मुख्यमंत्री का चुनाव कैसे होता है, आयु, नियुक्ति, अधिकार, सैलरी के बारे में जानें

भारत में 28 राज्यों में विधान मंडल और 9 केंद्र शासित प्रदेश में से 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विधान मंडल है। संविधान के भाग 6 में आर्टिकल 168 से 212 में विधान मंडल के बारे में बताया गया है। विधान मंडल को तीन भागों में बाँटा गया है जिसमें राज्यपाल, विधान सभा, विधान परिषद है। देश के 6 राज्यों में विधान सभा और विधान परिषद हैं। विधान सभा के बहुमत पार्टी के सदस्यों द्वारा किसी व्यक्ति को अपना नेता चुना जाता है और राज्यपाल द्वारा इस नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त किया जाता है।

आइये जानते हैं मुख्यमंत्री का चुनाव (Assembly Election) कैसे होता है और विधानसभा चुनाव के लिए किसी व्यक्ति की आयु ,योग्यता कितनी होनी चाहिए। साथ ही साथ मुख्यमंत्री के अधिकार क्या हैं और उन्हें कितनी सैलरी मिलती है इसके बारे।

मुख्यमंत्री का चुनाव (Assembly Election) कैसे होता है | योग्यता | आयु | नियुक्ति | अधिकार | सैलरी
मुख्यमंत्री का चुनाव (Assembly Election)

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मुख्यमंत्री का चुनाव (Assembly Election) कैसे होता है ?

भारतीय संविधान में बताया गया है की किसी भी विधान सभा में सदस्यों की संख्या 60 से अधिक और 500 से कम होनी चाहिए। लेकिन कुछ राज्यों में विधान सभा के सदस्यों की संख्या 60 से भी कम है। विधान सभा के सदस्यों को MLA कहा जाता है इसे पहला सदन, निम्न सदन या लोकप्रिय/ प्रतिनिधि सदन के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अस्थायी सदन है। विधानसभा चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होते है। Assembly Election के लिए व्यक्ति की आयु कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए।

  • विधानसभा चुनाव (Assembly Election) प्रत्यक्ष चुनाव होता है और इसमें एक सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत होता है।
  • मुख्यमंत्री विधान सभा के सदस्य या विधान परिषद के सदस्यों में से ही किसी एक सदस्य को नियुक्त किया जाता है।
  • मुख्यमंत्री का चुनाव नहीं होता बल्कि मुख्यमंत्री को राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  • उदाहरण के लिए यदि हम UP राज्य की बात करें तो यहाँ पर विधान सभा और विधान परिषद दोनों सदन हैं।
  • उत्तर- प्रदेश में विधान सभा में 403 सीटें है यदि इसमें से किसी पार्टी के 202 विधायक चुन लिए जाते हैं तो सदन में उस पार्टी का बहुमत होगा।
  • अब बहुमत पार्टी के विधायक अपनी पार्टी में से किसी भी एक सदस्य को अपना नेता चुन लेंगे उसकी सिफारिश राज्यपाल से करेंगे जिसके बाद राज्यपाल उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त करने के लिए बाध्य होगा।

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विधान सभा चुनाव में बहुमत प्राप्त न हो तो क्या होगा ?

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यदि Assembly Election में किसी भी पार्टी को बहुमत प्राप्त नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में सदन में सभी दलों में से सबसे बड़े दल यानी किस पार्टी के ज्यादा विधायक (M.L.A) हैं उन्हें राज्यपाल द्वारा उस दल को सरकार बनाने के लिए वोटिंग करने को कहा जायेगा। यदि अन्य दल के सदस्य भी बड़े दल वाली पार्टी के साथ हो जाते हैं और बहुमत के आंकड़े के करीब पहुँच जाते हैं तो ऐसे में सभी सदस्यों द्वारा जिस भी व्यक्ति को अपना नेता चुना जायेगा उस व्यक्ति को राज्यपाल मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त करेगा।

CM Election के लिए योग्यता और आयु

  • मुख्यमंत्री चुनाव (Assembly Election) के लिए व्यक्ति की आयु 25 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए।
  • Mukhyamantri chunav के लिए व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • व्यक्ति राज्य विधानमंडल का सदस्य होना चाहिए।
  • यदि कोई व्यक्ति विधायिका का सदस्य नहीं है तो उसे मुख्यमंत्री माना जा सकता है। लेकिन उसे अपनी नियुक्ति से 6 महीने के भीतर खुद को राज्य विधानमंडल के लिए निर्वाचित होना होगा।

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मुख्यमंत्री की नियुक्ति और कार्यकाल

