आज के लेख में हम आपको बजट से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां देने वाले हैं। आप लोगों के मन में Budget से सम्बंधित कई प्रकार के सवाल जरूर आये होंगे जैसे कि बजट की परिभाषा (Budget Definition) क्या है ? बजट का अर्थ क्या होता है और बजट कितने प्रकार के होते हैं ?
इन सभी प्रश्नों का जबाब आपको आज के इस आर्टिकल में मिल जायेंगे। नीचे आर्टिकल में हम आपको बजट की परिभाषा, अर्थ और बजट प्रकार के बारे में संपूर्ण जानकारी आसान भाषा में देंगे। Budget से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
Table of Contents
बजट क्या होता है ?
सबसे पहले तो आपको यह जानना जरुरी है की बजट होता क्या है ? सरकार द्वारा हमारे रोटी ,कपडा और मकान के लिए जो भी नीति अपनाती है उसपर करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। यह खर्च तभी किया का सकता हैं जब आमदनी हो।
जिस प्रकार हम सभी को अपना खर्च चलाने के लिए कई न कई से पैसे बनाने पड़ते हैं। और यह पैसे हम या तो अपने किसी कारोबार या अपनी नौकरी से अर्जित करते हैं। हम अपने खर्चों और प्राप्तियों के बारे में एक लेखा जोखा रखते हैं उसके अनुसार ही अपने कर्यों की रणनीतियां बनाते हैं।
ठीक उसी प्रकार से भारत सरकार द्वारा भी अपनी आमदनी और खर्चे का ब्यौरा हर साल संसद को देना होता है। सरकार अपने साल भर के खर्चे और आमदनी के बारे में ब्यौरा देती है। इसमें सरकार अपने खर्चे के विवरण और आमदनी के स्त्रोतों के बारे में बताती है। यही वर्ष भर का खर्चा और आमदनी यूनियन बजट (Union Budget) कहलाता है।
Key Highlights of Budget 2023
आर्टिकल का नाम | बजट की परिभाषा, अर्थ और प्रकार |
बजट से सम्बंधित मंत्रालय | वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance),भारत सरकार |
केंद्रीय बजट पेश किया जाता है | केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा (Union Finance Minister) |
Union Budget ऑफिसियल वेबसाइट | indiabudget.gov.in |
साल | 2023 |
बजट की परिभाषा (Budget Definition in Hindi)
Budget एक प्रकार से पैसे खर्च करने की योजना बनाने की एक प्रकिया है। हम कितना खर्च करेंगे या कितना खर्चा किसी कार्य में किया जायेगा इसकी योजना को बनाना एक प्रकर से अपना बजट तैयार करना होता है। बजता तैयार करते समय आप यह निर्धारित करते हैं क़ि किसी कार्य के लिए कितना पैसा लगाया जायेगा
और कितना पैसा किसी चीज़ के लिए पर्याप्त हो पायेगा। आप खर्च योजना को बनाने से पूर्व यह निर्धारित कर सकते हैं की आपके पास किसी चीज़ के लिए खर्च करने के लिए पर्याप्त धनराशि है या नहीं। बजट एक ऐसी चीज है जो आपकी आय के साथ आपके खर्चों को मैनेज करने का काम करता है।
देश में भी विभिन खर्चों और प्राप्तियों द्वारा देश चलने के लिए बजट को तैयार किया जाता है और इसे संसद के सम्मुख पेश किया जाता है। संविधान के आर्टिकल 112 के अनुसार देश का राष्ट्रपति हर वित्तीय वर्ष में संसद के दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) के समक्ष वित्तीय विवरण को रखते हैं जिसमें सरकार के पिछले साल के आय /प्राप्तियों और होने वाले खर्चों का पूरा ब्यौरा रहता है।
बजट का अर्थ
‘बजट‘ शब्द फ्रैंच भाषा के शब्द ‘बूजट’ (bougette) से बिगड़ कर बना है। फ्रैंच भाषा में बूजट का अर्थ होता है ”झोला”। साल 1733 में ब्रिटिश वित्त मंत्री सर रॉबर्ट वालपोल ने अपने वित्तीय प्रस्तावों से जुड़े कागजातों को संसद में पेश करने के लिए अपने एक चमड़े के थैले से निकाला तो उस समय उनका मजाक बनाते समय कहा गया की ”बजट खोला गया” (the budget opened)।
इसी घटना पर ‘बजट खोला गया” (the budget opened) नामक पुस्तिका प्रकाशित की गयी। इसी घटना के बाद से ”बजट” शब्द का प्रयोग सरकार की वार्षिक आय -व्यय के विवरण के लिए किया जाने लगा।
Meaning of budget -साधारण शब्दों में बजट का अर्थ होता है एक निश्चित समय अवधि के अंतर्गत होने वाले अनुमानित खर्चों और प्राप्तियों का पूरा लेखा जोखा या विवरण।
Types of budget (बजट के प्रकार)
सरकारी बजट की बात की जाए तो यह 3 प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार से हैं –
- परिचालन या चालू बजट (Operating Or Current Budget)
- पूंजी या निवेश बजट (Capital Or Investment Budget)
- नकदी या नकदी प्रवाह बजट (Cash And Cash Flow Budget)
