल है इसका मुख्य उद्देश्य 2020 तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करना है।
वर्ष 2010-2020 सयुंक्त राष्ट्रीय द्वारा सड़क सुरक्षा कार्रवाई के दशक के रूप में शामिल किया गया है।