संविधान के आर्टिकल 164 के अनुसार मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है। विधान सभा चुनाव (Assembly Election) में बहुमत हासिल करने वाले दल या पार्टी के सदस्यों द्वारा जिस व्यक्ति को अपना नेता चुना जाता है उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त किया जाता है। Chief Minister को राज्य विधान सभा में बहुमत पार्टी द्वारा चुना जाता है। मुख्यमंत्री को 5 साल की अवधि के लिए चुना जाता है। किसी राज्य में राज्यपाल द्वारा उस राज्य के मुख्यमंत्री को नियुक्त किया जाता है।

राज्य विधान सभा चुनाव के परिणाम के अनुसार बहुमत या गठबंधन वाली पार्टी को राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता है। मुख्यमंत्री की नियुक्ति का कार्य राज्यपाल द्वारा किया जाता है। मुख्यमंत्री का कार्यकाल तय नहीं है वह राज्यपाल की इच्छा से अपना पद धारण करता है।

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Chief Minister के कार्य, अधिकार और शक्तियां

  • मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफ़ा देकर मंत्रिपरिषद को भंग कर सकता है।
  • किसी राज्य का mukhyamantri राज्य योजना बोर्ड (state planning board) के अध्यक्ष होता है।
  • किसी राज्य का मुख्यमंत्री अपने मंत्रिपरिषद का प्रमुख होता है।
  • सीएम राज्य सरकार के मुख्य प्रवक्ता होते हैं।
  • संविधान के आर्टिकल 167 के तहत मुख्यमंत्री राज्यपाल और राज्य मंत्रिपरिषद के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है।
  • मुख्यमंत्री राज्य लोक सेवा आयोग, महाधिवक्ता, राज्य चुनाव आयोग आदि के अध्यक्षों और सदस्यों की नियुक्ति से जुडी सलाह राज्यपाल को देता है।

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राज्य के मुख्यमंत्री और उनकी मासिक सैलरी

प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री की स्थिति केंद्र में प्रधानमंत्री के समान होती है। प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री की सैलरी अलग -अलग होती है। हर राज्य में मंत्रियों के लिए अलग -अलग वेतन मान होता है। आइये जानते हैं अलग -अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कितनी सैलरी मिलती है नीचे टेबल में सभी राज्यों में मुख्यमंत्रियों को मिलने वाले वेतन की जानकारी दी गयी है –

राज्यसैलरी
महाराष्ट्र3,40,000 रुपये
छत्तीसगढ़2,30,000 रुपये
उत्तर प्रदेश3,65,000 रुपये
गुजरात3,21,000 रुपये
आंध्र प्रदेश3,35,000 रुपये
हरियाणा2,88,000 रुपये
झारखंड2,72,000 रुपये
दिल्ली3,90,000 रुपये
मध्य प्रदेश2,55,000 रुपये
तेलंगाना4,10,000 रुपये
हिमाचल प्रदेश3,10,000 रुपये
केरल185,000 रुपये
उत्तराखंड1,75,000 रुपये
कर्नाटक2,00,000 रुपये
गोवा2,20,000 रुपये
पश्चिम बंगाल2,10,000 रुपये
सिक्किम1,90,000 रुपये
राजस्थान175,000 रुपये
तमिलनाडु2,05,000 रुपये
नागालैंड1,10,000 रुपये
पंजाब2,30,000 रुपये
मणिपुर1,20,000 रुपये
अरुणाचल प्रदेश1,33,000 रुपये
असम1,25,000 रुपये
मेघालय1,50,000 रुपये
ओडिशा1,60,000 रुपये
त्रिपुरा1,05,500 रुपये
बिहार2,15,000 रुपये
मुख्यमंत्रियों को मुख्यमंत्री के रूप में वेतन के अतिरिक्त विधानसभा या विधान परिषद के सदस्यों के रूप में भी वेतन प्रदान किया जाता है। सीएम वेतन और अन्य कई भत्तों और विशेषाधिकार पाने के भी हकदार होते हैं। वर्तमान में तेलंगाना राज्य के मुख्यमंत्री को सबसे अधिक और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री को सबसे कम वेतन मिल रहा है।

मुख्यमंत्री चुनाव से जुड़े सवाल (FAQs)-

किस राज्य में सबसे अधिक विधान सभा सीटें मौजूद हैं ?

उत्तर प्रदेश की विधान सभा सीटों की संख्या 403 हैं।

राज्य विधान सभा में अधिकतम और न्यूनतम सदस्यों की संख्या क्या है?

विधानसभा में सबसे अधिक सदस्य संख्या 500 होती है वही विधान सभा में सबसे कम सदस्य संख्या 60 से कम नहीं हो सकती। संसद के एक अधिनियम के द्वारा कुछ राज्यों में विधानसभा में 60 से भी कम सदस्य हैं जैसे मिजोरम, गोवा, सिक्किम और पुडुचेरी।

उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधान सभा का गठन कब किया गया था ?

up में 18th Legislative Assembly का गठन 11 मार्च 2022 से किया गया था जिसका कार्यकाल 2027 तक पूरा होगा।

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