देश का बजट जीडीपी पर आधारित होता है
सरकारी राजस्व का 85 प्रतिशत से अधिक हम सभी नागरिकों के द्वारा उठाये गए टैक्स से आता है। जैसे की आप सभी जानते हैं दो तरीके के टैक्स होते हैं। पहला टैक्स होता है डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) जिसमें income tax ,corporate tax, दूसरा होता है।
indirect Tax जिसमें की आपका GST ,Customs duty, पेट्रोल डीजल पर excise duty आदि। सरकार को इन टैक्स के एक और तरीके का राजस्व मिलता है जिसे Non Tax Revenue कहा जाता है यह भी कई प्रकार के होते हैं।
भारत सरकार द्वारा निश्चित समय अवधि के अंतर्गत होने वाले अनुमानित खर्चों और प्राप्तियों का पूरा लेखा जोखा या विवरण बजट में होता है। सरकार द्वारा होने वाले खर्चों का अनुमान लगकर बजट तैयार किया जाता है।
देश में किसी साल उत्पादित होने वाले उत्पाद और सेवाओं में बाजार मूल्य को GDP कहा जाता है। देश का बजट इसी जीडीपी पर आधारित होता है। जीडीपी की सहायता से ही सरकार अपने राजकोषीय घाटा तय कर पाती है।
अगर आप एक ईमानदार नागरिक हैं तो जिमेदारी लेते हुए टैक्स जरूर भरें। इससे हमारी अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और साथ ही देश के विकाश में बढ़त मिलेगी। हर वित्तीय वर्ष के अंतराल में करदाताओं को आईटीआर फाइल करना होता है, वर्ना लेट फीस देनी पड़ती है।
देश के बजट में अब तक के सबसे बड़े बदलाव
- साल 1955 तक BUDGET केवल English में ही छपता था।
- 1956 से बजट को हिंदी भाषा में भी छापा जाने लगा।
- 1999 से पहले देश में बजट को शाम 5 बजे पेश किया जाता था। 1999 हर साल बजट को सुबह 11 बजे से पेश किया जाने लगा।
- साल 2016 तक बजट हर साल फरवरी महीने के आखिरी दिन पेश किया जाता था।
- 2016 तक रेल बजट को अलग से पेश किया जाता था।
- 2017 में बजट पेश करने के लिए 1 फरवरी को चुना गया। 2017 से देश में 1 फरवरी को बजट पेश किया गया।
- साल 2017 से ही रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया।
किस वित्त मंत्री ने किया सबसे अधिक बार बजट पेश ?
वित्त मंत्रियों के नाम | बजट पेश किये जाने की संख्या |
मोरारजी देसाई | 10 |
पी चिदंबरम | 9 |
प्रणब मुखर्जी | 9 |
यशवंत राव चव्हाण | 7 |
सीडी देशमुख | 7 |
यशवंत सिन्हा | 7 |
मनमोहन सिंह | 6 |
तीती कृष्णमाचारी | 6 |
कितने दिन पहले शुरू की जाती है बजट की तैयारी ?
बजट (Budget) बनाने में 6 महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी जाती है। आमतौर पर देखा जाए तो सितम्बर माह से बजट की तैयारी शुरू हो जाती है।
साल 2018 तक वित्त मंत्रियों द्वारा बजट दस्तावेजों को ब्रीफकेस में लाया जाता था। 2019 से निर्मला सीतारमण द्वारा बजट दस्तावेज को फाइल में लेकर आया गया था। वही 2020 में निर्मला सीतारमण ने एक टैबलेट से बजट भाषण को पढ़ा था।
Important Links –
बजट 2022-23 का सार | यहाँ क्लिक करें |
budget documents 2022-23 | यहाँ क्लिक करें |
पीछे वर्षों के केंद्रीय बजट जानें | यहाँ क्लिक करें |
union Budget mobile app | यहाँ क्लिक करें |
बजट से सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)-
देश में बजट 3 प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार हैं -अधिशेष बजट ,संतुलित बजट ,घाटा बजट।
बजट को 5 चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में बजट की रूपरेखा को तैयार किया जाता है। इसके बाद दूसरे चरण में बजट के डाक्यूमेंट्स को तैयार किया जाता है। तीसरे चरण में संसद से बजट हेतु स्वीकृति ली जाती है , चौथे चरण में बजट को क्रियान्वित किये जाने का कार्य किया जाता है। पांचवें और अंतिम चरण में वित्त कोष की टेस्टिंग और अकॉउंटिंग का काम किया जाता है।
निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
बजट से सम्बंधित जानकारी और दस्तावेज ”संघ बजट मोबाइल ऐप” पर उपलब्ध होंगे। यह एप्लीकेशन आपको इंग्लिश और हिंदी दोनों भाषाओं में मिल जाती है आप इस एप्लीकेशन को केंद्रीय बजट वेब पोर्टल indiabudget.gov.in से भी डाउनलोड कर सकते हैं।
Budget की official website indiabudget.gov.in है।
26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला बजट के.शनमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था। जबकि आजादी से पहले भारत का पहला बजट ब्रिटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने 1860 में पेश किया था।